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Telegram-канал royal_friend - 🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

जो था, वो रहा नहीं,
जो हूँ, वो किसी को पता नहीं।

हर शक़्ल लगी अब अजनबी,
कोई अपना सगा नहीं।

आईना भी सवाल कर बैठा,
अक्स मेरा यहाँ नहीं।

चाँदनी भी उदास लगती है,
जैसे मुझसा जला नहीं।

दर्द मेरा हँसकर छुपा रहा,
मगर कोई इसे समझा नहीं।

मैं किससे कहूँ, क्या बसर हुई,
अब कोई भी वफ़ा नहीं।
🖤✍️

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

आपको पता है पैंतीस (35) और सैंतीस (37) कभी भी एक साथ नहीं रह सकते,
क्योंकि पैंतीस (35) और सैंतीस (37) इन दोनों के बीच छत्तीस (36) का आंकड़ा है
Good Afternoon All

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

आप बागों के सबसे हसीं फूल हैं,
हम तो बस आपके पैरों की धूल हैं,
अब ज्यादा गुरूर मत करना क्योंकि आज April Fool है।
Happy April Fool Day
Good Afternoon All

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

हिंदू नव वर्ष (विक्रम संवत) & नवरात्रि के प्रथम दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। यह नव वर्ष आप सभी के लिए मंगलमय हो। 🚩🚩

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

गुड़ी पड़वा आया है, नववर्ष की बधाई लाया है,
खुशियों से भरा हो हर दिन,खुशहाली, समृद्धि और सुख अपार,बस यही हमारी दुआ है!
हैप्पी गुड़ी पाड़वा
Good Afternoon All

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

नारी का सत्य और सम्मान

नारी कोमल भी है, नारी कठोर भी है,
वो ममता की गंगा, तो प्रचंड अग्नि की डोर भी है।
कभी सृजन की जननी, कभी महाकाल का रूप,
जो अन्याय करे, वो नारी नहीं, बस काली की धूप।

जिसने अपनों को रुलाया, जिसने विश्वास तोड़ा,
जिसने पवित्र बंधनों को निर्ममता से छोड़ा।
वो नारी नहीं, एक विकृत मन की छाया है,
जो प्रेम को रौंदे, वो बस अंधियारा लाया है।

पर हर नारी पर दोषारोपण करना क्या उचित है?
क्या हर कोमल हृदय में पाप की ही लिखित है?
कहीं माँ की ममता है, कहीं बहन की आस,
कहीं प्रेमिका की चाहत, कहीं बेटी का विश्वास।

कुछ चेहरों ने अंधकार फैलाया, यह सत्य है,
पर हर नारी कलंकित हो, यह भी क्या न्यायसंगत है?
जो घर की रोशनी है, जो हर पीड़ा हरती है,
ऐसी नारी भी है, जो सम्मान की मूरत बनती है।

कुछ रिश्तों में धोखा हुआ, कुछ प्रेम में छलावा,
पर क्या हर नारी दोषी है, क्या हर आँचल धूल सावा?
संस्कारहीन कोई भी हो, वो न नर है, न नारी,
बस इंसान का खोया जमीर है, उसकी गलती भारी।

इसलिए नारी को दोष देकर संपूर्णता से नकारो मत,
हर चेहरे के पीछे की कहानी को यूँ संहारो मत।
जो अपराध करे, वो दंड की अधिकारी है,
पर जो सच्ची नारी है, वो सृजन की अधिकारी है।

रावण जी

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

कोई समझे नहीं बतियाँ हमारी
बड़ी दिक्कत में हैं खुशियाँ हमारी

किसी की खुशबुओं के कर्ज में
हैं कई शामें कई रतियाँ हमारी

हमे उम्मीद थी कुछ तो कहेगा
वो चुप से सुन रहा बतियाँ हमारी

सभी ख्वाबों ने मिलकर झूठ बोला
सो आख़िर थक गईं अखियाँ हमारी

#आकाश

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

"चाँदनी की यादें"

चाँद, तुम्हें पुकारे कोई,
वो रातों में जागता है,
बिछड़ने की उस घड़ी में,
अब तक तड़पता है।

टूटे मंदिर की सूनी सीढ़ियाँ,
अब भी तुम्हें तलाशें,
वो दीप जो जलाया था तुमने,
अब भी अंधेरों में सुलगता है।

तुम्हारी हँसी की गूंज,
इस दिल में कहीं दबी है,
सपनों के उस पुराने आँगन में,
अब भी तेरी याद बसी है।

तुमने जो आखिरी बार कहा था,
वो शब्द अब भी जिंदा हैं,
चिट्ठियों के पन्नों में,
अब भी अधूरे किस्से बंद हैं।

क्या तुम अब भी सुनती हो,
वो खामोशियों की बातें?
या वक्त की धूल में दब गई,
वो बेताबी की मुलाकातें?

