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Telegram-канал kalam_se_alfaaj - कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

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Bohot jaan lewa he 🥺 Ye jaan kehne wale...😊

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

छोटे शहर के लड़कों का सपना होता है, प्रेमिका का हाथ पकड़कर सड़कों पर चलना 🥀🖤

-लफ़्ज-ए- मनीष

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

उसने कहा हमसे क्यू
तबाह होना चाहते हो

मोहब्बत नही जिंदगी से
या मोहब्बत मैं फना होना
चाहते हो

क्यू मोहब्बत के सफर
मैं ऐसा अंजाम चाहते हो

अपनी जिंदगी तुम खुद
बरबाद करना चाहते हो

क्यू शब की तन्हाई मैं
खुद को तड़पाना चाहते हो

क्यू मोहब्बत का जहरीला
जाम पीना चाहते हो

क्यू खंजर ए मोहब्बत से
खुद को जख्मी करना
चाहते हो

इस दर्द की कोई दवा
नही इरफान

क्यू इस दर्द को तुम गले
से लगाना चाहते हो

ये मोहब्बत कभी मुकम्मल
नही हुई इरफान

क्यू मोहब्बत मैं मोहब्बत
से मोहब्बत मैं मिट जाना
चाहते हो

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

बन कर सारी बदन से लिपटा रहूं
मैं तेरे बदन पर हमेशा सजा रहूं

सरक जाऊं तेरे कांधों से कभी मैं
कभी तेरे सर का पल्लू में बना रहूं

शोभा बढ़ाता रहूं मैं खुद की ऐसे
तेरी कमर से सिमट कर बंधा रहूं

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

तू मेरा हमसफर तू ही मेरा हमसाया है

रब का शुक्र है के तुझे मुझसे मिलाया है

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

आज मैं बड़ी कश्मकश मैं हु
उसकी मोहब्बत के सफर मैं हु

कर दिया मुझ पर सब कुछ निछावर
मैं उसके भरोसे के इम्तेहान मैं हु

जिस्म मिल जाते है बाजारों मैं जॉना
मैं तो तेरी हया की हिफाजत मैं हु

दिल की बात करने से डरती है बहुत
फिकरमंद उसकी इस उलझन मैं हु

ये सब से है बहुत अलग दुनिया से
मैं उसके इज्जत की पहरेदारी मैं हु

कुछ ख्वाब जो पूरा करने की सोच रहा हु
लबों का जाम पी रहा हु सर सीने पर रख
कर सुला रहा हु

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो ना

तेरी याद लिए तेरे इंतजार मैं जल रहे है

ये बेदर्द ज़माना राख लिए हाथ मल रहे है

ना सुकून है ना करार है अब मेरी रूह को

ये मुझे दीवाना कह कह कर मुस्कुरा रहे है

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

रात गहरी थी डर
भी सकते थे,हम

जल रहा था दिया
दुनिया जला सकते
थे हम

जिद्द पर अगर आ
जाते तो

तुम को तुम से चुरा
सकते थे हम

जो कहते थे कर भी
सकते थे

तुम को अपना बना
सकते थे हम

तुम जो बिछड़े तो ये
भी ना सोचा

हम तो पागल थे फना
भी हो सकते थे हम

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

दो जिस्म एक जान है हम
एक दूसरे के अरमान है हम

बेवजह की मोहब्बत तुमसे
इश्क की पहचान है हम

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

हमे उनसे थी मोहब्बत
उन्हे महफिलों से फुर्सत
कहा थी

करते रहे हम इंतजार उनका
लेकिन उनको हमारी परवाह
कहा थी

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

चाहत नही मोहब्बत होनी चाहिए

परवाह ज़माने की नही जुनून इश्क
का होना चाहिए

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

suno

तू अगर रखेगा साकी पैमाना अलग
हम बना लेंगे छोटा सा मेहखाना अलग

उसकी आबादी अलग उसका वीराना अलग
दूर इस दुनिया से रहता है दीवाना अलग

अब नज़र आता नही गुलशन से वीराना अलग
आंसू से लिख रहे है एक अफसाना अलग

तेरे सदके अब नही साकी कोई मुझे गिला
मुझे मिल जाती है मेह पीने को रोज अलग

खाक परवाने की सारी शब रही उसके हुजूर
शमा से रहता नही जलकर परवाना अलग

❤️❤️❤️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

आज फिर एक जिंदगी खतम हुई

खाक की अमानत खाक के हवाले
हुई

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

suno

समेट ले तू मुझे अपनी बाहों मैं

या बिखर जाने दे मुझे तु राहों मैं

हमारा शुमार नही उन हजारों मैं

खिले थे गुल पिछले साल बहारो मैं

महक अपनी तुझ मैं ही छोड़ जायेंगे

मांगते है लोग हमे अपनी दुआओं मैं

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

पागल,दीवाना,आवारा कह लो मुझे

बस थोड़ी सी जगह जिंदगी में दे दो मुझे

बहला लेते है दिल सुन कर हम बाते तेरी

मेरी मोहब्बत का अंजाम दे दो मुझे

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

एक औरत को क्या चाहिए
और क्या होती है
आज हम तुम्हे बताते है

थोड़ा सा समय प्रेम और
आत्मसम्मान वो चाहती है

अपने गमों को भुला कर
घर की खुशियों मैं खुद को
ढाले रखती है

पीढ़ा कष्ट उठाए जिंदगी भर
लेकिन खुद को मौन वो रखती
है

धीरज रखती हृदय में
शीतल सा मन रखती है

करके निछावर जिंदगी अपनी
खुद को समेटे रखती है

ये वो नारी है जो नारी के रूप में
स्वरूप देवियों का रखती है

कभी बन के लक्ष्मी धन लुटाए
कभी काली बन के नाश करती
है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

