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Khani Chudai Ki

@aapkaraj आगे की कहानी के लिये थोड़ा सा इंतजार करें 😔

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Khani Chudai Ki

खैर हमने एक बहुत अच्छा दिन होक्स-बे पर गुज़ार कर शाम को वापसी की। अहमद ने ड्राइविंग मुझे दी और वापसी पर मैं ड्राइविंग करता हुआ कार लेकर आया। वापसी पर शाज़िया मेरे साथ आगे की सीट पर थी जबकि फौज़िया अहमद के साथ पीछे सीट पर थी। हमने पूरे रास्ते बहुत इंजॉय किया मगर शाज़िया ने या फौज़िया ने ये नहीं शो किया कि दोनों अपनी चूत फिरवा कर आ रही हैं।



उसके बाद हम चारों का एक अच्छा ग्रुप बन गया। चूँकि अहमद काफी अमीर लड़का था और अकेला फ़्लैट में रहता था, तो मेरी निसबत उसके पास पैसा काफी था। वैसे भी आर्मी में तनखा काफी कम होती है और मैं वैसे भी काफी खर्चा नहीं करता था। मगर अहमद हर डेट पर हम चारों का खर्च बर्दाश्त करता था।



उसके बाद मैं कईं दफा शाज़िया को अहमद के फ़्लैट पर लेकर गया और शाज़िया की चूत की आग बुझाता रहा। इधर शाज़िया और फौज़िया तो अच्छी फ्रैंड्स थी ही और आपस में भी चुदाई करती थीं। उन्होंने एक दूसरे को हमारे साथ चुदाई की कहानी भी बता दी थी। अभी तक हम चारों ने ग्रुप सैक्स नहीं किया था और उसकी वजह या तो शरम थी या अभी तक मौका ही नहीं मिला था। अक्सर शाज़िया की ड्यूटी होती तो फौज़िया फ़्री होती, या फौज़िया की ड्यूटी होती तो शाज़िया फ़्री होती। आखिरकार २३ नवंबर को अहमद की सालगिरह थी और उसने मुझे पहले ही से दावत दे रखी थी और उन दोनों को भी कहा कि उन्होंने भी पार्टी में आना है।



यहाँ मैं एक बात वाज़िया कर दूँ कि नर्सों को होस्टल से बाहर रात गुज़ारने की इज़ाजत नहीं थी। इसलिये हम लोग या तो दिन में मिलते या रात दस बजे तक वापिस आ जाया करते थे, क्योंकि उनकी रोज़ाना रात को हाज़री होती थी और रोज़ाना उनकी रिपोर्ट उनकी हेड नर्स को जाती थी। जब से मैं कराची वापस आया था, मैंने दोबारा शाज़िया के साथ रात नहीं गुज़ारी थी और न कभी मौका मिला था। बरहाल मैंने शाज़िया को अहमद की सालगिरह और सैक्स प्रोग्राम का बताया। उसका भी दिल किया कि काफी इंजॉय किया जाये, सो उन दोनो ने अपनी हेड नर्स को इल्तज़ा की कि उनकी रिश्तेदारी में शादी है और उनको रात बाहर रहना पड़ेगा। लेखक: अंजान



उनकी दरख्वास्त मंज़ूर हो गयी। मैं और अहमद २३ नवंबर को शाम के वक्त शाज़िया और फौज़िया के होस्टल उन दोनों को लेने अये। वो रात भी मेरी ज़िंदगी की ना भूलने वाली रात थी। शाम को हम चारों अहमद की कार में तारीक रोड गये और मैंने और दोनों लड़कियों ने अहमद के लिये कुछ गिफ़्ट पैक करवाये। उसके बाद अहमद के फ़्लैट पर चारों पहुँच गये। अहमाद ने बताया कि अभी रात का खाना उसकी तरफ़ से बाहर रेस्तोरां में होगा। फिर वापस अकर केक काटेंगे। खैर हम चारों डिफेंस के एक खूबसूरत रेस्तोरां सिल्वर स्पून में गये और वहाँ ज़बरदस्त डिनर किया और डिनर के दौरान बहुत गपशप लगायी और काफी इंजॉय किया। उसके बाद वापस आकर फ़्लैट पर हमने बाकी प्रोग्राम को तरतीब दिया। ये पहली बार है कि शाज़िया और फौज़िया एक साथ उस फ़्लैट पर थीं, वर्ना तो मैं जब शाज़िया को ले कर जाता था तो वो अकेली होती थी, और अहमद जब फौज़िया को लेकर जाता तो वो भी अकेली होती थी।



अहमद ने बहुत इंतज़ाम किया था। उसने बड़ा सा केक मंगवाया था। उसके साथ बाहर के मुल्क से लायी महंगी शराब थी। खैर हमने फिर केक काटा और सब ने अहमद को हैप्पी बर्थडे कहा। उस वक्त मैंने अहमद के गालों पर एक किस की तो वो दोनो लड़कियाँ मुस्कुराने लगीं और कहने लगीं, देखो एक लड़का दूसरे लड़के को किस कर रहा है! मैंने जवाब दिया कि एक लड़की जब दूसरी लड़की को किस कर सकती है तो क्या मैं दूसरे लड़के को किस नहीं कर सकता? इस पर शाज़िया समझ गयी और ज़ोर- ज़ोर से हंसने लगी।



उसके बाद हम चारो ड्रिंक्स पीने लगे और गपशप लगाने लगे। दोनों लड़कियाँ पूरे जोश में वो महंगी शराब पी रही थीं और उन पर नशा जल्दी छाने लगा था। फिर फौज़िया ऊँची ऐड़ी की सैंडल में लड़खड़ाती सी किचन की तरफ बढ़ी तो अहमद भी उसके पीछे हो लिया। मैं शाज़िया को सहारा देकर बेडरूम में लाया और किसिंग करने लगा। मैंने शाज़िया को कहा कि ग्रुप सैक्स करते हैं मगर उसने कहा कि फौज़िया राज़ी नहीं होगी। खैर हमने कुछ देर बेडरूम में चुदाई की और इस दौरान अहमद ने भी फौज़िया को नहीं छोड़ा क्योंकि जब मैंने बेडरूम खोला तो बाहर हॉल में फौज़िया अपने कपड़े ठीक कर रही थी। दरसल अभी तक हम में कुछ शरम थी और मैंने कभी भी अहमद के साथ मिलकर कोई चुदाई-ईवेंट नहीं किया था। इसके अलावा मैं फौज़िया की चूत मारना तो चाहता था मगर शाज़िया से कभी इज़हार नहीं कर सका था। इसलिये हम लोगों ने और ड्रिंक्स लीं और काफी देर बातें करते रहे।

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फिर मैंने अपना मोबाइल बंद किया और शाज़िया के साथ गुज़रे हुए तमाम सीन को ज़हन में लाया और एक खुशगवार फ़ीलिंग के साथ एक गहरी नींद सो गया। शाम को जब मैं उठा और मोबाइल ऑन किया तो शाज़िया की तरफ़ से मिले प्यारे और सैक्सी एस-एम-एस पढ़े। फिर मैंने उसके मोबाइल पर फोन किया तो वो बेचारी ड्यूटी पर थी। उसने बताया कि वो मुझे और मेरे लंड को मिस कर रही है। मुझसे रहा नहीं गया और जल्दी से तैयार होकर अपनी होंडा बाईक निकाली और उसके बताये हुए हास्पिटल में एक फूलों के गुलदस्ते के साथ पहुँचा। ये शिफा हास्पिटल कोरांगी रोड पर है और इसमें फौज के तमाम लोगों का इलाज होता है। शाज़िया भी वहीं जॉब करती थी। मैं उसके बताये हुए वार्ड में गया। उसने आर्मी-नर्स का युनिफ़ॉर्म पहना हुआ था और वो बहुत ज़्यादा सैक्सी लग रही थी। उसकी आँखों से मालूम हो रहा था कि वो बहुत थकी हुई है। पिछली पुरी रात रम पी कर चुदाई की थी और सोना तो नसीब ही नहीं हुआ था।



खैर उसने मुझे विज़िटर रूम में बिठाया और मेरे लिये कोल्ड-ड्रिंक्स मंगवायी। मैंने उसको वह फूलों का गुलदस्ता दिया और उधर विज़िटर रूम में ही पकड़ कर चूमने लगा मगर उसने मुझे मना किया कि ये मेरी ड्यूटी प्लेस है.... यहाँ चुदाई करना खतरनाक है। खैर मैंने उसके साथ काफी समय गुज़ारा और इस दौरान मैंने उसे काफी चूमा और काफी दफा उसकी गाँड और चूचियों को दबाया उसके बाद मैं वापिस अपनी यूनिट आ गया और इसके बाद मैं वीक-एंड का इंतज़ार करने लगा। अगले शनिवार को फिर शाज़िया के साथ डेट लगायी। मेरे पास जगह नहीं थी लेकिन मैं उसको समंदर किनारे ले गया और वहाँ पर अंधेरे में कुछ चूमा-चाटी की और चूचियों को मसल और चूसा। उसने मेरे लंड की चुसायी की और फिर रात को वापिस मैं उसको उसके मेस छोड़ आया।



उसके बाद मेरा ये रूटीन बन गया था कि जब भी वो शाम को फ़्री होती तो मैं उसको अपनी मोटर-बाईक पर बिठा कर लेकर जाता और कोई भी खाली जगह देख कर कुछ चुदाई करता। मगर अभी तक कोई फ़्लैट या घर नहीं मिला था कि मैं अपने लंड की तमाम मस्ती उतार सकूँ।



इस दौरान शाज़िया ने मुझे अपनी बेस्ट-फ्रेंड फौज़िया से भी मिलवाया। वो होस्टल में शाज़िया की रूम-मेट थी। वो भी काफी सैक्सी लड़की थी। उसकी उम्र भी शाज़िया के जितनी थी मगर फिगर थोड़ा कम था। मेरे ख्याल से उसका फिगर ३४-२६-३४ था। शाज़िया ने मुझे उससे होस्टल में मिलवाया और उसने मेरी बड़ी खातिर की।



अब चूँकि शाज़िया की चूत को एक लत पड़ गयी थी और वो अपनी चूत को हर-रोज़ चटवाना और चुदवाना चाहती थी। मगर ना तो मैं इतना फारिग था और ना हमारे पास कोई घर या फ़्लैट था कि मैं उसको हर वक्त लेकर जाता और उसकी चूत की आग बुझाता। इसलिये उसने अपनी रूम-मेट फौज़िया से आहिस्ता-आहिस्ता चुदाई का सिलसिला स्टार्ट किया, जिसका मुझे बाद में मालूम हुआ। फिर मेरा रूटीन काफी मसरूफ हो गया था और मैं बस शाज़िया से रात को फोन पर चुदाई की बातें करता और वो फोन पर ही मेरी मुठ लगवा देती थी। वजह यह थी कि मेरी यूनिट में मेरी जिम्मेवारियाँ कुछ दिनों के लिये बढ़ गयी थीं, सो मैं शाज़िया को वक्त नहीं दे सका। मगर हम लोग फोन हर रोज़ करते और फोन-सैक्स करते थे। जबकि उसको तो उसकी फ्रेंड फौज़िया मिल गयी थी और वो दोनों हर रोज़ लेस्बियन चुदाई करती थीं। जब शाज़िया मेरे साथ फोन सैक्स करती तो उस वक्त साथ ही वो फौज़िया कि साथ चुदाई कर रही होती थी। उसके लहज़े से मालूम पड़ता था कि उसने शराब पी रखी होती थी।



काफी दिनों बाद मुझे एक काम से शिफ़ा हास्पिटल जाना पड़ा और मैं युनिफ़ॉर्म में था। मगर मेरे लंड में काफी खुजली हो रही थी और काफी दिन से शाज़िया की चूत का मज़ा नहीं लिया था। मैं अचानक युनिफ़ॉर्म में उसके ड्यूटी वार्ड में पहुँच गया तो वो हैरान हो गयी और मुझे युनिफ़ॉर्म में देख कर काफी खुश हुई। बेशक मैं युनिफ़ॉर्म में काफी स्मार्ट लगता हूँ और मेरे कंधों पर स्टार्स काफी अच्छे लगते हैं। खैर वो ड्यूटी पर थी और कोई जगह नहीं थी तो उसने मुझे अपने चेंजिंग रूम में बिठाया। ये इमरजेंसी वार्ड में नर्सेज का चेंजिंग रूम था। इधर नर्सें कुछ आराम और कुछ चेंजिंग वगैरह करती थीं। हालांकि इधर अदमियों को इजाज़त नहीं थी मगर शाज़िया ने रिस्क ले कर मुझे वहाँ बिठाया और मैं उसका इंतज़ार करने लगा। कुछ देर बाद वो खुद कॉफी का कप लेकर आयी। मैंने पहले भी बताया कि शाज़िया युनिफ़ॉर्म में बहुत सैक्सी लगती थी क्योंकि उसकी बाहर निकली हुई गाँड और उसके बूब्स साफ़ नज़र आते थे। मैं तो उसको देख कर ही सैक्सी मूड में आ गया। जब वो अंदर आयी तो मैंने उसको पकड़ा और उसे चूमना शुरू कर दिया। उसने मना किया कि ये जगह ठीक नहीं है मगर मैंने कहा कि इधर तो कोई भी नहीं आता। फिर उसने डोर लॉक किया और मैंने आहिस्ता से उसकी युनिफ़ॉर्म शर्ट ऊपर की और उसकी सफेद-सफेद चूचियाँ चूसने लगा। काफी दिनों बाद उसकी चूचियाँ चूस रहा था, इसलिये बहुत मज़ा आया। फिर