चाँद, तुम्हें पुकारे कोई,
वो आज भी वही खड़ा है,
इंतजार की उस चौखट पर,
अब भी तेरा साया पड़ा है।


~रावण जी

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

जब से संवरने लगा हूं मैं
तब से बिखरने लगा हूं, मैं

हां यह डरने की बात है
अब खुद से डरने लगा हूं

किसी पुराने ज़ख्म सा
फिर उभरने लगा हूं मैं

खोया-खोया सा रहता हूं
ये क्या करने लगा हूं मैं

शायरी नहीं भाती अब
आप पर मरने लगा हूं मैं

गमों ने दिल में घर किया
गमों में ठहरने लगा हूं मैं

किनारों से भय लगता था
गहरे में उतरने लगा हूं मैं


#बेख़बर

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

हमारा बैठना ही
उन दोस्तों के साथ है,
जिनका न ख़ून कमज़ोर है
और न ही दिल
Good Afternoon All

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

शीर्षक: मेरठ सौरभ हत्याकांड से प्रेरित

("सदियों की पीड़ा")


सदियों से सहती आई हूँ,
फिर भी चुप ही पाई हूँ।
अन्याय, शोषण, अत्याचार,
सब कुछ सहकर आई हूँ।

फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ,
जब तुम पर ज़रा सा संकट छाया।
डर, दहशत, असहायता,
अचानक सारा समाज घबराया।

जो मेरी पीड़ा को अनसुना कर गए,
आज वही दुख से तड़प उठे।
जो आँसू मेरे सूख गए थे,
आज तुम्हारे पलकों में ठहर उठे।

हम तो बस इतना कहते हैं,
अन्याय किसी संग भी सहा न जाए।
पर सदियों का जो बोझ मिला,
क्या वह अब भी गिना न जाए?

गलत अगर है, तो सबके लिए,
ना कोई ऊँचा, ना कोई नीचा।
पर क्या मेरी आवाज़ सुनी गई?
या बस मेरी तक़दीर ही थी पीड़ा?

रावण जी

माँ काली का रौद्र रूप देखना हैं अभी तो.. 😊👏

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

दिल हो रहा है, बेजार बहुत
याद आ रहा है तू यार बहुत

तुझे ये शायद झूठ लगे
अब भी है तुझ से प्यार बहुत

तू साथ रहेगा सदा मेरे
दिल को था ये एतबार बहुत

कहीं से तू दे जाये दिखाई
इस दिल को मिले करार बहुत

ठोकर लगी तो हमने जाना
करना नहीं चाहिए इकरार बहुत

दिल ले आया दिल ले आया फिर तेरी
गली हमने किया था इनकार बहुत

अब यहां पे दिल नहीं लगता
बेगाना लगता है ये संसार बहुत

ख़ामोश हो जा अब 'बेखबर'
नहीं आयेगा वो ना पुकार बहुत

#बेख़बर

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

शहीदों की अमर गाथा

वीरों की धरती के लाल थे तुम,
क्रांति की ज्वाला की ज्वाल थे तुम।
सुखदेव, भगत और राजगुरु,
आज भी हर दिल की चाल थे तुम।

गूँज उठी थी जब इंकलाब की बोली,
बेखौफ थे तुम, न थी कोई डोली।
हँसते-हँसते फाँसी को चूमा,
माँ के सपनों की तुम थे होली।

इंसाफ़ की माटी को रक्त से सींचा,
देश के लिए हर कष्ट को भींचा।
गोरे हक़ूमत को डरा दिया था,
आज़ादी का दीप जला दिया था।

रहेंगे सदा अमर ये बलिदान,
हर दिल में जागे तुम्हारी पहचान।
जब-जब गूंजेगा 'इंकलाब',
याद आएगा तुम्हारा अभिमान।

जय हिंद.! 👏🏻💐🍃🇮🇳

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

प्रेम निस्वार्थ होना चाहिए

प्रेम निस्वार्थ होना चाहिए,
न कोई शर्त, न कोई भय,
न अपेक्षाओं की बेड़ियाँ,
न स्वार्थ का कोई संशय।

जैसे सूरज रोशन करता है,
बिना किसी चाह के स्नेह लुटाए,
जैसे नदियाँ बहती रहती हैं,
किनारों से कुछ न पाए।

प्रेम तो बस प्रवाह है,
त्याग, समर्पण, और आह्वान,
जहाँ "मैं" का कोई अस्तित्व नहीं,
बस "हम" का होता है मान।

अगर कोई लौटाए प्रेम,
तो भी मन प्रसन्न रहे,
और यदि मौन ही मिले बदले में,
तो भी हृदय निर्मल रहे।

