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Telegram-канал kalam_se_alfaaj - कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

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Bohot jaan lewa he 🥺 Ye jaan kehne wale...😊

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

कुछ हार गयी तकदीर
कुछ टूट गये सपने

कुछ गैरों ने किया बरबाद
कुछ भूल गये अपने

कुछ ने की बेवफाई
कुछ बेवफा हो गए अपने

irfan..✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

रुक जाए मेरी कलम तो ताज्जुब
ना करना

समझना निकल गई सांसे मेरी शोर
ना करना

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

दिल तो तुम्हे दे दिया दिल तोड़ कर मत जाना

आ गई हो मेरी जिंदगी मैं अब छोड़ कर मत जाना

रूठ जाओ तुम तो कोई बात नही मेरी जान

शिकायत लेकर तुम किसी गैर के पास मत जाना

जब भी याद आए मेरी तुम्हे, मेरी और लौट आना

भूल कर भी मेरी जान तू मुझे भूल मत जाना

में हु तलबगार तेरी मोहब्बत का और मेरी जिंदगी तेरी अमानत

ले कर मेरी जान तू किसी और के साथ चले मत जाना

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

एक रात ऐसी हम दोनो साथ थे
आसमान पर भी चांद तारे सजे थे

वो थे पहलू मैं मेरे शर्माए हुए से
लब भी खिल खिलाए हुए से थे

जुल्फों से टपकती ओस की बूंदे
रुखसार को चमकाए हुए थे

उसकी आंखो की ये मस्तियां
और तूफान हजार आए हुए से थे

सिमट कर मेरी बाहों में वो
जिस्म मेरा महकाए हुए से थे

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

प्रेम, पानी और प्रयास की अपनी ही जिद होती है और अपना ही रास्ता । 🥀


/मनीष 🍁

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

तुमसे की मोहब्बत और तुमसे ही वास्ता रहा

बाद मेरे मोहब्बत के गम से वाबस्ता रहा

छोड़ गया मंझधार मैं वो मुझे इस तरह

लौटने का मेरे ना अब कोई रास्ता रहा

मेरी आंखों का अब सिर्फ मेरे आश्को
से वाबस्ता रहा

छुपाए सारे गम और मैं मुस्कुराता रहा

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

खुद को समेट कर खुद
मैं सिमट जात हु

फिर याद आती है उनकी
और मैं बिखर जाता हु

जब भी मुलाकात होती है
मैं खिल सा जाता हु

गुलाब की तरह मैं महक
सा जाता हु

उसके तसव्वुर से पूरी रात
गुजारता हु

नींद आती है मुझे और ख्वाब
मैं डूब जाता हु

दिन मैं पीछा उसकी परछाई
का करता हु

शाम मैं उसका अक्स ढूंढा
करता हु

इस कदर वो मुझ पर काबिज
हो गई है

उसके एहसासों से निकल
नही पाता हु

उसे मोहब्बत है मुझसे बेहिसाब
और बेइंतेहा

मैं भी उससे बेशुमार मोहब्बत
करता हु

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

इसे इत्तेफाक समझो या
मेरी दर्द भरी हकीकत,

आँख जब भी नम हुई
वजह कोई अपना ही था।

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

मैने कब कहा कि
मुझसे प्यार कीजिये

नफरत कर सकते हो
तो बेशुमार कीजिये।

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

पुराने दर्द लीखे इरफान
या ताजे जख्म लिखे

या जिसने दिए उसका
जिक्र लीखे

खामोश है लब, और चुप
है कलम

अब तुम ही कहो कैसे
हाल-ए-दिल लीखे इरफान

irfan....✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

तुमने अच्छा ही किया
इरफान से किनारा करके,

अब कभी ना देखेंगे
इरफान इश्क दुबारा करके

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

वो लौट आए मेरे पास ये
ख्वाइश नही

मुझे उससे कोई शिकवा
और शिकायत नही

तमन्ना ये थी के उसे जाने
का मलाल हो

लेकिन मोहब्बत की आग
उसके सीने मैं जली नही

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

फासले ही गहराई दिखाती
है इश्क की इरफान

नज़दीकियों में वो बात
कहाँ है मेरी जॉन

irfan ❤️❤️❤️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुकून मिलता है दो लफ़्ज कागज पर उतार कर,
चीख़ भी लेते हैं हम और आवाज़ नहीं होती ...!!

