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Khani Chudai Ki

5 मिनट और चुदवाने के बाद जब वो फिर से झाड़ गयी तो मैने उसकी कमर को पकड़ कर तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी. अब उसे खूब मज़ा आ रहा था. मैने पूचछा अब कैसा लग रहा है. वो बोली अब बहुत मज़ा आ रहा है. मैने कहा जब मैं तुम्हें दूसरी बार चोदुन्गा तब और ज़्यादा मज़ा आएगा. मैं बहुत जोरदार धक्के लगाते हुए नेहा को चोदने लगा. 10 मिनट तक और चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झाड़ गया. वो भी मेरे साथ ही साथ फिर से झाड़ गयी. मैं थोड़ी देर तक उसके उपर लेता रहा और उसके होठों को चूमता रहा. उसके बाद मैं हट गया और उसके बगल में ही लेट गया. मैने उसे अपनी बाहों में लपेट लिया और उसके बूब्स को मसल्ते हुए उसके होठों को चूमने लगा. 30-35 मीं बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैने नेहा से कहा बातरूम जा कर अपनी चूत को साबुन से सॉफ कर लो फिर मैं तुम्हारी दोबारा चुदाई करूँगा. वो बाथरूम जाने के लिए उठना चाहती थी लेकिन उठ नहीं पा रही थी. उसकी चूत काई जगह से काट गयी थी और एक दम सूज गयी थी. उसकी छूट पर खून के साथ साथ मेरे लंड का और उसकी छूट का ढेर सारा जूस लगा हुआ था इस लिए उसकी छूट एक दम गुलाबी दिख रही थी. मैने उसे सहारा दे कर उठा दिया तो उसके मूह से हल्की सी चीख निकल गयी. मैने पूचछा क्या हुआ तो वो बोली बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है. मैने कहा धीरे धीरे आराम से बाथरूम चली जाओ और अपनी को चूत को साबुन से सॉफ कर लो. अबकी बार चुदवाने के बाद तुम्हारा दर्द कम हो जाएगा. वो बोली पहले तुम वादा करो की इस बार धीरे धीरे चोदोगे. मैने कहा ठीक है मैं वादा करता हूँ की

जब तक तुम नहीं कहोगी मैं तुम्हें धीरे धीरे ही चोदुन्गा. वो एक दम धीमी चल से बाथरूम जाने लगी.उसके कदम लड़खड़ा रहे थे. थोड़ी देर बाद जब वो बाथरूम से वापस आ गयी तो मैने अपना लंड उसके मूह में दे दिया और वो मेरा लंड चूसने लगी. जब मेरा लंड एक दम टाइट हो गया तो मैने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. उसकी चूत काई जगह से कट गयी थी. मेरा खूब मोटा और 8" लंबा लंड अंदर लेने की वजह से उसकी चूत का मूह अभी तक खुला हुआ था. मैने उसकी चूत को चाटना जारी रखा तो थोड़ी ही देर में वो सिसकारियाँ भरने लगी. उसे अपनी चूत चटवाने में बहुत मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर तक उसकी चूत को चाटने के बाद मैने नेहा से डॉगी स्टाइल में होने को कहा तो वो डॉगी स्टाइल में हो गयी. मैने अपना लंड उसकी चूत के बीच रख कर अंदर दबाना शुरू कर दिया. वो सिसकारियाँ भरने लगी. जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में 4" तक घुसा तो उसे फिर से दर्द महसूस होने लगा और वो चीखने लगी. मैने कहा घबदाओ मत. अभी तुमने केवल एक बार चुड़वाया है और तुम्हारी चूत अभी भी टाइट है. तुम्हें इस बार ज़्यादा दर्द नहीं होगा. मैने अपना लंड उसकी चूत में घुसना जारी रखा. जब मेरा लंड 6" तक घुस गया तो वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. मैने फिर और ज़्यादा ज़ोर नहीं लगाया और उसे धीरे धीरे चोदने लगा. 5 मीं की चुदाई के बाद जब वो झाड़ गयी तो मैने अपना लंड और ज़्यादा अंदर घुसा दिया. वो फिर से चिल्लाने लगी. अब मेरा लंड उसकी चूत में 7" तक घुस चुका था.

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थोड़ी देर बाद उस फिल्म में लड़की ने लड़के का लंड मूह ले कर चूसा शुरू कर दिया. मैने नेहा से कहा तुम भी मेरा लंड मूह में ले लो और चूसो. उसने इनकार कर दिया तो मैने उसके गाल पड़ एक थप्पड़ लगा दिया और कहा जैसा जैसा मैं कहता हूँ चुप चाप वैसा वैसा करती जाओ. नहीं तो आज मैं तुम्हारी बहुत पिटाई करूँगा और तुम्हें कोई बचाने नहीं आएगा. मैं बहुत ही गुस्से वाला था और वो मेरा गुसा पहले भी काई बार देख चुकी थी. वो डर गयी और उसने मेरा लंड अपने मूह में ले लिया और चूसने लगी. कुच्छ देर बाद मैने नेहा से कहा तुम भी उस फिल्म वाली लड़की की तरह अपने सारे कपड़े उतार दो और एक दम नंगी हो जाओ. मेरे थप्पड़ लगाने की वजह से वो बहुत डारी हुई थी. उसने धीरेधीरे अपने सारे कपड़े उतार दिए लेकिन पॅंटी नहीं उतारी.मैने कहा उसकी पनटी की तरफ इशारा करते हुए कहा, इसे कौन उतारेगा. वो नहीं मानी तो मैने उसकी पॅंटी एक झटके से फाड़ दी. अब वो मेरे सामने एक दम नंगी हो गयी. मैने उस से कहा अब मेरे पास आ कर मेरा लंड चूसो. वो चुप चाप मेरे बगल में बैठ गयी और मेरा लंड चूसने लगी. मैने अपना हाथ उसकी चूत पर लगा दिया तो उसने एक ज़ोर की सिसकारी ली और बोली अपना हाथ हटा लो, मुझे गुदगुदी हो रही है. मैने कहा इसी में तो मज़ा आएगा. वो मेरा लंड चूस्ति रही और मैं उसकी चूत को सहलाने लगा. वो सिसकारियाँ भरती रही तो मैने पूचछा कैसा लग रहा है. उसने शरमाते हुए कहा अच्च्छा लग रहा है. थोड़ी देर तक उसकी चूत को सहलाने के बाद मैने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी तो वो ज़ोर से चीख उठी, उई..... माआ...... दर्द हो रहा है. मैं कहा अभी ये दर्द ख़तम हो जाएगा और मैने अपनी उंगली उसकी चूत के अंदर बाहर करनी शुरू कर दी. वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगी. थोड़ी ही देर में उसकी चूत एक दम गीली हो गयी. फिल्म में लड़के के लंड का जूस लड़की के मूह में निकल चुका था और लड़की उसके लंड को चाट चाट कर सॉफ कर रही थी. मेरा भी जूस निकलने वाला था. मैने नेहा से मेरे लंड का भी जूस निकलने वाला है. तुम उस लड़की की तरह सारा जूस निगल जाना और फिर मेरा लंड चाट चाट कर सॉफ कर देना

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तुम एक दम नंगे हो इस लिए मुझे शरम आ रही है. मैने कहा कैसी शरम. यहाँ मेरे और तुम्हारे अलावा कोई नहीं है. जाओ बेडरूम से मेरा टवल ले आओ.

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ये कहानी तब की है जब मैं 22 साल का था . सब मुझे राज या राजू कह कर बुलाते हैं. घर पर मेरे अलावा मेरे भैया मोहन और भाभी सोनिया हैं. भाई की शादी 1 साल पहले ही हुई थी. भाभी एक दम गोरी और स्लिम हैं. दिखने में वो बहुत ही सेक्सी लगती हैं. उनकी कमर भी बहुत ही पतली है. भैया की उमर 24 साल और भाभी की उमर 20 साल की है. हमारे घर एक नौकरानी काम करने आती है. उसका नाम मधु है और उसकी उमर 34-35 साल की है. उसका रंग कुच्छ सांवला है लेकिन उसकी फेस कटिंग बहुत ही अच्छि है. वो हमारे घर 5-6 साल से काम करती है. मधु की एक लड़की है जिसका नाम नेहा है. नेहा की उमर 16 साल की है. दिखने में वो अपनी मा से बहुत ज़्यादा खूबसूरत है. वो जब 10-11 साल की थी तब से ही अपनी मा के साथ कभी कभी हमारे घर आया करती है. नेहा जब से जवान हुई है तब से ही मैं उसे चोदने का ख्वाब देखता रहता हूँ. एक दिन भैया और भाभी 10 दीनो के लिए टूर पर चले गये. उस दिन जब मधु काम करने आई तो घर पर केवल मैं था. मधु ने मुझसे पूछा की भैया और भाभी घर पर नहीं हैं क्या. मैने कहा वो 10 दीनो के लिए बाहर गये हैं. उसके बाद वो अपने काम में लग गयी. मैने मधु से कहा मैं नहाने जा रहा हूँ, तुम नाश्ता बना दो.

वो नाश्ता बनाने चली गयी और मैं नहाने चला गया. बचपन से मेरी आदत थी कि मैं बहुत ज़्यादा देर तक नहाता था और नहाते समय कभी भी बाथरूम का दरवाज़ा बंद नहीं करता था. ये बात मेरे भैया और भाभी जानते थे लेकिन उन्होने कभी मुझे टोका नहीं. मधु ये बात नहीं जानती थी. भाभी बहुत नटखट थी और केयी बार नहाते समय अचानक बाथरूम में आ चुकी थी और मुझे एक दम नंगा ही नहाते हुए देख चुकी थी. उन्होने केयी बार मेरा लंड भी देखा था. वो कभी कभी मुझसे मज़ाक में कहती थी देवर जी, तुम्हारा लंड बहुत ही लंबा और मोटा है. मेरा मन भी इसका स्वाद चखने का होता है. मैं केवल मुस्कुरा कर रह जाता था. वो जब मुझे ज़्यादा छेड़ती तो मैं कह देता चलो बेडरूम में. तब वो मुस्कुरा देती. उस दिन जब मुझे नहाते हुए बहुत देर हो गयी तो मधु बाथरूम के पास आई और जैसे ही उसने दरवाज़े पर हाथ रखा तो दरवाज़ा खुल गया. मेरा लंड एक दम खड़ा था. उसने मुझे एक दम नंगा देखा तो हस्ने लगी और जैसे ही उसकी निगाह मेरे 8" के लंबे और मोटे लंड पर पड़ी तो वो मेरा लंड देखती ही रह गयी. थोड़ी देर बाद मैने उस से पूचछा क्या हुआ. उसने मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा आज तक मैने ऐसा औज़ार नहीं देखा. मैने कहा तो अब देख लो. मैने अपना लंड हाथ में पकड़ लिया और उसे दिखाने लगा. थोड़ी देर तक वो मेरा लंड देखती रही तो मैने पूचछा तुम्हारे पति का औज़ार कितना बड़ा है. वो बोली तुम्हारे औज़ार से बहुत छ्होटा और पतला. उसकी आँखें जोश से गुलाबी सी होने लगी थी. वो बोली मैं इसे अपने हाथ से पकड़ कर देख लूँ. मैने कहा देख लो. उसने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और बहुत देर तक देखती रही. कुच्छ देर बाद उसने मेरा लंड सहलाना शुरू कर दिया तो मैने कहा ये क्या कर रही हो मधु. अभी इसका सारा पानी निकल जाएगा. वो बोली तो क्या हुआ, अगर तुम चाहो तो इसका पानी मेरे मूह में निकाल दो. मैने कहा इसका पानी तो चूत में निकाला जाता है. उसने कहा तो चूत में ही निकाल दो ना, मैं तय्यार हूँ. मैने पूचछा इसे अपनी चूत के अंदर ले पावगी, दर्द बहुत होगा. वो बोली मैं तो अब इसे पूरा का पूरा अंदर ले कर रहूंगी, चाहे जो हो जाए. मैने कहा ठीक है. वो बोली मैं इसे एक

बार चूस लूँ. मैने कहा अगर इसका पानी निकल गया तो. उसने कहा मैं एक बूँद भी बाहर नहीं गिरने दूँगी. सारा का सारा पानी निगल जाउन्गि. मैने कहा चूस लो. मधु ने मेरा लंड अपने मूह में ले लिया और चूसने लगी. उसे बहुत मज़ा आ रहा था. वो बहुत तेज़ी के साथ और बड़े प्यार से मेरा लंड चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मेरे लंड का जूस उसके मूह में निकालने लगा तो उसने सारा का सारा जूस निगल लिया. सारा जूस निगलने के बाद उसने मेरा लंड चाट चाट कर सॉफ कर दिया. मैने कहा अब चलो नाश्ता लगा दो. वो नाश्ता लगाने चली गयी और मैं नहाने लगा. मैं नहा कर ड्रॉयिंग रूम में आया और नाश्ता करने लगा. नाश्ता करने के बाद उसने मुझसे कहा अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा है. अब तुम मुझे चोद दो. खूब ज़ोर ज़ोर से चोदना. मैने कहा ठीक है. पहले इसे चूस कर तय्यार तो करो. उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैने उसे ज़मीन पर लिटा दिया और उसकी टाँगों के बीच आ गया. मैने अपना लंड उसकी चूत के बीच रख दिया और उसकी टाँगों को पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा. एक ही धक्के में मेरा लंड उसकी चूत में 5" तक घुस गया. शायद उसके पति का लंड 5" का रहा होगा. वो चिल्लाने लगी तो मैने कहा चिल्लओ मत वरना मैं तुम्हें नहीं चोदुन्गा. वो बोली बहुत दर्द हो रहा है. मैने कहा तो इस दर्द को बर्दास्त करो.

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मैने फिर से धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए. कुच्छ देर बाद मेरा दर्द जब कम हुआ तो मैने इस बार एक गहरी सास लेकर अपने पूरे बदन का वजन डालते हुए उसके लंड पर बैठ गयी. इस बार मैं दर्द से तड़प उठी. मेरी आँखो मे आँसू आ गये. मेरा चेहरा पसीने से भीग गया. उसका पूरा लंड मेरी चूत मे समा चुका था. मैं थोड़ी देर तक उसका पूरा लंड अपनी चूत मे डाले हुए उसके लंड पर बैठी रही. 2-3 मिनट बाद मैने धीरे धीरे धक्का मारना शुरू किया. दर्द अभी भी हो रहा था लेकिन मज़ा भी आने लगा था. मैने अपनी स्पीड थोड़ा तेज की तो मेरा दर्द बढ़ गया लेकिन जो मज़ा मुझे मिल रहा था उसके आगे ये दर्द कुच्छ भी नही था. 25-30 धक्को के बाद मेरा दर्द जाता रहा और मुझे खूब मज़ा आने लगा. मैने अपनी स्पीड तेज कर दी. मैं उसके लंड पर हवा मे उच्छल रही थी. मैं जब नीचे आती तो पूरे बदन के वजन के साथ उसके लंड पर बैठ जाती थी. राजू को भी खूब मज़ा आ रहा था. जब मैं नीचे आती तब वो भी अपने चूतड़ को उठा देता था. 5 मीं बाद ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. पूरा पानी निकल जाने के बाद मैं उसके उपर से हट गयी.
मैं बुरी तरह से हाफ़ रही थी. मेरा चेहरा पसीने से लथ पथ था. मैने राजू से कहा “अब मैं डॉगी स्टाइल मे हो जाती हू. तुम मेरे पिछे से आकर मेरी चुदाई करो.” मैं ज़मीन पर डॉगी स्टाइल मे हो गयी. राजू मेरे पिछे आ गया. उसने मेरी चूत के लिप्स को फैला कर अपने लंड का टोपा बीच मे रख दिया तो मैं बोली “एक झटके से पूरा लंड डाल दो मेरी चूत के अंदर.” उसने मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ा और पूरी ताक़त के साथ एक झटका मारा और उसका 9″ का लंड सनसनाता हुआ मेरी चूत की गहराइयों मे समा गया. डॉगी स्टाइल मे होने की वजह से मेरी चूत एक दम दबी हुई थी इस लिए मुझे उसका मोटा और लंबा लंड अपनी चूत के अंदर लेने मे फिर से तकलीफ़ हुई. मेरे मूह से एक जोरदार चीख निकल पड़ी. मैने राजू से कहा “रूको मत, ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे.” राजू ने मेरी कमर को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए. वो मुझे आँधी की तरह चोदने लगा. उसका हर.
धक्का मुझ पर भारी पड़ रहा था. उसका लंड मेरे बच्चेदानि को ज़ोर ज़ोर से ठोकर मार रहा था जैसे कोई उसकी पिटाई कर रहा हो. 3-4 मिनट मे ही मेरी चूत रोने लगी और उसके आँसू निकल पड़े. राजू का लंड एक दम भीग गया और मेरी चूत मे आराम से अंदर बाहर होने लगा. राजू ने अपनी स्पीड और तेज कर दी. मैं हिचकोले खा रही थी. मेरी चूत से फ़च फ़च की आवाज़ निकाल रही थी. 10 मिनट भी नही बीते थे कि मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया. राजू ने मेरी कमर को छोड़ कर मेरे बूब्स को पकड़ लिया. फिर उसने मेरे बूब्स को मसल्ते हुए ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा कर मुझे चोदने लगा. उसका हर धक्का इतना तेज था कि मैं हर धक्के के साथ आगे सरक जाती थी. वो मुझे इसी तरह चोदता रहा और मैं आगे सरक्ति रही. थोड़ी देर बाद मेरा सिर ड्रॉयिंग रूम की दीवार से सॅट गया तो राजू बोला.
डिंपल भाभी, अब कहाँ भाग कर जाओगी.” और उसने मुझे एक दम आँधी की तरह चोदना शुरू कर दिया. अब मैं आगे नही सरक पा रही थी इस लिए उसका हर धक्का बहुत ज़ोर ज़ोर का लग रहा था.15-20 मिनट बाद मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया और इस बार मेरे साथ ही साथ राजू के लंड ने भी पानी छोड़ दिया और मेरी चूत भर गयी. पूरा पानी मेरी चूत मे निकाल देने के बाद राजू ने अपना लंड बाहर निकाला और जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा. उसने मेरी चूत को चाट चाट कर सॉफ कर दिया और उसके बाद उसने अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया. मैने भी उसका लंड चाट चाट कर एक दम सॉफ कर दिया. उसके बाद हम दोनो एक दूसरे से लिपट कर वही ज़मीन पर लेट गये.इसी तरह 3 दिनो तक राजू मुझे तरह तरह के स्टाइल मे चोदता रहा. मुझे उस से चुदवाने मे बहुत मज़ा आया. अब मेरी चूत एक दम चौड़ी हो चुकी. राजू अब चाहे जिस स्टाइल मे मेरी चूत मे अपना लंड घुसाता मुझे थोड़ा भी दर्द नही होता था और उसका लंड मेरी चूत मे एक दम गहराई तक आराम से घुस जाता था.