क्योंकि प्रेम सौदा नहीं होता,
न ही लेन-देन का हिसाब,
यह तो बस आत्मा की भाषा है,
जिसमें न कोई रुकावट, न जवाब।

रावण जी

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

अगर तुम सुनो तो मैं कहूँ
मेरी एक फरियाद बाकी है

किसी रोज वक्त मिले आना
मेरे पास तेरी एक याद बाकी है

#बेख़बर

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

मुस्कान एक अनमोल उपहार है,
जो बिना कीमत के भी अमूल्य है।
देने वाले का कुछ घटता नहीं,
पर पाने वाला खुशियों से,निहाल हो जाता है!
बांटते रहिए...
Good Afternoon All

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

सच में थोड़ा झूठ मिलाना ठीक रहेगा
शायद ये नुस्ख़ा अपनाना ठीक रहेगा

नए ज़माने के कछुओं ने हमें बताया
ख़रगोशों पर दाँव लगाना ठीक रहेगा

पर्वत पेड़ परिन्दे झरने पास में दरिया
अपने लिए तो यही ठिकाना ठीक रहेगा

इससे क़ब्ल कि ये एहसास हमें ले डूबें
एहसासों का गला दबाना ठीक रहेगा

जितना बोलोगे उतनी बिगड़ेंगी बातें
'आकाश ' तुम्हारा चुप हो जाना ठीक रहेगा

#आकाश

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

उनकी रूठने की अदायें भी,
क्या गज़ब की है,
बात-बात पर ये कहना,
सोंच लो फ़िर मैं बात नहीं करूंगी
Good Afternoon All

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

ईद का पैगाम

चाँद निकला रोशनी लेकर, ख़ुशियों की सौगात,
ईद का आया मुकद्दस दिन, फैला हर ओर नूर-ए-बरकात।

सज्दों में झुके सिर सब, दिलों में बस दुआएँ,
रहमत बरसे आसमां से, मिटें दिलों की दूरियाँ।

रोज़ों की ताज़गी से, रूह को पाक करें,
सबको गले लगाकर, मोहब्बत का इज़हार करें।

न कोई बड़ा, न कोई छोटा, सब एक ही सफ़ में,
भाईचारे की मिसाल है, ये दिन ईद के जश्न में।

रब से यही अरदास है, हर दिल में हो सुकून,
हर चेहरे पर मुस्कान हो, न हो कोई मज़बूर।

चलिए मोहब्बत बाँटते हैं, ख़ुशियों का हो उजाला,
हर घर में अमन हो, हर दिल में बसे उजाला।

ईद मुबारक..! 🌙✨

रावण जी

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

🔴♦️ 𝐓𝐨𝐩 𝐂𝐡𝐚𝐧𝐧𝐞𝐥𝐬  𝐎𝐧 𝐓𝐞𝐥𝐞𝐠𝐫𝐚𝐦 ♦️🔴                                          
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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

ये जो  तुमने  अपना अन्दाज बदला है ,
वाकई में बदला है या,
फिर किसी  बात का बदला है...
Good Afternoon All

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

ख़ामियाँ मेरी बताये जा रहा है
आईना सब कुछ दिखाए जा रहा है

छोड़कर मैं जा रहा हूँ उसको लेकिन
वो है के मुझको बुलाये जा रहा है

मैं भी इक रिश्ता निभाये जा रहा हूँ
वो भी इक रिश्ता निभाये जा रहा है

एक लड़का याद में पागल किसी की
लोगो को ग़ज़ले सुनाये जा रहा है

उसके मैं नज़दीक आना चाहता हूँ
फ़ासला पर वो बढ़ाये जा रहा है

पड़ रहा था दर्द दिल का, कोई बोला
शेर ये कैसे सुनाए जा रहा है

याद करने में लगा हूँ उसको मैं और
वो है मुझको सब भुलाए जा रहा है

#आकाश

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🌹RօվɑӀ ƒɾíҽղժՏ👑✨🎸

दर्द का समंदर


दुःख की लहरों में डूबा मन,
पीड़ा बनती रही दर्पण।
वेदना की लपटें उठतीं,
शोक में जलता रहा जीवन।

अफ़सोस के बादल छाए,
विपदा में राहें तक आईं।
खेद की आँधियाँ चलीं,
और तकलीफ़ों ने सांसें बुझाईं।

त्रास का साया मंडराया,
कसक ने दिल को फिर दहकाया।
मलाल की छाँव घनी हुई,
यंत्रणा ने हर ख्वाब मिटाया।

रंजोगम के गीत लिखे,
ग्लानि के आँसू चुपचाप गिरे।
टीस में घुलती रही साँसें,
संकट की आहटें बस बढ़ती रहीं।

मुसीबतों की दहलीज़ पे खड़े,
यातना की बेड़ियों से जकड़े।
आर्ति की चीखें अनसुनी रहीं,
विषाद की रातें बस ठहरी रहीं।

मगर, संताप के इस अंधियारे में,
क्या उम्मीद की कोई लौ जलेगी?
क्या दर्द के इस समंदर से,
रौशनी की कोई किरण मिलेगी?

