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Telegram-канал kalam_se_alfaaj - कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

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Bohot jaan lewa he 🥺 Ye jaan kehne wale...😊

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सदा प्रसन्न दिखते हैं

हम क्योंकि हमारे कष्टों का अनुमान लगाना अत्यंत कठिन हैं..🖤💯


/ मनीष ❤‍🩹

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

एक लड़की से ऐसी मुलाकात होगइ

मेरा दिल चुरा कर वो फरार होगइ

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

सरक रहा था उसके रुख
से जब हिजाब

रोशन हुई महफिल देख कर
जमीन पर मेहताब

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

एक शाम और ढल गई...
एक दिन और जी लिए हम तेरे बग़ैर..!!!!_😢

/मनीष 🍁

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

सोता रहा पूरी शब
खयाल ए यार ले कर

ख्वाबों में दामन ए यार
पहलू में ले कर

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

इश्क में अक्सर वफा किया करते है

दर असल वो गुनहगार हुआ करते है

तलबगार भी नही होते वो माफ़ी के

जिंदगी तन्हाई में गुजारा वो करते है

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

इबादत-ए-इश्क़ है,
नुमाइश ना कर

इरादे नेक हैं मेरे,
यूँ पैमाइश ना कर

साँसों के सिलसिले
आपकी ही मिल्कियत हैं

जान से जाएँगे, जान लेने
की ज़िद ना कर.

🌟✨🌟

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

आंखों मै ख्वाइश को जगह देगे
तेरे तसव्वुर को हम पनाह देगे

तुम्हारा चेहरा मेरी आंखो मैं बसा है
उसको दिल के आईने मैं बसा देगे

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

कांटो बिन गुलाब अधूरा है
अश्क बिन इश्क अधूरा है

रात बिन चांद अधूरा है
चांद बिना आसमान अधूरा है

अधूरी है जिंदगी सब की
हर कोई यहा अधूरा है

मोहब्बत भी कहा होती है पूरी
नामुकम्मल मोहब्बत का ही
फसाना है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

suno

ये आरजू थी तुझे खुद से ज्यादा चाहूं

तेरे नाम के साथ मैं अपना नाम चाहूं

इस कदर कर जाऊं रोशन मोहब्बत
के दिए

मैं रहूं ना रहूं ज़माने में अपनी वफा के अफसाने चाहूं

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

छोड़ जाना तो बस शरारत हैं
उसको भी तो हमारी आदत हैं,

देखना लौट आएगा फिर वो,
चंद दिनों की ये खुराफात हैं,

मैं जो जिद् पे अड़ा हूँ पागल सा
ये भी तो उसकी ही करामत हैं,

बात करनी नहीं मुझे उस से
मुझको भी उससे शिकायत हैं,

जानलेवा तन्हाई हैं जानाँ ये
और खुद से की ये बगावत हैं।

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

रुखसत ए जान का
मंजर भी क्या मंजर था

मैने खुद से खुद को
बिछड़ते देखा था

तसव्वुर मैं उसकी डोली और
मेरा जनाजा सजते देखा था

समंदर ए इश्क आंखो
से ऐसे बहता रहा मेरे

जैसे एक ज़माने से खामोश
समंदर मेरी आंखो में रहता था

कदर इन आंसू की कोई ना
करता है
दफना कर मोहब्बत को
सीने मैं
ये नादान दिल भी कहा
कहना मानता था

नाम जब भी उसका लेता
धक से धड़क जाता था

सांसे भी थी बेवफा मेरा
जिस्म छोड़ने का इरादा
ना था

उसका तो पता नही लेकिन
इरफान उसके लिए इस हद
तक तड़पता रहा

जब जब सांसे ली इरफान ने
हर सांस पर दम निकलता था

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

suno

दिल से लोग उतार देते है
नजरो से लोग गिरा देते है

जख्म जो लगता है जिस्म पर
फिर वो कहा दिखाई देते है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Me(निस्वार्थ प्रेमी) :-