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मैं तो अब तुम्हारी हू.” वो बोला “क्या मैं आपकी चूत को चाट सकता हू.” मैने कहा “तुमको इज़ाज़त लेने की क्या ज़रूरत है. तुम जैसा चाहो करो. अभी तो मुझे तुम्हारा पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लेना है.” राजू उठ कर मेरे उपर 69 की पोज़िशन मे लेट गया. उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया. मैं भी जोश मे थी.
मैने उसका लंड अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. थोड़ी देर बाद उसका लंड एक दम टाइट हो गया. वो मेरे उपर से हट गया और मेरे पैरो के बीच आ कर बैठ गया. मैने राजू से कहा “मेरी कमर के नीचे तकिया रख दो. इस से मेरी चूत उपर उठ जाएगी और तुमको चोदने मे आसानी हो जाएगी.” उसने मेरी कमर के नीचे 2 तकिये रख दिए. फिर उसने मेरी चूत के लिप्स को फैलाया और अपने लंड का टोपा बीच मे टिका दिया. उसके लंड का टोपा अपनी चूत पर महसूस करते ही मेरे सारे बदन मे सुरसुरी सी दौड़ गयी. फिर उसने मेरे पैरो को पंजे के पास से पकड़ कर दूर दूर फैला दिया. मैने राजू से कहा “राजू, तुम मेरे पैरो को मेरे कंधे के पास सटा दो. उस ने मेरे पैरो को मेरे कंधे के पास सटा दिया तो मेरी चूत और उपर उठ गयी. वो बोला ” डिंपल भाभी, तुमहरि चूत तो एक दम उपर उठ गयी.” मैने कहा “इस से तुमको अपना लंड मेरी चूत के अंदर घुसाने मे आसानी हो जाएगी और दूसरे जब तुम अपना पूरा लंड मेरी चूत मे घुसाने लगॉगे तो मुझे बहुत ज़्यादा दर्द होगा तब मैं उस दर्द की वजह से अपनी.
चूत को इधर उधर नही कर पाउन्गि और तुम आसानी से अपना पूरा लंड मेरी चूत के अंदर डाल कर मुझे चोद सकोगे. राजू मैं तुमसे एक बात और कहना चाहती हू.” राजू ने कहा “वो क्या.” मैने कहा “जब तुम अपना पूरा लंड मेरी चूत मे घुसाने की कोशिश करोगे तो मुझे बहुत दर्द होगा. मैं बहुत चिल्लाउन्गि और ताड़पुँगी लेकिन तुम इसकी परवाह मत करना, अपना पूरा लंड मेरी चूत मे डाल देना और खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाना, रुकना मत.” राजू बोला “ठीक है, डिंपल भाभी.” फिर मैने उसके सिर को पकड़ कर अपनी तरफ खीचा और उसके होंठो पर अपने होठ रख दिए और कहा “चलो, अब शुरू हो जाओ.” उसका लंड 5″ तक तो मैं एक बार पहले ही अंदर ले चुकी थी लेकिन मेरी चूत अभी तक टाइट थी. उसने मेरे पैरो को मेरे कंधे पर दबाते हुए जैसे ही एक धक्का मारा तो उसका लंड मेरी चूत के अंदर 5″ तक आसानी से चला गया. मुझे बहुत हल्का सा दर्द हुआ. मैने उसके सिर को पकड़ लिया और उसके होंठो को चूमने लगी. उसने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया. मुझे जोश आने लगा और थोड़ी देर मे ही मेरी चूत से पानी निकल गया. अब मेरी चूत एक दम गीली हो गयी और राजू का लंड भी भीग गया. अब किसी आयिल या क्रीम की ज़रूरत नही थी.
मैने राजू से कहा “अब पूरी ताक़त के साथ अपना लंड मेरी चूत मे घुसाना शुरू कर दो, अब रुकना मत. पूरा लंड मेरी चूत मे घुसा देना और उसके बाद बिना रुके ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाना.” वो बोला “ठीक है, डिंपल भाभी.” राजू ने मेरी टाँगो को ज़ोर से दबाते हुए एक जोरदार धक्का मारा तो मेरी चीख निकल गयी उसका लंड मेरी चूत मे और ज़्यादा गहराई तक घुस गया. मैने पुछा “क्या हुआ. कितना घुसा है.” वो बोला “अभी तो केवल 6″ ही घुस पाया है.” मैने कहा “राजू, मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मैं बर्दास्त नही कर पा रही हू. तुम जल्दी से अपना पूरा लंड मेरी चूत मे डाल दो. मैं तुम्हारा ये लंबा और मोटा लंड जल्दी से अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हू.” राजू ने फिर एक धक्का लगाया तो मैं दर्द के मारे तड़पने लगी और मेरे मूह से एक जोरदार चीख निकली. उसका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ और ज़्यादा घुस चुका था और मेरी बच्चेदानि के मूह को चूम रहा था. मैने चिल्लाते हुए ही राजू से कहा “जल्दी करो, रूको मत. डाल दो अपना पूरा लंड मेरी चूत मे.” उसने फिर से एक जोरदार धक्का मारा. मुझे इस बार दर्द बर्दास्त नही हुआ.

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@aapkaraj मेरा नाम डिंपल रंग गोरा और बॉडी एक दम स्लिम. मैं भुज की रहने वाली हू. 1 साल पहले जब मैं 30 साल की थी तभी मेरी शादी चेतन के साथ हो गयी थी. उस समय चेतन की उमर 32 साल की थी. उनका रंग गोरा है और वो एक दम दुबले पतले हैं. वो एक मल्टी नॅशनल कंपनी मे कम करते हैं. मेरे ससुराल मे मेरे पति के अलावा मेरा एक देवर है. उसका नाम राजू है और उसकी उमर उस समय 30 साल की थी. अब वो 32 साल का है और बहुत ही हॅंडसम है. मेरे पति के पेरेंट्स शादी के 2 साल पहले ही एक्सपाइर हो चुके थे. चेतन और राजू एक दम फ्रेंड की तरह रहते हैं और एक दूसरे से कुच्छ छुपाते नही. राजू मुझसे एक दम खुला मज़ाक करता है. चेतन भी हम दोनो के मज़ाक का खूब मज़ा लेते हैं और बीच बीच मे कॉमेंट भी करते रहते हैं. ये 1 मंत पहले की बात है. मेरे पति को कंपनी के कम से 4 दिनो के लिए यूएसए जाना था. मेरे पति की फ्लाइट रात के 10 बजे थी. उन्होने जाते समय राजू से कहा “डिंपल का हर तरह से ख्याल रखना.” राजू बोला “ठीक है, भैया.
मैं पूरा ख़याल रखूँगा.” मैने चेतन के जाने के दूसरे दिन सुबह जब मैं बाथरूम से नहा कर बाहर आई तो मैने देखा कि राजू तो अभी तक सो रहा है. मैने अभी कपड़े भी नही पहने थे, केवल एक टवल अपने बदन पर लपेट रखा था. मैं उसके रूम मे गयी. वो एक दम बेख़बर सो रहा था. जब मेरी निगाह उसके उपर पड़ी तो मैं शरम से लाल हो गयी. मैने देखा राजू का लंड उसकी चड्धि से बाहर निकला हुआ था. उसका लंड खड़ा था. मैने आज तक ऐसा लंड कभी नही देखा था. उसका लंड लगभग 9″ लंबा और बहुत मोटा था. मेरे पति का लंड तो केवल 4 1/2″ लंबा था. मैं सोचने लगी की 2 फ्रेंड के लंड मे कितना फरक है. चेतन का लंड छोटा और राजू का बहुत मोटा और लंबा. मैं बहुत ही सेक्सी हूँ इस लिए इतना मोटा और लंबा लंड देखकर मुझे जोश आने लगा. मैं बहुत देर तक राजू के लंड को देखती रही और सोचने लगी कि काश मुझे इस लंड से चुदवाने का मौका मिल जाता. मैं मन ही मन सोचने लगी कि राजू तो मेरा देवर है और इस से चुदवाने मे कोई रिस्क नही है. राजू भी मुझसे बहुत हसी मज़ाक करता था और बातो बातो मे मेरे बदन पर हाथ भी लगा देता था. मैं भी उसे देवर होने की वजह से बहुत प्यार करती थी. हम दोनो दोस्त की तरह रहते थे. मैं धीरे से जाकर बेड पर राजू के बगल मे बैठ गयी और अपने हाथो से उसके लंड को पकड़ लिया. थोड़ी देर मे उसकी नीद खुल गयी. उसने जब मुझे अपना लंड पकड़े हुए देखा तो बोला.
डिंपल भाभी आप, आप… ये क्या कर रही हो.” मैने कहा “राजू, तुम्हारा तो बहुत बड़ा है. मैने इतना लंबा और मोटा लंड कभी नही देखा है. इस लिए मैं इसे देख रही हू.” उसने शरम से अपनी आँखे बंद कर ली. मेरे हाथ लगाने से उसका लंड और ज़्यादा टाइट हो गया. थोड़ी देर बाद उसने आँखे खोली और बोला ” डिंपल भाभी, अब रहने दो. अपना हाथ हटा लो.” मैने कहा “थोड़ा रुक जाओ, मुझे ठीक से देख लेने दो.” वो कुच्छ नही बोला. मैं अपने हाथो से उसका लंड सहलाने लगी. थोड़ी ही देर मे राजू का बदन अकड़ने लगा और वो बोला ” डिंपल भाभी, अब इसे छोड़ दो नही तो इसका पानी निकल जाएगा.” मैने कहा “मैं इसका जूस अपने मूह मे लेना चाहती हू. तुम इसका जूस मेरे मूह मे निकाल दो.” वो बहुत ज़्यादा जोश मे आ गया था. उसने मेरे सर को पकड़ कर अपने लंड के पास कर दिया. मैने उसका लंड अपने मूह मे ले लिया और चूसने लगी. थोड़ी ही देर मे उसके लंड ने अपना जूस मेरे मूह मे निकलना शुरू कर दिया. उसके लंड का जूस एक दम गरम गरम था. मैने वो सारा जूस निगल लिया. सारा जूस निगल जाने के बाद मैने उसके लंड को चाट चाट कर सॉफ कर दिया. फिर मैने उस से कहा “चलो, अब फ्रेश हो जाओ. 9 बज रहे हैं.” वो मुझसे आँखे नही मिला पा रहा था. वो चुप चाप उठा और बाथरूम चला गया. मैं किचन मे चाय बनाने चली गयी. मैने अभी तक केवल टवल लपेट रखा था. राजू फ्रेश होने.
के बाद आकर सोफे पर बैठ गया. उसने रोज़ की तरह अभी तक केवल टवल ही पहना हुआ था. मैने उसको चाय लाकर दी. वो अपना सर नीचे किए हुए चुप चाप चाय पीने लगा. मैं भी उसके साथ ही साथ चाय पीने लगी. चाय ख़तम होने के बाद मैं उसके बगल मे आकर बैठ गयी. मैने अपना हाथ उसके लंड पर रख दिया. वो कुच्छ नही बोला. फिर मैने उसकी टवल उपर कर दी तो उसका लंड बाहर आ गया. मैने उसके लंड को सहलाना शुरू कर दिया. 2 मिनट मे ही उसका लंड फिर से एक दम टाइट हो गया. वो बोला “डिंपल भाभी, आप तो मेरा लंड देखना चाहती थी और इसे देख भी चुकी हैं. प्लीज़, अब रहने दो.” मैने कहा “मैने आज तक इंते बड़े लंड से कभी नही करवाया है. मैं आज इसका मज़ा भी लेना चाहती हू. तुम्हारे भैया का तो बहुत ही छोटा है. उनका तो केवल 4 1/2″ का ही है. मुझे उस से चुदवाने मे ज़्यादा मज़ा नही आता.” वो कुच्छ नही बोला. मैने उसका टवल खीच कर फेक दिया. अब वो मेरे सामने एक दम नंगा हो गया. मैने उसके लंड को फिर से सहलाना शुरू कर दिया.

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Khani Chudai Ki

वो बोली, जीयो मेरे राजा, और तेज़ी के साथ चोदो अपनी भाभी को. अगर तुम इसी तरह धीरे धीरे मुझे चोदोगे तो मेरी चूत की आग कैसे बुझेगी. और तेज़ी के साथ चोदो मुझे, खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. मैने अपनी पूरी ताक़त लगाते हुए बहुत की बहुत तेज़ी के साथ चुदाई शुरू कर दी.

10 मीं तक चुद्वाने के बाद भाभी दूसरी बार झाड़ गयी और बोली, अभी मेरी चूत की आग केवल थोड़ी सी ही बुझ पाई है. खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो. फाड़ दो आज मेरी चूत को. मैं पूरे जोश और ताक़त के साथ भाभी को चोद्ता रहा. वो भी जोश से पागल सी हुई जा रही थी. भाभी अपने चूतड़ आगे पीछे करते हुए मेरा साथ दे रही थी. मेरा बाकी का लंड भी धीरे धीरे भाभी की चूत में घुस गया लेकिन वो इतनी ज़्यादा जोश में थी कि उन्हें पता ही नहीं चला. 10 मीं तक और चुद्वाने के बाद वो तीसरी बार झाड़ गयी लेकिन मैं रुका नहीं. मैं भाभी को बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था और वो एक दम मस्त हो कर चुद्वा रही थी. 5 मीं तक और चोद्ने मैं भी झाड़ गया. लंड का सारा जूस भाभी की चूत में निकाल देने के बाद मैने अपना लंड बाहर निकाला और हट गया. भाभी ने कहा, आज तुमने मेरी बहुत ही अच्छि तरह से चुदाई की है और मुझे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया है. अब मैं तुमसे खूब चुद्वाउन्गि. अगर तुम आज मुझे ठीक से नहीं चोद पाते तो मैं तुमसे फिर कभी नहीं चुद्वाती. अगली बार जब मैं तुम्हारा पूरा का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लूँगी तब मुझे और ज़्यादा मज़ा आएगा. मैने कहा, जब तुमने और तेज और तेज कहा तो मैने अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी थी. उस स्पीड से चुद्वाने में ही धीरे धीरे मेरा पूरा का पूरा लंड तुम्हारी चूत में घुस गया था. तुम बहुत ज़्यादा जोश में थी इस लिए तुम्हे पता ही नहीं चला. तुम तो मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर ले चुकी हो. वो बहुत खुश हो गयी. भाभी की चूत एक दम सूज चुकी थी.रात के 7 बजे मैने भाभी को फिर से चोदा. 30-35 तक चोद्ने के बाद मैं झाड़ गया

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मेरा लंड एक दम टाइट हो गया तो मैने कहा, मैं तुम्हारी चूत पर थोड़ी देर तक अपने लंड को रगड़ना चाहता हूँ. वो बोली, तो रगड़ लो. मैने उन्हें डॉगी स्टाइल में कर दिया और अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ने लगा. मैं बहुत ज़्यादा जोश में आ गया तो मैने कहा, अगर तुम कहो तो मैं अपना लंड थोड़ा सा तुम्हारी चूत के अंदर डाल दूं.