हम कहॉं कब किसी
के असर में रहे

हम थे आजाद हमेशा
सफर मैं रहे

समझते रहे जिंदगी भर
हम जिसे अपना

हम तो चुभते सभी की
नज़र में रहे !

हम किस तूफॉं पे कोई
क़सीदा लिखें

इससे बेहतर है कश्ती
भँवर में रहे

पत्ते झड़ते है कोई बात
नही इरफान

लेकिन मेरा आंगन शजर
के साए मैं रहे

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

तेरी कमी भी है
तेरा साथ भी है

तू फासलों मैं भी है
तू करीब भी है

तू सांसों मैं भी है
तू एहसासों मैं भी है

तू खयालों मैं भी है
तू ख्वाबों मैं भी है

तू आंखो मैं भी है
तू दिल की धड़कन मैं
भी है

बेजान जिस्म मैं
इरफान की
शामिल जिंदा रूह
मैं भी है

रब ने नवाजा है
इरफान को तेरी
मोहब्बत से

मुझे फख्र भी है
मुझे नाज भी है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो जॉना

रहे कोई भी नजदीक मेरे
ये दिल तो मकां तेरा है

जबसे आए हो तुम जिंदगी मैं
मेरी जान ये गुलाम तेरा है

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

अपनी बाहो में मुझे
सिमट जाने दो

लबों से अपने लबों
को मिल जाने दो

सांसों मै अपनी मुझे
बिखर जाने दो,

दिल बेचैन है कब से
तुमसे प्यार के लिए

आज तो सीने में अपने
मुझे उतर जाने दो...

इस तरह हम घुल जाए
एक दूसरे मैं

के कुछ हरारात तो हमे
महसूस होने दो

बेइंतेहा मोहब्बत है तुमसे
हमे ए सनम

आज दो जिस्म को एक
जान हो जाने दो

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

बात वफाओं की होती तो
कभी न हारते ,🍁
बात नसीब की थी कुछ कर
ना सके ।।



-लफ़्ज-ए- मनीष✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

तन्हाई मैं इरफान ने

अपने दिल को यूं सजा
दिया है

जब याद आई तेरी

यादों को आंखो से बहा
दिया है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

गर तू है एक तलब.
तो तलबगार मैं भी हूँ

जो इश्क है गुनाह
तो गुनहगार मैं भी हूँ

मिल जाती अगर हमे मदद
तो मददगार मैं भी हूं

मिल जाए अगर तेरी वफा
जाना वफादार मैं भी हूं

बेशक तेरा है मुझ पर हक
तेरा हकदार मैं भी हूं

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

तेरी जुदाई मैं पल पल मर रहा हूं

तुझे क्या पता मैं कैसे जी रहा हूं

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

दिल टूटने पर मुस्कुरा देना ...
ये भी सब्र है !!!🥀🖤



-लफ़्ज-ए- मनीष

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

suno

आंखों से आंखें चार हुई
महफिल मैं मुलाकात हुई

इशारों इशारों में बात हुई
फिर लफ्जो की बरसात हुई

नजदीकियां बढ़ने लगी हमारी
चाहतों की शुरुवात हुई

सिलसिला चाहतों का चलता रहा
इंतजार मैं उनके नींद भी हराम हुई

खयाल उनका रहता हमेशा
शुरू हमारे मोहब्बत की कहानी हुई

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)


एक ही थी प्यार से बात करने वाली.......
उसे भी कोई और छीन ले गया... 🥀

🖤

-लफ़्ज-ए- मनीष✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

प्रेम सिर्फ साथ में सुख भोगने के लिए नहीं होता प्रेम में एक दूसरे का दुःख भी बाँटा जाता है ...

जिसके साथ तुम अपना दुःख बाँटने में समर्थ हो,
बस वही है तुम्हारा साथी, तुम्हारा प्रेम, क्योंकि साथी से कुछ भी छुपा नहीं होता, ना देह ना आत्मा.....*🌸❣️


-लफ़्ज-ए- मनीष✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

मिल कर तुझे सिर्फ तेरा हो जाऊं

तेरी हर सांसों मैं महकता नजर आऊं

Irfan....✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो ना

बगैर तेरे गुजारा एक घंटा सदियों जैसा लगा

चेहरा मुस्कुराता हुआ हर आंसू बरसात जैसा लगा

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

आदत होती तो छुड़ा देते
जरूरत होती तो भुला देते

मोहब्बत है तुमसे बेहिसाब
इबादत करना कैसे भूला देते

Irfan...✍️

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