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Telegram-канал kalam_se_alfaaj - कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

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Bohot jaan lewa he 🥺 Ye jaan kehne wale...😊

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो तो...

बड़ी मुश्किल राह है
निभा पाओगे क्या

पकड़ कर हाथ मेरा
कदम से कदम मिला
पाओगे क्या

वार जिगर पर होगा,
अश्क की नदिया बहेगी

अश्क समेट कर तुम
मेरे जख्मों का मरहम
बन पाओगे क्या

मैं कही लड़खड़ा जाऊ
कही पर,मेरा सहारा बन
पाओगे क्या

में बन जाऊ दिल तुम बन
जाना धड़कन,अपनी महक
से घर मेरा मेहका पाओगे
क्या

Irfan...✍️

24.2.24 SUT 5:00 PM

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो तो

क्यू मिजाज तेरा बदला बदला सा है

क्यू तू मुझ से ऐसे रूठा रूठा सा है

चली गई सारी रौनक जिंदगी से अब

आसमान पे चांद निकला निकला सा है

कोशिश तो की रिश्ते को बचाने की

क्यू ख्वाब मेरा धुंधला धुंधला सा है

Irfan...✍️

24.2.24 SUT 10:00 Am

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

प्यार के बदले प्यार देना संभव ना हो तो
सम्मान देकर


विदा कर दें..
तिरस्कार खोखले लोग करते हैं..!🥀❣️



🪶-लफ़्ज-ए- मनीष

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

जिस में वफा भी है
जिस मे जफा भी है

जो मोहब्बत ढूंढ रहे हो
पाक मोहब्बत मां की है

नौ महीने पेट मैं रख कर सींचा
ये सब्र की इंतहा मां की है

खून का हर कतरा निछावर
कर देती है
रब से भी वो लड़ जाती है

मौत की चौखट पर जा
पहुंचती है
ये पाक मोहब्बत मां की है

खुद का वजूद मिटा कर
हमे संवार देती है
हर तकलीफों से हमे बचा
लेती है

कैसे करोगे हक मां का अदा
ये अजमत तो सिर्फ मां की है

जो ढूंढते रहते हो जहां मैं
मोहब्बत
वो मोहब्बत घर मैं तुम्हारे
बस्ती है

मोहब्बत का दूसरा नाम मां है
वो बख्शी हमे अनमोल हस्ती है

बयां ना कर पायेगा कलम
से कुछ भी इरफान

वो मां ही हैं जिसके कदमों
के नीचे जन्नत मिलती है

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो जॉना...

अधूरा है चांद और अधूरी रात भी

तुम बिन में अधूरा,अधूरी आशिकी

Irfan...✍️

20/2/24 tue 4:00

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

कुछ लोगो को रास नहीं आती है इज्जत

दूर रहे वो मुझ से मुझे भी नही अब फुर्सत

Irfan...✍️

19/2/2024 monday 7:30 pm

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो तो...

मरते होगे बहुत सूरत ए यार पर

हम तो हुए फिदा तेरी सीरत पर

Irfan...✍️

19/2/2024 monday 11:30 am

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

उनके प्यार के नशे मैं
कुछ हम ऐसे खो गए

पता भी ना चला हमे
कब आप के हो गए

बहके रहे ताउम्र प्यार मैं
हम अपनी जिंदगी भूल गए

सोचा था मोहब्बत ना करेगे
लेकिन उनके होकर रह गए

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

इरफान अपने हर अरमानों
को दफनाए बैठा है

गहरे इन जख्मों को
दिल मैं दबाए बैठा है

अपने एहसासों को अंजुमन
मैं छुपाए बैठा है

दर्द मैं भी इरफान मुस्कुराता
चेहरा लिए बैठा है

जानता है इरफान हम
एक नही हो सकते

फिर भी दिल मैं मिलने
की आस लगाए बैठा है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

हर जख्म कभी मिटाए
नही जाते

दाग दिल मैं लगे हो दिखाए
नही जाते

दर्द रूह की महसूस की
जाती है

लेकिन दर्द कभी बताए
नही जाते

जो तड़पा हो इश्क मैं
वो तड़पते है मछलियों
की तरह

हर आशिक ऐसे तड़पाए
नही जाते

इश्क की आग मैं जो जले
वो शोले कभी बुझाए
नही जाते

अश्क आंखों के इरफान
से कभी छुपाए नही जाते

सनम की यादों को भुलाने
से भी भूले नही जाते

ख्वाबों मैं भी है इरफान
के वो करीब इतना के
करीबिया मिटाए नही जाते

इरफान का नसीब बन चुका है
जख्म दर्द अश्क तड़पना जलना
ये नसीब बदलने से बदले
नही जाते

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो तो

मोहब्बत दिल से होनी चाहिए

और मोहब्बत करने वाला दिल मैं

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

मैं नही चाहता के उसके दिल मैं डर हो

वो कहे दिल की बात अपनी मुझे फख्र हो

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno to

अब मेरा दिल नही करता
के दिल की बात करू

जो होता है मेरे साथ वो
चुप चाप सहता रहूं

जो खुद एहसासों की बात
क्या करते है

वो ना समझे मेरे जज़्बात
तो मैं अब कहा रहूं

कभी कभी तो लगता है सब
बहरे है यहां

किसे सुनाऊं हाल दिल का
बेहतर है में खामोश रहूं

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो

कभी कभी वो झूठ बोल देती है
और मैं मान भी लेता हूं

वजह बस इतनी सी है के मैं उस
से बहुत प्यार करता हूं

वो समझती है के मुझे खबर नही
में उसे शर्मिंदा करना नही चाहता हूं

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो,


ये पश्चिमी सभ्यताएं हमें, कुछ रास नहीं आतीं, तुम्हें छठ वाला संस्कार चाहिए, तो हाँ है...