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@aapkaraj

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मैं दो दफा डिसचार्ज हो गया था। फिर हमने कुछ आराम किया और उसके कहने पर एक-एक पैग रम का और पिया। मगर मेरे लंड को आराम नहीं था और कुछ ही देर बाद दोबारा तैयार हो गया। मैंने शाज़िया की चूत को चाटना शुरू किया। वो रम के हल्के से नशे में सो रही थी पर फिर उठ गयी। मैंने कहा कि, जान मेरा फिर दिल कर रहा है! इस दफा मैंने उसको डॉगी स्टाईल में बनाया और उसकी गाँड को किस करता रहा। उसकी गाँड बहुत सैक्सी और गोल थी। मैंने उसके चूतड़ खोल कर उसकी गाँड के सुराख को चेक किया। वो डार्क पिंकिश कलर का था और मैंने उसकी गाँड पर ज़ुबान फेर कर उसके साथ इंजॉय किया।



उसके बाद उसकी चूत में पीछे की तरफ़ से अपना लंड डाला। ये मेरा मनपसंद स्टाईल है और मैंने इस दफा बहुत इंजॉय किया। मैंने बहुत समय लगाया और शाज़िया को पूरा मज़ा दिया। मैंने इस दफा अपना लंड भी बाहर नहीं निकाला और उसकी चूत को अपनी मनि से भर दिया। उसके बाद उसको उलता लिटाया और उसके ऊपर लेटा रहा जब तक मेरा लंड सिकुड़ कर खुद बाहर नहीं आ गया। लेखक: अंजान



उसके बाद वो उठी और अपने सैंडल पहन कर बाथरूम में गयी और साफ़ हुई। वापस आकर उसने अपने पर्स से लोशन निकाला और अपनी चूत और गाँड पर लगाया। उसके बाद उसने पर्फ्यूम निकाल कर अपनी सैक्सी जाँघों पर स्प्रे किया। मैं ये देख कर हैरान हो गया कि वो अपनी चूत और गाँड का बहुत ख्याल करती है। मुझे काफी अच्छा लगा।



फिर मैं भी उठा और बाथरूम में जाकर अपने लंड को धोने लगा और खुद को जन्नत में महसूस कर रहा था। मैं सोच भी नहीं सकता था कि इतनी सैक्सी और खूबसूरत हमसफ़र मिलेगी। उसके बाद, चूँकि अब सुबह हो चुकी थी, इसलिये शाज़िया ने दोबारा अपने कपड़े चेंज किये और लाहौर तकरीबन आने ही वाला था। मुझे ये छः घंटे सफ़र के पता भी नहीं चले और इतना जल्दी लाहौर आ गया। लाहौर स्टेशन पहुँच कर मैंने प्लैटफोर्म का चक्कर लगाया और कुछ फल खरीदे। उसके साथ ही किचन वाले वेटर को नाश्ते का ऑर्डर दिया। वापिस केबिन में आकर मैं शाज़िया के साथ ही सीट पर बैठ गया। मैं उससे तमाम एक्सपीरियंस के बारे में मालूम कर रहा था। मुझे ये सुन कर बहुत खुशी हुई कि मैं बहुत गरम और सैक्सी हूँ और उसने मुकम्मल इंजॉय किया।



उसके बाद अभी हम लोग नाश्ते कर रहे थे कि एक औरत और एक बच्चा हमारे केबिन में आ गये। उस औरत की उम्र पैंतालीस साल होगी और उसके साथ आठ या नौ साल का बच्चा था। मुझे तो सख्त गुस्सा आया कि हमारे मज़े में कोई शामिल हो गया है और अभी मैं इंजॉय नहीं कर सकुँगा मगर जब वो लोग बैठ गये तो बात मैंने ही शुरू कि और शाज़िया को अपनी वाईफ के तौर पर तार्रुफ करवाया और उस औरत को बताया कि हमारी नयी शादी हुई है और अभी हम कराची जा रहे हैं। मुझे ज़्यादा खुशी ये सुन कर हुई कि उस आँटी ने रोहरी स्टेशन जाना था यानी उसके बाद भी मेरे पास कराची तक एक पूरी रात का वक्त था।



खैर ट्रेन दोबारा स्टार्ट हुई और हम लोग नाश्ता खतम कर चुके थे। उसके बाद शाज़िया उस आँटी से फॉर्मल बातें करती रही और हम दोनो एक दूसरे की तरफ़ पैर करके एक ही सीट पर बैठे रहे। कुछ देर बाद मैंने सीट पर टाँगें लंबी कीं और लेट गया जबकि शाज़िया मेरे साथ एक तरफ़ बैठी थी। आँटी का बच्चा ऊपर वाली बर्थ पर चढ़ कर लेट गया और मैं शाज़िया के साथ लेटा रहा। हमने एक चादर अपने ऊपर डाली हुई थी जिससे मेरा जिस्म और शाज़िया का आधा जिस्म छिपा हुआ था। मैंने आँखें बंद कीं और मैं सो गया। उसके बाद पता नहीं कब तक ये दोनों औरतें बातें करती रहीं और उसके बाद शाज़िया भी मेरे साथ लेट गयी।



जैसा कि मैंने पहले ही अकलमंदी कर के आँटी को बताया था कि हम मियाँ बीवी हैं तो उस वक्त ये सब कुछ बुरा नहीं लग रहा था। शाज़िया सोयी नहीं बल्कि मेरा सैक्सी नावल पढ़ने लगी। उसके बाद चद्दर के अंदर से ही मेरे लंड को हाथ में लेकर मसाज करने लगी। अचानक मेरी आँख खुली और मैंने देखा कि आँटी और उसका बच्चा सो रहे हैं। शाज़िया मेरे ही साथ लेट कर नावल पढ़ रही है और साथ-साथ मेरे लंड पर हाथ फेर रही है। जब मैं काफी गरम हुआ तो मैंने पायजामे से लंड बाहर निकाल कर शाज़िया के हाथ में दिया और मैं आराम-आराम से उसकी चूत में अँगुली करने लगा। मगर उसने मज़ीद आगे नहीं जाने दिया क्योंकि अभी एक फैमली हमारे साथ थी। इसलिये उसने हाथों से ही मेरी मुठ मारी और मुझे रिलैक्स किया। उसके बाद मैंने अपनी मनि साफ़ की और खामोशी से उठ कर शाज़िया को लंबी सी किस की और दोबारा सो गया। बरहाल सफ़र गुज़रता रहा और आखिरकार रोहरी स्टेशन आ गया जहाँ पर उस आँटी ने उतरना था। उसने उतरते हुए अपने घर का पता दिया और कहा कि बहुत लविंग कपल है, कभी हमारी तरफ़ चक्कर लगाना। और उसके बाद वो दोनों माँ-बेटा उतर गये। उनके चले जाने के बाद मैंने केबिन को लॉक किया और शाज़िया को गले लगा कर बहुत किस किया। वो मेरी हाज़िर-जवाबी और अक्लमंदी की तारीफ करने लगी। मैंने भी उसको कहा कि आखिर एक आर्मी ऑफिसर

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उसने कहा कि ये बहुत बड़ा है मगर मैंने अपना पायजामा उठा कर उसको अपना लंड दिया। उसने मेरा पौने सात इंच लंबा लंड अपने मुलायम और नाज़ुक हाथों में काबू किया और मैं अभी तक कभी उसके मम्मे चूस रहा था और कभी उसके लिप्स को चूसता।



उसके साथ ही मैं अपना हाथ उसकी चूत पर ले कर गया और वो मुकम्मल गीली हो गयी थी। मैंने उसकी सलवार जिस में इलास्टिक था, उसको उतारा और कमीज़ को मुकम्मल तरीके से ऊपर किया और उसके जिस्म को किस करना शुरू किया।



मैंने उसके एक एक हिस्से को किसिंग करना और चाटना शुरू किया। उसकी गर्दन से होता हुआ उसके प्यारे से पेट पर गया, फिर उसकी चूत की ऊपरी जगह को किस करने और चाटने लगा। बेशक वो बहुत साफ़ सुथरी लड़की थी। उसने ताज़ा-ताज़ा चूत की शेव की थी और उसकी चूत पिंकिश थी। मैंने आज तक काफी ब्लू फिल्में देखी थी मगर कभी किसी लड़की की चूत नहीं चाटी थी सो मैं बहुत बेकरार था कि इसका क्या मज़ा होता है। फिर मैंने उसकी चूत पर किस की और आहिस्ता-आहिस्ता उसकी चूत पर ज़ुबान फेरने लगा। शाज़िया को भी काफी मज़ा आ रहा था और मैंने अखिरकार ज़िंदगी में पहली बार किसी की चूत चाटी।



मुझे बहुत ही मज़ा आया क्योंकि उसकी चूत बहुत साफ़-सुथरी और सुंदर थी सो मैंने काफी देर उसकी चूत चाटने में लगायी। वो बहुत गरम हो गयी थी और टाँगें मार रही थी मगर मैं उसको मुकम्मल मज़ा देना चाहता था। हालांकि मैंने अपने लंड को काबू में किया हुआ था और पहले उसको चोटी पर पहुँचाना चाहता था, चूत चाटते-चाटते वो डिसचार्ज हो गयी और मैंने पहली दफा किसी लड़की का लावा चखा। वो बहुत अच्छा था, पहले ज़रा नमकीन लगा, मगर जब उसकी चूत की हालत देखी तो उस वक्त वो गुलाबी हो रही थी, इसलिये मैंने मुकम्मल तरीके से उसकी चूत को चाटा और उसको फारिग किया।



इस दौरान वो मेरे लंड के साथ खेल रही थी सो मैंने उसको चूसने के लिये कहा। उसने पहले इनकार किया मगर मैंने उसको काफी किस करके प्यार किया और बताया कि इस तरह उसको और मुझे मज़ा आयेगा, सो उसने मेरे लंड को डरते-डरते मुँह में लिया। फिर मैंने उसको बताया कि काटना नहीं बल्कि ज़ुबान से इस लंड को चूसना है। शुरू में तो उसको नहीं आया मगर कुछ देर बाद वो एक एक्सपर्ट लंड-चूसबाज़ की तरह मेरे लंड को चूसने लगी। मेरा लंड मुकम्मल तन चुका था और चूँकि वो पहली बार लंड चूस रही थी इसलिये मैंने उसके मुँह मैं अभी छूटना नहीं चाहा। सो मैंने लंड उसके मुँह से निकाला और उसकी टाँगों के बीच में रखा। उसने कहा कि नोमी! ये मुझे ज़ख्मी कर देगा। मैंने उसको कहा कि मैं कोई जानवर तो नहीं हूँ और तुम को प्यार से चोदूँगा। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर रखा और आहिस्ता-आहिस्ता अंदर डालने लगा। उसकी चूत काफी टाइट थी, मगर वो वर्जिन नहीं थी क्योंकि उसने मुझे बाद में बताया कि उसने अपने एक कज़िन से कईं दफा चुदाई की हुई थी मगर उसने लंड-चुसाई और चूत आज पहली बार चटवायी थी।



खैर मैंने आहिस्ता-आहिस्ता पूरा पौने सात इंच का लंड उसकी चूत में डाल दिया और आहिस्ता-आहिस्ता आगे पीछे करने लगा। उस वक्त वो बर्थ पर लेटी थे और मैंने स्टेंडर्ड तरीके से उसकी टाँगें उठायी हुई थीं और अपना लंड उसकी चूत में डाला हुआ था। शाज़िया की आँखें बंद थीं और वो भरपूर मज़ा ले रही थी। कुछ देर बाद मैं डिसचार्ज होने लगा और मुझे ये डर था कि अगर मैं अंदर डिसचार्ज हो जाऊँगा तो ये प्रेगनेंट हो जायेगी। सो मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी पेट पर डिसचार्ज हो गया। मुझे बाहर डिसचार्ज होते हुए काफी तकलीफ हुई मगर मैं उसकी तबाही नहीं करना चाहता था।



