Group link👉 @shayro_ke_mehfil https://t.me/+dTlJanwah-Y3MDI1 जो तुम्हे समझता हो और जो तुम्हे समझता हो, उससे बेहतर दोस्त कोई नही हो सकता..।
sᴜɴᴏ
जब मोहब्बत मैं हम
गिरफ्तार हुआ करते थे
हम हर शख्स से बेजार
हुआ करते थे
वफा भी हमने सारी उन
पर है लूटा दी
जो खुद बेवफाओं के पैरोकार
हुआ करते थे
हमारी कहानी मैं ही जिक्र
नहीं था मेरा
जिस कहानी के हम अहम
किरदार हुआ करते थे
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
तुमसे मैं बेवजह रूठ
कर किधर जाऊंगा
एहसास है तेरी मोहब्बत
का मै फिर लौट आऊंगा
irfan...✍️
Suno
अश्क भी बह गए है सारे
जख्म खुले रह गए है सारे
लाइलाज इश्क की दवा नही
लोग पुराने कह गए है सारे
Irfan...✍️
9/6/24 sunday 12:30pm
sᴜɴᴏ
मोहब्बत के खजाने की नीलामी
से जवाब नही आते
बेवफा पत्थरों के रोने से जिंदगी
मैं सैलाब नही आते
दफन हो कर रह जाती है उनकी
मोहब्बत भी यारो
जिनको ज़माने के सारे हिसाब
किताब नही आते
कहा खिलते है फूल मोहब्बत
के इस ज़माने में
यहां किसी माली को अब फूल
खिलाने नही आते
irfan...✍️
सुनो तो
जिंदगी जैसे सज़ा बन गई हो
तुम जीने की वजह बन गई हो
छुपाते हो हाल दिल का सब से
और हमारी तो राज़दार बन गई हो
यूं तो तेरा मिलना इत्तेफाक ही था
तू है की खुदा की रज़ा बन गई है
Irfan...✍️
7/6/24 friday 5:55 pm
Suno
अपनी जरूरत पर जो पूछा तबियत ए हाल बीमार का
खुश है वो आज बहुत क रके खून मेरे
ही एतबार का
Irfan...✍️
Suno
वर्क पर जो उतारे थे अल्फाज
पर उसका नाम ना दिया
लिखना चाहा था किरदार उसका
लेकिन कलम ने साथ ना दिया
जाहिर कैसे करता उसकी वफा को
में अपने अल्फाजों मैं
जब मेरे वजूद ने ही मेरा साथ ना दिया
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
लगा कर मेरे बोलने पर पाबंदी
उसने मुझे लिखना सीखा दिया
जब भी लिखी मैने कोई शायरी
लफ्जों ने उसका चेहरा बना दिया
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
कभी तु मेरे खयालों में आया
कभी तुम्हारे ख्वाबों ने सताया
मुझे सताने के लिए तुमने
हर एक हुनर आजमाया
तुमसे मोहब्बत करने के
बाद हमे ये मालूम हुआ
जख्म बेहिसाब दिए है तुम
ने हर सितम आजमाया
irfan...✍️
Suno
कद्र ना हो तो एहसासों को भी दबा देना चाहिए
ना समझे जज्बातों को तो खामोश हो जाना चाहिए
Irfan...✍️
Suno
लूटा दिया अपना सारा वक्त
क्या तुझे एहसास नही
अफसोस इस बात का है के
तेरे पास मेरे लिए वक्त नही
Irfan...✍️ 3:2:24 11:00am
sᴜɴᴏ
वफा की हैं हमने अक्सर
हम बेवफाई नही करते
तुम्हे देखती है मेरी आंखे
गेर को देखना मुनासिब नही
समझते
धड़कता है दिल तेरे लिए
वो दिल की सदा नही सुनते
बेइंतेहा मोहब्बत है तुमसे
लेकिन हम तुम्हे रुसवा नही
करते
Irfan...✍️ Old 1
सुनो तो...