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वो बोली, तुम तो नंगे ही ज़्यादा खूबसूरत लगते हो. मैने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा, और इसके बारे में क्या ख़याल है. भाभी मेरे लंड को देख रही थी. उनकी आँखे गुलाबी सी होने लगी थी. वो बोली, तुम्हारा लंड तो वाकाई बहुत ही अच्छा है. मैने पूछा, अच्छा है का क्या मतलब. वो बोली, अच्छा है का मतलब, तुम्हारा लंड बहुत ज़्यादा लंबा है, खूब मोटा है, एक दम गोरा और चिकना है, इसका सूपड़ा भी खूब मोटा और एक दम गुलाबी है. मैने आज तक ऐसा लंड कभी नहीं देखा. मैने पूछा, आज तक नहीं देखा है का क्या मातब. लगता है तुम इसके पहले भी केयी लंड देख चुकी हो. वो बोली, नहीं मेरे राजा, मैने आज तक अपनी ज़िंदगी में केवल 2 लंड ही देखा है. कुच्छ दिनो पहले तुम्हारे भैया का देखा था और दूसरा आज अपने प्यारे प्यारे देवर का देख रही हूँ. चलो अब नाश्ता कर लो.

मैने कहा, ठीक है, नाश्ता भी कर लूँगा लेकिन पहले एक बार और मेरे लंड को चूम लो. भाभी ने कहा, तुम बड़े शैतान हो. उसके बाद उन्होने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और अपने गरम गरम और गुलाबी होठों को मेरे लंड के सूपदे पर रख दिया. थोड़ी देर तक अपने होठों को मेरे लंड के सुपाडे पर रखने के बाद उन्होने बड़े प्यार से चूम लिया. मुझे बहुत मज़ा आया और मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ गयी. मैने पूच्छा, कैसा लगा. वो बोली, सुबह तो मैने तोड़ा सहरामाते हुए तुम्हारे लंड को चूमा था लेकिन इस बार तुम्हारे लंड को चूमने में बहुत मज़ा आया. मैने कहा, तो एक बार और चूम लो. वो बोली, तुम कहते हो तो मैं एक नहीं दो बार चूम लेती हूँ. उन्होने फिर से मेरे लंड को पकड़ कर बड़े प्यार से दो बार और चूम लिया.

भाभी की आन्खे भी जोश से एक दम गुलाबी हो चुकी थी और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था. मैं अपने आप को रोक नहीं पाया और बोला, मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा है. काश कोई मेरे लंड को अपने मूह में ले कर चूस लेता. वो बोली, अगर तुम कहो मैं ही चूस लेती हूँ. मैने कहा, नेकी और पूच्छ पूच्छ. वो बोली, ठीक है, पहले तुम नाश्ता कर लो और मैं नहा लूँ. उसके बाद मैं तुम्हारे लंड को चूस लूँगी. मैने कहा, ठीक है, मैं तब तक इंतजार करता हूँ. उसके बाद मैं नाश्ता करने लगा. नाश्ता ख़तम होने के बाद भाभी नहाने चली गयी. मैं अपने लंड पर हाथ फिराते हुए भाभी का इंतेज़ार करता रहा. 15 मिनट बाद भाभी नहा कर आई तो उन्होने केवल पेटिकोट ही पहन रखा था और उसे अपने बूब्स के उपर से बाँध रखा था. उनका एक दम गोरा बदन देख कर मुझे और ज़्यादा जोश आने लगा. मैं सोफे पर बैठा था. भाभी मेरे सामने ज़मीन पर बैठ गयी और बोली, लाओ, अब मैं तुम्हारे लंड को चूस लेती हूँ. उन्होने मेरे लंड को हाथ से पकड़ कर अपने मूह में ले लिया और बड़े प्यार से चूसने लगी. मैं धीरे धीरे जोश में आता जा रहा था. भाभी भी जोश में आने लगी थी. थोड़ी ही देर में भाभी सिसकारियाँ भरते हुए मेरे लंड को चूसने लगी.

मेरे लंड का जूस निकलने वाला था तो मैने भाभी से कहा, अब रहने दो. वो बोली, अब क्या हुआ. क्या मैं तुम्हारे लंड को ठीक से नहीं चूस रही हूँ. मैने कहा, नहीं ऐसी बात नहीं है, तुम तो मेरे लंड को बहुत ही अच्छि तरह चूस रही हो लेकिन अब मेरे लंड का जूस निकलने वाला है. वो बोली, तो क्या हुआ, मेरे मूह में ही निकल जाने दो

ना. मैं तुम्हारे लंड के जूस की एक बूँद भी बर्बाद नहीं होने दूँगी. सारा का सारा जूस निगल जाउन्गि. मैने कहा, ठीक है, जैसा तुम चाहो. भाभी और ज़्यादा तेज़ी के साथ मेरे लंड को चूसने लगी. थोड़ी ही देर में मेरे लंड का जूस भाभी के मूह में निकलने लगा. मैने भाभी के सिर को पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया तो मेरा लंड भाभी के मूह में और ज़्यादा गहराई तक घुस गया. भाभी ने मेरे लंड का सारा का सारा जूस निगल लिया. मेरे लंड का सारा जूस निगलने के बाद उन्होने मेरे लंड को अपने मूह से बाहर निकल दिया. मेरे लंड पर थोड़ा जूस अभी भी लगा हुआ था. मैने भाभी को दिखाते हुए कहा, थोड़ा जूस बाकी रह गया है तो उन्होने उसे भी अपनी जीभ से चाट लिया.मैने भाभी से कहा, तुमने मेरे लंड को देख लिया, इसे चूम लिया और इसे अपने मूह में ले कर चूस भी लिया. इसका सारा जूस भी तुमने निगल लिया लेकिन तुमने अभी तक अपने सारे बदन को ढक रखा है. मुझे अपना बदन नहीं दिखओगि. वो बहुत ज़्यादा जोश में आ चुकी थी और बोली, तुम जो देखना चाहो, देख हो. मैने कहा, मैं तो तुम्हारा पूरा बदन देखना चाहता हूँ. वो बोली, तो देख लो. मैने कहा, तुमने अपना बदन ढक रखा है. वो बोली, खुद ही खोल कर देख लो.

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मेरा नाम राजू है. घर पर मेरे अलावा भैया विनोद, भाभी दीपा ही हैं. भैया की उमर 22 साल, भाभी की उमर 20 साल और मेरी 21 साल की है. भैया की शादी अभी 6 महीने पहले ही हुई है. भाभी का रंग एक दम गोरा, आँखे भूरी, बाल काले और लंबे, बॉडी एक दम स्लिम, कमर एक दम पतली और बूब्स एक दम गोल गोल और छ्होटे छ्होटे हैं. मेरे पड़ोस में विमल रहते हैं. उनकी उमर भी 22 साल की है. वो मेरे भैया के बहुत ही अच्छे दोस्त हैं. उनकी भी शादी 5 महीने पहले ही हुई है. उनकी वाइफ का नाम लता है. वो भी मेरी भाभी की तरह बहुत ही खूब सूरत हैं. उनका दोनो का हमारे घर आना जाना लगा रहता है. मेरी भाभी और लता दोनो बहुत ही शरारती और दिखने में बहुत ही सेक्सी हैं. वो दोनो मुझसे बहुत ही भद्दा भद्दा मज़ाक करती हैं. मैं भी उन दोनो से किसी चीज़ में कम नहीं हूँ.

शादी के 4 दिन बाद भाभी वापस मयके चली गयी. भाभी जब 10 दिन बाद जब दोबारा आई तो उनके आने के 2 दिन बाद ही भैया को ऑफीस की तरफ से ट्रैनिंग के लिए 2 मंत्स के लिए बॅंगलॉर जाना पड़ गया. भाभी अभी तक भैया के साथ केवल 6 दिन ही सो पाई थी. वो मुझसे शादी के दूसरे दिन से ही मज़ाक और छेड़-छाड़ करती थी. मैं देर तक सोने का आदि था. भैया के जाने के बाद मैं सो रहा था. सुबह के 8 बजने वाले थे. भाभी मुझे जगाने के लिए आई. सुबह के समय मेरा 7" का लंड एक दम खड़ा था. मैं केवल चड्धि पहन कर ही सोता था. लंड के खड़ा होने की वजह से मेरी चड्धि टेंट की तरह से हो गयी थी. भाभी ने बिना कोई शरम किए मेरे लंड पर अपने हाथ से धीरे से मारा और बोली, 8 बज रहे हैं, उठना नहीं है क्या. मैने कहा, मुझे ऑफीस थोड़े ही जाना है. मुझे सोने दो. वो बोली, ठीक है सोते रहो. उसके बाद वो घर का काम करने लगी. मैं फिर से सो गया.

9 बजे वो फिर मुझे जगाने के लिए आई. मेरा लंड अभी तक खड़ा था. उन्होने मेरे लंड को पकड़ कर खीचा और बोली, राजा जी, अब तो उठ जाओ. मैं उठ गया. मैने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा, आप को मेरे लंड पर हाथ लगाने में शरम नहीं आती. अगर कुच्छ हो गया तो. वो बोली, क्या हो जाएगा. तुम तो मेरे एकलौते और प्यारे प्यारे देवर हो और देवर से कैसी शरम. आख़िर भाभी पर देवर का आधा हक़ होता है. दूसरे तुम्हारा तो लंड ही ऐसा है कि मैं इसे पकड़ने से अपने आप को रोक नहीं पाई और मैने इसे पकड़ लिया. अगर तुम्हे अच्छा नहीं लगा तो मैं अब कभी भी तुम्हारे बदन को हाथ नहीं लगाउन्गा. मैने कहा, नहीं, मैं तो मज़ाक कर रहा था. मुझे बहुत अच्छा लगा. मेरे इतना कहने के बाद वो मेरे बगल में बैठ गयी और उन्होने मेरे लंड को फिर से पकड़ कर खीच लिया और बोली, कैसा लगा. मैने कहा, बहुत अच्छा लेकिन अगर मुझे जोश आ गया तो तुम्हे रगड़ दूँगा. वो बोली, तो देर किस बात की है. रगड़ दो ना. मना किसने किया है. मैने कहा, मेरा लंड तो तुमने देख ही लिया है, खूब लंबा और मोटा है, तुम्हारी फॅट जाएगी. वो बोली, अभी तक मैने इसे देखा ही कहाँ है. अभी तो ये किसी नयी नवेली दुल्हन की तरह घूँघट में है. मैने भी मज़ाक करते हुए कहा, तो देख लो ना. वो बोली, तुम नाराज़ तो नहीं हो जाओगे. मैने कहा, बिल्कुल नहीं.मेरे इतना कहते ही भाभी ने मेरी चड्धि नीचे कर दी. मेरा एक दम गोरा 7" लंबा और खूब मोटा लंड फंफनाता हुआ चड्धि से बाहर आ गया. भाभी मेरे लंड को देखती ही रह गयी और बोली, देवर जी, तुम्हारा लंड तो वाकाई बहुत ही शानदार है. इसे छुपा लो नहीं तो नज़र लग जाएगी. इतना कह कर भाभी ने मेरी चड्धि उपर कर दी.

चड्धि उपर करते समय उनका हाथ मेरे लंड को टच करने लगा तो मेरे सारे बदन में सुरसुरी सी दौड़ गयी. मैने कहा, मेरे लंड को आज तक किसी ने नहीं देखा था. आज पहली पहली बार तुमने मेरा लंड देखा है. मूह दिखाई नहीं दोगि. वो बोली, ज़रूर दूँगी, मेरे राजा. बोलो क्या चाहिए. मैने कहा, ज़्यादा कुच्छ नहीं, सिर्फ़ एक चुम्मा ले लो. उन्होने तुरंत ही मेरे गालो को चूम लिया. मैने शरारत भरे अंदाज़ में कहा, तुमने लंड को देखा है, चुम्मा तो उसका लेना पड़ेगा, मेरा नहीं. वो बोली, ठीक है, मैं तुम्हारे लंड का ही चुम्मा ले लेती हूँ. इतना कह कर उन्होने मेरी चड्धि फिर से नीचे कर दी. जैसे ही मेरा लंड बाहर आया तो उन्होने मेरे लंड को पकड़ कर सूपदे का घूँघट नीचे कर दिया. मेरे लंड का एक दम गुलाबी सूपड़ा भाभी के सामने था. वो थोड़ी देर तक मेरे लंड के सुपाडे को देखती रही फिर बोली, बहुत ही मोटा सूपड़ा है तुम्हारे लंड का. उसके बाद उन्होने बड़े प्यार से मेरे लंड के सुपाडे को चूम लिया. मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ गयी. भाभी की आँखें भी गुलाबी हो गयी थी. वो बोली, अब तो मिल गयी मूह दिखाई. मैने कहा, हां मिल गयी. वो बोली, अब चलो फ्रेश हो जाओ, मैं नाश्ता बना देती हूँ.

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शॉवर के नीचे पानी की बूंदें मेरे नंगे बदन के एक-एक अंग के ऊपर से नीचे की तरफ धार बन कर बह रही थी, वह बड़ी ही बारीकी से घूरते हुए देख रहे थे। पानी की एक बूंद जो मेरे सर से मेरे बालों की एक लट से बह कर, मेरे ललाट से होती हुई गर्दन से गुजर कर, मेरे स्तनों की गोलाई के ऊपर से मेरी निप्पलों को छूती हुई, मेरे सपाट पेट पर से मेरी कमसिन नाभि में कुछ देर टिकती हुई, मेरी चूत से ऊपर वाले उभार को पार कर, मेरी जांघों के बीच में मेरी चूत में से बूँद दर बूँद रिस रहे मेरे काम रस से मिलती हुई पानी की एक धारा बन कर बाथरूम के फर्श पर गिर रहीं थी।

इसे राजन इस कदर बारीकी से निहार रहे थे जैसे वह उस बाथरूम में कोई गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत स्थापित करने वाले हों। यह बात और है कि वह बूंदों पर कम पर मेरे अंगों पर ज्यादा अपना ध्यान केंद्रित कर रहे थे।

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मैंने जैसे यह सुना तो मेरी चूत से तो जैसे मेरे स्त्री रस की धार ही छूटने लगी। मेरा दिमाग घूमने लगा। अब तो मुझे पूरा यकीन हो गया कि जिस तरह परिस्थितियां बन रही थी, मुझे राजन के सामने नंगी होना ही पड़ेगा, और अगर मैं राजन जैसे सशक्त कामुक मर्द के सामने नंगी हो गयी, तो राजन जैसा लंबा चौड़ा इतने बड़े तगड़े लंड वाला मर्द मुझे थोड़े ही छोड़ेगा?

और मान लो अगर उसने कुछ नहीं भी किया, तो भी मुझे अपने आप पर ही एक ढेले भर का भी विश्वास नहीं था। कि मैं सामने चल कर राजन के सामने नंगी नहीं खड़ी हो जाऊंगी, और मुझे चोदने के लिए उससे मिन्नतें नहीं करुंगी। मैंने यही समझ लिया कि अब बेहतरी उसी में थी कि मैं मान लूं कि उस शाम हर हाल में राजन से मेरी ठुकाई तो होनी ही थी।

कोई अगर मुझे उस समय यह पूछता कि क्या मैं राजन से चुदवाने के लिए तैयार थी? तो सुन कर मुझे हंसी आ जाती। मैं तैयार थी? अरे मैं तो मर रही थी कि कब मुझे राजन कस कर पकड़े और अगर मेरे बदन पर कोई कपड़े हों तो उन्हें उतार फेंके, और खुद अपनी छोटी सी निक्कर निकाल फेंक कर, मुझे उसके कमरे में पलंग पर सुला कर, उसके इतने बड़े दिख रहे लंड को बेरहमी से मेरी चूत में घुसा कर, मुझे चोद-चोद कर मेरी चूत फाड़ दे।

कई महीनों से मेरी तगड़ी चुदाई नहीं हुई थी। चुदवाई तो मैं थी कई बार, पर ऐसा लंड नहीं मिला था चुदवाने के लिए। अब जब सामने चल कर ऐसे लंड से चुदवाने का मौक़ा मिले, तो भला कौन स्त्री उस मौके को जाने देगी? तो इसमें भला ना कहने की कोई गुंजाइश थी क्या?

दीदी ने कहा, “राजन जी, मैं यहां कुछ देर और तैरना चाहती हूं। मेरी सखी को आप ले जाओ। वैसे भी वह आप के कमरे में जाने के लिए बड़ी उत्सुक है। मेरा एक सुझाव है। आप वापस आने की जल्दी ना करें। मेरी सहेली को आप खुद उसके सारे गीले कपड़े निकाल कर, अच्छी तरह से नहला धुला कर, उसे इस तौलिये से अच्छी तरह पोंछ कर, आपके कमरे में उसकी ठीक से खूब अच्छे से सेवा करें। आप उसे अपने कपड़े दें, या कोई कपड़ा ना चाहें तो ना दें। वैसे इस वक्त इन हालात में मुझे नहीं लगता उसे कुछ भी पहनने की जरूरत है। बाकी आप समझदार हैं।”

मैंने दीदी को हाथ थाम कर खींच कर पूल के एक कोने में ले जा कर राजन ना सुन सके ऐसे उन्हें पूरा हिलाते हुए पूछा, “दीदी, तुम यह सब क्या और क्यों बक रही हो? राजन मेरे बारे में क्या सोचेंगे?”