रावण जी

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स्त्री

हर स्त्री को इक जैसा समझना ग़लत है,
चाँदनी में भी दाग़ है, ये हक़ीक़त है।

सूर्पणखा, मंथरा की बातें जो करें,
सीता, द्रौपदी का भी ज़िक्र करें।

जहाँ काली की शक्ति, वहाँ ममता भी है,
हर रूप में नारी की गरिमा बसी है।

कभी सावित्री सी तपस्या में ढलती,
कभी झाँसी बनके लड़ाई में जलती।

तोहमत न दो हर चेहरे को यूँ,
हर नारी में इक दुनिया बसी है।।


पुरुष


हर नारी को हम सम्मान देते हैं,
श्रद्धा से उसे मुकुट का मान देते हैं।

जो सीता, द्रौपदी का गुण गाए,
वही मर्यादा को अपनाए।

पर हर पुरुष रावण नहीं होता,
हर मन में छल-कपट नहीं होता।

राम भी हैं, लक्ष्मण भी हैं,
शिव के चरणों में समर्पण भी है।

अगर शक्ति है नारी में समाई,
तो हर पुरुष भी धर्म का सिपाही।

साथ चलें, ना ऊँचा-नीचा देखें,
सम्मान की राह पर कदम रखें।


रावण जी

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वाह क्या खुद ही का मजाक बना रहे हो
इतने गम-ज़दा हो कर भी मुस्कुरा रहे हो

इतने सलीके से खुदको लुटवाके आये हैं
शायद शरीफों की बस्ती होकर आ रहे हो

#बेख़बर

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रावण: एक दृष्टि, अनेक रूप

रावण हूँ, पर क्या सच में बुरा हूँ?
हर युग ने मेरा रूप अलग देखा,
कभी असुर, कभी महाज्ञानी,
कभी अहंकारी, कभी बलिदानी।

शिव का भक्त, वेदों का ज्ञाता,
नीति में दक्ष, रण में प्रखर,
पर अहंकार की ज्वाला में जलकर,
स्वयं रच दिया अपना प्रहर।

मैं रावण हूँ, दशानन कहलाया,
पर क्या सच में दस सिर थे मेरे?
या केवल दस दिशाओं तक फैली,
मेरी बुद्धि के सागर की लहरें?

सीता को हर लाया, यही अपराध सही,
पर छुआ नहीं, मर्यादा निभाई वहीं।
फिर भी खलनायक कहलाया,
क्या मेरी कोई और कथा नहीं?

राम ने मारा, धरती ने देखा,
पर विजयी कौन? यह प्रश्न जले,
मैं हारा, या हारी मेरी काया,
या अंत में अहंकार ही ढह चले?

रावण हूँ, और रावण ही रहूँगा,
हर युग में, हर रूप में,
कभी सीख, कभी भूल बनकर,
फिर भी इतिहास में अमर रहूँगा।

रावण जी

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मचलते हुए मन पर अब मुझे काबू चाहिए

जिंदा हो या मुर्दा हम मुझे बाबू चाहिए 🥺😌

Babbbuuuu ❤️🥺😍

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हमें भला क्यों याद करेगा वो
उसके पास तो एक जमाना है

शायद उसे तो खबर तक नहीं
यह आशिक उसका दीवाना है

मैं नहीं चाहता वो भी प्यार करे
मैंने किया है मुझे ही निभाना है

शाम हो गयी तुम घर जाओ यारो
मुझे तो उसकी गली में जाना है

तुम को देख कर ताजा लगेगा
मगर मेरा ज़ख्म काफी पुराना है

#बेख़बर

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उदासी बेच कर मैं फूल लाया था
बहुत दिन बाद खुल कर मुस्कुराया था

उदासी और ग़म ने जो सिखाया था
वही मैंने ख़ुशी पर आज़माया था

उतर कर आसमाँ से अजनबी कोई
मेरी ख़ातिर ज़मीं पर इश्क़ लाया था

हज़ारों लड़कियाँ थीं दिल लगाने को
मेरा दिल बेवफ़ा लड़की पे आया था


#आकाश

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अगर किसी लड़की को उसकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ I Love You बोलना ग़लत है,
तो किसी लड़के को भी उसकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ "भैया" बोलना भी ग़लत है...
सही कहा ने मैंने...
Good Afternoon All

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