जब उसने मुझे बाहर डिसचार्ज होते देखा तो मुझसे पूछा कि लंड बाहर क्यों निकाला है? मैंने यही जवाब दिया कि मैं उसको प्रेगनेंट नहीं करना चाहता और मैं उसकी तबाही भी नहीं करना चाहता। इस पर उसने मुझे सीने से लगा कर बहुत किस किया और मेरी इस बात पर खुश हुई और कहा कि अभी बाहर नहीं डिसचार्ज होना, मैं एक नर्स हूँ, ऑय नो हाऊ टू डील विद इट।



फिर कुछ देर हम इसी तरह सैक्सी बातें करते रहे और मैं उसके साथ ही बर्थ पर लेटा रहा। उसने मेरे लंड को हाथ में लिया हुआ था और मैं उसके बूब्स के साथ खेल रहा था। जब मेरा लंड दोबारा तैयार होने लगा तो मैंने उसको दोबारा चूसने के लिये कहा और खुद उसकी चूत चाटने लगा। मैंने महसूस किया कि शाज़िया को चूत चटवाने में बहुत मज़ा आ रहा है तो हमने सिक्स्टी नाइन की पोज़िशन बनायी और एक दूसरे को चाटते रहे। यहाँ तक कि वो डिसचार्ज हो गयी और मैंने उसकी सारी मनि पी ली। उसके बाद अभी तक वो मेरा लंड चूस रही थी और मुझे बहुत मज़ा आने लगा। जब मैं डिसचार्ज होने के करीब हुआ तो मैंने शाज़िया से कहा कि मैं डिसचार्ज होने वाला हूँ। उसने फौरन मेरा लंड अपने मुँह से निकाल लिया मगर मैंने उसको कहा कि जान ये नुक्सानदेह नहीं है। फिर वो मान गयी और मैं पहली दफा उसके मुँह में डिसचार्ज हुआ। उसने मेरी मनि को मुँह में

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मेरा नाम कैप्टेन नोमान है लेकिन मुझे प्यार से नोमी कहते हैं। मैं असल में रावलपिंडी से हूँ मगर पाकिस्तान आर्मी जॉयन करने के बाद मुखतलिफ जगहों पर पोस्टिंग रही है।



ये उन दिनों की बात है जब मैं जून-२००२ में अपनी छुट्टियों पर था। उन दिनों में पाकिस्तान और इंडिया के बोर्डर पर काफी टेंशन थी और मुझे काफी कम छुट्टी मिली थी। छुट्टियों के दौरान ही अचानक मुझे टेलीग्राम मिला कि मैं जल्द वापिस अपनी यूनिट में रिपोर्ट करूँ। सो जैसा कि मैं उन दिनों में कराची में पोस्टेड था, इसलिये मैंने अपनी बुकिंग खायबर-मेल एक्सप्रेस पर करवायी।



मैं अपनी मुकरर तारीख पर रात एक बजे रावलपिंडी स्टेशन आया और ट्रेन का वेट कर रहा था। तकरीबन आधे घंटे के बाद ट्रेन आयी और मैं अपने थोड़े से सामान के साथ ए-सी स्लीपर क्लास के डिब्बे में जाकर अपना केबिन ढूँढने लगा। मेरी बुकिंग जिस केबिन में हुई थी, उस में चार बर्थ थीं। मुझे नहीं मालूम था कि और तीन लोग मेरे साथ कौन हैं, मगर मैं उन लोगों का इंतज़ार करने लगा।



तकरीबन पंद्रह मिनट के बाद एक फैशनेबल लेडी एक बूढ़े आदमी के साथ अंदर आयी और वो अपनी बर्थ तलाश करने लगे। उसके बाद उस लड़की के फादर ने बताया कि यही है उसकी बर्थ। मैंने उनको सलाम किया और बताया कि मैं कैप्टेन नौमान हूँ और कराची जा रहा हूँ। इस पर उस लड़की के फादर ने मुझे थैंक्स किया और बताया कि ये मेरी बेटी है और ये आर्मी में लेफ्टीनेंट नर्स है और इसने भी कराची जाना है, सो प्लीज़ इसका ख्याल रखना।



मैंने उनसे से कुछ देर बातें की और बताया कि मैं भी रावलपिंडी का हूँ। दरसल उस लड़की का नाम शाज़िया नाज़ था और उनका ताल्लुक अबोटाबाद के गाँव दुमतोर से था। मेरी बातों में उस लड़की ने कोई हिस्सा नहीं लिया मगर उसके फादर बहुत मुतमाईन हो कर नीचे उतर गये। उस के साथ ही गाड़ी रवाना हुई और मैं अपनी बर्थ पर बैठा हुआ था और शाज़िया मेरे सामने वाली बर्थ पर बैठी थी। इतने में गार्ड आया और हमारी टिकटें चेक करके उसने बताया कि इन दूसरे दो बर्थ पर एक फैमली लाहौर से बैठेगी, सो सुबह तक वो दोनों बर्थ खाली जानी थी और सुबह आठ बजे लाहौर से उस पर पैसेंजर्स ने आना था।



अब मैं आप लोगों को उस लड़की की तसील बताता हूँ। वो अबोटाबाद की थी और वहाँ के लोग बहुत खूबसूरत होते हैं। उसकी उम्र तकरीबन चौबीस या पच्चीस साल होगी लेकिन गज़ब की चीज़ थी। बिल्कुल सफेद रंग और चार इंच ऊँची ऐड़ी की सैंडल में उसकी हाईट ५’४” होगी। एक तो उसने टाइट फिटिंग वाले फैशनेबल कपड़े पहने थे और फिर हल्का सा मेक-अप किया हुआ था जिस में वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। उसकी शक्ल टीवी एक्ट्रेस जवेरिया जलिल से काफी मिलती थी। उसकी फिगर ३६-२७-३६ थी मगर टाइट फिटिंग के कपड़ों में उसके बूब्स बहुत ही सैक्सी तरीके बाहर उभरे हुए थे, बल्कि उसके निप्पल तक वाज़िया थे। उसने चिकन की ऑरेंज रंग की कमीज़ पहनी थी और वो इतनी फिटिंग वाली थी कि कमर का बल साफ़ नज़र आ रहा था।



मैं तो बस उस लड़की पर फ़िदा हो गया था और उसकी नाज़ुक सी चूत और जिस्म के बारे में सोचता रहा।



खैर हमारा सफ़र शुरू हुआ और उसने फॉर्मल बातें शुरू कीं जिस में उसने मुझसे मेरे रैंक, पोस्टिंग, सर्विस, फैमली एंड फ्रैंड्स की काफी बातें की। इस बीच मैंने अपने बैग में से रम की बोतल निकाली और उससे इजाज़त माँगी तो वो बोली कि आप चिंता ना करें.... मुझे कोई एतराज़ नहीं है, बल्कि आप बुरा ना मानें तो मैं भी आपके साथ थोड़ी सी शेयर करना चाहुँगी। मुझे उसके खुलेपन पर हैरत हुई पर मैंने उसे भी एक ग्लास में थोड़ी सी रम डाल कर दे दी और हम दोनों बातें करते हुए पीने लगे।



तकरीबन एक घंटे बाद उसने कहा कि उसको नींद आ रही है और अभी वो सोना चाहती है। मैंने उसको कहा कि मुझे तो अभी नींद नहीं आ रही और मैं बैग से एक सैक्सी नावल निकाल कर पढ़ने लगा। उसने मुझे रम के लिये थैंक्स कहा और बाथरूम की तरफ बढ़ गयी। हाई हील सैंडलों में उसकी चाल और हिलती हुई गाँड देख कर मेरी आह निकल गयी। उसने दो पैग रम पिये थे पर उसको देख कर बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता था। शायद उसे ड्रिंक्स लेने की आदत थी। खैर, वो बाथरूम में घुस कर स्लीपिंग ड्रेस चेंज करने लगी। बाथरूम से निकल कर आयी तो उसने थोड़े ढीले से कपड़े पहने हुए थे और मेरे सामने वाली बर्थ पर लेट गयी। उसके बाद मैं जब बाथरूम में गया और खुद भी ईज़ी ड्रेस चेंज किया तो मैंने बाथरूम में देखा कि उसके कपड़े लटक रहे हैं और उन में उसकी ब्रा और पैंटी भी मौजूद थी। मैं तो उधर ही उसकी ब्रा और पैंटी को चूमता रहा और उन अंडर-गार्मेंट्स की किस्मत पर रश्क करने लगा। मुझे तो नींद का नाम-ओ-निशान भी नहीं था। मैं तो सिर्फ़ शाज़िया की चूत का सोच-सोच कर बेहाल हो रहा था। वैसे भी आर्मी ऑफिसर्स काफी ख्वार होते हैं और अभी तो एक केबिन में एक सैक्सी अकेली लड़की। वैसे वो भी एक आर्मी ऑफिसर थी....

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Khani Chudai Ki

1 घंटे बाद जब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैने भाभी को फिर से डॉगी स्टाइल में कर दिया. मैने देखा की भाभी की चूत और गांद का मूह अभी तक खुला हुआ था. मैने इस बार भाभी की गांद के छेद पर अपने लंड का सूपड़ा रखा और उनकी कमर को पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा. वो ज़ोर से चिल्लाई और एक ही धक्के में मेरा लंड भाभी की गांद में 5" तक घुस गया. मैने बिना रुके 4-5 धक्के और लगाए तो मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की गांद में घुस गया. भाभी ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी लेकिन मैने बिना रुके बहुत ही तेज़ी के साथ भाभी की गांद मारनी शुरू कर दी. इस बार मैने लगातार 35-40 मिनट तक भाभी की गांद मारी और फिर झाड़ गया. भाभी बहुत खुश थी. थोड़ी देर बाद मैने अपना लंड उनकी गांद से बाहर निकाला तो भाभी ने मेरा लंड पकड़ लिया और एक कपड़ा ले कर मेरा लंड सॉफ करने लगी. भैया के वापस आने तक मैने भाभी की जम कर चुदाई की और उनकी गांद भी खूब मारी. पहले तो वो ठीक से चल नहीं पा रही थी लेकिन 1-2 दिन बाद वो ठीक से चलने फिरने लगी. एक दिन भाभी ने

भैया से नेहा और मधु के बारे में बता दिया तो भैया ने भाभी से कहा कि वो भी मधु और नेहा को चोदना चाहते हैं. भाभी ने कहा ठीक है. भाभी ने ये बात मुझसे बता दी. मैने भाभी से कहा जब मैं कल नेहा की चुदाई करूँगा तो भैया को मेरे पास भेज देना. दूसरे दिन जब मैं नेहा की चुदाई कर रहा था तो भैया वहाँ पर आ गये. नेहा ने उन्हें देख लिया. नेहा घबडा गयी. भैया ने नेहा से कहा कि तुम भी मुझसे चुदवा लो नहीं तो मैं सब को बता दूँगा. नेहा ने बदनामी के डर से भैया से चुदवा लिया. उसके बाद से रोज ही भैया नेहा की चुदाई करने लगे. दूसरे दिन मधु के साथ भी ऐसा ही हुआ और वो भी डर के मारे भैया से चुदवाने लगी. अब भैया और मैं जब भी चाहते भाभी, नेहा या मधु को छोड़ने लगते. हम सब की शरम अब ख़तम हो चुकी थी

एंड

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जब मेरे लंड का सारा जूस निकल गया तो भाभी ने अपना हाथ हटा लिया. उसके बाद हम दोनो नहाने लगे. भाभी बैठ कर नहा रही थी और मैं खड़ा हो कर नहा रहा था. नहाने के बाद भाभी ने कहा मैं खड़ी नहीं हो पा रही हूँ. तुम मुझे अपनी गोद में उठा कर बेडरूम में ले चलो. मैने कहा क्या हुआ. वो बोली मैने तुम्हारा ये लंबा और मोटा लंड पूरा का पूरा एक झटके से अपनी चूत और गांद के अंदर ले लिया है. मेरी चूत और गांद में बहुत ज़्यादा जलन हो रही है और दर्द भी बहुत हो रहा है. मैने कहा आप को आराम से चुदवाना चाहिए था. वो बोली मैं बहुत दिन से तुमसे चुदवाने का ख्वाब देख रही थी और तुम्हारा लंड एक ही झटके से अपनी चूत और गांद के अंदर लेने के लिए अपने आपको तय्यार कर रही थी. मैं भाभी के अपनी गोद में उठा कर बेडरूम में ले गया और बेड पर लिटा दिया. उसके बाद मैं