दीदी ने मेरा हाथ छुड़ाते हुए कटाक्ष में पूछा, “राजन क्या सोचेंगे? अरे तुमने राजन के निक्कर में उसका लंड देखा नहीं? कैसा फनफना रहा था तुम्हारे करीब आते ही? जब तुम राजन के पास होती थी, तब मैं पहले तुम्हारे चेहरे को और फिर राजन के लंड को ही देखती रहती थी। उस वक्त तुम्हारे चेहरे पर कौए उड़ते रहते थे, और राजन का लंड ऐसे खड़ा हो जाता था, कि जैसे उसकी पतली सी निक्कर फाड़ कर बाहर ही आ जाएगा।

तुमने देखा नहीं, बेचारा राजन उसे बार-बार अपनी निक्कर में वापस डालने के लिए कितनी मशक्क्त करता रहता था? अरे तुम्हें क्या लगता है क्या वह तुम्हें आज चोदे बगैर छोड़ेगा? और वह छोड़ेगा भी तो क्या तुम उससे चुदवाये बगैर उसे छोड़ोगी? यह सब ड्रामे बाजी मुझसे मत करो। मैं अंधी नहीं हूं। मैंने सब कुछ देख लिया है। अब जाओ बिंदास उससे खूब चुदवाओ और पूरा चुदवाने के बाद ही उसे मेरे पास भेजो।”

मेरे पास दीदी की बात का कोई जवाब ही नहीं था। वैसे दीदी का बात सौ प्रतिशत सच थी। मैं खुद इतनी चुदासी हो रही थी कि मैं क्या बताऊं? मेरी चूत ऐसी मचल रही थी कि मैं कैसे उसे शांत कर पाउंगी यह मैं नहीं सोच पा रही थी। अगर राजन ने मेरे साथ कुछ किया नहीं तो क्या मुझे राजन के कमरे से बिना चुदे वापस जाना पडेगा? मेरा सर घूम रहा था।

खैर, राजन के दिए हुए फर वाले कॉटन के गाउन को मेरे लगभग नंगे बदन के ऊपर पहन लिया और राजन के साथ उसके कमरे की और निकल पड़ी। रास्ते में मैं रिसेप्शन पर बस एक लड़की अपने लैपटॉप में सर नीचा किये हुए लगी हुई थी, उसे ही हमने देखा। पर उसने हमें देखा तक नहीं। मुझे लिफ्ट के पास खड़ी छोड़ कर राजन उस लड़की के पास गए, और उससे कुछ बात की। बाद में मेरे पास आकर राजन ने मेरा हाथ थाम कर लिफ्ट में ना जाते हुए सीढ़ी चढ़ कर पहली मंजिल पर अपने कमरे में ले गए।

रास्ते में राजन ने मुझे कहा, “मैंने रिसेप्शनिस्ट से पूछा कि मुझे कुछ गीले कपड़े धुल कर वापस फौरन चाहिए। तब रिसेप्शनिस्ट ने कहा कि वैसे तो धोबी निकल चुका है फिर भी हम कपड़े एक बैग में रख कर रिसेप्शनिस्ट को देदे। वह धोबी से बात करेगी और अगर वह आएगा तो वह कपड़े धुलवा कर एक घंटे के अंदर ही वापस कर देगी।”

कमरे में पहुंचते ही मुझे महसूस हुआ कि मुझे वह गाउन और मेरी पैंटी और ब्रा भी निकाल कर राजन को देना था। राजन वहां मेरे सामने मुझे देखते हुए खड़े रहे। राजन ने कहा, “तुम पूरी गीली हुई हो। बेहतर होगा कि यह पहने हुए गीले कपड़े निकाल कर मुझे देदो। मैं उन्हें लांड्री वाले को दे दूंगा। और तुम बाथरूम में जा

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जैसे ही मेरी साँसों की लय सामान्य हो गयी, राजन ने मुझे घुमा कर मेरे सख्ती से खड़े हुए गोल गुब्बारे से स्तनों को अपने हाथों में पकड़ा और उन्हें मसलने लगे। मेरी निप्पलों को अपनी उँगलियों के बीच कुछ देर तक पिचकाने के बाद बड़े ही सम्मान से किनारे पर रखी मेरी पैंटी को हाथ लंबा कर वापस ले लिया। मेरे नीचे पानी में डुबकी लगा कर मेरी जाँघों को दोनों हाथों में पकड़ कर उन्होंने थोड़ा चौड़ा किया, और अपना सर मेरी जाँघों के बीच में ला कर मेरी चूत को पानी के अंदर कुछ देर तक चूमते रहे।

बाद में मेरी चूत के ऊपर कुछ देर तक अपनी हथेली बड़े प्यार से फिरा कर नीचे से मेरी पैंटी को पाँव के ऊपर की ओर सरका दी, और मुझे मेरी पैंटी पहना दी। फिर मेरी ब्रा जो खिसक कर मेरे एक कंधे पर लटक रही थी, उसे मेरे पीछे आ कर मुझे दुबारा पहना दी और हुक लगा दिए। मुझे राजन के इस प्रकार के कामुक और प्यार भरे रवैये से उनके प्रति बड़ा ही प्यार आने लगा।

मैं राजन से लिपट गयी। मेरी आँखों में आँसूं भर आये। मैंने राजन से लिपट कर “थैंक यू” कहा और अपनी दोनों बाहें राजन की गर्दन के इर्द-गिर्द कस कर लपेट कर राजन के होंठ मेरे होंठ से चिपका कर मेरे होंठों से राजन के होंठ खोल दिए।

राजन के मुंह में मैंने अपनी जीभ डाल दी जिसे राजन बड़ी ही शिद्द्त से चूसने में लग गए। मेरी चुदास की इंतेहा पर मैं पहुँच रही थी। राजन ने तब मेरी जीभ को धकेल कर अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी। मैंने भी राजन की ही तरह राजन की जीभ को चूसना शुरू किया।

राजन के चुम्बन से मैं इतनी ज्यादा उत्तेजक हो गयी थी, कि मेरी सब्र का बाँध ही टूट गया। मुझे हर हाल में राजन से चुदवाने के बगैर चैन नहीं मिलेगा यह मैं जान गयी थी। मुझे पूरा यकीन था की राजन भी मुझे चोदना चाहते थे।

तब राजन ने अपना एक हाथ नीचे कर मेरी चूत में हाथ डाल कर मेरी छोटी सी लंगोट जैसी पैंटी को खिसका दिया और अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में डाल दीं। मेरी चूत में राजन की उंगलियां महसूस करते ही मैं पागल हो गयी। राजन जिस तरह मेरी जीभ से मेरे मुंह को चोदना शुरू किये थे, और जिस तरह उन्होंने मेरी चूत में अपनी उंगलियां घुसेड़ दी, और अपनी उंगलियां मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगे, मुझे भी पूरा यकीन हो गया कि राजन भी मुझे बहुत ताकत से चोदना चाह रहे थे, और अगर उनको मौक़ा मिला तो मुझे चोदे बगैर नहीं छोड़ेंगे।

मैं राजन के मुंह से अपना मुंह अलग ही नहीं करना चाहती थी, और मैं चाहती थी की राजन अपनी उँगलियों से मेरी चूत को पानी में चोदते ही रहें। मेरे ज़हन में इतना जबरदस्त तूफ़ान उठ रहा था और मेरी चूत में से इस कदर मचलन शुरू हो गयी थी, कि मैं झड़ने के कगार पर पहुँच गयी।

एक बड़ी गहरी सांस ले कर मैं राजन के बदन से इतना ज्यादा कस कर चिपक गयी कि राजन भी मुझे अचम्भे से देखने लगे। मैं एक-दम राजन से चिपकते हुए झड़ गयी। मैंने राजन को कानों में कहा, “राजन, मुझे अब तुम्हारे कमरे में ले चलो। अब मैं पागल हो रही हूँ, और तुम्हारे प्यार किये बगैर नहीं रह सकती।”

मेरा राजन को साफ़-साफ़ कहना था कि मैं राजन से चुदे बगैर नहीं रह सकती थी। राजन ने मुझे उसी तरह कस कर चूमते हुए मेरे कानों में कहा, “बस जल्दी ही चलते हैं। तुम थोड़ा पाँव पटक कर एक बार पानी की सतह पर कैसे टिकना है यह सीख जाओ।”

यह कह कर राजन मुझे दोनों हाथ टेढ़े कर के ऊपर-नीचे करते हुए पानी में नहीं डूबने का तरिका सिखाने में लग गए। मेरे मन में उस समय राजन से चुदने के अलावा और कोई भी बात घुस ही नहीं रही थी।

पुष्पा दीदी बिंदास पानी में तैरती हुई कभी हमारे पास आती, तो कभी दूर चली जाती। एक बार वह हमारे पास आयी, और राजन के पास आ कर बोली, “राजन, रोमा के चक्कर में कहीं तुम मुझे मत भूल जाना। मैं तुम्हें एक के साथ एक फ्री, फ्री, फ्री का ख़ास ऑफर दे रही हूँ।” कह कर हंसती हुई फिर तैर कर दूसरे छोर पर चली गयी।

कुछ देर तक यूँ ही पानी में पैर मारते हुए मैं थक गयी। मेरे थके हुए चेहरे की और देख कर राजन ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम थक रही हो। आज इतना ही काफी है। इन गीले कपड़ों में ऐसे तो तुम जा नहीं सकती। तुम्हें अब कपड़े भी सुखाने पड़ेंगे। तो क्यों ना तुम दोनों मेरे साथ मेरे कमरे में चलो। मैं तुम्हारे कपड़ों को अर्जेंट धुलवा कर प्रेस करवा कर तुम्हें दे दूंगा। करीब एक घंटा लगेगा।”

मैंने राजन की आँखों में फिर वही कामुक प्यास देखी। मेरी चूत में भी अब इतनी ज्यादा मचलन हो रही थी कि मैं चुदास से बाँवरी सी हो रही थी। हर हालत में मुझे राजन से चुदना था। मैं अपने आप को रोक नहीं पा रही थी। पर बाहर से भी तो दिखावा करना था।

मैंने राजन से कहा, “इस हालात में कैसे मैं अकेली तुम्हारे कमरे में जा सकती हूँ? अगर गयी तो ना मैं अपने आप को रोक पाउंगी और ना ही आप अपने आप को रोक पाओगे। फिर तो बड़ी गड़-बड़ हो जायेगी, और लोग क्या सोचेंगे?”

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दूर रहती हूँ।”

राजन ने मेरा हाथ थाम कर उसे दबाते हुए मुझे पूछा, “क्या तुम्हें मुझ पर विश्वास है?”

मैंने बिना कुछ बोले अपनी मुंडी हिला कर हाँ का इशारा किया। राजन ने कहा, “तो फिर तुम बिल्कुल डूबने की चिंता मत करो। बल्कि आज के बाद मैं तुम्हें इतना तो सीखा दूंगा कि आगे कभी तुम स्विमिंग पूल में उतरने से नहीं डरोगी यह मैं वादा करता हूँ।”

राजन ने मेरा रास्ता साफ़ कर दिया तो मैंने राजन की और देख कर थोड़ा सा मुस्कुरा कर थोड़े से डर के मारे पर उससे कई गुना रोमांच के मारे कांपते हुए बदन से सर हिला कर “ठीक है, अब मेरा यह बदन आपके हवाले और मेरी जान आप के हाथ में है” कहा।

मेरा सकारात्मक संकेत मिलते ही फौरन राजन मुझे अपनी बाहों में उठा कर गहरे पानी में ले गए। गहरे पानी तक जाने का रास्ता लम्बा भी था, और पानी में मुझे उठा कर चलने में राजन को काफी मशक्क्त भी करनी पड़ती थी। पानी की गहराई देख कर मेरी हवा निकल गयी। मैं राजन से इस कदर कस कर चिपक गयी, जैसे कोई बेल पेड़ से चिपक जाती है। उस समय मुझे कुछ भी होश नहीं थे कि मेरे लगभग नंगे स्तन राजन की छाती से चिपके हुए थे, और राजन का फनफनाता हुआ सख्त, लम्बा और मोटा लंड मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से कुरेद रहा था।

मैंने महसूस किया की राजन के पानी में चलते हुए मैं राजन की कमर पर ऊपर-नीचे खिसक रही थी। जैसे ही मैं राजन के बदन पर नीचे की ओर खिसकती, राजन की निक्कर में छिपा हुआ उसका लंड मेरी चूत में घुसने की कोशिश करने का दबाव बनाता रहता था। राजन फिर मुझे ऊपर उठा लेते।

एक बार तो मैं राजन की कमर से इतनी नीचे फिसल गयी कि मेरी जाँघों ने राजन की कमर के नीचे की तरफ खिसकते हुए राजन की निक्कर को भी नीचे खिसका दिया। तब मुझे महसूस हुआ कि राजन का लंड निक्कर से बाहर निकल पड़ा था, और मेरी चूत में घुसने लगा था। अगर मेरी छोटी सी लंगोट जैसी पैंटी उस समय थोड़ी सी भी इधर-उधर खिसक जाती तो राजन के तगड़े लंड को मेरी चूत में दाखिल होने में कोई रुकावट नहीं थी।

इस बात सोच कर ही मेरी चूत बेहाल सी हो कर इतना ज्यादा रस बहाने लगी थी, कि मैं मन ही मन चाह ने लगी की काश मेरी छोटी से पैंटी इधर-उधर खिसक ही जाए और राजन का तगड़ा लंड मेरी पानी बहा रही चूत में घुस ही जाए।

राजन ने मुझे गहरे पानी में एक जगह ले जा कर पारी के स्टील के पाइप को पकड़ा कर अपने दोनों हाथ से मेरे बदन को नीचे से ऊपर उठाते हुए मुझे पानी में एक के बाद एक पाँव ऊपर उठा कर बार-बार नीचे पटक ने को कहा। मैंने उस समय देखा कि राजन ने अपना बाहर निकला हुआ लंड वापस निक्कर में घुसा दिया था। मेरा चेहरा और पेट नीचे और मेर कूल्हे और पीठ ऊपर की तरफ थे। मेरे उस समय होश उड़े हुए थे।

पर राजन के सहारे टिके रहने के कारण मुझ में हिम्मत आयी और जैसे राजन ने कहा था मैं पाँव पानी में बार-बार मारते हुए पानी की सतह पर रहने की कोशिश में लग गयी। ऐसे करते हुए मैंने महसूस किया की कई बार राजन के हाथ मेरे स्तनों को भी छूते रहे, दबाते रहे जिस के कारण मेरी चूत में से और पानी रिसने लगा। कई बार राजन के हाथ मेरी चूत को भी छू रहे थे पर राजन ने कोई गलत हरकत नहीं की। अगर की भी होती तो मैं कुछ ना बोलती।

पानी में राजन की बाहों में पैर ऊपर-नीचे मारते हुए मेरा ऐसा बुरा हाल हो रहा था जो कहना मेरे लिए बड़ा ही मुश्किल था। राजन मेरे हरेक अंग को छूने का मौक़ा नहीं छोड़ते थे। कई बार जब मैं पानी की सतह से नीचे जाने लगती, तो मेरे स्तनों के नीचे हाथ दे कर ऊपर की ओर उठाने के लिए सहारा देते और ऐसा करते हुए मेरे स्तनों को मसलने का मौक़ा नहीं चूकते थे। उनके ऐसा करने पर मेरा पूरा बदन रोमांच से कांप उठता था।

एक बार ऐसा हुआ कि मेरे हाथ से पाइप छूट गयी और मैं पानी में सर के बल नीचे डूबने लगी। मेरे पाँव ऊपर और सर नीचे। तब अफरा-तफरी में राजन ने मुझे कमर से पकड़ा और ऊपर की तरफ खींचा। ऐसा करते हुए मेरी पैंटी की इलास्टिक की पट्टी राजन के हाथों में आ गयी। मेरी पैंटी मेरी जाँघों और मेरे पांव में से निकल कर उनके हाथ में आ गयी और मैं नीचे से नंगी पानी की गहरायी में चली गयी।

राजन मेरी पैंटी किनारे पर फेंक बिना देर किये डुबकी लगा कर एक पल में ही मुझे कमर से कस के पकड़ कर ऊपर ले आये। ऊपर आते ही मैं खांसती हुई जोर-जोर से सांस लेने लगी। राजन ने एक झटके में पीछे से मेरे स्तनं को सख्ती से बांधे रखती हुई ब्रा के हुक खोल दिए, ताकि मैं ठीक से सांस ले सकूं। मेरी ब्रा खिसक कर साइड में हो गयी और मेरे स्तन राजन की नजर के सामने ही पूरे नंगे हो गये।

