Group link👉 @shayro_ke_mehfil https://t.me/+dTlJanwah-Y3MDI1 जो तुम्हे समझता हो और जो तुम्हे समझता हो, उससे बेहतर दोस्त कोई नही हो सकता..।
sᴜɴᴏ
और कितना दूर जाऊ मैं
अपनी यादों से ए इरफान
अब तो अपना अक्स भी मुझे
अनजाना सा लगता है
कोई आवाज दे मुझे अपना तो
वो शख्स भी पराया लगता है
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
कोई कसर ना रखी थी मैने
तुम्हे अपना बनाने मैं
एक तुम ही थे जो लगे थे
मुझे आजमाने मैं
मैने तो बचाना था तुम्हे दुनिया
की गंदी निगाहों से
तुमने तो सवालों के खंजर ही
उतार दिए मेरे सीने मैं
कसूर नही था मेरा फिर भी
कसूरवार ठहराया
क्या यही भरोसे का पैमाना
था तेरी मोहब्बत मैं
वो कहती है बहुत मोहब्बत
करती हु तुमसे
तुम्हे तो फुर्सत ही नहीं लौट
आओ आशियाने मैं
इरफान तो करता रहा इंतजार
उसका मोहब्बत की राहों मैं
उसने मोहब्बत ही छोड़ दी थी
गुजरे ज़माने मैं
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
उसकी मोहब्बत मैं
दिल परेशान तो होगा
वहा करेगा वो रोशन
महफिल यहां दिल जला होगा
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
एक शक्श देखो कुछ यू बदल गया
नाराज था मैं मनाने से वो मुकर गया
irfan...✍️
Suno
तेरी बंदगी से बढ़कर
कुछ भी नही जहां मैं
इश्क मैं भूल गए है फर्क
मेहबूब और खुदा मैं
सारा वक्त लिए बैठे है
मेहबूब को मनाने मैं
लेकिन वक्त कहा है इनके
पास खुदा को मनाने मैं
वक्त बुरा हो खुदा को याद
करते है
कोई कसर नही छोड़ते है
ये लोगो को रुलाने में
कैसे मानेगा खुदा लगे है
खुदा को मनाने में
irfan...✍️
सुनो तो
आज इंतजार का भी हमने मज़ा चखा है
सब्र क्या होता है ये आज पता चला है
11.4.2024 thursday 6:35pm
Suno
जब वो बहाने करता है
और भी हसीन लगता है
फूल है बड़ा कोमल वो
लेकिन मेरे जिगर में चुभता है
Irfan...✍️
11.4.24 thur 3:5 pm
यूं गिरकर उठता है, और फिर चलना चाहता है,
फिर अपनी गलती पर, तिवारी बदलना चाहता है
यार तू गिरा है, तिवारी कमबख्त,उसकी बाहों में,
अब पड़ा रहने दे ,यार , कौन निकलना चाहता है
अब कुछ देर सही,फिर कुछ देर का आराम सही,
ये सिर उसकी गोद में है, और वही संभलना चाहता है
वो बुलाए और, मैं न जाऊं, फिर ये तो मुमकिन नहीं,
फिर साथ तुम्हारा हो तो, दिल भी बहलना चाहता है
तुम्हारी इजाजत हो तो, एक बार छू लूं इन होठों को,
मामला कुछ करीबी सा है,और दिल मचलना चाहता है
एक यही आस है तुमसे,और तुम मुझे जानती हो न,
यार बहुत दिन बिछड़े है, तिवारी भी मिलना चाहता है
लेखन - सत्यम तिवारी
Suno
नजर हो नजरिया हो या हो
इबादत सब कुछ बदल जाता है
जब आता है पैसा तो इंसान
बदल जाता है
irfan...✍️
Suno
सफर था मोहब्बत का
तोहफा जुदाई का लाया हु
मैं मुलाकातों का एक
सफर करके लौटा आया हु
सोचा ख्वाबों मैं मुलाकात हो
मैं नींदों से जंग कर आया हु
हर चेहरे मैं उसका अक्स दिखता है
उसकी खुशबू से मिलता गुलाब
लाया हु
मेरे सामने थामे थी गैर का हाथ
मैं अपना हाथ काट लाया हु
कयामत सा मंजर था मेरे लिए
मैं अपनी जान वहा और जिस्म
यहाँ ले आया हु