भाभी की चूत और गांद को देखने लगा. उनकी चूत और गांद दोनो काई जगह से का फॅट गयी थी. भाभी ने कहा क्या देख रहे हो, देवर जी. मैने कहा आप की चूत और गांद को देख रहा हूँ. इसकी हालत तो एक दम खराब हो गयी है. ये काई जगह से कट फॅट गयी. वो बोली तो क्या हुआ. तुम्हारा लंड भी तो खूब मोटा और लंबा है. उन्होने मुझे अपनी तरफ खीच लिया और मेरे होंठो को चूमने लगी. मैने उनके बूब्स को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा तो भाभी ने कहा अब तुम मेरे उपर 69 की पोज़िशन में हो जाओ. मैं उनके उपर 69 की पोज़िशन में हो गया तो वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उनकी चूत को चाटने लगा.थोड़ी देर में मेरा लंड एक दम टाइट हो गया तो वो बोली अब तुम मुझे दुश्मन की तरह चोदो. मैं तुमसे तड़प तड़प कर चुदवाना चाहती हूँ. अगर तुमने मेरे उपर ज़रा सा भी रहम किया तो मैं तुमसे फिर कभी नहीं चुदवाउन्गि. मैने कहा ऐसा क्यों. वो बोली कि मैं तुमसे उसी तरह चुदवाना चाहती हूँ जैसे कोई किसी का रेप करता है. मैने कहा आप को दर्द बहुत होगा. वो बोली तो होने दो. तुम मेरी चुदाई कर कर के मेरी चूत और गांद को फाड़ डालो. मैने कहा ठीक है. मैं भाभी के टाँगों के बीच आ गया और उनके टाँगों को पकड़ कर उनके कंधे के पास सटा कर दबा दिया. वो एक दम दोहरी हो गयी और उनकी चूत एक दम उपर उठ गयी. वो मुझे ऐसा करते हुए देख कर मुस्कुराने लगी और बोली शाबास देवर जी. स्टाइल तो तुमने अच्छा चुना है. अब देखना है कि तुम मुझे किस तरह से चोद्ते हो. मैने कहा अभी पता चल जाएगा. उसके बाद मैने अपने लंड का सूपड़ा उनकी चूत के बीच रखा और पूरी ताक़त के साथ एक बहुत ही जोरदार ढाका मारा. भाभी बहुत ज़ोर से चीखी और एक ही धक्के में मेरा लंड उनकी चूत के अंदर 6" तक घुस गया. मैने बिना रुके 2 बहुत ही जोरदार धक्के और लगा दिए तो मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत में समा गया और वो ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी.

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उस दिन रात के 9 बजे तक मैने नेहा को 5 बार चोदा और 2 बार उसकी गांद मारी. हम दोनो थक गये थे इस लिए पूरी रात सोते रहे. तीसरे दिन सुबह से ही मैने फिर से नेहा की गांद और चूत की चुदाई शुरू कर दी. उस दिन मैने रात के 10 बजे तक नेहा की 5 बार गांद मारी और केवल 2 ही बार उसकी चूत को चोदा. उसकी चूत और गांद का मूह एक दम खुल चुका था और मेरे लंड के साइज़ का हो चुका था. अब उसे बिल्कुल भी दर्द नहीं होता था और उसे खूब मज़ा आता था. अब वो आराम से चलने फिरने भी लगी थी. मैने नेहा से उसकी मम्मी को चोदने के बारे में बताया तो उसे विश्वास नही हो रहा था. मैने उस से कहा पहले तुम्हारी मम्मी ज़्यादा खुश नहीं रहती थी लेकिन अगर तुमने ध्यान दिया होगा तो वो इधर 2 महीने से वो बहुत ज़्यादा खुश रहती हैं. उसने थोड़ी देर तक सोचने के बाद कहा हां तुम ठीक ही कह रहे हो. पहले मम्मी बात बात पर गुस्सा हो जाती थी लेकिन इधर 2 महीने से वो बिल्कुल भी गुस्सा नहीं करती. नेहा के मम्मी पापा 10 दिन बाद वापस आ गये. उनके वापस आने तक मैने नेहा के चूत की 45 बार चुदाई की और 22 बार उसकी गांद मारी. अब मधु काम करने आने लगी. उसने मुझसे चुदवाना शुरू कर दिया. 2 दिन बाद भैया और भाभी भी आ गये. भाभी ने मुझसे पूचछा कैसी रही नेहा की चुदाई. मैने कहा बहुत अच्छि. मुझे पहली पहली बार कुँवारी चूत और गांद का मज़ा मिला है. भाभी ने कहा क्या कह रहे हो. मैने कहा मैं ठीक कह रहा हूँ. मैने नेहा की गांद भी मारी है. गांद मारने में भी

बहुत मज़ा आया. भाभी ने एक दिन मधु को नेहा के बारे में सारी बात बता दी. पहले तो मधु नाराज़ हुई लेकिन बाद में भाभी के समझाने पर वो मान गयी. कुच्छ दिन बाद नेहा भी मधु के साथ आई. दोपहर में जब मधु किचन में खाना बना रही थी तो मैने अपने बेडरूम में नेहा को चोदना शुरू कर दिया क्यों की मधु को खाना बनाने में 1 घंटे लगते थे. अभी मुझे नेहा की चुदाई करते हुए 15 मिनट भी नहीं बीते थे कि मधु आ गयी. मैने उसे देख लिया लेकिन नेहा नहीं देख पाई. मैं नेहा की चुदाई रोक कर हटने ही वाला था कि मधु मुस्कुराते हुए वापस चली गयी. मधु के वापस जाते ही मैने फिर से नेहा की चुदाई शुरू कर दी और बहुत ही तेज़ी के साथ उसे चोदने लगा. लगभग 30-35 मीनेट चोदने के बाद मैं झाड़ गया. इस दौरान नेहा भी 3 बार झाड़ चुकी थी. एक दिन मधु ने भाभी से कहा की नेहा अभी जवान है और मैं चाहती हूँ की वो चुदवाने का खूब मज़ा ले ले. पता नहीं उसके पति का लंड कैसा हो और वो उसे ठीक से चोद पाए या नहीं. कल से मेरी जगह पर नेहा काम करने आएगी. भाभी ने कहा क्या अब तुझे राजू से चुदवा कर मज़ा नहीं लेना चाहती. वो बोली चाहिए क्यों नहीं. भाभी ने कहा तो तू ऐसा कर तू सुबह कम करने आ जाना और दोपहर के बाद नेहा को भेज देना. इस से तुम दोनो को चुदवाने का मज़ा मिल जाया करेगा. वो बोली ठीक है. अब मधु सुबह काम करने आने लगी. जब वो बजे घर चली जाती तो नेहा आ जाती. मैं उन दोनो की चुदाई करता रहा. नेहा अभी नहीं जानती थी कि भाभी उसकी चुदाई के बारे में जानती है. जब मैं नेहा को चोद रहा होता तो उस समय भाभी जान बूझ कर मेरे रूम में नहीं आती थी और ना ही नेहा को किसी काम से बुलाती थी. एक दिन जब मैं नेहा को चोद रहा था तो भाभी मेरे रूम में आई. भाभी को देख कर नेहा घबडा गयी तो मैने कहा तुम घबराओ मत, भाभी को सब मालूम है. तुम आराम से चुदाओ. भाभी नेहा के पास बैठ गयी तो मैने भाभी को दिखाने के लिए नेहा को बहुत ही बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया.

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5 मिनट और चुदवाने के बाद जब वो फिर से झाड़ गयी तो मैने उसकी कमर को पकड़ कर तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी. अब उसे खूब मज़ा आ रहा था. मैने पूचछा अब कैसा लग रहा है. वो बोली अब बहुत मज़ा आ रहा है. मैने कहा जब मैं तुम्हें दूसरी बार चोदुन्गा तब और ज़्यादा मज़ा आएगा. मैं बहुत जोरदार धक्के लगाते हुए नेहा को चोदने लगा. 10 मिनट तक और चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झाड़ गया. वो भी मेरे साथ ही साथ फिर से झाड़ गयी. मैं थोड़ी देर तक उसके उपर लेता रहा और उसके होठों को चूमता रहा. उसके बाद मैं हट गया और उसके बगल में ही लेट गया. मैने उसे अपनी बाहों में लपेट लिया और उसके बूब्स को मसल्ते हुए उसके होठों को चूमने लगा. 30-35 मीं बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैने नेहा से कहा बातरूम जा कर अपनी चूत को साबुन से सॉफ कर लो फिर मैं तुम्हारी दोबारा चुदाई करूँगा. वो बाथरूम जाने के लिए उठना चाहती थी लेकिन उठ नहीं पा रही थी. उसकी चूत काई जगह से काट गयी थी और एक दम सूज गयी थी. उसकी छूट पर खून के साथ साथ मेरे लंड का और उसकी छूट का ढेर सारा जूस लगा हुआ था इस लिए उसकी छूट एक दम गुलाबी दिख रही थी. मैने उसे सहारा दे कर उठा दिया तो उसके मूह से हल्की सी चीख निकल गयी. मैने पूचछा क्या हुआ तो वो बोली बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा है. मैने कहा धीरे धीरे आराम से बाथरूम चली जाओ और अपनी को चूत को साबुन से सॉफ कर लो. अबकी बार चुदवाने के बाद तुम्हारा दर्द कम हो जाएगा. वो बोली पहले तुम वादा करो की इस बार धीरे धीरे चोदोगे. मैने कहा ठीक है मैं वादा करता हूँ की

जब तक तुम नहीं कहोगी मैं तुम्हें धीरे धीरे ही चोदुन्गा. वो एक दम धीमी चल से बाथरूम जाने लगी.उसके कदम लड़खड़ा रहे थे. थोड़ी देर बाद जब वो बाथरूम से वापस आ गयी तो मैने अपना लंड उसके मूह में दे दिया और वो मेरा लंड चूसने लगी. जब मेरा लंड एक दम टाइट हो गया तो मैने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया. उसकी चूत काई जगह से कट गयी थी. मेरा खूब मोटा और 8" लंबा लंड अंदर लेने की वजह से उसकी चूत का मूह अभी तक खुला हुआ था. मैने उसकी चूत को चाटना जारी रखा तो थोड़ी ही देर में वो सिसकारियाँ भरने लगी. उसे अपनी चूत चटवाने में बहुत मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर तक उसकी चूत को चाटने के बाद मैने नेहा से डॉगी स्टाइल में होने को कहा तो वो डॉगी स्टाइल में हो गयी. मैने अपना लंड उसकी चूत के बीच रख कर अंदर दबाना शुरू कर दिया. वो सिसकारियाँ भरने लगी. जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत में 4" तक घुसा तो उसे फिर से दर्द महसूस होने लगा और वो चीखने लगी. मैने कहा घबदाओ मत. अभी तुमने केवल एक बार चुड़वाया है और तुम्हारी चूत अभी भी टाइट है. तुम्हें इस बार ज़्यादा दर्द नहीं होगा. मैने अपना लंड उसकी चूत में घुसना जारी रखा. जब मेरा लंड 6" तक घुस गया तो वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. मैने फिर और ज़्यादा ज़ोर नहीं लगाया और उसे धीरे धीरे चोदने लगा. 5 मीं की चुदाई के बाद जब वो झाड़ गयी तो मैने अपना लंड और ज़्यादा अंदर घुसा दिया. वो फिर से चिल्लाने लगी. अब मेरा लंड उसकी चूत में 7" तक घुस चुका था.

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थोड़ी देर बाद उस फिल्म में लड़की ने लड़के का लंड मूह ले कर चूसा शुरू कर दिया. मैने नेहा से कहा तुम भी मेरा लंड मूह में ले लो और चूसो. उसने इनकार कर दिया तो मैने उसके गाल पड़ एक थप्पड़ लगा दिया और कहा जैसा जैसा मैं कहता हूँ चुप चाप वैसा वैसा करती जाओ. नहीं तो आज मैं तुम्हारी बहुत पिटाई करूँगा और तुम्हें कोई बचाने नहीं आएगा. मैं बहुत ही गुस्से वाला था और वो मेरा गुसा पहले भी काई बार देख चुकी थी. वो डर गयी और उसने मेरा लंड अपने मूह में ले लिया और चूसने लगी. कुच्छ देर बाद मैने नेहा से कहा तुम भी उस फिल्म वाली लड़की की तरह अपने सारे कपड़े उतार दो और एक दम नंगी हो जाओ. मेरे थप्पड़ लगाने की वजह से वो बहुत डारी हुई थी. उसने धीरेधीरे अपने सारे कपड़े उतार दिए लेकिन पॅंटी नहीं उतारी.मैने कहा उसकी पनटी की तरफ इशारा करते हुए कहा, इसे कौन उतारेगा. वो नहीं मानी तो मैने उसकी पॅंटी एक झटके से फाड़ दी. अब वो मेरे सामने एक दम नंगी हो गयी. मैने उस से कहा अब मेरे पास आ कर मेरा लंड चूसो. वो चुप चाप मेरे बगल में बैठ गयी और मेरा लंड चूसने लगी. मैने अपना हाथ उसकी चूत पर लगा दिया तो उसने एक ज़ोर की सिसकारी ली और बोली अपना हाथ हटा लो, मुझे गुदगुदी हो रही है. मैने कहा इसी में तो मज़ा आएगा. वो मेरा लंड चूस्ति रही और मैं उसकी चूत को सहलाने लगा. वो सिसकारियाँ भरती रही तो मैने पूचछा कैसा लग रहा है. उसने शरमाते हुए कहा अच्च्छा लग रहा है. थोड़ी देर तक उसकी चूत को सहलाने के बाद मैने एक उंगली उसकी चूत में डाल दी तो वो ज़ोर से चीख उठी, उई..... माआ...... दर्द हो रहा है. मैं कहा अभी ये दर्द ख़तम हो जाएगा और मैने अपनी उंगली उसकी चूत के अंदर बाहर करनी शुरू कर दी. वो ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भरने लगी. थोड़ी ही देर में उसकी चूत एक दम गीली हो गयी. फिल्म में लड़के के लंड का जूस लड़की के मूह में निकल चुका था और लड़की उसके लंड को चाट चाट कर सॉफ कर रही थी. मेरा भी जूस निकलने वाला था. मैने नेहा से मेरे लंड का भी जूस निकलने वाला है. तुम उस लड़की की तरह सारा जूस निगल जाना और फिर मेरा लंड चाट चाट कर सॉफ कर देना

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तुम एक दम नंगे हो इस लिए मुझे शरम आ रही है. मैने कहा कैसी शरम. यहाँ मेरे और तुम्हारे अलावा कोई नहीं है. जाओ बेडरूम से मेरा टवल ले आओ.

