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Telegram-канал kalam_se_alfaaj - कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

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Bohot jaan lewa he 🥺 Ye jaan kehne wale...😊

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

चढ़ता सूरज जाते जाते
सियाह रात दे गया

अपनी जगह वो हर घर
रोशन चिराग कर गया

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

डालकर आदत बेपनाह मोहब्बत की ।।

अब कहते हैं कि समझा करो वक्त नही है।।


🥺😭🥺

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो तो

मशवरा तो यहां लोग मुफ्त में दे देते है

पूछा क्या आप भी इसपर अमल करते है

Irfan...✍️

28/4/24 sunday 7:45pm

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

जिस पर रब की रहमत हो
वो खजाना नही मांगता

मोहब्बत करने वाला कभी
मोहब्बत नही मांगता

जिस मेहबूब को मिल जाए
आशिक का साथ

फिर वो रब से और कुछ
नही मांगता

है इंतजार मैं इरफान आज
भी तेरे

क्योंकि उभरता सूरज कभी
इजाजत नही मांगता

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

यूँ फिर एक उम्मीद पाली है हमने ....


तेरे पते पे फिर एक चिठ्ठी डाली है हमने...🥺🖤

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

कद्र ना हो तो एहसासों को भी दबा देना चाहिए

ना समझे जज्बातों को तो खामोश हो जाना चाहिए

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

अगर उन्हें लफ्जो मैं
लिखना आसान होता

तो वो कोई किस्सा नही
मेरा ही एक हिस्सा होता

Irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

उदास दिन है मेरे गमगीन राते है
मेरे आशियाने मैं शोलो की बरसाते है

किसे कहे अपना किसे पराया कहे
यहा खंजर हाथो मैं लिए बैठे है

इल्जाम भी लगाए कतल का किस पर
यहां सब के हाथ लहू से रंगे दिखते है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

मैंने पहली बार लिखते हुए नहीं सोचा था कि मुझे इतना भी पढ़ा जाएगा किसी का हाथ छोड़ते हुए नहीं सोचा था कि इतने लोग मुझे गले लगायेंगे हार कर रात भर करवटें बदलते हुए नहीं सोचा था एक रोज़ जीत की आहट रात भर सोने नहीं देगी


तुम भी..


लिखते हुए, बिछड़ते हुए, जागते हुए शायद सोच नहीं पाओगे संभावनाओं के बारे में लेकिन होगा, बहुत कुछ होगा बहुत कुछ अच्छा होगा ।



-लफ़्ज-ए- मनीष

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

सुनो तो...

तुम्हे चाहे ना हो जरूरत हमारी

मुझे तो है सिर्फ जरूरत तुम्हारी

Irfan...✍️ 23:4:24 tue 4:10pm

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

जान तुम्हारा भी याद आना
कमाल होता है

आंखो मैं जैसे एक सैलाब
होता है

कभी तो वो खुद आकर
दीदार दे

जिस पर मेरा दिल जांनिसार
होता है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

तेरी इजाजत हो और तू ही तू रहे
मुझ में तेरे एहसास तेरे जज़्बात रहे


बाकी ना मैं रहूं ना मेरी आरजू रहे
मुझमें अब तेरी ही जुस्तजू रहे

जब तक हो धड़कता दिल मेरा
हर धड़कन मैं सिर्फ तेरा नाम रहे

लू जब भी सांसे मैं उन सांसों में
महक जाऊ में सांसों की खुशबू रहे

जब तक जिस्म मैं जान रहे
तू ही मेरा हमनवा हमराज रहे

बस तेरा ही हो जिक्र हमेशा
और जुबान पर तेरा नाम रहे

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

फितरत थी उसकी धोका देना
धोके से हर बार धोके दिए

गलतफहमी मैं थे वो के हम
धोके मैं है जो इतने हमे धोके
दिए

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

हर पल हम सच्चे
हर पल हम सच्चे भारतीय बनकर
देश के प्रति अपना फर्ज निभाएंगे
जरुरत पड़ी तो लहू का एअक-ेआक कटरा
देकर आईएएस धरती का कर्ज चुकाएंगे!