irfan...✍️
Suno
ये माना के अस्तीन मैं सांपों को पाल रखा है
पूजा भी की है और नागपंचमी मैं दूध भी पिला रखा है
Irfan...✍️
Suno
दिल भी लगाया मैने उससे
दिल्लगी की हद्द भी पार की है
हर दिल अजीज की चाहत से
भी ज्यादा चाहत उसपर वार दी है
जख्म देते है वो हमेशा हमे
और वो सीतमगर भी तो नही है
खैरियत नहीं पूछता मैं उसकी
मगर हमेशा उनकी ख़बर रखते हैं
उसने भी देखा है कि हम अक्सर
उन पर ही अपनी नज़र रखते हैं
irfan...✍️
Suno
ता उम्र जलवो मैं बसर
हो ये जरूरी तो नहीं
गम मैं गुजारी रात की
सुबह हो जरूरी तो नहीं
दर्द मैं भी बिस्तर पर
नींद आ सकती है
उनके पहलू मैं सर हो
ये जरूरी तो नहीं
उनके निगाहों से पी लूं
शराब जरूरी तो नहीं
नशा हों उनकी आंखों
का मैं बहक जाऊ जरूरी
तो नही
जख्म हो गहरे दर्द बेहिसाब
हो और तुम्हे याद करू जरूरी
तो नही
इरफान मोहब्बत करो तुम,
और वो बेवफा निकले जरूरी
तो नही
irfan...✍️
Suno
मेरे जज़्बात मैं
तेरे सिवा कोई नही
नमी है आंखो मैं
अब बरसात नही
दिल धड़कता है लेकिन
सीने मैं जान नही
तू बसा है दिल में मेरे और
कोई दिल का मेहमान नही
महकती थी तेरे आमद
से इरफान की महफिल
अब इस महफिल मैं
वो महक रही नही
कोशिश तो बहुत
की पाने की तुम्हे
लेकिन तेरे प्यार की
लकीर मेरे हाथो मैं नही
irfan...✍️
Suno
पूरी रात तेरे ख्यालों मैं
करवटे बदलते रहे
अब रातों को तन्हा रहने
की आदत दाल दी हमने
थी हमेशा से बंजर सी
आंखे मेरी ए जॉना
आंखो से आंसुओं को
बहाना सिख लिया हमने
कभी देखा तक ना था
मैंने घड़ी की तरफ
तेरे इंतजार मैं घड़ी देखने
की आदत दाल दी हमने
कर बैठे इरफान भी इश्क
उनसे बेइंतेहा
इश्क करने की सजा पा
ली हमने
irfan...✍️
Suno
मैने तुझे समझना चाहा
तूने समझा ही नहीं मुझे
लो में खामोश हो गया
अब कुछ नही कहना तुझे
Irfan...✍️
18.4.24 thursday 9:00pm
Suno
लगा लेना अपनी
आंखो मैं काजल जरा
ख्वाब बनकर दाखिल
होने का इरादा है मेरा
चूम लेना अपने लबों
को मेरे लबों से जरा
सांसों मै खुशबू बनकर
महेकना है काम मेरा
समेट लेना अपनी
बाहों में तुम मुझे जरा
तेरी बाहों मै बिखर जाने
का इरादा हैं मेरा
कैद कर लेना अपनी
जुल्फो मैं मुझे तुम
कैदी बन कर साथ
निभाने का इरादा है मेरा
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
सबसे यूं मिला जैसे दिल
मैं कोई दर्द नही
जख्म थे बेहिसाब और
मरहम लगाने वाला कोई नही
irfan...✍️
Suno
खैर तुम कैसे हो अब क्या हालात है
दीदार हुए उसके या अधूरी मुलाकात
है
Irfan...✍️
12,4,24 friday 8:30pm
Suno
देखा है जिंदगी को इतने करीब से
तमाम चेहरे लगने लगे है अजीब से
क्या शिकवा शिकायत करे गैरो से
यहा अपने ही वार करते है नसीब से
दागदार करते है औरत की इज्जत
बड़ी शान से
क्यू भूल जाते है वो भी जन्मे है
एक मां से
रिश्ते निभाने को जो सोचते है अक्सर
तन्हा रह जाते है वो जो ज़ात पात
के नाम से
जरुरी नही हर रिश्ते बने खून से
ए इरफान
निभाए जाते है रिश्ते यहां
अच्छे किरदार से
irfan...✍️
सुनो तो
ना सिकवा कर ना शिकायत कर
थोड़ा बात को समझ थोड़ा इंतजार
कर
Irfan...✍️