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ये कहानी तब की है जब मैं 22 साल का था . सब मुझे राज या राजू कह कर बुलाते हैं. घर पर मेरे अलावा मेरे भैया मोहन और भाभी सोनिया हैं. भाई की शादी 1 साल पहले ही हुई थी. भाभी एक दम गोरी और स्लिम हैं. दिखने में वो बहुत ही सेक्सी लगती हैं. उनकी कमर भी बहुत ही पतली है. भैया की उमर 24 साल और भाभी की उमर 20 साल की है. हमारे घर एक नौकरानी काम करने आती है. उसका नाम मधु है और उसकी उमर 34-35 साल की है. उसका रंग कुच्छ सांवला है लेकिन उसकी फेस कटिंग बहुत ही अच्छि है. वो हमारे घर 5-6 साल से काम करती है. मधु की एक लड़की है जिसका नाम नेहा है. नेहा की उमर 16 साल की है. दिखने में वो अपनी मा से बहुत ज़्यादा खूबसूरत है. वो जब 10-11 साल की थी तब से ही अपनी मा के साथ कभी कभी हमारे घर आया करती है. नेहा जब से जवान हुई है तब से ही मैं उसे चोदने का ख्वाब देखता रहता हूँ. एक दिन भैया और भाभी 10 दीनो के लिए टूर पर चले गये. उस दिन जब मधु काम करने आई तो घर पर केवल मैं था. मधु ने मुझसे पूछा की भैया और भाभी घर पर नहीं हैं क्या. मैने कहा वो 10 दीनो के लिए बाहर गये हैं. उसके बाद वो अपने काम में लग गयी. मैने मधु से कहा मैं नहाने जा रहा हूँ, तुम नाश्ता बना दो.

वो नाश्ता बनाने चली गयी और मैं नहाने चला गया. बचपन से मेरी आदत थी कि मैं बहुत ज़्यादा देर तक नहाता था और नहाते समय कभी भी बाथरूम का दरवाज़ा बंद नहीं करता था. ये बात मेरे भैया और भाभी जानते थे लेकिन उन्होने कभी मुझे टोका नहीं. मधु ये बात नहीं जानती थी. भाभी बहुत नटखट थी और केयी बार नहाते समय अचानक बाथरूम में आ चुकी थी और मुझे एक दम नंगा ही नहाते हुए देख चुकी थी. उन्होने केयी बार मेरा लंड भी देखा था. वो कभी कभी मुझसे मज़ाक में कहती थी देवर जी, तुम्हारा लंड बहुत ही लंबा और मोटा है. मेरा मन भी इसका स्वाद चखने का होता है. मैं केवल मुस्कुरा कर रह जाता था. वो जब मुझे ज़्यादा छेड़ती तो मैं कह देता चलो बेडरूम में. तब वो मुस्कुरा देती. उस दिन जब मुझे नहाते हुए बहुत देर हो गयी तो मधु बाथरूम के पास आई और जैसे ही उसने दरवाज़े पर हाथ रखा तो दरवाज़ा खुल गया. मेरा लंड एक दम खड़ा था. उसने मुझे एक दम नंगा देखा तो हस्ने लगी और जैसे ही उसकी निगाह मेरे 8" के लंबे और मोटे लंड पर पड़ी तो वो मेरा लंड देखती ही रह गयी. थोड़ी देर बाद मैने उस से पूचछा क्या हुआ. उसने मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा आज तक मैने ऐसा औज़ार नहीं देखा. मैने कहा तो अब देख लो. मैने अपना लंड हाथ में पकड़ लिया और उसे दिखाने लगा. थोड़ी देर तक वो मेरा लंड देखती रही तो मैने पूचछा तुम्हारे पति का औज़ार कितना बड़ा है. वो बोली तुम्हारे औज़ार से बहुत छ्होटा और पतला. उसकी आँखें जोश से गुलाबी सी होने लगी थी. वो बोली मैं इसे अपने हाथ से पकड़ कर देख लूँ. मैने कहा देख लो. उसने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और बहुत देर तक देखती रही. कुच्छ देर बाद उसने मेरा लंड सहलाना शुरू कर दिया तो मैने कहा ये क्या कर रही हो मधु. अभी इसका सारा पानी निकल जाएगा. वो बोली तो क्या हुआ, अगर तुम चाहो तो इसका पानी मेरे मूह में निकाल दो. मैने कहा इसका पानी तो चूत में निकाला जाता है. उसने कहा तो चूत में ही निकाल दो ना, मैं तय्यार हूँ. मैने पूचछा इसे अपनी चूत के अंदर ले पावगी, दर्द बहुत होगा. वो बोली मैं तो अब इसे पूरा का पूरा अंदर ले कर रहूंगी, चाहे जो हो जाए. मैने कहा ठीक है. वो बोली मैं इसे एक

बार चूस लूँ. मैने कहा अगर इसका पानी निकल गया तो. उसने कहा मैं एक बूँद भी बाहर नहीं गिरने दूँगी. सारा का सारा पानी निगल जाउन्गि. मैने कहा चूस लो. मधु ने मेरा लंड अपने मूह में ले लिया और चूसने लगी. उसे बहुत मज़ा आ रहा था. वो बहुत तेज़ी के साथ और बड़े प्यार से मेरा लंड चूसने लगी. थोड़ी देर बाद मेरे लंड का जूस उसके मूह में निकालने लगा तो उसने सारा का सारा जूस निगल लिया. सारा जूस निगलने के बाद उसने मेरा लंड चाट चाट कर सॉफ कर दिया. मैने कहा अब चलो नाश्ता लगा दो. वो नाश्ता लगाने चली गयी और मैं नहाने लगा. मैं नहा कर ड्रॉयिंग रूम में आया और नाश्ता करने लगा. नाश्ता करने के बाद उसने मुझसे कहा अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा है. अब तुम मुझे चोद दो. खूब ज़ोर ज़ोर से चोदना. मैने कहा ठीक है. पहले इसे चूस कर तय्यार तो करो. उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैने उसे ज़मीन पर लिटा दिया और उसकी टाँगों के बीच आ गया. मैने अपना लंड उसकी चूत के बीच रख दिया और उसकी टाँगों को पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा. एक ही धक्के में मेरा लंड उसकी चूत में 5" तक घुस गया. शायद उसके पति का लंड 5" का रहा होगा. वो चिल्लाने लगी तो मैने कहा चिल्लओ मत वरना मैं तुम्हें नहीं चोदुन्गा. वो बोली बहुत दर्द हो रहा है. मैने कहा तो इस दर्द को बर्दास्त करो.

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मैने फिर से धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए. कुच्छ देर बाद मेरा दर्द जब कम हुआ तो मैने इस बार एक गहरी सास लेकर अपने पूरे बदन का वजन डालते हुए उसके लंड पर बैठ गयी. इस बार मैं दर्द से तड़प उठी. मेरी आँखो मे आँसू आ गये. मेरा चेहरा पसीने से भीग गया. उसका पूरा लंड मेरी चूत मे समा चुका था. मैं थोड़ी देर तक उसका पूरा लंड अपनी चूत मे डाले हुए उसके लंड पर बैठी रही. 2-3 मिनट बाद मैने धीरे धीरे धक्का मारना शुरू किया. दर्द अभी भी हो रहा था लेकिन मज़ा भी आने लगा था. मैने अपनी स्पीड थोड़ा तेज की तो मेरा दर्द बढ़ गया लेकिन जो मज़ा मुझे मिल रहा था उसके आगे ये दर्द कुच्छ भी नही था. 25-30 धक्को के बाद मेरा दर्द जाता रहा और मुझे खूब मज़ा आने लगा. मैने अपनी स्पीड तेज कर दी. मैं उसके लंड पर हवा मे उच्छल रही थी. मैं जब नीचे आती तो पूरे बदन के वजन के साथ उसके लंड पर बैठ जाती थी. राजू को भी खूब मज़ा आ रहा था. जब मैं नीचे आती तब वो भी अपने चूतड़ को उठा देता था. 5 मीं बाद ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. पूरा पानी निकल जाने के बाद मैं उसके उपर से हट गयी.
मैं बुरी तरह से हाफ़ रही थी. मेरा चेहरा पसीने से लथ पथ था. मैने राजू से कहा “अब मैं डॉगी स्टाइल मे हो जाती हू. तुम मेरे पिछे से आकर मेरी चुदाई करो.” मैं ज़मीन पर डॉगी स्टाइल मे हो गयी. राजू मेरे पिछे आ गया. उसने मेरी चूत के लिप्स को फैला कर अपने लंड का टोपा बीच मे रख दिया तो मैं बोली “एक झटके से पूरा लंड डाल दो मेरी चूत के अंदर.” उसने मेरी कमर को ज़ोर से पकड़ा और पूरी ताक़त के साथ एक झटका मारा और उसका 9″ का लंड सनसनाता हुआ मेरी चूत की गहराइयों मे समा गया. डॉगी स्टाइल मे होने की वजह से मेरी चूत एक दम दबी हुई थी इस लिए मुझे उसका मोटा और लंबा लंड अपनी चूत के अंदर लेने मे फिर से तकलीफ़ हुई. मेरे मूह से एक जोरदार चीख निकल पड़ी. मैने राजू से कहा “रूको मत, ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो मुझे.” राजू ने मेरी कमर को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए. वो मुझे आँधी की तरह चोदने लगा. उसका हर.
धक्का मुझ पर भारी पड़ रहा था. उसका लंड मेरे बच्चेदानि को ज़ोर ज़ोर से ठोकर मार रहा था जैसे कोई उसकी पिटाई कर रहा हो. 3-4 मिनट मे ही मेरी चूत रोने लगी और उसके आँसू निकल पड़े. राजू का लंड एक दम भीग गया और मेरी चूत मे आराम से अंदर बाहर होने लगा. राजू ने अपनी स्पीड और तेज कर दी. मैं हिचकोले खा रही थी. मेरी चूत से फ़च फ़च की आवाज़ निकाल रही थी. 10 मिनट भी नही बीते थे कि मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया. राजू ने मेरी कमर को छोड़ कर मेरे बूब्स को पकड़ लिया. फिर उसने मेरे बूब्स को मसल्ते हुए ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा कर मुझे चोदने लगा. उसका हर धक्का इतना तेज था कि मैं हर धक्के के साथ आगे सरक जाती थी. वो मुझे इसी तरह चोदता रहा और मैं आगे सरक्ति रही. थोड़ी देर बाद मेरा सिर ड्रॉयिंग रूम की दीवार से सॅट गया तो राजू बोला.
डिंपल भाभी, अब कहाँ भाग कर जाओगी.” और उसने मुझे एक दम आँधी की तरह चोदना शुरू कर दिया. अब मैं आगे नही सरक पा रही थी इस लिए उसका हर धक्का बहुत ज़ोर ज़ोर का लग रहा था.15-20 मिनट बाद मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया और इस बार मेरे साथ ही साथ राजू के लंड ने भी पानी छोड़ दिया और मेरी चूत भर गयी. पूरा पानी मेरी चूत मे निकाल देने के बाद राजू ने अपना लंड बाहर निकाला और जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा. उसने मेरी चूत को चाट चाट कर सॉफ कर दिया और उसके बाद उसने अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया. मैने भी उसका लंड चाट चाट कर एक दम सॉफ कर दिया. उसके बाद हम दोनो एक दूसरे से लिपट कर वही ज़मीन पर लेट गये.इसी तरह 3 दिनो तक राजू मुझे तरह तरह के स्टाइल मे चोदता रहा. मुझे उस से चुदवाने मे बहुत मज़ा आया. अब मेरी चूत एक दम चौड़ी हो चुकी. राजू अब चाहे जिस स्टाइल मे मेरी चूत मे अपना लंड घुसाता मुझे थोड़ा भी दर्द नही होता था और उसका लंड मेरी चूत मे एक दम गहराई तक आराम से घुस जाता था.