ये वैलेंटाइन की रश्में हमें, समझ कुछ खास नहीं आतीं, तुम्हें मांझी वाला प्यार चाहिए, तो हाँ है...


-लफ़्ज-ए- मनीष

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो तो...

क्या लिखुं आखिर
में अपने हालात पर

गहरे जख्म तो मेरे
अपने देते है जिस्म पर

Irfan...✍️

24.2.24 SUT 12:30 pm

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो जॉना...

बड़ा बेसब्र सा हो गया हु तेरे इंतजार मैं

समेट लूं आगोश मैं करू बेइंतेहा प्यार मैं

Irfan...✍️

23/2/24 fri 1:30 pm

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो जॉना

बड़ी मशरूफ हो तुम
तुम्हे फुर्सत कहा

मैं आज भी ढूंढ रहा हूं
तेरे कदमों के निशा यहां वहा

तरस गया सुनने को तेरी आवाज
चला जाता हूं मेहफिले सजती है
जहा जहा

हर तरफ सिर्फ तेरा चेहरा दिखता है
ढूंढू अब तुझे में कहां कहां

तेरी यादें जीने नही देती मुझे
तू मेरे ख्वाबों ख्यालों में रहा रहा

Irfan...✍️

21/2/2024 wed 11:30 am

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो ना....

उफ्फ तेरा ये इंतजार करना

हर वक्त घड़ी को तकना

ये तेरी यादों का काफिला

और तड़पने का मजा चखना

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो तो...

कैसे होती मेरे दिन की शुरुआत

ए इरफान

ना कोई पैगाम आया ना कोई सलाम उसका

Irfan...✍️

20/2/2024 tuesday 1:45 pm

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

मुझे तिनका तिनका समेटना
तेरे पहलू मैं जो बिखर जाऊ

तुम अगर इजाजत दो तो
उमर भर यही ठहर जाऊ

बनके कजरा तेरे पलको
मैं सजता रहु

धड़कन बन कर तेरे दिल
मैं बस जाऊ

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

हमारी निगाहों मैं वो रहा करते है

सितम तो देखिए वो हर जगह नजर आया करते है

Irfan...✍️

19/2/2024 monday 10:16

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

तेरी निगाह को फुर्सत
कहा दीदार की

नही तो मर्ज इश्क का
ला इलाज नहीं था

इरफान तो वहा भी मोहब्बत
का चिराग जलाकर आया

जिस शहर मैं वफा का कोई
नाम ओ निशान ना था

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

दर्द है सीने मैं लबों
पर जज़्बात नही आते

वो गुजरे लम्हात फिर
लौट कर नहीं आते

बिखर जाते है लोग
राह ए इश्क मैं

बेवफा जो हो जाते है
लौटकर कभी नही आते

यादों मैं जिसकी गुजारी
है तन्हा अकेले राते

तन्हाई के वो लमहात
कभी लौट कर नही आते

शिकवा करू किया मैं
अपनी जिंदगी का

जाने वाले चले जाते है
वो कभी लौटकर नहीं आते

इरफान को तो मयस्सर
भी नही दो पल की खुशी
मोहब्बत की

और वो कहते है मजबूरी है
छोड़ कर हमे चले क्यू नही
जाते

irfan..✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो ना...

पल भर के लिए सही
तेरा दीदार तो हो

फासलों मैं सही लेकिन
एक ख्वाब तेरा तो हो

Irfan...✍️

16-feb-2024 friday 6:15

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

आज इरफान की कलम भी
दर्द दे गई

लफ्ज़ जो लिखे वर्क पर जख्म
कुरेद गई

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

मुंतजिर थी मेरी आंखे
जिसके दीदार के लिए

उन्होंने ही तड़पाया बहुत
रुख से पर्दा हटाने के लिए

कोशिश तो शिद्दत से की
उसकी याद ना आने के लिए

कोई तरकीब ही नही मिली
उन्हे भूल जाने के लिए

ख्वाबों मैं भी आ जाया करते
थे बिना इजाजत तड़पाने के लिए

मोहब्बत करके मुझसे उसने
दीवाना बना दिया मुझे फना
करने के लिए

irfan..✍️ old 1

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो तो

कुछ बातो को देख कर
भी अनदेखा कर देना
चाहिए,

रिश्ता अगर बचाना हो
तो गलतियों को माफ
कर देना चाहिए।

Irfan...✍️

15/2/2024 thursday 12:20

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो तो...

यू तो बहुत कुछ है पास मेरे
बस तेरी ही कमी है

मुस्कुराता चेहरा है मेरा मगर
आंखो में मेरी नमी है

सेहरा में भी खिल जाते है
फूल मोहब्बत के

एक मेरे ही दिल की बंजर
जमीं है

ढूंढता रहा मैं साया मोहब्बत
का अक्सर

है कड़क धुँप और मौसम मैं
बड़ी गर्मी है

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

किस्सा बेवफाई का तेरा
अपनी शायरी मैं लिखूंगा

फिकर मत कर उसमे
तेरा नाम नही लिखूंगा

irfan..✍️

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