Harish

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

और कितना दूर जाऊ मैं
अपनी यादों से ए इरफान

अब तो अपना अक्स भी मुझे
अनजाना सा लगता है

कोई आवाज दे मुझे अपना तो
वो शख्स भी पराया लगता है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

हमने तो कभी नही चाहा था हमे मोहब्बत हो

लेकिन उसकी पहली नज़र ने हमे नीलाम कर दिया।



✍ Dashanan ravan😈

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

लगा कर मेरे बोलने पर पाबंदी
उसने मुझे लिखना सीखा दिया

जब भी लिखी मैने कोई शायरी
लफ्जों ने उसका चेहरा बना दिया

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

कभी तु मेरे खयालों में आया
कभी तुम्हारे ख्वाबों ने सताया

मुझे सताने के लिए तुमने
हर एक हुनर आजमाया

तुमसे मोहब्बत करने के
बाद हमे ये मालूम हुआ

जख्म बेहिसाब दिए है तुम
ने हर सितम आजमाया

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

ठहरना तो चाहा उसकी ज़िंदगी का हिस्सा बन कर

मगर रह गए महज़ एक किस्सा बन कर।
😇😇

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Had to ye hai ki mout bhi takti hai dur se muje ,
Use bhi intjar hai meri khud Khushi ka

✍🏻 dashanan ravan

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

जब मैं कहता हूँ - 'मैं ठीक हूँ'
मैं चाहता हूँ कि कोई मुझे कसकर पकड़ अपनी आँचल तले सर रख मेरे बालों को सहलाये और कहे कि '
नहीं, मुझे पता है कि तुम ठीक नहीं हो'


-लफ़्ज-ए- मनीष

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

लूटा दिया अपना सारा वक्त
क्या तुझे एहसास नही

अफसोस इस बात का है के
तेरे पास मेरे लिए वक्त नही

Irfan...✍️ 3:2:24 11:00am

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

वफा की हैं हमने अक्सर
हम बेवफाई नही करते

तुम्हे देखती है मेरी आंखे
गेर को देखना मुनासिब नही
समझते

धड़कता है दिल तेरे लिए
वो दिल की सदा नही सुनते

बेइंतेहा मोहब्बत है तुमसे
लेकिन हम तुम्हे रुसवा नही
करते

Irfan...✍️ Old 1

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

तेरो महक तेरी चाहत
तेरी यादें लाए है

आज हम फिर से तेरी
महफिल मैं आए है

irfan...✍️ Old 1

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

ए जिंदगी हैरत है मुझे
अपनी जिंदगी पर

जिस्म तो मेरा है लेकिन
सांसे उसकी चल रही है

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

sᴜɴᴏ

बहुत कुछ कहना होता
है मुझे तुमसे

लेकिन खुद को समेट लिया
करता हु

एक तू ही रही है मेरी नज़रों में

मैं खुद को अपने ही दायरे मैं
कैद कर लिया करता हु

मायने नही रखते अब ये
महफिल मेरे लिए

मैं तन्हा खुद से ही बात
कर लिया करता हु

irfan...✍️

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

है कौन कहाँ कुछ पता नहीं।
एक दिन तो मिल ही जाएगी।
जब पास में मेरे बैठेगी।
फिर दूर न होने पायेगी।
मैं याद करूँगा जब उसको।
तब हाजिर वह हो जाएगी।
परेशान रहूँगा जब भी मैं।
वह हंसना मुझे सिखाएगी।
जी भर देखूंगा मैं उसको।
जब थककर वह सो जाएगी।
है कौन कहाँ कुछ पता नहीं।
एक दिन तो मिल ही जाएगी।


-लफ़्ज-ए- मनीष

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

एक सैनिक ने क्या खूब कहा है.
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।

जय हिन्द
Harish

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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

/channel/SSCExam_Defence_Prepration
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कलम से अल्फाज(दर्द भरी शायरी❤️‍🩹)

Suno

मैने तुझे समझना चाहा
तूने समझा ही नहीं मुझे

लो में खामोश हो गया
अब कुछ नही कहना तुझे

Irfan...✍️

18.4.24 thursday 9:00pm

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