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उसके बाद हमने मूवी लगायी और उस में कुछ सैक्सी सीन थे। इन तमाम हालात को देख कर शाज़िया का बहुत दिल चाहा मगर अभी तक वो अहमद से खुली नहीं थी। इसलिये उसने मुझे आँख मारी और सबसे कहा कि उसने बहुत ड्रिंक कर ली है और उसको नींद आ रही है और उसने सोना है। वो उठ कर नशे में लड़खड़ाती एक कमरे में चली गयी। शाज़िया के चले जाने के बाद फौज़िया ने भी सोना चाहा और वो भी नशे में लड़खड़ाती शाज़िया के रूम मैं जाने लगी तो मैंने कहा, फौज़िया साहिबा, आपका दूसरा रूम है। इस पर कुछ शर्मा गयी मगर मुस्कुरा कर दूसरे कमरे में चली गयी।



मेरा और अहमद का दिल तो कर रहा था कि गर्ल फ्रैंड्स को चेंज और शेयर करें लेकिन शायद अभी तक हम में कोई बात थी कि हिम्मत नहीं हो रही थी और फिर हम दोनो कुछ देर गपशप लगा कर अपने अपने कमरे में चले गये।



मेरे रूम में शाज़िया मेरा इंतज़ार कर रही थी और दूसरे रूम में फौज़िया अहमद का इंतज़ार कर रही थी। उसका हाल तो मुझे मालूम ना हो सका लेकिन शाज़िया चुदाई के लिये बेकरार थी। वो पहले ही अपने कपड़े उतार चुकी थी और नशे में बिस्तर पर सिर्फ सैंडल पहने नंगी पड़ी अपनी चूत सहला रही थी। मैंने शाज़िया को बहुत ज़बरदस्त तरीके से छः दफ़ा चोदा और सुबह तक हम लोग मुखतलिफ़ तरीके से एक दूसरे के साथ चुदाई करते रहे।



सुबह होने से कुछ देर पहले मैं उठ कर किचन में पानी पीने आया तो उस दौरान फौज़िया भी किचन में थी और मैंने उसको छेड़ते हुए पूछा कि रात कैसी गुज़री? वो मुस्कुरायी और मुझसे मेरी रात का पूछा। मैंने पहली बार फौज़िया को अपने साथ काफी फ़्री देखा और उसे देख कर ज़ाहिर था कि वो भी शाज़िया की तरह नशे में थी। मैंने उसको बाँहों में लिया और कहा कि मैं तुम्हें भी चोदना चाहता हूँ!



उसने भी यही कहा कि मैं भी तुम्हारे साथ चुदाई करना चाहती हूँ मगर शाज़िया नहीं मानती क्योंकि वो तुमसे प्यार करती है और वो कहती है कि नोमी सिर्फ़ मेरा है! खैर उधर किचन में मैंने उसके साथ कुछ चूमा-चाटी की और कुछ उसके बूब्स दबाये। उसके बाद मैं अपने रूम में आ गया और शाज़िया के साथ एक और दफा चुदाई की। फिर सुबह हो गयी और मैंने पहले की तरह शाज़िया के साथ मिलकर बाथ लिया और फिर वो दोनो लड़कियाँ तैयार हुईं क्योंकि उन्होंने ड्यूटी पर जाना था।



उसके बाद अहमद की कार में हम चारों उनके होस्टल की तरफ़ आये। वहाँ गेट पर पहुँच कर हमने उनको अलविदा किया तो पहली बार शाज़िया के साथ-साथ फौज़िया ने भी मुझे एक किस किया और इसके जवाब में शाज़िया ने भी पहली बार अहमद को किस किया और हमारा थैंक्स किया और कहा कि बहुत मज़ा आया।

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मैंने उधर ही अपनी पैंट की ज़िप खोली और अपना लंड बाहर निकाला। शाज़िया ने जल्दी-जल्दी उसको मुँह में लिया और चूसने लगी। साथ-साथ वो बोली कि मैं इसको मिस कर रही थी, ये मेरी जान कितना उदास है, चलो मैं तुमको खुश करती हूँ। मैं जल्दी ही गरम हो गया। फिर मैंने शाज़िया की पैंट नीचे की और उधर ही सोफ़े पर उसको उल्टा मोड़ दिया और पीछे से उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया।



मुझे कुछ-कुछ डर भी लग रहा था मगर चुदाई की इंतहा पर था, इसलिये जल्दी-जल्दी उसकी चूत में लंड आगे पीछे करने लगा। फिर कुछ देर बाद मैं उसकी चूत में फारिग हुआ और उसने मेरे लंड को अपनी चूत से निकाल कर चाटना शुरू किया और बोली कि, काफी दिनों से मैंने ये टेस्ट नहीं किया, और मेरे लंड को अच्छी तरह चाटने लगी। फिर उसने अपना ड्रेस ठीक किया और अपनी हालत को मिरर में देख कर ठीक किया। मैंने भी अपनी हालत ठीक की।



उसने डोर की कुँडी खोली और एहतियात से बाहर देखा कि कोई नहीं है। उसने बताया कि मैं वार्ड में जा रही हूँ, तुम बाद में आराम से निकल जाना। उसके चले जाने के बाद मैं भी कुछ देर बाद ठीक हो कर बाहर निकला और उसके पास वार्ड में गया। वहाँ शाज़िया की काफी कलीग्स थीं। शाज़िया ने मुझे उनसे मिलवाया कि ये मेरे कज़न हैं। मैं आर्मी की युनिफ़ॉर्म में था, इसलिये बाकी नर्सों ने शाज़िया को सराहा कि तुम्हारा कज़न काफी स्मार्ट है, और उसको छेड़ा और वो शर्मा सी गयी।



इमरजेंची वार्ड में चुदाई करके मेरा काफी खौफ हट गया था और जब तक उसकी उस वार्ड में ड्यूटी थी, मैं अक्सर शाज़िया के पास वार्ड में जाता और काफी खतरा लेकर अपने लंड की प्यास बुझाता। हालांकि हम लोग पूरा इंजॉय तो नहीं कर सकते थे मगर कुछ न कुछ कर ही लेते थे, क्योंकि वो जगह ज़्यादा सेफ नहीं थी। इसी दौरान मैं उसकी फ्रैंड फौज़िया से भी काफी फ़्री हो गया था लेकिन अभी तक उसने कोई चुदाई की बात नहीं की थी और न ही बताया कि वो शाज़िया के साथ लेस्बियन सैक्स करती है।



आखिरकार मेरा जिगरी दोस्त, अहमद, भी कराची वापस आ गया। वो काफी अमीर है और डिफेंस फेज़-ई/ई में रहता है। मैंने उससे मिल कर उसको बताया कि मैं उसको काफी मिस करता रहा हूँ। अभी तक मैंने शाज़िया की चुदाई का उसको नहीं बताया था मगर इस दौरान एक दिन हमारा प्रोग्राम होक्स-बे का बना और मैंने अहमद को भी प्रोग्राम का बताया और उसको शाज़िया और उसकी फ्रैंड का तफ़सील से बताया। मगर उसको अभी तक चुदाई का नहीं बताया था बल्कि बताया कि बहुत करीबी गर्ल फ्रैंड है।



आखिरकार सितंबर के पहले संडे को, मैं अहमद के साथ उसकी गाड़ी में शाज़िया के होस्टल आया। उस वक्त तक शाज़िया कि सिर्फ़ फोन पर अहमद से बात हुई थी, सो उन दोनों ने पहली बार अहमद को देखा। फिर हम चारों (शाज़िया, फौज़िया, मैं और अहमद) कार में बैठ कर होक्स-बे की तरफ़ रवाना हुए। अभी तक हम लोग रिजर्व थे क्योंकि मैं आगे अहमद के साथ बैठा था और पीछे शाज़िया और फौज़िया बैठी थीं। होक्स्र-बे पर मैंने पहले से हट बुक करवाया हुआ था और हम लोग कुछ सामान लेकर गये थे। वहाँ मैंने फौज़िया को अहमद के साथ किया और खुद शाज़िया के साथ सी-साईड पर वॉक करने लगा। उसके बाद वो दोनों कुछ आगे चले गये और मैं शाज़िया को लेकर हट में आया। वहाँ मैंने उसको चूमना शुरू किया और फिर दोबारा एक ज़ोरदार चुदाई की। जब वो दोनों वापस आये तो मैंने रूम को लॉक किया हुआ था। उन्होंने नॉक किया और मैंने डोर खोला। हालांकि मैं चुदाई खतम कर चुका था मगर शाज़िया के ड्रेस से मालूम हो रहा था कि हम लोग चुदाई कर रहे थे। मगर उन्होंने कुछ नहीं कहा।



उसके बाद हमने मिल कर बियर पी और लंच किया। फिर लंच के बाद जब शाज़िया और फौजिया सामान संभालने में लगी तो अहमद बालकोनी में मेरे पास आया और आँख मार कर हालात मालूम किया। वो मेरा बेस्ट फ्रैंड है तो मैंने उसको हालात का बताया और उससे फौज़िया का मालूम किया। उसने बताया कि फौज़िया ने भी काफी बातें चुदाई पर की थीं उसके साथ और वो भी जल्द राज़ी हो जायेगी।



उसके बाद मैं शाज़िया को लेकर सी-साईड पर गया और अहमद और फौज़िया को हट पर छोड़ा और कहा कि, तुम लोग आराम करो, हम लोग राऊँड लगा कर आते हैं। फिर मैं शाज़िया को बगल में लेकर हट से दूर चला गया। पीछे मालूम हुआ कि अहमद साहब ने भी अपनी लंड की आग बुझा ली है और फौज़िया की चूत की सैर कर ली है। इस दौरान फौज़िया ने शाज़िया के साथ लेस्बियन सैक्स का भी अहमद को बताया। हम दोनो काफी देर बाद वापस आये तो हम सब ने मिल कर बियर पीनी शुरू की। इस दौरान हमने काफी गपशप की और फिर जब मैं अहमद के साथ अकेला हुआ तो उसने बताया कि काम हो गया है और उसने फौज़िया की चूत को पार कर लिया है।

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फिर शाज़िया को भी उठाया और हम दोनो बाथरूम में गये। ये बहुत शानदार बाथरूम था। उसमें एक बड़ा टब लगा हुआ था, सो मैंने उसको पानी से भरा और शाज़िया को उस में नंगा करके उसके पूरे जिस्म को चाटने लगा। उसके बाद जब मैं फिर रेडी हुआ तो शाज़िया ने मेरे लंड को मुँह में लेकर काफी चूसा। फिर मैंने एक नयी स्टाईल से उस टब में पानी के अंदर शाज़िया को चोदा और बहुत मज़ा आया। उसके बाद शाज़िया ने याद दिलाया कि खाना ठंडा हो रहा है तो हम लोग जल्दी-जल्दी बाहर आकर नंगे ही लंच करने लगे।



लंच के बाद काफी देर हम लोग रम पीते हुए नंगे बैठे रहे और बातें करते रहे। शाज़िया ने बताया कि उसने पहले अपने एक कज़न से सैक्स किया था मगर उसको सही मज़ा मेरे साथ आया है और वो मुझसे प्यार करने लगी है। उसके बाद शाम तक चार दफा चुदाई की। मुझे हर बार एक नया ही लुत्फ़ महसूस हुआ और काफी इंजॉय किया। इस दौरान मैं एक बार उसके मुँह में और एक बार उसकी गाँड में डिसचार्ज कर चुका था।



उसके बाद शाम को हम लोग तैयार होकर बाहर निकले और सदर (कराची) आये। वहाँ मैंने शाज़िया को कुछ गिफ़्ट लेकर दिये और उसने भी कुछ शॉपिंग की। फिर रात को नौ बजे तक दोबारा होटल पहुँचे। शाज़िया ने मुसलसल चादर की हुई थी कि कोई उसको पहचान ना ले।



वापस रूम में आकर हम लोगों ने डिनर किया और फिर मैंने गरम दूध के लिये ऑर्डर दिया। कुछ देर बाद बेरा गरम दूध लेकर आया और मैंने बहुत पिया क्योंकि कम से कम दस दफा तो शाज़िया को चोद चुका था। इसलिये ताकत वापिस बहाल की। शाज़िया तो पूरी पियक्कड़ थी। उसने दूध को हाथ भी नहीं लगाया और रम पीने लगी। उसके बाद सब कुछ मुकरर करके हमने कपड़े चेंज किये। मैंने पायजामा और टी-शर्ट पहनी मगर शाज़िया अचानक बाथरूम से एक सैक्सी सी नाईटी और ऊँची ऐड़ी की सैंडल पहन कर निकली। वो बहुत अच्छी लग रही थी। ये क्रीम रंग की नाईटी थी। काफी बारीक और सिल्क की नाईटी और काले रंग के ऊँची ऐड़ी के सैंडलों में वो बहुत सैक्सी लग रही थी। वो बिल्कुल ऐसे पेश आ रही थी जैसे एक बीवी करती है।