उस समय ना तो मेरी ब्रा मेरे स्तनों को छिपा पा रही थी और ना ही मेरी पैंटी मैंने पहनी हुई थी। राजन बड़े प्यार से मेरे नंगे स्तनों को और मेरी साफ़ चूत को इत्मीनान से देखते रहे। उस समय मुझे ज़रा भी संकोच नहीं महसूस हो रहा था कि राजन मुझे पूरी नंगी देख रहे थे। मुझे डूबने से बचाने के कारण मैं ऐसा महसूस कर रही थी, जैसे मेरा

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Khani Chudai Ki

नेहा बहुत जोश में आ चुकी थी. उसने मेरा लंड तेज़ी के साथ चूसना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर बाद मेरे लंड का जूस नेहा के मूह में निकलने लगा तो वो सारा जूस निगल गयी और फिर उसने मेरा लंड चाट चाट कर सॉफ कर दिया. मैं उसकी चूत में अपनी उंगली डाल कर अंदर बाहर करता रहा. वो सिसकारियाँ भरते हुए मेरा लंड फिर से चूसने लगी. नेहा जोश से पागल सी हुई जा रही थी. मैने पूचछा कैसा अब लगा रहा है. वो बोली बहुत अच्च्छा लग रहा है. 10 मिनट बाद उसकी चूत फिर से गीली हो गयी. मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो चुका था. उस फिल्म में लड़के ने लड़की को लिटा कर चोदना शुरू कर दिया था. मैने नेहा से कहा अब तुम भी लेट जाओ, मैं भी तुम्हें इसी तरह चोदुन्गा. वो बोली तुम्हारा इतना लंबा और मोटा लंड अंदर कैसे जाएगा. मैं तो अभी छ्होटी हूँ. मुझे दर्द बहुत होगा. मैने कहा तुम चिंता मत करो. मेरा लंड तुम्हारी चूत में पूरा का पूरा अंदर जाएगा. तुम्हें थोड़ा दर्द ज़रूर होगा लेकिन उसके बाद खूब मज़ा आएगा. वो ज़मीन पर लेट गयी. वो बहुत ज़्यादा जोश में आ चुकी थी और ये नहीं जानती थी कि उसे कितना दर्द होने वाला है. मैने उसकी टाँगों के बीच आ कर जैसे ही अपने लंड का सूपड़ा उसकी चूत के बीच रखा उसने एक जोरदार सिसकारी ली. फिर मैने उसकी टाँगों को मोड़ कर उसके कंधे पर सटा कर पकड़ लिया तो उसकी चूत एक दम उपर उठ गयी. उसके बाद मैने पूरे ताक़त के साथ एक जोरदार धक्का लगा दिया. नेहा अभी 16 साल की ही थी और उसने कभी चुडवाया भी नहीं था. मेरा लंड उसकी चूत को फड़ता हुआ 2" तक घुस गया और उसकी चूत से खून निकल आया. वो दर्द के मारे तड़पने लगी और बहुत ज़ोर ज़ोर से रोने और चिल्लाने लगी, राजू मुझे छ्चोड़ दो, बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाउन्गि, मुझे मज़ा नहीं लेना है. मैने उसके रोने और चिल्लाने की कोई परवाह नहीं की और फिर से एक जोरदार धक्का लगा दिया तो उसके मूह से जोरदार चीख निकली,... मररर.... गयी... फॅट.... गयी..... मेरी....... चूत.... और मेरा लंड उसकी चूत में 3" तक घुस गया. वो ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी. उसका सारा बदन थर थर काँपने लगा. मैने फिर से एक ज़ोर दार धक्का मारा तो मेरा लंड 4" तक उसकी चूत में घुस गया. वो चिल्लाने लगी, राजू जाने दो मुझे, मेरी चूत में बहुत जलन हो रही है, मेरी चूत फॅट जाएगी. वो अभी कम उमर की थी इस लिए मेरा लंड अभी तक बड़ी मुश्किल से उसकी


चूत में 4" तक ही घुस पाया था. उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे और उसकी चूत से अभी भी खून निकल रहा था. उसका सारा बदन पसीने से भीग गया था. मेरे लंड पर भी ढेर सारा खून लगा हुआ था. मैने नेहा की बूब्स को सहलाते हुए उसके होठों को चूमते हुए धक्के लगाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद जब वो शांत हो गयी. मैने अपने सारे बदन का ज़ोर देते हुए एक धक्का और लगा दिया. इस धक्के से मेरा लंड उसकी चूत में 6" तक घुस गया और उसकी चूत से ढेर सारा खून आ गया. वो दर्द से तड़पति हुई ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. वो मुझे अपने उपर से हटाना चाहती थी लेकिन मैने उसे बहुत ही ताक़त के साथ जाकड़ रखा था. मैने और ज़्यादा लंड घुसने की कोशिश नहीं की और तेज़ी के साथ उसे चोदने लगा. वो चिल्लती रही और मैं उसे चोद्ता रहा. 10 मिनट बाद वो थोड़ा शांत हुई लेकिन अभी भी उसकी चीख बंद नहीं हुई थी. अब उसकी चूत कुच्छ ढीली हो गयी थी. मैने उसकी चुदाई जारी रखी. 5 मिनट और चोदने के बाद जब वो झाड़ गयी तो मैने बिना रुके पूरी ताक़त के साथ बहुत ही ज़ोर दर 8-10 धक्के लगा दिए. मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया. वो फिर से बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. पूरा लंड उसकी चूत में घुसा देने के बाद मैं रुक गया.मैने उस से कहा नेहा तुम तो बहुत ही बहादुर हो. मेरा पूरा का पूरा लंड अब तुम्हारी चूत में घुस चुका है. अब ज़्यादा दर्द नहीं होगा और थोड़ी ही देर में तुम्हें बहुत मज़ा आएगा.
वो कुच्छ नहीं बोली केवल सिसक सिसक कर रोती रही और मैं उसे धीरे धीरे चोदने लगा. जैसे ही मैने नेहा को चोदना शुरू किया तो वो फिर से चीखने लगी. 5 मीं की चुदाई के बाद वो थोड़ा शांत हो गयी लेकिन अभी भी वो सिसक रही थी. मैने अपनी स्पीड को थोड़ा सा तेज करते हुए उसे चोदना शुरू कर दिया. 2 मिनट बाद वो बिल्कुल शांत हो गयी. मैने अपनी स्पीड और तेज कर दी. थोड़ी देर बाद उसे मज़ा आने लगा और उसके मूह से सिसकारियाँ निकालने लगी. मैने उस से पूचछा अब कैसा लग रहा है. वो बोली, अभी भी बहुत दर्द हो रहा है. मैने पूचछा मज़ा आ रहा है तो उसने अपना सिर हाँ में हिला दिया. 5 मिनट की चुदाई के बाद वो फिर से झाड़ गयी. उसके झाड़ जाने के बाद मैं उसे बहुत तेज़ी के साथ चोदने लगा. अब वो आअहह.... ऑश..... करते हुए आराम से चुदवा रही थी. वो बहुत ज़्यादा जोश में आ चुकी थी और उस जोश के आगे अब उसे दर्द का एहसास बिल्कुल नहीं हो रहा था.

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वो टवल लाकर आई तो उसने नज़रें झुकाए हुए ही मुझे टवल दे दिया. मैने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया. वो बोली मेरा हाथ छ्चोड़ दो नहीं तो मैं तुम्हारे भैया से कह दूँगी. मैने कहा क्या कहोगी यही ना की मैं तुम्हारे सामने एक दम नंगा था और अपना लंड दिखा रहा था. मैं भी भैया से कह दूँगा कि तुम खुद ही मुझे अकेला पा कर मुझसे अपना लंड दिखाने को कह रही थी. वो मेरी ही बात पर विश्वास करेंगे तुम्हारी बात पर नहीं. वो कुच्छ नहीं बोली. मैने कहा मैं तो केवल तुम्हें अपना लंड दिखा कर तुमसे ये पूच्छना चाहता हूँ कि तुम्हें मेरा लंड कैसा लग रहा है. मैने उसके सिर के बॉल पकड़ कर उसका चेहरा अपने लंड की तरफ कर दिया और कहा थोड़ी देर तक मेरा लंड देखो और बताओ तुम्हें मेरा लंड कैसा लगा. वो डर के मारे मेरे लंड को देखने लगी. धीरे धीरे उसकी आँखें गुलाबी सी होने लगी. मैं समझ गया कि उसे भी जोश आने लगा है. मैं चुप चाप खड़ा रहा और वो मेरा लंड देखती रही. थोड़ी देर बाद वो बोली अब जाने दो, अभी मुझे नाश्ता बनाना है. मैने कहा पहले तुम ये बताओ मेरा लंड कैसा लगा. वो बोली बहुत अच्च्छा है. मैने उसके बाल छ्चोड़ दिए और वो किचन में चली गयी. ... .. थोड़ी देर बाद मैने उसे फिर से पुकारा तो वो मेरे पास आई और बोली अब क्या है. तुम मुझे अकेला पा कर बहुत परेशान कर रहे हो. उसकी निगाह मेरे लंड पर थी जो कि अभी तक खड़ा था. मैने कहा चड्धि ले

आओ. वो चड्धि लाने चली गयी. उसने मुझे चड्धि ला कर दी और इस बार खुद ही खड़ी हो कर बड़े ध्यान से मेरा लंड देखने लगी. मैने उसे टोका नहीं. थोड़ी देर बाद उसने अपना सिर उपर उठाया और जब हम दोनो की निगाहें एक दूसरे से मिली तो वो शरमाते हुए बोली अब मैं जाऊं. मैने कहा जाओ. मैने चड्धि नहीं पहनी और एक दम नंगा ही ड्रॉयिंग रूम में आ कर सोफे पर बैठ गया. मेरा लंड अभी तक खड़ा था. वो चाय ले कर आई और उसने मुझे एक दम नंगा देखा. उसने शरमाते हुए चाय टेबल पर रख दी. मैं चाय बनाने लगा और वो खड़ी रही. उसकी निगाह मेरे लंड पर टिकी हुई थी. मैने उसे भी एक प्याली चाय दी और कहा पी लो. वो बोली मैं बाद में पी लूँगी. मैने उसे डांटा और कहा क्या इस चाय में ज़हर मिला हुआ है तो उसने चुप चाप मेरे हाथ से चाय की प्याली ले ली. वो मेरे सामने खड़े खड़े ही चाय पीने लगी. वो चाय पीते हुए भी मेरे लंड को देख रही थी. चाय ख़तम होने के बाद मैने उस से कहा मेरे पास आकर बैठो. वो चुप चाप मेरे बगल में आकर बैठ गयी. मैने उस से पूचछा तुमने कभी किसी का लंड अपने हाथ में लेकर देखा है तो उसने इनकार कर दिया. मैने उस से कहा इसे हाथ में पकड़ लो और ध्यान से देखो. उसने मना कर दिया तो मैने उसका हाथ पकड़ कर अपना लंड पर रख दिया. उसने शरमाते हुए मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और देखने लगी. थोड़ी देर बाद मैने उस से कहा आज मैं तुम्हें चोदने वाला हूँ. तुमने किसी औरत को चुदवाते हुए देखा है. वो चुप रही, कुच्छ नहीं बोली. मैने उसे डांटा और कहा मैने तुमसे कुच्छ पूचछा है, बोलती क्यों नहीं. वो बोली एक बार मैने तुम्हारी भाभी को चुदवाते हुए देखा था. मैने पूचछा कैसा लग रहा था. वो बोली मैं कैसे बता सकती हूँ.मैने पूचछा देखने में कैसा लग रहा था. वो बोली अच्च्छा लग रहा था. उसकी निगाह मेरे लंड पर टिकी हुई थी. धीरे धीरे उसकी आँखें गुलाबी सी होने लगी. उसके होठ थर थर काँपने लगे. वो अपने होठों को चबा रही थी.

मैं समझ गया था अब वो उसे भी मज़ा आ रहा है. थोड़ी देर तक उसने कुच्छ नहीं कहा और ना ही अपना हाथ मेरे लंड पर से हटाया तो मैने कहा अब सहलाओ इसे. वो शरमाते हुए मेरा लंड सहलाने लगी. मैने तो पहले से ही जोश में था. उसके सहलाने से थोड़ी ही देर में मेरे लंड ने पिचकारी चला दी तो उसने अपना हाथ हटा लिया और बोली ये क्या निकल रहा है. मैने कहा जब आदमी जोश में आ जाता है तब ये उसके लंड से निकलता है. वो कुच्छ नहीं बोली तो मैने कहा टवल उठा कर इसे सॉफ करो. वो चुप चाप टवल उठ कर मेरा लंड सॉफ करने लगी. मेरा लंड सॉफ करने के बाद वो बोली बहुत देर हो रही है, घर का सारा काम पड़ा है. मैने कहा काम तो बाद में भी हो जाएगा. तुम यहीं बैठी रहो मैं अभी आता हूँ. मैने अपने बेडरूम से एक बीएफ की सीडी ला कर लगा दिया और टीवी को चालू कर दिया. उसके बाद मैं नेहा के बगल में बैठ कर फिल्म देखने लगा. नेहा भी फिल्म देखने लगी. उस फिल्म में एक लड़की एक लड़के का लंड सहला रही थी. उसे भी थोडा जोश आने लगा तो मैने नेहा से कहा मेरा लंड नही सहलाओगी. वो चुप चाप मेरा लंड सहलाने लगी.थोड़ी देर तक मेरे लंड सहलाने के बाद वो बोली तुम्हारा लंड तो उस लड़के के लंड से बहुत लंबा और मोटा है. मैने उसे समझाते हुए कहा जैसे आदमी अलग अलग तरह के होते हैं वैसे उनका लंड भी अलग अलग साइज़ का होता है. नेहा इस बार बड़े प्यार से मेरा लंड सहला रही थी.

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उसने कहा तुम मेरा मूह दबा कर अपना पूरा लंड अंदर डाल दो तब मेरे मूह से कोई आवाज़ नहीं निकलेगी. मैने एक हाथ से उसका मूह दबा दिया और बहुत ही जोरदार 8-10 धक्के लगा दिए. उसके मूह से केवल गू गू की आवाज़ ही निकल पाई और मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. पूरा लंड घुसा देने के बाद मैने उसके मूह से अपना हाथ हटा लिया और उसकी चुदाई शुरू कर दी. थोड़ी देर तक वो दर्द से तड़पति रही लेकिन उसके बाद उसे मज़ा आने लगा. 10 मिनट की चुदाई के बाद ही मधु झाड़ गयी तो मैने और ज़्यादा तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी.
वो भी पूरे जोश में आ चुकी थी और हर धक्के के साथ अपना चूतड़ उठाने लगी थी. उसके चूतड़ उठाने से मेरा पूरा का पूरा लंड जड़ तक उसकी चूत में घुस जाता था. 10 मिनट और चुदवाने के बाद मधु फिर से झाड़ गयी. अब वो और तेज और तेज कहने लगी तो मैने अपनी स्पीड तेज कर दी. उसकी चूत से पच पच की आवाज़ होने लगी. मैने मधु से पूचछा कभी तुमने गांद मरवयाई है तो उसने कहा उसने कहा 2-3 बार मरवाया है. मैने पूचछा गांद मरवावगी तो वो बोली मुझे तुम्हारे लंड से चुदवाने में बहुत मज़ा आ रहा है, तुम मेरी गांद भी मार देना. 15 मिनट और चोदने के बाद जब मैं झड़ने वाला था तो मैने बहुत ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए. वो करते हुए खूब मज़े से चुदवा रही थी. 2 मिनट और चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झाड़ गया. मेरे साथ ही साथ वो भी फिर से झाड़ गयी. थोड़ी देर बाद मैं उसके उपर से हट गया तो वो मेरा लंड चूसने लगी. 15-20 मिनट तक वो मेरा लंड चूस्ति रही तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैने मधु को डॉगी स्टाइल में कर दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल कर उसकी चुदाई शुरू कर दी. इस बार 5 मिनट तक ही चुदवाने के बाद वो झाड़ गयी तो मेरा लंड एक दम गीला हो गया. मैने अपने लंड उसकी चूत से निकाल कर उसकी गांद के छेद पर रख दिया. मैने एक जोरदार धक्का मारा तो उसके मूह से एक जोरदार चीख निकली और मेरा लंड उसकी गांद में 4" तक घुस गया. उसके बाद मैने उसकी कमर को पकड़ कर 4-5 बहुत ही जोरदार धक्के लगाए तो मेरा लंड उसकी गांद में 7" तक घुस गया. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. मुझे उसके चिल्लाने से बहुत मज़ा आ रहा था. मैने उसकी कमर को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. 5 मिनट में ही वो शांत हो गयी तो मैने एक जोरदार धक्का और मारा. उसके मूह से एक ज़ोर की चीख निकली और मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांद में घुस गया. फिर मैने तेज़ी से धक्के लगाने शुरू कर दिए. लगभग 20 मिनट तक मधु की गांद मारने के बाद मैं उसकी गांद में ही झाड़ गया. भैया और भाभी के आने तक मधु ने मुझसे खूब चुदवाया और गांद भी मरवाई. वो मुझसे चुदवा कर बहुत ही खुश थी. चुदवाने के बाद वो मेरे सारे बदन की मालिश भी करती थी. भैया और भाभी के आने के बाद भी जब भैया ऑफीस चले जाते और भाभी नहाने चली जाती तो वो मेरे रूम में आ कर चुदवा लेती थी. एक दिन जब मैं मधु को चोद रहा था तो भाभी ने देख लिया. भाभी ने मुझसे कहा आख़िर तुमने मधु को चोद ही दिया. मधु ने भाभी से कहा आप के देवर का लंड ही ऐसा है कि मैं अपने आप को नहीं रोक पाई. भाभी ने मुझसे कहा क्यों देवर जी मेरा नंबर कब आएगा. मैने मुस्कुराते हुए अभी आ जाओ. भाभी मुस्कुरा कर रह गयी. उसके बाद भैया जब ऑफीस चले जाते तो भाभी खुद ही मुझसे कह देती कि अब तुम मधु को चोद लो. कभी कभी मधु को चोद्ते समय भाभी चुप चाप खड़ी हो कर देखने लगती. 1 महीने बाद मधु को अपने पति के साथ 10 दीनो के लिए गाओं जाना था. वो नेहा को साथ लेकर आई और उसने भाभी से कहा मैं गाओं जा रही हूँ, तब तक नेहा आप के पास ही रहेगी. भाभी ने धीरे से मधु से कहा अगर राजू ने नेहा को चोद दिया तो. मधु बोली ऐसे लंड से चुदवाना किस्मत वालो को नसीब में होता है. भाभी मुस्कुराने लगी. वो नेहा को भाभी के पास छ्चोड़ कर चली गयी. मधु के जाने के दूसरे ही दिन अचानक भैया और भाभी को 10 दीनो के लिए बाहर जाना पड़ गया. भाभी जानती थी कि उनके जाने के बाद नेहा मुझसे बच नहीं पाएगी. भाभी ने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा नेहा अभी छ्होटी है. संभाल कर चोदना. मैने पूचछा आप को कैसे मालूम की मैं नेहा को चोदने वाला हूँ. वो बोली मैं तुम्हारी निगाहों की भाषा खूब समझती हूँ. क्या तुम मुझे चोदने का ख्वाब नहीं देखते. मैने अपना सिर झुका लिया तो वो बोली वक़्त आने दो मैं भी तुम्हारे लंड का स्वाद ज़रूर चखूँगी. दूसरे दिन सुबह के 6 बजे ही भैया और भाभी बाहर चले गये. मैं उठा और बाथरूम में जा कर नहाने लगा. नेहा को चोदने का ख्याल मन में आते ही मेरा 8" का लंड खड़ा हो गया. मैने नेहा को पुकारा. वो आई तो मैने बाथरूम का दरवाज़ा खोल दिया. उसकी निगाह जेसे ही मेरे उपर पड़ी तो उसने अपना मूह फेर लिया और बोली क्या है. मैने कहा क्या मैं इतना बदसूरत हूँ की तुमने अपना मूह फेर लिया. वो बोली नहीं ऐसी बात नहीं है.