तुम्हे चाहे ना हो जरूरत हमारी
मुझे तो है सिर्फ जरूरत तुम्हारी
Irfan...✍️ 23:4:24 tue 4:10pm
sᴜɴᴏ
जान तुम्हारा भी याद आना
कमाल होता है
आंखो मैं जैसे एक सैलाब
होता है
कभी तो वो खुद आकर
दीदार दे
जिस पर मेरा दिल जांनिसार
होता है
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
तेरी इजाजत हो और तू ही तू रहे
मुझ में तेरे एहसास तेरे जज़्बात रहे
बाकी ना मैं रहूं ना मेरी आरजू रहे
मुझमें अब तेरी ही जुस्तजू रहे
जब तक हो धड़कता दिल मेरा
हर धड़कन मैं सिर्फ तेरा नाम रहे
लू जब भी सांसे मैं उन सांसों में
महक जाऊ में सांसों की खुशबू रहे
जब तक जिस्म मैं जान रहे
तू ही मेरा हमनवा हमराज रहे
बस तेरा ही हो जिक्र हमेशा
और जुबान पर तेरा नाम रहे
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
ना वो मुझसे कुछ कहते है
ना हम उनसे कुछ कहते है
मोहब्बत है हमे बे इंतेहा
एक दूसरे के दिल मैं रहते है
मुस्कुराते है महफिल में हम
अश्क आंखों में छुपाते है
ज़ख्म कितने भी गहरे हो
दर्द सारे हम सेह लेते है
irfan...✍️
Suno to
तेरा सुनो जी लिखना ऐसा
लगता है तू मुझे पुकार रहा है
में फासलों में मगर ए जॉना
तू मुझे करीब बुला रहा है
Irfan...✍️
9/6/24 sunday 1:00 pm
सुनो तो
दिए जख्म जिस्मो पर रह गए
सारे गम हस्ते हस्ते हम सह गए
मुस्कुराहट ही रखी चेहरे पर हमने
और अश्क थे जो आंखो से बह गए
Irfan...✍️
9/6/24 sunday 10:30 Am
sᴜɴᴏ
तकदीर को कुछ इस
तरह चाहा है मैने
जो नही था तकदीर मैं
उसे भी अपनाया मैने
ख्वाब मोहब्बत के बे
शुमार देखे थे मैने
लेकिन जख्मों को अपना
हमराह बनाया मैने
खुशियां तो थी मेहमान
के मानिंद मेरी जिंदगी मैं
अक्सर गमों से रिश्ता
निभाया है मैने
थी बेवफाई के तराजू मैं
मेरी मोहब्बत हल्की बहुत
फिर भी अपनी मोहब्बत
को रुसवा नही क्या मेने
irfan...✍️
सुनो
जरूरी नहीं हर जुल्म ओ सितम
सेह कर जिया जाए
कभी उठाए औजार तो कभी कलम
से जवाब दिया जाए
Irfan...✍️
sᴜɴᴏ
निगाहों ही निगाहों मैं
अनकही बात हो जाती है
नजर उठे तो कतल और
झुके तो हया हो जाती है
लब ए तबस्सुम जो लरजती है
गुलाब की कालिया खिलती है
जो तेज लेती है वो सांसे
बादे सबा भी मुस्कुराती है
महक सांसों की उनकी
खुशबू फैला जाती है
तेरा खयाल आते ही मेरे
चेहरे पर मुस्कान आती है
कब होगी मुलाकात तुमसे
ये सोच कर सुकून ले जाती है
यही सोच कर खुश हों जाते है
ख्वाबों मैं मुलाकात हो जाती है
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
चढ़ता सूरज जाते जाते
सियाह रात दे गया
अपनी जगह वो हर घर
रोशन चिराग कर गया
irfan...✍️
सुनो तो
मशवरा तो यहां लोग मुफ्त में दे देते है
पूछा क्या आप भी इसपर अमल करते है
Irfan...✍️
28/4/24 sunday 7:45pm
sᴜɴᴏ
जिस पर रब की रहमत हो
वो खजाना नही मांगता
मोहब्बत करने वाला कभी
मोहब्बत नही मांगता
जिस मेहबूब को मिल जाए
आशिक का साथ
फिर वो रब से और कुछ
नही मांगता
है इंतजार मैं इरफान आज
भी तेरे
क्योंकि उभरता सूरज कभी
इजाजत नही मांगता
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
अगर उन्हें लफ्जो मैं
लिखना आसान होता
तो वो कोई किस्सा नही
मेरा ही एक हिस्सा होता
Irfan...✍️
sᴜɴᴏ
उदास दिन है मेरे गमगीन राते है
मेरे आशियाने मैं शोलो की बरसाते है
किसे कहे अपना किसे पराया कहे
यहा खंजर हाथो मैं लिए बैठे है
इल्जाम भी लगाए कतल का किस पर
यहां सब के हाथ लहू से रंगे दिखते है
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
तेरो महक तेरी चाहत
तेरी यादें लाए है
आज हम फिर से तेरी
महफिल मैं आए है
irfan...✍️ Old 1
sᴜɴᴏ
ए जिंदगी हैरत है मुझे
अपनी जिंदगी पर
जिस्म तो मेरा है लेकिन
सांसे उसकी चल रही है
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
बहुत कुछ कहना होता
है मुझे तुमसे
लेकिन खुद को समेट लिया
करता हु
एक तू ही रही है मेरी नज़रों में
मैं खुद को अपने ही दायरे मैं
कैद कर लिया करता हु
मायने नही रखते अब ये
महफिल मेरे लिए
मैं तन्हा खुद से ही बात
कर लिया करता हु
irfan...✍️
Suno
फितरत थी उसकी धोका देना
धोके से हर बार धोके दिए
गलतफहमी मैं थे वो के हम
धोके मैं है जो इतने हमे धोके
दिए
irfan...✍️