उसके बाद पूरी रात मैं उसके साथ चुदाई करता रहा और मैंने अपनी ज़िंदगी की एक ना भूलने वाली रात गुज़ार कर एक तारीख रकम की। मैंने पूरी रात शाज़िया को मुखतलिफ स्टाईल से चोदा, और जी भर कर उसकी चूत को चाटा और जी भर कर उससे लंड चुसवाया। तीन दफा उसकी गाँड में भी लंड डाला। सबसे अच्छा सीन ये था कि एक बार शाज़िया ने मेरे लंड पर शहद लगा कर चाटा और खूब चुसायी की। मैं पूरी रात ना सो सका बल्कि पूरी रात चुदाई में मसरूफ रहा।



सुबह तकरीबन छः बजे हमने आखिरी बार बाथ लिया और उसने मुझे बहुत प्यार किया। मेरे लंड का बुरा हाल हो चुका था क्योंकि मैंने बहुत ज़्यादा बार चुदाई कर ली थी और मेरा लंड सेंसटिव हो गया था । खैर उसके बाद हम तैयार हुए और मैंने काऊँटर पर आकर क्लीयरंस करवायी और फिर हम लोग अपना सामान ले कर होटल से बाहर आये। वहाँ से मैंने एक टैक्सी की और चूँकि शाज़िया का मेस और मेरी यूनिट कैंट स्टेशन के करीब थी, इसलिये साथ ही टैक्सी में बैठे। पहले मैं उसको उसके मेस की तरफ़ ले गया और उसने अपने होस्टल के गेट पर मुझे एक अच्छी सी किस दी और अपना सामान लेकर अंदर चली गयी। हालांकि टैक्सी वाला मिरर में से देख रहा था, मगर मैंने यही ज़ाहिर किया कि ये मेरी बीवी है और मैं इसको ड्रॉप करने आया हूँ। उसके बाद टैक्सी वाले को अपनी मेस कि तरफ़ लेकर गया।



अपनी यूनिट के गेट पर जाकर मैंने टैक्सी वाले को पेमेंट की और वो चला गया। गेट पर पहुँचते ही गेट संतरी ने मेरा इस्तकबाल किया और एक बैटमैन जल्दी से मेरा सामान लेकर मेरे रूम की तरफ़ रवाना हो गया। रूम पर पहुँच कर मैंने शॉवर लिया और फिर ड्यूटी ऑफिसर को फोन किया। नसीब से मेरा ही कोर्स-मेट ड्यूटी पर था। उसको अपने अपने की इत्तला दी और उसके बाद उसको बताया कि मेरी तबियत ठीक नहीं है और इसलिये मैं ऑफिस नहीं आऊँगा। अगर कोई प्रॉब्लम हुआ तो मुझे बुला लेना।

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हूँ, कोई मज़ाक नहीं है।



उसके बाद सुबह कराची केंट पहुँचने तक कोई नहीं आया और मैंने शाज़िया को आठ बार अलग-अलग स्टाईल से चोदा। मुझे उसके साथ हर बार एक नया ही मज़ा आया। एक बार उसकी गाँड भी मारी। उसने थोड़ा मना किया पर रम के नशे में वो गाँड मरवाने को तैयार हो ही गयी। ये मेरी ज़िंदगी का यादगार सफ़र था और कितनी जल्दी वो रात गुज़री मुझे मालूम ना हो सका मगर आखिरकार हम लोग खैरियत से कराची कैंट कुछ लेट तकरीबन आठ बजे पहुँचे।



उस दिन संडे था इसलिये स्टेशन पहुँच कर मैं शाज़िया के साथ उतरा और अभी तक हम इतने करीब आ गये थे कि वो वाकय मुझे अपना हसबैंड जैसा समझ रही थी। वो मेरे साथ ही स्टेशन से बाहर आयी। उसने रात में मेरे साथ काफी रम पी ली थी और उसका सिर थोड़ा सा चकरा रहा था। मैंने उसको कहा कि आज चूँकि संडे का दिन है और मुझे कल ड्यूटी पर हाज़िर होना है, तुम्हारा क्या रूटीन है? उसने भी यही कहा कि उसकी भी हाज़िरी अगले दिन से है तो मैंने उसको कहा कि अगर तुम बुरा ना मानो तो मेरे साथ चलोगी?



अभी तक शाज़िया को मुझ पर काफी भरोसा हो गया था, इसलिये वो तैयार हो गयी मगर पूछा कि किधर जाना है? मैं चूँकि मेस में रहता था और वहाँ एक औरत को नहीं ले जा सकता था। इसके अलावा कराची में एक ही काबिल-ए-एतमाद दोस्त था। वो काफी अमीर था और उन दिनों मुल्क से बाहर गया हुआ था।



मैंने थोड़ा सोचा और उसको होटल में रुकने का सुझाव दिया। पहले तो वो घबरायी क्योंकि हम फौज के लोगों के पीछे आई-एस-आई काफी होती है। इसलिये उसने मुझे डराया, मगर मैंने उसको तसल्ली दी कि तुम कहीं भी ये ना शो करना कि तुम आर्मी में हो। खैर आल्लाह का नाम लेकर हम लोग मेट्रोपोल पर मौजूद सर्विसेज मेस में आ गये। मैंने वहाँ जाने से पहले शाज़िया को कहा कि चादर पहन ले और एक पर्दे वाली बीवी का रोल करे। पर्दे में होने से उसकी साँसों में मौजूद रम की महक भी किसी को नहीं आयेगी। मैंने रिसेपशन पर जाकर अपना कार्ड दिखाया और कहा कि ये मेरी वाईफ है, कराची एक काम से आयी है, इसलिये अभी मुझे फैमली वाला रूम चाहिये।



फ्रैंड्स, हो सकता है कि आप लोगों को आर्मी के एक कैप्टेन की अहमियत मालूम हो, इसलिये उस हवलदार ने कोई दूसरी बात नहीं की बल्कि एक फ़ॉर्म लाया। मैंने सिर्फ फोरमैलटी के तौर पर उल्टा सीधा नाम और मालूमात डाल कर फ़ॉर्म पर जाली दस्तखत किये। कुछ देर बाद एक सुबेदार आया और मैंने कार्ड दिखाया तो उसने सेल्यूट मार कर जवाब दिया और फिर मुझे एक फैमली रूम की चाबियाँ दीं। मैं शाज़िया को लेकर रूम में आया, और रूम का डोर बंद करके शाज़िया को सीने से लगाया कि सबसे बड़ा मसला हल हो गया। शाज़िया का ज़िक्र कहीं नहीं आया और वो बहुत खुश थी। उसने मुझे ज़ोर से किस किया। अभी हमने सिर्फ़ सामान कमरे में रखा था और एक दूसरे के साथ चिपक कर प्यार करने लगे।



अचानक डोर पर नॉक हुई और मैंने फौरन अपनी हालत ठीक करके डोर खोला। एक बेरा नाश्ते का ऑर्डर लेने आया था। मैंने कहा कि अभी तो हम थके हैं। इसलिये लंच और डिनर का ऑर्डर दे दिया। उस बेरे के चले जाने के बाद मैंने अच्छी तरह से पूरे रूम को चेक किया कि कहीं कोई खतरे की बात तो नहीं। उसके बाद जब मुतमाईन हो गया तो मैंने वापस अकर शाज़िया को गोद में लिया और चूमना शुरू किया। उसके बाद मैंने उसको नंगा करके गौर से देखा। इसमें कोई शक नहीं कि वो बहुत ही ज़्यादा खूबसूरत थी। मैं काफी देर उसको देखता रहा और भरपूर तरीके से उसको चूमा और फिर वही तमाम हालात हुए।



लंच से पहले मैं चार बार उसको चोद चुका था। मैं काफी थका हुआ था इसलिए पास मौजूद थोड़ा सा नाश्ता खाया और हम आराम करने लगे। ठीक दो बजे बेरे ने डोर खटखटाया और लंच ले कर आया। मैंने उससे लंच लेकर टेबल पर रखा और उसको कहा कि मैं खुद ही बर्तनों के लिये फोन कर दूँगा।

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लिया और फिर कुछ कोशिश करके पी गयी। उसके बाद उसने बताया कि मेरी मनि बहुत मज़ेदार थी और उसने पहली दफा ज़िंदगी में मनि का ज़ायका लिया है।

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आर्मी की नर्स और काफी कान्फिडन्ट लड़की थी, इसलिये कोई गलत कदम लेने से पहले सोचना था।



खैर कुछ देर बाद वो आँखें बंद करके मेरी तरफ़ करवट ले कर लेटी रही। मैं पहले ही एक सैक्सी सा नावल पढ़ रहा था और ऊपर से उसकी उठी हुई गाँड और हल्के से गिरेबान से बूब्स बाहर को निकल रहे थे, इसलिये दिमाग और ज़्यादा खराब होने लगा। बड़ी मुश्किल से अपने लंड को काबू किया हुआ था वर्ना दिल तो कर रहा था कि इधर ही इस लड़की का रेप करूँ। लेखक: अंजान



सोचते-सोचते मैंने अपने पैर सामने वाली सीट पर रख दिये, हालांकि पहले भी काफी दफा मैं सामने वाली सीट पर पैर रख चुका था। आहिस्ता-आहिस्ता मैं अपने पैर का अंगूठा उसकी चूत के करीब लेकर गया। मुझे यकीन था कि वो सो चुकी है और वैसे भी ट्रेन में चलते हुए झटके लग रहे थे, सो उसको अभी तक महसूस नहीं हुआ था। मैंने हिम्मत कर के अपना अंगूठा मज़ीद आगे किया और उसकी चूत से आहिस्ता-आहिस्ता मलने लगा।



शाज़िया ने ऐसा ही शो किया कि वो पक्की नींद में है और उसको पता नहीं चल रहा। तकरीबन दस मिनट तक मैं अपना अंगूठा उसकी चूत पर ऊपर से फेरता रहा और जब देखा कि वो अभी तक सोयी हुई है तो मैं हिम्मत करके उठा और उसकी बर्थ के साथ नीचे बैठ कर अपनी हाथ की अंगुली से उसकी चूत को आहिस्ता-आहिस्ता ढूँढने लगा।



मेरा लंड तना हुआ था मगर मैं बहुत ही एहतियात से काम कर रहा था ताकि वो उठ ना जाये मगर मुझे नहीं मालूम था कि वो सोयी ही नहीं है और मेरी अंगुली से उसको मज़ा आ रहा है।



थोड़ी देर बाद मैंने ज़ोर-ज़ोर से अपनी अंगुली उसकी चूत में मलनी शुरू की, और महसूस किया कि उसकी चूत गीली हो रही है और चूत से पानी निकल आया है। तब अचानक उसने करवट बदली। मैंने फ़ौरन हाथ पीछे किया और अपनी सीट पर वापिस बैठ गया, मगर उसने करवट बदली और सीधी लेट गयी। अब उसकी टाँगें कुछ खुली हुई थी और कमीज़ चूत पर से हटी हुई थी जिससे उसकी गीली जगह साफ़ नज़र आ रही थी। मैं तो समझा कि वो उठ गयी है और इसलिये दोबारा सीट पर बैठ कर नावल पढ़ने में मसरूफ हो गया। मगर उसने कोई हर्कत नहीं की और दोबारा ऐसा शो किया कि वो गहरी नींद में है। मैं फिर हिम्मत कर के उसकी बर्थ के साथ नीचे बैठ कर उसकी चूत में दोबारा अंगुली करने लगा। अभी चूँकि वो सीधी लेटी थी और टाँगें भी खुली थीं, इसलिये अंगुली काफी अंदर तक जा रही थी और शाज़िया ने कोई हर्कत नहीं की। मेरा लंड बहुत झटके मार रहा था। मैंने एक हाथ से लंड को काबू किया था जबकि दूसरे हाथ की अंगुली से उसकी चूत में मसाज कर रहा था। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और ये सोच रहा था कि उसकी चूत कितनी नरम है।



कुछ देर अंगुली करते-करते मैंने अंगुली काफी अंदर डाली तो उसने आँखें खोल दीं। मैं डर गया और फौरन पीछे हट कर सीट पर बैठ गया, मगर उस वक्त तो मेरे वारे न्यारे हो गये जब उसने सोते हुए कहा कि रुक क्यों गये हो?