/मनीष 🖤

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

उनके नजरों की गिरफ्त
में हमने खुद को महफूज
पाया हैं

उनकी हर अदाओं में
हमने उन्हें हसीन ही
पाया हैं,

यू तो बंदिशें रास
नहीं आती हमें,
पर हमने उनकी बंदीशों
को भी अदब से गले
लगाया है

irfan.. ✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

अधुरा है मेरा इश्क
तेरे इश्क के बिना

नही आती महेक फूलों की
तेरे वजूद के बिना

जैसे चांद अधूरा है
चांदनी के बिना.

में भी अधूरा हु कबसे
तेरे साथ के बिना

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

शिद्दत के इश्क मैं खुदगर्ज
होना भी जरूरी है

हो अगर यार मैं वफा तो
मतलबी होना भी जरूरी है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

आदत थी उसे मेरी
वो जिंदगी है मेरी

मैं था ख्वाब उसका
वो हकीकत है मेरी

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

मेरे दिल की तुमसे गुजारिश है
चाहता तुमसे ही इजाजत है

करनी मुझे कुछ शरारत है
हा मुझे तुमसे बेइंतहा मोहब्बत है

ये तुम्हारी ही इनायत है
हमने की हिमाकत है

तुम्हे कहा मिलती फुर्सत है
इश्क तो जैसे इबादत है

Irfan ..✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

हम क्या जाने यादों
की कीमत,

हम ख़ुद यादों को मिटा
दिया करते हैं

यादो का मतलब तो
उनसे पूछो

जो यादों के सहारे जिया
करते हैं।

irfan..✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜno

गैर मौजूदगी खलती है
मुझे अक्सर उसकी

मैं इसे फिकर कहू या
कहूं मोहब्बत उसकी

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

किसी शब मैं भटक जाऊ
खुदा करे

फिर तेरे मकान तक पहुंच
जाऊ खुदा करे

थोड़ी सी जगह तेरे आशियाने
मैं मिल जाए खुदा करे

मैं रहूं तुम रहो और तन्हाई
रहे खुदा करे

तेरे दामन मैं हो मेरा सर और
नींद आ जाए खुदा करे

ख्वाबों मैं भी हो तेरा साथ
खुदा करे

मेरी सुबह तेरे आशियाने मैं
हो खुदा करे

इसी तरह बसर हो सारी
जिंदगी खुदा करे

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

आंखे उसकी खंजर दिल पर वार
करती है

जब मिलाता हूं नजरे तीर जिगर के
पार करती है

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

मुझे पता है उसे डर है बिछड़ जाने का

और वादा है मेरा उसका साथ निभाने का

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

suno

मोहब्बत वो नही जो
हर कोई कर रहा है

मोहब्बत तो वो है इरफान
जो कोई निभा रहा है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Sᴜɴᴏ

हम रिश्तों को लफ्जो का
मोहताज नही बनाते है

हो खामोश कोई अपना तो
इरफान खुद आवाज लगाते है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

अच्छा हुआ जो कही तो मेरा नाम आया

में मोहब्बत नही नफरत करने काम आया

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

पढ़ कर वो किताब किताबे बदलती है
बदलते दौर के साथ कहानियां बदलती है

देख कर मेरी तस्वीरों को मोबाइल में
वो आज कल मेरी तस्वीरे बदलती है

जो देखा करती थी मुझे गौर से हर रोज
आज उसकी अचानक नजरे बदलती है

बदल जाता है सब कुछ वक्त के साथ
चाहा था जिसने उसकी चाहत बदलती है

में कैसे पहचानता आखिर उसे
वो रोज अपना रंग रूप बदलती है

कहा था जिसने मुझे मोहब्बत है तुमसे
वो कपड़ों की तरह रोज यार बदलती है

कसूर उसका नही फितरत में शामिल उसके
आदतन वो रोज अपनी आदतें बदलती है

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

तुम रोकोंगे तो शायद
इरफान ठहर जाएगा

वरना बहते समंदर की
तरह गुज़र जाएगा...

❤️ ❤️❤️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

तेरा हुस्न है या मेहताब है
अंधेरों मैं जलता चिराग है

क्यू फक्र न करू तुम पर
तेरी वफा पर मुझको नाज है

Spl some 1

irfan..✍️

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