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@aapkaraj मधु अंड नेहा

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मेरे मूह से फिर एक जोरदार चीख निकली. मैं किसी मछली की तरह तड़पने लगी और अपने सर के बाल नोचने लगी. मेरी चेहरे पर पसीना आ गया और आँखो मे आँसू भर गये. राजू का लंड मेरी चूत मे और ज़्यादा गहराई तक घुस चुका था. उसका लंड मेरी बच्चेदानि को पिछे धकेल रहा था. मैने समझा कि अब उसका पूरा लंड मेरी चूत मे घुस चुका है. मैने राजू से पुछा “क्या हुआ, पूरा घुस गया.” वो बोला “अभी नही, थोड़ा सा बाकी है.” मैने कहा “बाकी का लंड भी मेरी चूत मे जल्दी से डाल दो.” उसने पूरी ताक़त के साथ एक फाइनल धक्का मारा. मैं दर्द से तड़पने लगी और सर के बाल नोचने शुरू कर दिए. मेरे आँखो से आँसू निकल रहे थे. वो मेरे चेहरे को देख रहा था और बोला “डिंपल भाभी, अब मेरा लंड तुम्हारी चूत मे पूरा घुस चुका है.” मैं भी उसके दोनो बॉल्स को अपनी चूत पर महसूस कर रही थी. मैने कहा “राजू, रूको मत. अब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. अभी मेरी चुत चौड़ी नही हुई है. जब तुम ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा कर मुझे चोदोगे तब मेरी चूत चौड़ी हो कर तुम्हारे लंड के साइज़ की हो जाएगी और मेरा दर्द ख़तम हो जाएगा. फिर मैं भी मज़ा ले सकूँगी.” उसने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. 20-25 धक्को के बाद मेरा दर्द धीरे धीरे कम होने लगा.
और मेरी चूत ने इस बार ढेर सारा पानी छोड़ दिया. अब मेरी चूत और ज़्यादा गीली हो चुकी थी. चूत गीला हो जाने की वजह से राजू का लंड ज़्यादा आराम अंदर बाहर होने लगा. जब राजू ने 20-25 धक्के और लगा दिए तो मेरी चूत कुच्छ चौड़ी हो गयी और मेरा दर्द एक दम ख़तम हो गया. फिर मुझे भी मज़ा आने लगा. मैने चूतड़ उठा उठा कर राजू का साथ देना शुरू कर दिया. मैने राजू से कहा “अब तुम मेरे पैरो को छोड़ दो और मेरे बूब्स को मसल्ते हुए मेरी चुदाई करो.” उसने मेरा कहा मान लिया और मेरे पैरो को छोड़ दिया. फिर उसने मेरे दोनो बूब्स को अपने हाथो से मसल्ते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी. वो ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था. मैं भी चूतड़ उठा उठा कर उसका साथ दे रही थी. मैने उसका सिर पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया.राजू जब धक्का लगाता तो मैं अपना चूतड़ उपर उठा देती थी जिस से उसका लंड मेरी चूत मे और ज़्यादा गहराई तक घुस जाता था. मेरी चूत के पानी से उसका लंड एक दम गीला हो गया था. इस वजह से रूम मे फ़च फ़च की आवाज़ हो रही थी. वो मुझे बहुत तेज़ी के साथ चोद रहा था. 10 मीं बाद उसने मेरी कमर को बहुत ज़ोर से जाकड़ लिया और बोला.
डिंपल भाभी, मेरा जूस निकलने वाला है.” मैने कहा “तुम अपने लंड का जूस मेरी चूत मे ही निकाल दो.” तभी राजू की स्पीड और तेज हो गयी और 2 मीं मे ही उसके लंड ने मेरी चूत को भरना शुरू कर दिया. उसके साथ ही साथ मेरी चूत से भी पानी निकलने लगा. राजू मुझसे एक दम चिपक गया था. उसकी साँसे बहुत तेज़ चल रही थी. थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरी चूत को देखने लगा. मैं बाथरूम जाना चाहती थी लेकिन खड़ी नही हो पा रही थी. राजू मुझे गोद मेउठा कर बाथरूम ले गया. बाथरूम के मिरर मे मेने अपनी चूत को देखा तो मेरी चूत एक दम सुरंग की तरह दिख रही थी. मैं अपनी चूत की इस हालत पर हँसने लगी. उसके बाद हम दोनो बाथरूम से वापस आ गये. बाथरूम से वापस आने के बाद मैं कहा “मैं खाना बनाने जाती हू, तब तक आराम कर लो.” वो बोला “ठीक है.” मैं कपड़े.
पहन ने लगी तो राजू बोला “अब काहे की शरम. तुम इसी तरह एक दम नंगी ही खाना बना लो.” मैं ठीक से चल नही पा रही थी. धीरे धीरे मैं नंगी ही किचन मे खाना बनाने चली गयी. राजू ने कपड़े नही पहने थे. वो उसी तरह बैठ कर टीवी देखने लगा. जब मैं खाना बना कर बाहर आई तो मैने राजू से पुछा “क्या तुम फिर से तय्यार हो.” वो बोला “मैं तो कब से तय्यार हू और आपका इंतेज़ार कर रहा हू.” मैने उसका लंड मूह मे ले लिया और चूसने लगी. उसका लंड 2 मीं मे ही एक दम टाइट हो कर लोहे जैसा हो गया. मैं उस से लेट जाने को कहा. वो लेट गया और मैं उसके उपर चढ़ गयी. मैने उसके लंड का टोपा अपनी चूत के बीच रखा और थोड़ा सा दबाया तो उसका लंड मेरी चूत मे लगभग 2″ तक घुस गया. मुझे थोड़ा दर्द हुआ और मेरे मूह से एक हल्की सी चीख निकल पड़ी. राजू बोला “क्या हुआ, डिंपल भाभी. आप तो पूरा लंड अंदर ले चुकी हैं तो फिर क्यों चीख रही हैं.” मैने कहा “तू नही समझेगा. एक बार चुदवाने से चूत थोड़े ही चौड़ी हो जाती है. जब मैं तुझसे 8-10 बार चुदवा लूँगी तब जा कर तेरा लंड मेरी चूत मे बिना दर्द के जाएगा.” मैने थोड़ा और दबाया तो उसका लंड मेरी चूत मे 4″ तक घुस गया. मेरी चूत मे फिर से दर्द होने लगा और मैं कराह उठी. मैने बिना और ज़ोर लगाए धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर मे मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ तो मैने थोड़ा और ज़ोर लगाया. इस बार उसका लंड मेरी चूत मे 6″ तक घुस गया और मैं दर्द के मारे तड़पने लगी. मेरे चेहरे पर पसीना आ गया.

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थोड़ी देर बाद उसका डर कुच्छ कम हो गया तो उसने अपना एक हाथ मेरे बूब पर रख दिया. मैने कहा “देवर जी, इस तरह नही. मेरा टवल तो खोल दो.” उसने धीरे से मेरा टवल खीच कर अलग कर दिया. अब मैं भी उसके सामने एक दम नंगी हो गयी. उसने मेरे बूब्स को सहलाना शुरू कर दिया.
मैं और ज़्यादा जोश मे आने लगी तो मैने उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर सटा दिया. उसकी हिम्मत और बढ़ गयी. उसने अपनी उंगली मेरी चूत मे डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. मैं एक दम बेकाबू सी होने लगी और उठ कर उसके पैरो पर बैठ गयी. उसने अपना हाथ मेरे पीठ पर फिराना शुरू कर दिया. फिर मैने उसके लंड का टोपा अपनी चूत पर रखा और दबाने लगी. मैने जैसे ही थोड़ा सा दबाया तो मेरे मूह से एक सिसकारी सी निकल पड़ी. वो बोला “क्या हुआ.” मैने कहा “तुम्हारा लंड बहुत मोटा है इस लिए दर्द हो रहा है.” मैने अपना होठ उसके होठ पर रख दिया और उसके होंठो को चूमने लगी. मैने उसके लंड को अपनी चूत से सटाये हुए थोड़ी देर तक अपने कमर को हिलाना जारी रखा. थोड़ी ही देर मे जब मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ तो मैने थोड़ा सा और ज़ोर लगाया. इस बार मेरे मूह से चीख निकल गयी. अब उसके लंड का टोपा मेरी चूत मे घुस चुका था. मैं उसी तरह थोड़ी देर तक रुकी रही. जब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैने अपनी कमर को आगे पिछे करना शुरू कर दिया. अब उसके लंड का टोपा मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा. मेरी चूत ने उसके लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था. अभी 2 मिनट भी नही हुए थे कि मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.
मेरी चूत एक दम गीली हो गयी और उसका लंड भी एक दम भीग गया. अब किसी आयिल या क्रीम की ज़रूरत नही थी. मैने थोड़ा सा ज़ोर लगाया तो इस बार मैं बहुत ज़ोर से चीख पड़ी. उसका लंड मेरी चूत मे 2″ तक घुस गया. मैं दर्द के मारे रुक गयी और चुप चाप बैठी रही. राजू भी जोश से एक दम बेकाबू हो रहा था. उसने अचानक मेरी कमर को पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खीच लिया. मेरे मूह से एक जोरदार चीख निकल गयी तो उसने अपने होठ मेरे होंठो पर रख दिए. उसका लंड मेरी चूत मे 3″ तक घुस गया था. मेरी चूत से थोड़ा खून भी आ गया. राजू मेरी कमर को पकड़ कर धीरे धीरे आगे पिछे करने लगा. उसके होठ मेरे होंठो पर थे. 2-3 मिनट बाद मेरा दर्द कुच्छ कम हो गया. मैं अपना हाथ उसके पीठ पर लपेट कर उसके सीने से एक दम चिपक गयी और उसका साथ देना शुरू कर दिया. मेरे बदन मे आग सी लग चुकी थी. मेरी साँसे बहुत तेज होने लगी और मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ना शुरू कर दिया. राजू का लंड और मेरी चूत दोनो और ज़्यादा गीले हो चुके थे. उसका लंड अब 3″ तक आराम.
से मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा था. राजू मेरी कमर को पकड़े हुए मुझे तेज़ी से आगे पिछे कर रहा था. मैने जोश के मेरे अपनी आँखे बंद कर ली थी. तभी राजू ने मुझे फिर से अपनी तरफ ज़ोर से खीच लिया. मैं फिर से चिल्लाई तो उसने अपने होंठो से मेरे होंठो को सील कर दिया. मुझे लग रहा था कि किसी ने मेरी चूत मे चाकू घुसेड दिया हो. उसका लंड अब तक मेरी चूत मे 5″ घुस चुका था. राजू भी बहुत जोश मे आ गया था. उसने मुझे तेज़ी से आगे पिछे करना शुरू कर दिया. मैं भी बहुत ज़्यादा जोश मे आ चुकी थी और उसका साथ दे रही थी. अभी तक राजू का लंड मेरी चूत मे केवल 5″ ही घुस पाया था. 5 मिनट भी नही बीते थे कि राजू के लंड ने अपने जूस से मेरी चूत को भरना शुरू कर दिया. उसके साथ ही साथ मेरी चूत ने भी अपना जूस छोड़ना शुरू कर दिया. लंड का सारा जूस निकल जाने के बाद भी मैं बहुत देर तक उसका लंड अपनी चूत मे डाले हुए बैठी रही. जब उसका लंड एक दम ढीला हो गया तब मैं उसके उपर से हट गयी. मैने देखा कि उसके लंड पर मेरी चूत का जूस और थोड़ा खून लगा हुआ था. उसका लंड खून और जूस की वजह से एक दम गुलाबी दिख रहा था. मैने राजू का हाथ पकड़ा और उसे बाथरूम ले गयी. मैने उसका लंड और अपनी चूत को साबुन लगा कर सॉफ किया. उसके बाद हम दोनो नंगे ही बेडरूम मे जाकर बेड पर लेट गये.
मैं उस से एक चिपकी हुई थी. वो मेरी पीठ को सहला रहा था और मैं उसके पीठ को सहला रही थी. मैने कहा “राजू, तुम्हारे लंड से चुदवा कर मुझे तो बहुत मज़ा आया. जब कि अभी मैने तुम्हारा पूरा लंड अपनी चूत के अंदर नही लिया है. तुमने आज के पहले कभी किसी के साथ किया है.” वो बोला “नही, मैने आज के पहले किसी के साथ नही किया है. ये मेरा पहली बार था इसी लिए मेरा जूस बहुत जल्दी निकल गया. मुझे भी आज पहली बार ये मज़ा मिला है.” मैने कहा “मैं भी तुमसे चुदवा कर खूब मज़ा लूँगी और तुम्हे भी खूब मज़ा दूँगी.” इतने मे राजू का लंड फिर से खड़ा होने लगा था. वो बोला “डिंपल भाभी, मुझे कहते हुए शरम आ रही है. अगर तुम्हे एतराज़ ना हो तो मैं फिर से तुमको चोद दू.” मैने कहा “मैं तो तुम्हारा लंड अब अपनी चूत मे ले चुकी हू. अब कैसी शरम. तुम जब चाहो मुझे चोद सकते हो.