Suno
कलयुग का है जमाना ये
हर किसी से डर लगता है
इंसान को जानवरो से नही
हर इंसानों से डर लगता है
मेरे शहर मैं कुछ मुफलिस
है ऐसे
जिनको दिन के उजालों से
डर लगता है
फखर करते है जो मां बाप
अपने बेटो पर
वही मां बाप को अपने बेटो
से डर लगता है
अरे बेटियो को पराया धन
कहने वालो
यही बेटियो से रोशन तुम्हारा
खानदान लगता है
irfan...✍️
Suno
एक मुलाकात ऐसी होती
के तुम्हारी रूह मैं उतार जाते
साथ होते तुम्हारे हम और
किसी को नजर ना आते
मोहब्बत के नशे मैं हम
तुम्हारी इतना बहक जाते
होश मैं भी आना चाहे तो
होश मैं ना आ पाते
इतनी करते मोहब्बत तुमसे
के तुम्हारी बाहों मै बिखर
जाते
irfan...✍️
Suno
मोहब्बत की राह में भटक गए थे
मंजिल थी सामने रास्ता भूल गए थे
दरबदर तलाश मैं जिसकी भटक रहे थे
वो मिलने आए हमे हमारे शहर मैं थे
पहली मुलाकात मैं ऐसा तिलिस्म चलाया
दिल उसका था और धड़क हम रहे थे
मोहब्बत का ताल्लुक भी अजीब होता है
सिसक रहा था वो और हम रो रहे थे
irfan...✍️
Suno
मेरी मेहबूब है गुलाब की तरह
मुझ में महक बस उसी की है
मैं हूं जिस्म वो जान मेरी
जैसे ये ज़िंदगी उसी की है...
वो कहीं आस-पास है मौजूद
मुझ मैं मौजूदगी उसी की है
कोई कमी तो ना थी मुझ मैं
लेकिन बस कमी उसी की है
बिना जॉना के नही मैं कुछ भी
मेरी जिंदगी भी उसी की है
irfan...✍️
Suno
मैं हूं अंधेरी रात चांदनी तू मेरी है
खाक होता परवाना तू शमा मेरी है
मैं अधूरा सा ख्वाब तू नींद मेरी पूरी है
मेरी हर ख़ुशी मैं हर बात तेरी हैं
जिस बात मैं ना हो जिक्र तेरा वो
बात अधूरी है
मेरी हर साँसों में छुपी महकती
साँस तेरी हैं
दो पल भी नही रह सकते तेरे बिन
मेरी सारी जिंदगी अब तेरी है
धड़कनों की धड़कती हर आवाज तेरी हैं
तेरी हर धड़कन से आती हैं सदा उसमे पहचान मेरी है
मेरे ये बिखरे हुए अल्फाजो मैं दास्तान तेरी है
जॉना मैं तेरा आशिक हु और तू जान मेरी है
irfan...✍️
सुनो
शिकायत नही करता मैं किसी से अब
अपने ही तो है जो जख्म गहरे देते है
Irfan...✍️
Suno
जरूरी है हर सितम
आजमाने के बाद
तुम रोना अपनी मर्जी
से मेरे चले जाने के बाद
सितम ये भी है के हम
उन्हे चाहते है बेइंतेहा
बेहिसाब ज़ख्म मिले
उन से मिलने के बाद
अब किया बाकी रह गया है
तुम से मोहब्बत करने के बाद
एक मोहब्बत ही रह गई है
बाकी हमारे जुदा हो जाने
के बाद
irfan...✍️
सुनो जॉना
क्या करूं के वो मेरे
इश्क मैं मदहोश हो जाए
भूल जाए वो गुजरा ज़माना
मेरे खयालों में खो जाए
Irfan...✍️
9.3.24 saturday 11:20pm
Suno
उजालों के शोर मैं रात की
खामोशी से हो तुम
सर्दी के मौसम मैं ओस की
बूंद से हो तुम
जिंदगी है धुंप तो साया देती
छांव से हो तुम
गुलशन में है फूल बहुत लेकिन
खिलता गुलाब सी हो तुम
है गहरा समंदर तो किनारे
जैसी हो तुम
चमक रहा है चांद आसमान
पर लेकिन
रोशनी करती चांदनी सी
हो तुम
चाहे महफिल मैं रहूं चाहे
तन्हा रहूं मैं
गूंजती रहती हो तुम मेरे
कानो मैं
जैसे नजम या कोई तराना
हो तुम
में हूं एक जिस्म और उस जिस्म
की धड़कन हो तुम
कैसे कहूं के मेरे लिए
क्या हो तुम
irfan...✍️