मैंने कहा मुझे आपसे प्रेम है! और आपका चले जाना मुझे अधूरा कर देगा.. 🍁

She (वह) :-

मैं आपसे प्रेम नहीं कर सकती...।
और वह मुस्कुराई और चली गई 🥀💐


/मनीष 🌸

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

हमने इश्क़ मैं तड़पते देखा है
जहर जुदाई का पीते देखा है

आंखो से अश्क़ बहाते देखा हैं
खुद के वजूद को मिटते देखा है

अगर मिल जाती बिना तड़प के
मोहब्बत

तो हीर रांझा लैला मजनू को किसने
देखा है

Irfan....✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

हम रिश्ते निभाना बखूबी जानते है

क्योंकि हम रिश्तों की अहमियत जानते है

सिर्फ नाम के लिए जो रिश्ते निभाते है

दूर रहे हमसे हम तन्हा रहना जानते है

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Sᴜɴᴏ

मैं तुम्हे अलविदा कभी
कह नही सकता

उम्मीदों को अपनी कभी
तोड़ नही सकता

बेरुखी भी होगी तुम्हारी
अगर मेरी जान

मनाने से मैं कभी पीछे
हट नही सकता

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

मेरा रिश्ता उससे ऐसे
बढ़ने लगा

वर्क पर अल्फाज बिखेरने
लगा

वो मेरे जज़्बात समझने
लगी

और उस पर शायरी में
लिखने लगा

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

तेरे रुख से पर्दा उठाऊ कैसे
तू शोला है खुद को बचाऊं कैसे

ज़माना तुम्हे देख कर दंग है
ज़माने को तुमसे छुपाऊ कैसे

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

माफ़ करने की आदत नही मुझे
अगर इंसाफ ना करे तो कोई बात नही

तेरा मुस्कुराना और आंखो की
गुस्ताखियां ये कोई छोटी बात नही

तीर तेरी नजरो का जिगर में आ लगा
कसूर हमारा भी था कोई बात नही

मेरे बाद तू किसी और का ना हो जाना
अगर हुआ मुझ से जुदा कोई बात नही

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

हर रिश्ता इसी कागज़ का गुलाम हैं..
जिसे हम पैसा कहते हैं,,,,😐


/मनीष 🍁

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

मैं जानता था कहानी का आख़री मंज़र,
मैं रोकता रहूंगा और वो चली जायेगी ।।

/मनीष 🌸

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

तुम अपनी निगाहों से
मेरे दिल पर एक पैगाम
लिख दो

मोहब्बत ए वफ़ा का
खुशनुमा अंजाम लिख
दो

अगर तुम्हारे लबों पर में
गजल बन कर चला आऊं

तुम अपनी दिल की धड़कन
और सांसे मेरे नाम लिख दो

मोहब्बत मुझसे इतना करो
के दौर ए जिन्दगी की हर
शाम मेरे नाम लिख दो

हर तरफ सिर्फ तुम रहो
ऐसा मेरा अंजाम लिख दो

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

प्रेम तो ईश्वर का रूप होता है.! 💐
और ईश्वर का अनादर नहीं करना चाहिए..!!

तो मेरे लिए प्रेम का मतलब इतना है की इजहार करना तुम्हे गले लगाना और लगाए रखना अंतिम पड़ाव तक.. .!! 🍁


/ मनीष 🌸

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

हाय उसकी यादों का कहर

सताए हर लम्हा हर पहर

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

अपनी उलझन को बढ़ाने
की ज़रूरत क्या है
अपनी बे वफाई दिखाने
की जरूरत किया है

छोड़ना है तो मुझे छोड़ देते
बात बात पर रखने की ज़रूरत
क्या है

गर है मोहब्बत तो फिर
छुपाने की जरूरत किया है
नही है मोहब्बत तो तमाशे की
जरूरत क्या है

उम्र भर रहना है मुझसे
अगर दूर तुम्हें
फिर मेरे ख़्वाब में आने
की ज़रूरत क्या है

अजनबी रंग छलकता
हो अगर आँखों से.
उन से फिर हाथ मिलाने
की ज़रूरत क्या है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

हर दर पे धागा बांधा था तुम्हारे नाम का, था इश्क़ में सबर, दुआएं अब रंग ला रही हैं.........❤🥰

तुम्हारी आहटें सुनाई दे रही हैं अब दूर से,
मेरी जीत की ख़बर, हवाएं अब संग ला रही हैं.....🍁


/मनीष 🌸

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

suno

उसने अपनी हया का कर दिया सौदा
ऐसे प्यार ऐसी इज्जत का क्या फायदा

रिश्ते तुमने कमाए कम,गवाए है ज्यादा
अब भी सुकून नहीं मिला क्या है इरादा

हर एक शख्स से किया था तुमने वादा
आखिर उठ जाता है हर राज़ से पर्दा

तुम्हे एहसास भी नही अपनी गलतियों का
सच शोर मचाएगा झूठ साथ देता नही सदा

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

अभी तो आशिकों के
गम लिखता हूं

मैं अपनी मोहब्बत के
किस्से कम लिखता हूं

मैं जब भी अपनी जात
पर कुछ लिखता हूं

मोहब्बत का हर लम्हा
तफसीर से लिखता हु

अब भी वो बिछड़ नही
पाया सुकून से मुझसे

मैं अपने तारूफ मैं बहुत
कम लिखता हूं

रुसवा ना हो जाए मेरे
अल्फाजों से वो

मैं उसकी बेवफाई को भी
वफा लिखता हूं

आज भी जब मैं उसका
नाम लिखता हूं

उसके नाम के साथ हमेशा
मेरा नाम लिखता हूं

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

मोहब्बत तो करले
मगर डर लगता है
मोहब्बत का हम दर्द
सह पाएंगे या नहीं

कर तो ले हम भी
इज़हार ए मोहब्बत
किया वो इक़रारे मोहब्बत
कर पाएंगे या नहीं

जो की है हमने मोहब्बत
बेइंतेहा ऊनसे
साथ उनका निभा
पाएंगे या नहीं

हसीन रुखसार को देख
कर दिल मचल जाता है
जज़्बातो पर क़ाबू पाएंगे
या नही

आंखें है उनकी मेहखना
अश्क़ जैसे शराब इन
अश्क़ से संभाल पाएंगे
या नहीं

मोहब्बत मैं सुकून भी है
मोहब्बत मैं सजा भी है
इरफान मोहब्बत कर
पाएंगे या नहीं

Irfan...✍️

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