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@aapkaraj

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वो भी बहुत जोश में थी. वो बोली, डाल दो ना. क्यों तडपा रहे हो. मेरे लंड पर और उनकी चूत पर ढेर सारा साबुन लगा हुआ था. मैने उनकी चूत में अपना लंड धीरे धीरे दबाना शुरू किया तो साबुन लगा होने की वजह से मेरा लंड स्लिप करते हुए उनकी चूत में घुसने लगा. जैसे ही मेरा लंड उनकी चूत के अंदर 3" तक ही घुसा तो वो तड़पने लगी और बोली, अब रुक जाओ. बहुत दर्द हो रहा है. मैं रुक गया तो थोड़ी ही देर बाद वो बोली, थोड़ा सा और अंदर डाल दो और धीरे धीरे धक्के लगाओ.मैने अपना लंड भाभी की चूत के अंदर और दबाने लगा या जैसे ही मेरा लंड उनकी चूत के अंदर 4" तक घुसा तो वो बोली, अब रहने दो और धक्के लगाओ. वो बहुत जोश में थी. मैने धक्के लगाने शुरू कर दिए तो वो ज़ोर ज़ोर की सिसकारियाँ भरने लगी. थोड़ी देर बाद ही भाभी को खूब मज़ा आने लगा तो बोली थोड़ा और तेज धक्के लगाओ. मैने और तेज धक्के लगाते हुए उनकी चुदाई शुरू कर दी. 5 मीं में ही वो झाड़ गयी और बोली, राजू खूब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा कर चोदो मुझे. मैने कहा, अगर मैं और तेज धक्के लगा कर तुम्हे चोदुन्गा तो मेरा पूरा का पूरा लंड तुम्हारी चूत में घुस जाएगा. वो बोली, मुझे इसकी परवाह नहीं है. मुझे तो बस केवल मज़ा चाहिए. मैने कहा, ठीक है. मैने बहुत ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए भाभी की चुदाई शुरू कर दी. हर धक्के के साथ मेरा लंड उनकी चूत के अंदर और ज़्यादा घुसने लगा. वो केवल आअहह ऊओ करते हुए मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर लेती रही. थोड़ी ही देर में मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत में घुस गया. पूरा लंड घुसा देने के बाद मैने बहुत ही तेज़ी के साथ ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए उनकी चुदाई शुरू कर दी. वो ज़ोर ज़ोर की सिसकारियाँ लेते हुए एक दम मस्त हो कर चुद्वा रही थी और मैं भी उन्हें पूरे जोश के साथ चोद रहा था. मैने भाभी को लगभग 25-30 मीं तक चोदा और फिर झाड़ गया. भाभी भी इस चुदाई के दौरान 3 बार झाड़ चुकी थी.

उसके बाद हम दोनो ने नाहया. भाभी ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी. मैं उन्हें सहारा दे कर बेडरूम में ले आया. वो बोली, तुमने मेरी बहुत ही अच्छि तरह से चुदाई की है. मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा है और अब मैं खाना बनाने के काबिल नहीं हूँ. तुम होटेल से खाना ले आओ. मैं होटेल से खाना लेने चला गया. मैं खाना

ले कर होटेल से आया तो हम दोनो ने खाना खाया. उसके बाद 1 घंटे तक आराम किया. शाम के 4 बजने वाले थे. भाभी ने कहा, अब एक बार और मेरी चुदाई कर दो. मैने कहा, पहले मेरा लंड तो चूस कर खड़ा करो. वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उनकी चूत को चाटने लगा. थोड़ी ही देर में मेरा लंड एक दम टाइट हो गया तो मैने भाभी को डॉगी स्टाइल में कर दिया. उसके बाद मैने भाभी की चूत की लिप्स को फैला कर अपने लंड का सूपड़ा बीच में रख दिया. फिर मैने भाभी की कमर को पकड़ कर पूरी ताक़त के साथ एक जोरदार धक्का मारा. इस धक्के के साथ ही जैसे बेडरूम में भूचाल आ गया हो. भाभी बहुत ज़ोर से चिल्लाई. उनकी टाँगें थर थर काँपने लगी और उनकी चूत से थोड़ा खून भी निकल आया. मेरा लंड भाभी की चूत को चीरता हुआ उनकी चूत में 5" तक घुस गया. वो बोली, बहुत दर्द हो रहा है. जब तक मैं ना कहूँ तुम अपना लंड और ज़्यादा अंदर मत घुसाना. मैने कहा, ठीक है, मेरी रानी. उसके बाद मैने बिना रुके ही भाभी की चुदाई शुरू कर दी. थोड़ी देर तक चुद्वाने के बाद वो धीरे धीरे शांत हो गयी. वो बोली, मेरी चूत में बहुत जलन हो रही है. तुम खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो. मैने बहुत तेज़ी के साथ भाभी की चुदाई शुरू कर दी. 5 मीं चुद्वाने के बाद वो झाड़ गयी. झाड़ जाने के बाद भाभी को और ज़्यादा मज़ा आने लगा. वो अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुए चुद्वाने लगी. मैं भी जोश से पागल सा हुआ जा रहा था. भाभी ने कहा, थोड़ा और तेज चोदो. मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज़ी के साथ चोद्ने लगा.

5 मीं तक चुद्वाने के बाद वो बोली, अभी कितना लंड अंदर घुसना बाकी है. मैने कहा, अभी 2" और बाकी है. वो बोली, अब तुम पूरी ताक़त के साथ खूब ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए मेरी चुदाई करो. उन्होने अभी तक भैया से बड़ी मुश्किल 10-15 बार ही चुद्वाया होगा. उनकी चुत मेरे लंबे और मोटे लंड के लिए किसी कुँवारी चूत से कम नहीं थी. मुझे भी खूब मज़ा आ रहा था.थोड़ी देर तक चुद्वाने के बाद वो बोली, तुमने बहुत ही अच्छि तरह से मेरी चुदाई करके मेरी चूत में आग सी भर दी है. अब तुम मुझे खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो और मेरी चूत की आग को अपने लंड के जूस से ठंडा कर दो. अगर तुमने मेरी चुदाई करने में ज़रा भी ढील की तो मैं तुमसे फिर कभी नहीं चुद्वाउन्गि. मैने कहा, ठीक है. मैने भाभी की कमर को ज़ोर से पकड़ लिया और बहुत ही जोरदार धक्के लगाते हुए उनकी चुदाई शुरू कर दी. बेडरूम में फ़च फ़च की आवाज़ होने लगी. मैं बहुत तेज़ी के साथ भाभी की चुदाई कर रहा था.

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भाभी खड़ी हो गयी तो मैने उनके पेटिकोट के नाडे को ढीला कर दिया तो उनका पेटिकोट नीचे गिर पड़ा. उनका संगमरमर सा गोरा बदन अब मेरे सामने था. मैं भाभी के एक दम गोरे बदन को देखता ही रह गया. उन्होने अपने एक हाथ से अपनी चूत को ढक लिया और जोश के मारे अपनी आँखें बंद कर ली. थोड़ी देर बाद मैने कहा, मैं तुम्हारे बूब्स को हाथ लगा कर देख लूँ. वो बोली, तुम जो भी चाहो और जैसे भी चाहो देख लो. मैने भाभी के दोनो निपल्स को अपनी उंगलियों से पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में वो जोश में आ कर सिसकारियाँ भरने लगी. मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. भाभी ने जोश में आ कर एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और सहलाने लगी. मैने कहा, तुम अपने दूसरे हाथ से क्या छुपा रही हो. वो बोली, बहुत ही कीमती चीज़ है. सब कुच्छ अभी देख लोगे. मैने कहा, तो क्या हुआ. तुमने भी तो मेरा सब कुच्छ देख लिया है. वो कुच्छ नहीं बोली तो मैने उनका हाथ उनकी चूत पर से हटा दिया. उनकी चूत भी एक दम गोरी और चिकनी थी. मैने अपना हाथ उनकी चूत पर लगा दिया तो उन्होने एक ज़ोर की सिसकारी ली. मैने

कहा, अब क्या हुआ. वो बोली, गुदगुदी हो रही है. मैने एक हाथ से उनकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से उनकी निपल को मसलता रहा. वो सिसकारियाँ भरते हुए मेरे लंड को सहलाती रही. मैं उनकी चूत को सहलाता रहा तो वो बहुत ज़्यादा जोश में आ गयी और थोड़ी ही देर बाद वो झाड़ गयी. उन्होने थोड़ा शरमाते हुए कहा, मैने तुम्हारे लंड के जूस को ज़रा सा भी बर्बाद नहीं होने दिया और सारा का सारा जूस निगल लिया.

एक तुम हो कि मेरी चूत का बेशक़ीमती जूस ऐसे ही बर्बाद हो जाने दे रहे हो. मैने कहा, सॉरी, ग़लती हो गयी. मैं भी तुम्हारी चूत का जूस चाट लेता हूँ. मैने भाभी को सोफे पर लिटा दिया और उनकी चूत के जूस को चाटने लगा. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगी. उनकी चूत का सारा जूस चाट लेने के बाद जैसे ही मैने हटने की कोशिश की भाभी ने मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत की तरफ खीच लिया और बोली, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. थोड़ी देर तक और चाटो मेरी चूत को. मैं भाभी की चूत को फिर से चाटने लगा. भाभी बहुत ज़्यादा जोश में आ चुकी थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी. 5 मीं में ही वो फिर से झाड़ गयी. इस बार उनकी चूत से ढेर सारा जूस निकला और मैने वो सारा का सारा जूस चाट लिया. उसके बाद मैं हट गया. भाभी एक दम मस्त हो चुकी थी और बोली, मैं तुम्हारा लंड एक बार फिर से चूसना चाहती हूँ, चूस लूँ. मैने कहा, मैने कब मना किया है. उन्होने मेरे लंड को अपने मूह में ले लिया और चूसने लगी. मैं एक हाथ से उनके निपल्स को मसल्ने लगा और दूसरे हाथ की उंगली उनकी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. वो बड़े प्यार से मेरा लंड चूस्ति रही और ज़ोर ज़ोर की सिसकारियाँ भी भरती रही. भाभी बहुत ज़्यादा जोश में थी और मेरे लंड को बहुत तेज़ी के साथ चूस रही थी.

10-15 मीं में ही मेरे लंड का जूस फिर से निकलने लगा. भाभी ने इस बार बड़े प्यार से मेरे लंड का सारा का सारा जूस निगल लिया और उसके बाद मेरे लंड को चाट चाट कर सॉफ करने लगी. मेरे लंड को सॉफ कर देने के थोड़ी ही देर बाद वो भी झाड़ गयी. मैने उन्हें सोफे पर लिटा दिया और उनकी चूत को चाटने लगा. उनकी चूत को चाटने के बाद मैं उनके उपर ही लेट गया. वो मेरी पीठ को सहलाती रही और मैं उनकी पीठ को सहलाता हुआ उनके होठों को चूमता रहा.लगभग 1 घंटे बाद वो बोली, 1 बज रहे हैं. अब मैं खाना बनाने जा रही हूँ. मैं उनके उपर से हट गया. भाभी पेटिकोट पहन ने जा रही थी तो मैने कहा, पेटिकोट मत पहनो. तुम नंगी ही ज़्यादा खूबसूरत दिखती हो. वो बोली, जैसा हुकुम मेरे राजा जी. लेकिन एक शर्त है. मैने पूछा, कौन सी शर्त. वो बोली, तुम भी एक दम नंगे ही रहोगे. मैने कहा, जो हुकुम, मेरी रानी. भाभी बाथरूम जाने लगी तो मैं भी उनके साथ ही साथ बाथरूम चला गया. भाभी ने अपनी चूत को सॉफ करने के लिए जैसे ही साबुन उठाया तो मैने उनके हाथ से साबुन ले लिया और कहा, लाओ मैं तुम्हारी चूत पर साबुन लगा दूं. भाभी ने कहा, तो लगा दो ना. मैं भाभी की चूत पर साबुन लगाने लगा तो वो फिर से सिसकारियाँ भरने लगी. मैने कहा, अब क्या हुआ. वो बोली, जब तुम मेरी चूत पर हाथ लगाते हो तो मेरे सारे बदन में आग सी लग जाती है और बहुत ज़ोर की गुदगुदी होती है. मैने कहा, और जब भैया हाथ लगते हैं तब. वो बोली, उनके हाथ लगाने से ज़्यादा गुदगुदी नहीं होती, हां सारे बदन में आग ज़रूर लग जाती है. मैने भाभी की चूत पर साबुन लगाता रहा तो वो फिर से जोश में आ गयी और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगी. उन्होने मेरे हाथ से साबुन ले लिया और बोली, अब मैं तुम्हारे लंड पर साबुन लगा देती हूँ. उन्होने मेरे लंड पर साबुन लगाना शुरू कर दिया.

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मैं फ्रेश होने चला गया और वो किचन में नाश्ता बनाने चलो गयी. फ्रेश होने के बाद मैं नहा रहा था तो भाभी ने आवाज़ दी, कितनी देर तक नहाते रहोगे. जल्दी से नहा कर आ जाओ और नाश्ता कर लो. मुझे भी नहाना है. मैने कहा, मेरा लंड गरम हो गया था. उसे ठंडा कर रहा हूँ. तुम भी आ कर मेरे साथ ही नहा लो. वो बोली, मैं एक दम नंगी ही नहाती हूँ और मुझे तुम्हारे सामने एक दम नंगी होने में शरम आएगी. मैने कहा, मेरे लंड को पकड़ने में शरम नहीं आई, अब नहाने में शरम आ रही है. वो बोली, मैं तुम्हारे सामने अपने कपड़े कैसे उतार सकती हूँ. हां मैं तुम्हे एक दम नंगा ज़रूर कर सकती हूँ. मैने कहा, तो मैं नहा कर नंगा ही बाहर आ जाता हूँ. वो बोली, तो आ जाओ ना. तुम नंगे रहोगे तो शरम भी तुम्हे ही आएगी, मुझे नहीं. मैने कहा, ठीक है, मैं नंगा ही बाहर आ जाता हूँ.नहाने के बाद मैने अपनी भीगी हुई चड्धि बाथरूम में ही उतार दी और एक दम नंगा ही भाभी के सामने चला आया. उन्होने मुझे एक दम नंगा देखा तो अपनी आँखें बंद कर ली. मैने कहा, अब काहे शरमा रही हो. वो बोली, अभी थोड़ा शरम आ रही है, बाद में नहीं आएगी. मैं चुप चाप खड़ा रहा. थोड़ी देर बाद भाभी ने अपनी आँखें खोल दी और बोली, लो अब मेरी शरम ख़तम हो गयी. मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा हो गया तो मैने अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा, सुबह तुमने इसे ठीक से नहीं देखा था, अब अच्छि तरह से देख लो. भाभी सोफे पर बैठी थी. इतना कह कर मैं भाभी के नज़दीक गया और अपना लंड उनके मूह के सामने कर दिया.

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राजू और उसकी भाभी

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कर गरम पानी में शॉवर के नीचे नहा लो।”

मैं फिर भी वहां चुप-चाप खड़ी रही तो राजन ने मेरी और देखा तब मैंने कुछ क्षोभित हो कर राजन से पूछा, “मैं कैसे अपने कपड़े आपके सामने निकाल सकती हूं?”

राजन ने थोड़ा सा शरारत भरी मुस्कान अपने चेहरे पर लाते हुए कहा, “रोमा, अभी ऐसे ही तुम करीब-करीब नंगी ही हो। मैंने तुम्हें पूल में ऊपर से नीचे तक पूरी नंगी तो देख ही लिया है। अब यह एक छोटी सी ब्रा और यह लंगोटी सी पैंटी निकालने में क्या शर्माना? देखो यार, अभी हम अकेले भी हैं। अब मुझसे क्यों साफ़-साफ़ बुलवाती हो कि तुम मुझसे चुदवाना चाहती हो और मैं तुम्हें चोदना चाहता हूं?

हम दोनों जानते हैं की मैं तुम्हें चोदे बगैर जाने नहीं दूंगा और तुम चुदवाये बगैर जाओगी नहीं। तो अब यह सब औपचारिकता का नाटक छोड़ो। सुखाने के लिए तुम्हें ये निकालने तो पड़ेंगे ही। हां अगर तुम फिर भी जिद्द ही करती हो तो लो मैं दूसरी तरफ घूम जाता हूं। अब तुम यह ब्रा और पैंटी निकाल कर मुझे देदो तो मैं चला जाऊंगा, ओके?” यह कह कर राजन दूसरी तरफ घूम गए।

राजन की खरी-खरी मुझे शूल की तरफ चुभ गयी। उनकी बात सौ फीसदी सही थी। मैं मारे गुस्से के आग बबूला हो गयी। एक तरफ मेरी चूत मुझे परेशान कर रही थी। दूसरी तरफ राजन मुझे परेशान कर रहे थे। गुस्से और क्षोभ में नारी का एक मात्र हथियार होता है आँसू। मेरी आंखों में आंसू भर आये।

मैं लगभग रोने ही लग पड़ी। मैंने राजन की आंखों में आंखें डाल कर कुछ गुस्से से और कुछ कुंठा से पूछा, “क्यों? मैं क्यों निकालूंगी अपने कपड़े? आपके हाथों में मेहंदी लगी है क्या? आपने जब मुझे पूल में नंगी किया था, तब क्या मैंने अपने कपड़े खुद निकाले थे? आप तो स्त्रियों का मन अच्छे से जानते हो। इतना सारा लेक्चर झाड़ने के बदले और यह सब जो आप जानते हो उसे कहने कि बजाए, कुछ उस ज्ञान का कुछ अमल ही किया होता? इन हालात में क्या कोई भी स्त्री अपने कपडे खुद निकालती है भला?”

यह कहते ही क्षोभ और कुंठित मैं फफक-फफक कर रोने लगी। मुझे इस तरह रोते देख कुछ पलों के लिए राजन स्तब्ध मुझे देखते ही रहे। फिर पलक झपकते ही राजन ने मुझे एक फूल की हलकी सी माला जैसे अपनी बाहों में ऊपर उठा लिया। मेरे होंठों पर सख्ती से कस कर अपने होंठ दबा कर राजन ने मुझे जिस जोश और उन्माद से चुंबन उस समय किया, वह मैं जिंदगी भर तक नहीं भूलूंगी।

राजन तो मुझ से भी कहीं ज्यादा पागल हो रहे थे। मेरे होंठ, मेरी नाक, मेरी दाढ़ी राजन कभी अपनी जीभ से चाटते तो कभी इतनी कशिश और जोश खरोश से मुझे चूमते, कि मैं तो उनके चूमने से पागल सी बाँवरी ही हो रही थी। मुझे उठाते हुए मेरी गांड के नीचे उनके हाथ थे। अपनी हथेली से इतनी सख्ती से मेरी गांड के गालों को वह दबाने और मसलने लगे कि मुझे लगा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो मैं तो राजन की बांहों में ही झड़ जाउंगी।

मुझे चूमते और मेरे बदन के ऊपर के हिस्से को पूरे जूनून से चाटते हुए राजन बोल रहे थे, “रोमा, पता नहीं तुमने मुझ पर क्या जादू कर दिया है? जब से मैं तुमसे टकराया था तब से मैं सिर्फ तुम्हारे बारे में ही सोच रहा हूं। पूरी कांफ्रेंस में मेरा ध्यान ही नहीं लग रहा था। जब मैंने तुम्हें पूल में मुझसे मिलने आते हुए देखा तब मैंने तय कर लिया था कि मैं तुम्हें आज चोदे बगैर नहीं जाने दूंगा।

अगर किसी भी कारण मैं तुम्हें नहीं चोद पाया, तो मैं पागल हो जाऊंगा। पर तक़दीर ने मेरी तमन्ना पूरी कर दी जब तुम अनजाने में ही लड़खड़ा कर पूल में गिर पड़ी। पूल में मैं जान गया कि आग दोनों तरफ से लगी हुई है। तुम्हारी दीदी ने मेरी बात की पुष्टि कर दी।”

राजन ने कुछ देर पागल की तरह चूमने के बाद बाथरूम में ले जा कर मुझे शॉवर के नीचे खड़ा किया और खुद भी मेरी बगल में खड़े हो गए। उस समय राजन की आंखों में मैंने वह नशीला पागल सा जूनून देखा तो मुझे कोई भी शक नहीं रहा कि तब मैं हां कहती या ना कहती, वह मुझे चोदने से बख्शने वाले नहीं थे। शॉवर के तापमान को एडजस्ट कर उन्होंने अपना तौलिया निकाल दिया, और खुद निक्कर में खड़े हो गए।

मुझे अपने करीब खिंच कर उन्होंने बड़े प्यार से मुझे घुमा कर मेरी ब्रा के हुक खोल दिए। फिर मेरे कन्धों से ब्रा की पट्टियां खिसका कर ब्रा को निकाल कर अलग से रख दी। मेरी पैंटी को भी अपने अंगूठे से नीचे खिसका दिया तब मैंने अपने पांव सरका कर मेरी पैंटी भी निकाल दी।

मैं राजन के सामने नंगी हो गयी। स्विमिंग पूल में अफरातफरी के कारण राजन मेरे नंगे बदन को ठीक से शायद देख नहीं पाए थे। पर अब उन्हें पूरा मौक़ा था जब वह मुझे आराम से ऊपर से नीचे तक, आगे से पीछे से बड़े आराम से निहार सकते थे।

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राजन ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम इस हाल में मेरे कमरे में जाओगी नहीं तो कहां जाओगी? तुम शादीशुदा हो। अगर मेरे कमरे में इस हाल में आओगी और मान लो कि अगर कुछ हुआ भी तो ऐसा कौन सा गजब हो जाएगा जो कभी तुम्हारे साथ पहले नहीं हुआ?

देखो तुम भी जानती हो और मैं भी जानता हूँ कि हम दोनों क्या चाहते हैं। जो होने वाला है वह हो कर ही रहेगा। अब जो होना है उसे होने दो। उससे मत भागो। हम एक-दूसरे से खुल कर प्यार ही करेंगे ना? यार प्यार करना कोई पाप है क्या? जब कोई यहां तुम्हें जानता ही नहीं तो कौन तुम्हारे बारे में क्या सोचेगा? वैसे भी इस वक्त यहां कोई ज्यादा लोग तो है नहीं।”

फिर राजन ने दीदी की और इशारा करते हुए कहा, “हाँ तुम दीदी के बारे में सोच लो। क्या दीदी को हम कमरे में ले चलें? मैं तो तुम्हारे साथ जाना चाहता हूँ। पर अगर तुम कहोगी तो उन्हें भी ले चलेंगे। तुम्हारे सारे सवालों के जवाब मैंने दे दिए। अब चलें?”

मैंने राजन से कहा, “दीदी को ले चलने में चिंता की कोई बात नहीं।”

पुष्पा दीदी उस समय पूल के दूर वाले छोर पर थी। मैंने दीदी को हाथ हिला कर इशारा कर बुलाया। जब दीदी आ गयी तो राजन ने दीदी से कहा कि हम राजन के कमरे में चलेंगे और अपने कपड़े वहीं सुखा कर प्रेस कर पहनेंगे और उसके बाद ही घर जाने के लिए निकलेंगे। पुष्पा दीदी को तो जैसे पता ही था कि क्या प्रोग्राम बनने वाला था। दीदी ने राजन से कहा, “यही तो मैं भी सोच रही थी। अगर आप ने नहीं बताया होता तो मैं जबरदस्ती आपको कहती कि हमें आपके रूम में कुछ देर के लिए आराम करना पड़ेगा।”

मैं राजन के कमरे में जाने के लिए बेताब तो थी ही। उस के अलावा हमारे पास कोई और चारा भी तो नहीं था। फिर राजन की बात भी तो सच्ची थी। वह ऐसा क्या कर लेगा जो मैं नहीं चाहती थी? उस समय मेरा हाल यह था कि मेरी चूत स्विमिंग पूल के पानी से कम और मेरे चूत में से रिस रहे प्रेम रस से ज्यादा भीगी हुई थी।

जिस तरह से मेरा हाल हो रहा था मुझे कोई शक नहीं रहा कि चाहे राजन कुछ करे या ना करे, मुझे राजन के उस तगड़े लंड से चुदना ही था। मुझे लग रहा था कि अगर उस दिन राजन ने मुझे चोदने के लिए कुछ सक्रियता नहीं दिखाई, तो पता नहीं उस पागलपन में मैं ही राजन को पकड़ कर उसे मुझे चोदने के लिए कहीं मजबूर ना कर दूँ।

फिर पुष्पा दीदी ने मेरी और घूम कर मेरी और इशारा करते हुए राजन को कहा, “जहां तक मेरी इस सहेली का सवाल है तो वह तो बेचारी आपके कमरे में जाने के लिए कब से बेचैन लग रही है। पता नहीं क्यों? जरूर कुछ ना कुछ वजह तो है। मुझे तो डर लग रहा था कि अगर आपने इन्वाइट ना किया होता तो यह तो कहीं आप से लड़ ही बैठती की इतना सब कुछ होने पर भी आपने हमें अपने कमरे में क्यों नहीं बुलाया?”

पुष्पा दीदी मेरी इज्जत का फालूदा करने पर आमादा लग रही थी। उनकी बात सुन कर खिसियानी बिल्ली की तरह मेरी शक्ल हो गयी। मुझे अपना बचाव करना ही था। मैंने झूठ-मूठ कहा, “दीदी, यह बात नहीं है। बताइये, क्या हमारे पास और कोई दूसरा चारा है क्या?”

दीदी ने मेरी बात का जवाब देते हुए कहा, “चलो भाई, हकीकत जो भी हो, एक गाना गाते हुए चलूंगी मैं। गाना है ‘लाख छिपाओ छिप ना सकेगा राज इतना गहरा, दिल की बात बता देता है असली नकली चेहरा’। तुम कितना ही छिपाओ और कुछ भी बोलो, सच्चाई यह है कि तुम्हारे दिल की बात तुम्हारे चेहरे पर लिखी हुई है।”

मैं क्या कहती? मैंने दीदी के जवाब में चुप रहना ही बेहतर समझा।

तब राजन ने कहा, “पर देवीयों, एक समस्या है। यहां मेरे पास एक ही कॉटन का फर वाला गाउन है, और एक ही छोटा सा तौलिया है। मैं नहीं चाहता कि कोई भी महिला सिर्फ छोटा सा तौलिया पहने हुए यहां से मेरे कमरे तक सब मर्दों की गलत नज़रों का शिकार बनते हुए गुजरे। इसलिए मैं खुद तौलिया पहन कर आपके निकाले हुए गीले कपड़ों को लेकर चलूँगा। साथ में आप में से कोई एक महिला पहले मेरे साथ यह गाउन पहन कर मेरे कमरे तक जा सकती है।

दूसरी महिला यहां ब्रा और पैंटी में तैरती रहेगी और मेरे वापस आने का इंतजार करेगी। उसके बाद मैं उस पहली महिला को मेरे कमरे में अकेली मेरे बाथरूम में बिना कपड़े पहने नहाते हुए छोड़ कर मैं उसके सारे कपड़े ब्रा और पैंटी समेत ले कर अपने कपड़े पहन कर वापस आऊंगा और यह गाउन पहन कर दूसरी महिला अपने सारे गीले कपड़े ब्रा और पैंटी सहित मुझे दे देगी। मैं वापस आते हुए आप दोनों के सारे कपडे लांड्री में दे दूंगा, और मैं दूसरी महिला के साथ वापस कमरे आ जाऊँगा। उसके बाद हम देखेंगे कि आगे क्या करना है और कैसे इस समस्या को सुलझाना है।”

दीदी ने कहा, “यार इसका मतलब तो यह हुआ कि हम दो महिलाओं में से किसी एक को तुम्हारे कमरे में या तो नंगी या तो तौलिये में एक घंटे या उससे ज्यादा देर तक रहना पड़ेगा जब तक हमारे कपड़े नहीं आ जाते।”

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Khani Chudai Ki

पूरा बदन राजन की मिल्कियत था।

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Khani Chudai Ki

राजन ने वैसे भी मुझे मेरी ब्रा में देख ही लिया था, और दीदी भी मुझे बार-बार उकसा कर कह रही थी। तो मैं नीचे झुक कर मेरे फ्रॉक को निकालने की कोशिश करने लगी। राजन ने जब यह देखा तो फ़ौरन नीचे डुबकी लगा कर मेरी कमर के इर्द-गिर्द पानी में फैले हुई मेरी फ्रॉक को मेरे पाँव के नीचे तक ले आये। जब राजन पानी में नीचे मेरे पाँव के पास मेरी फ्रॉक निकालने के लिए बैठ गए, तब मैंने भी हिम्मत कर अपने एक के बाद एक पाँव ऊपर उठा कर राजन को मेरी फ्रॉक को निकालने दिया।

मेरे पाँव में से फ्रॉक निकालते हुए राजन कई बार मेरी करारी जाँघों को बड़े प्यार से अपने हाथ ऊपर-निचे फिराते हुए सहलाते रहते थे। एक बार तो जाने-अनजाने पानी में डूबे हुए राजन ने मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत के उभार पर भी हाथ फिरा कर उसे सहला दिया, जिससे मेरा पूरा बदन मचल उठा। उस वक्त मेरी चूत का क्या हाल हो रहा था, मैं क्या बताऊँ?

आखिर में मेरी फ्रॉक को हाथ में लेकर पानी की सतह से ऊपर उठ कर राजन ने गीले फ्रॉक को फैला कर किनारे रख दिया। मैं वहां ब्रा और पैंटी में खड़ी राजन के सामने थी। राजन की आँखें मेरे स्तनों बल्कि पूरे बदन को ऊपर से नीचे तक ऐसे घूर रही थी, जैसे वह मुझे उसी समय नंगी कर मुझ पर वहीं टूट पड़ेंगे।

मैं ऐसी अजीब स्थिति में थी कि मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं क्या बोलूं। मैंने अपनी नजरें उनकी नज़रों से हटा दी, और लाज के मारे नीचे नजरें झुका कर बोली, “मुझे तैरना तो आता नहीं। तो मैं पानी में क्या करूँ? मैं बाहर निकल जाऊं?”

मैं यह बात समझ रही थी कि मेरी आवाज में पूल से बाहर निकलने की इच्छा कम और वहां रुकने की इच्छा कुछ ज्यादा ही दिख रही होगी। राजन ने पानी में ही मेरे करीब आ कर दीदी को दूसरे छौर पर पानी में सर डूबा कर तैरते हुए देखा। तब मुझे खींच कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया। अपने हाथ मेरे पीछे मेरी पीठ और गांड के गालों को सहलाते हुए मेरे पूरे बदन पर फिराते हुए बड़े प्यार से धीमी आवाज में बोले, “रोमा, देखो। अब तुम पानी में आ ही गयी हो, और तुम और मैं सब जानते हैं हम अपने मन से क्या चाहते हैं। तो यह सब शर्म और हया का ड्रामा छोड़ दो। ना मुझे, ना तुम्हें यह पता था और ना ही हमारा कोई इरादा था कि आज हम ऐसे मिलेंगे और यह सब होगा। यह सब होनी ने किया। इसका मतलब जानती हो?”

मैं अवाक सी खड़ी उनकी आँखों में प्रश्नात्मक दृष्टि से देखती हुई चुप रही। राजन ने कहा, “होनी ने हमें इस हालात में इसलिए मिलाया क्यूंकि होनी चाहती है कि जो हमारे मन में है वह हो जाए, और हम अंजाम तक पहुंचे। हमारी बात सिर्फ एक दूसरे से टकरा कर खत्म ना हो। यह आगे बढ़े। जब दो दिल और दो बदन एक-दूसरे से मिलन की उत्कट चाह रखते हों तो तकदीर भी रास्ता दिखाती है। तुम प्लीज जब इस मंजर तक पहुँच ही चुकी हो, तो अब पीछे मत हटो और जो होनी चाहती है वह होने दो। बोलो, मेरी बात ठीक है की नहीं?”

मैं कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थी। राजन का कसरती लगभग नंगा बदन और उनकी छोटी सी निक्कर में उनका वह सख्त लम्बा और मोटे कद के लंड के आकार को देख कर ही मेरे होश उड़े हुए थे। मेरे पाँव ढीले पड़ रहे थे। मैं पानी में बड़ी ही मुश्किल से खड़ी रह पा रही थी। तक़दीर से मैं पानी में थी वरना जिस तरह मेरी चूत में से झर झर रस रिस रहा था, राजन आसानी से देख लेते कि मैं उस समय कितनी चुदासी हो रही थी।

जब मैं राजन के सवाल का जवाब दिए बिना राजन से थोड़ा सा खिसक कर एक मूक बुत की तरह चुप-चाप खड़ी रही, तब राजन ने मुझे ताकत से अपनी और खींचा और मुझे एक झटके में उठा कर पूल के किनारे पारी में ऐसे बिठा दिया, जिससे मेरे पाँव पानी में लटक रहे थे। राजन खुद मेरी जाँघों के बीच आ कर खड़े हो गए, और अपना सर मेरे स्तनों के बीच में रख कर बोले, “रोमा, अब जब तुम पानी में आ ही गयी हो, तो प्लीज रुक जाओ। मैंने सोचा भी नहीं था कि यहां इस वीरान इलाके में मेरी तुम्हारे जैसी सुन्दर अप्सरा से इन हालात में मुलाक़ात होगी, पर अब जब तुम मिल ही गयी हो तो प्लीज जल्दबाजी मत करो।

इतने कम समय में मैं तुम्हें तैरना तो नहीं सीखा पाउँगा। पर मैं तुम्हें पानी में कैसे डूबा नहीं जाए यह सिखाता हूँ। बाद में हम मेरे कमरे में चलेंगे जहां तुम नहा धो कर, थोड़ा आराम कर, चाय नाश्ता करना, हम कुछ गप-शप मारेंगे और फिर बाद में तुम तैयार होकर फिर निकल जाना।” हालांकि राजन ने यह नहीं बताया कि कमरे में ले जा कर वह मेरी चुदाई करना चाहते थे, पर उन्होंने बिना कहे सब कह दिया और मैं बिना सुने सब समझ गयी।

मैंने राजन की आँखों में भी वही कामुक प्यास देखी जो मेरे जहन में तूफ़ान पैदा कर रही थी। ना मैं राजन से दूर जाना चाह रही थी, ना वह मुझे छोड़ना चाह रहे थे। मैंने हलकी सी मुस्कान देते हुए मेरी मुंडी हिला कर हाँ का इशारा किया और धीरे से बोला, “राजन, मुझे पानी से बहुत डर लगता है। मैं एक बार पहले पानी में डूबने से बच गयी थी। तब से पानी से मैं हमेशा

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