मैंने डरते-डरते उसकी तरफ़ देखा तो वो मुस्कुराने लगी। बस मैं तो फिर शेर बन गया फौरन उठा और डोर को लॉक किया और शाज़िया को उठा कर अपने सीने से लगाया। उसकी काफी तारीफ की, उसके सैक्सी जिस्म की काफी तारीफ की और उसने भी मुझे ज़ोर से पकड़ लिया था।



फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे। वाकय उसके होंठ बहुत ही नरम और गुलाब की तरह थे। मैंने उसके होंठ चूसना शुरू किया। उसके होंठों पर लगी लिपस्टिक पहले खायी और उसके बाद उसके होंठों को एक प्यासे बच्चे की तरह चूसने लगा। शाज़िया भी किसिंग में बहुत एक्सपर्ट लगती थी। उसने इस तरीके से मेरे होंठ चूसना शुरू किया कि मैं बहुत इंजॉय कर रहा था। उसके बाद हमारी ज़ुबानें एक दूसरे के मुँह में थीं। मैं उसके मुँह का ज़ायका चख रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। साथ-साथ मेरा हाथ उसके बूब्स पर गया। उसने ब्रा नहीं पहनी थी और उसके निप्पल खड़े थे। मैंने उनको दबाना शुरू किया और इसके बाद उसकी कमीज़ ऊपर की तो मैं खुशी से फूल गया क्योंकि उसके बूब्स छत्तीस साइज़ के गोल-गोल सफेद दूध थे। उसके निप्पल कुछ बड़े मगर इंतहा ही सैक्सी थे। उनका रंग लाईट पिंक था।



मैंने उसके मम्मे दबाना शुरू किया और शाज़िया को भी मज़ा आने लगा। उसके बाद मैंने उसके एक मम्मे को मुँह में लिया और उसको चूसने लगा। मेरी हालत एक भूखे बच्चे की तरह थी। मैंने एक मम्मे को मुँह में लिया था और दूसरे को हाथ से मल रहा था। वो बहुत ही गरम हो रही थी और मैं लगातार उसके मम्मे एक के बाद दूसरे को चूस रहा था। उसने मेरे सिर को अपनी चूचियों के साथ लगा कर रखा था और आँखें बंद की थीं। उसने मेरे जिस्म पर हाथ फेरना शुरू किया और जब उस का हाथ मेरे लंड पर पहुँचा तो फ़ौरन हटा लिया। मैंने उससे पूछा, क्या हुआ?

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दो आर्मी नर्सों की चुदाई

(एक पाकिस्तानी कहानी)

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मैने उनके उपर कोई रहम ना करते हुए एक दम आँधी की तरह उनकी चुदाई शुरू कर दी. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लती रही और मैं उन्हें चोद्ता रहा. 2 मीं की चुदाई के बाद वो शांत हो गयी और 5 मिनट में ही उनकी चूत से पानी निकलने लगा. मेरा लंड अब एक दम गीला हो चुका था. मैने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाल कर भाभी की गांद के छेद पर रख दिया. वो बोली बहुत अच्छे, जिओ मेरे शेर. मैने एक जोरदार धक्का मारा तो भाभी फिर से ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. मेरा लंड एक ही धक्के में उनकी गांद के अंदर 4" घुस चुका था. मैने भाभी के चिल्लाने पर कोई ध्यान नहीं दिया और बहुत ही जोरदार 4-5 धक्के और लगा दिए. भाभी के गांद से फिर थोड़ा खून आ गया और मेरा पूरा का पूरा लंड उनकी गांद में घुस गया. मैने बहुत ही तेज़ी के साथ भाभी की गांद मारनी शुरू कर दी. 5 मिनट में ही भाभी पसीने से एक दम लथपथ हो गयी. वो अभी भी ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी. उनकी आँखों से आँसू बह रहे थे. उन्होने रोते हुए कहा आज मैं तुमसे चुदवा कर बहुत खुश हूँ. आज तुमने मेरी ज़ुबान की लाज़ रख ली. राजू अब तुम रुकना मत. फाड़ डालो आज अपनी भाभी की छुट और गांद को. तुम्हारे भैया का लंड बहुत छ्होटा है और उनका पानी भी बहुत जल्दी निकल जाता है. सुहाग रात के दिन उन्होने मुझे केवल 2 बार ही चोदा था. तुम ही बताओ कोई अपनी बीवी को सुहाग-रात के दिन 2 बार ही चोद्ता है. मैने कहा नहीं कम से कम 4-5 बार तो ज़रूर चोद्ता है. वो बोली तुम्हारे भैया ने मुझे पहली ही रात को बता दिया था कि तुम एक दम नंगे ही नहाते हो और बाथरूम का दरवाज़ा बंद नहीं करते हो. सुहाग-रात के दिन जब मैने उनका लंड देखा और वो मुझे ठीक से चोद भी नहीं पाए तो इसी लिए दूसरे दिन सुबह मैं जान बूझ कर तुम्हारा लंड देखने के लिए बाथरूम गयी थी. मैने जब तुम्हारा लंबा और खोब मोटा लंड देखा तो मैं एक दम मस्त हो गयी. मैने उसी समय सोच लिया था
की मुझे तुमसे चुदवाना है. मैं भाभी की गांद बहुत ही बुरी तरह मार रहा था. मुझे अब तक भाभी की गांद मारते हुए लगभग 10 मिनट हो चुके थे. मैने एक झटके से उनकी गांद से अपना लंड बाहर निकाल कर उनकी चूत में डाल दिया. वो फिर से चीखी और मैने बहुत ही तेज़ी के साथ उनकी चुदाई शुरू कर दी. 5 मिनट चुद्वने के बाद वो झाड़ गयी लेकिन मैं रुका नहीं उनको चोद्ता रहा. भाभी कहने लगी जब तुम्हारे भैया ने दूसरे दिन मुझसे पूचछा कि तुमने राजू का लंड देखा तो मैने उनसे बिना शरमाये हुए ही उनसे कह दिया की हां मैने राजू का लंड देखा. उन्होने पूचछा कैसा लगा राजू का लंड तो मैने कह दिया कि मुझे राजू का लंड बहुत अच्च्छा लगा. मैने उनसे कह दिया कि वो मुझे ठीक से नहीं चोद पाते हैं और उनका लंड भी बहुत छ्होटा है. वो बोले की तुम राजू से चुदवा लेना. आख़िर वो तुम्हारा देवर है. घर की बात घर में ही रह जाएगी. मैने उनसे कह दिया कि ठीक है जब मेरा मन करेगा तो मैं राजू से चुदवा लूँगी. उसके बाद वो हमेशा मुझसे पूछते रहते थे कि तुम राजू से कब चुदवा रही हो. मैने कह दिया की सही वक़्त आने पर चुदवा लूँगी. इस बार जब वो बाहर जा रहे थे तो उन्होने मुझसे कहा कि इस बार राजू से ज़रूर चुदवा लेना और आज मैने तुमसे चुदवा लिया. अब तक 10 मिनट और बीत चुके थे और भाभी फिर से झाड़ गयी थी. मैं उन्हें चोद्ता रहा. लगभग 15 मिनट तक और चोदने के बाद मैं भी झाड़ गया और वो भी मेरे साथ ही साथ फिर से झाड़ गयी. मैं उनके उपर बहुत देर तक लेटा रहा और उनके होठों को चूमता रहा. थोड़ी देर बाद मैं उनके उपर से हट गया. भाभी मुझसे चुदवा कर एक दम मस्त हो चुकी थी और उनकी आँखे एक दम गुलाबी हो गयी थी. वो मेरा लंड चाटने लगी. थोड़ी देर मेरा लंड चाटने के बाद वो मेरे लंड को चूसने लगी. 20-25 मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैने इस बार भाभी को डॉगी स्टाइल में कर दिया. भाभी ने कहा देवर जी, इस बार भी बुरी तरह से चोदना.

मैने कहा जैसा आप कहेंगी मैं वैसा हो चोदुन्गा. मैने भाभी की चूत के बीच अपने लंड का सूपड़ा टीका दिया और उनकी कमर को पकड़ कर एक जोरदार धक्का मारा. इस बार वो ज़्यादा नहीं चीखी और मेरा लंड एक ही धक्के में उनकी चूत के अंदर 6" तक घुस गया. मैने फिर एक जोरदार धक्का लगाया तो इस बार भाभी के मूह से चीख निकली और मेरा पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया. उसके बाद मैने बहुत ही जोरदार तरीके से उनकी चुदाई शुरू कर दी. 5 मिनट की चुदाई के बाद ही भाभी झाड़ गयी. मैने उनकी चुदाई जारी रखी. उनकी चूत सूज कर एक दम डबल रोटी की तरह हो चुकी थी और उनकी गांद का मूह अभी तक खुला हुआ था. भाभी को लगातार 40 मिनट तक चोदने के बाद मैं झाड़ गया. भाभी इस बार की चुदाई के दौरान 4 बार झाड़ चुकी थी. इस बार भाभी ने मुझे बहुत बहुत शाबासी दी और कहा इस बार खूब मज़ा आया. इस बार मैने भाभी की गांद नहीं मारी थी.

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भाभी ने नेहा से पूचछा मज़ा आ रहा है. नेहा ने शरमाते हुए कहा बहुत ही मज़ा आ रहा है. भाभी नेहा को चुदता हुआ देखती रही. थोड़ी देर बाद उन्होने ने मुझसे कहा जीयो मेरे शेर, अब तो तुम चोदने में एक्सपर्ट हो गये हो. अब तो मेरा मन भी तुमसे चुदवाने का हो रहा है. मैने कहा मैं तो आप का गुलाम हूँ. आप कहें तो मैं आप को अभी चोदने के लिए तय्यार हूँ. भाभी ने कहा तुम्हारे भैया कल 10 दीनो के लिए बाहर जाने वाले हैं. कल से तुम ड्यूटी पर लग जाना और पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ काम करना. मैने मुस्कुराते हुए कहा, जी मालकिन. उसके बाद भाभी बाहर चली गयी. मैं नेहा को चोद्ता रहा. 20-25 मिनट तक नेहा को चोदने के बाद मैं झाड़ गया. नेहा भी इस बार की चुदाई के दौरान 2 बार झाड़ चुकी थी. दूसरे दिन भैया बाहर चले गये. मैं बेथरूम में नहा रहा था. भाभी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और एक दम नंगी मेरे पास बाथरूम में आ गयी. आज मैं पहली बार भाभी को एक दम नंगा देख रहा था. उनके बूब्स एक छ्होटे छ्होटे और गोल गोल थे लग रहा था जैसेकीसी ने उनके बूब्स को अभी तक टच ना किया हो. उनकी चूत पर एक भी बॉल नहीं थे और वो एक दम गुलाबी दिख रही थी. उन्होने कहा देवर जी अकेले ही नहाओगे. मैने कहा आप भी मेरे साथ नहा लीजिए. मैं शवर के नीचे खड़ा था. भाभी मुझसे चिपक गयी और नहाने लगी. जब उनका बदन भीग गया तो बोली मेरे बदन पर साबुन लगा दो. मैं भाभी के बदन पर साबुन लगाने लगा. थोड़ी देर बाद उन्होने कहा मेरी चूत पर भी साबुन लगा दो. मैने उनकी चूत पर भी साबुन लगा दिया. उसके बाद वो मेरे बदन पर साबुन लगाने लगी. मेरे सारे बदन पर साबुन लगा देने के बाद उन्होने मेरे लंड पर भी साबुन लगा दिया. उसके बाद वो डॉगी स्टाइल में हो गयी और मुझसे बोली मेरी चूत पर और तुम्हारे लंड पर ढेर सारा साबुन लगा हुआ है. अब तुम पूरी ताक़त के साथ एक झटके से अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दो. साबुन लगा होने की वजह से तुम्हारा लंड मेरी चूत में एक धक्के में ही घुस जाएगा. तुम्हारा लंड बहुत लंबा और मोटा है, इस लिए मुझे बहुत तकलीफ़ होगी लेकिन तुम रुकना मत, पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में डाल देना. उसके बाद उस दिन तुम जिस तरह नेहा को बहुत ही बुरी तरह से चोद रहे थे उसी तरह मेरी चुदाई करना.मैने कहा ठीक है. मैं भाभी के पिछे आ गया. भाभी की कमर बहुत ही पतली थी. डॉगी स्टाइल में होने की वजह से उनकी चूत एक दम बाहर निकली हुई थी. मैने उनकी चूत की लिप्स को फैला कर अपने लंड का सूपड़ा बीच में रख दिया. उसके बाद मैने उनकी पतली कमर को ज़ोर से पकड़ लिया और पूरी ताक़त लगते हुए एक बहुत ही जोरदार धक्का मारा तो बाथरूम में जैसे भूचाल आ गया. भाभी के मूह से ज़ोर ज़ोर की चीख निकलने लगी लग रहा था जैसे कोई कसाई किसी बकरे को हलाल कर रहा हो. मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत को फड़ता हुआ एक झटके से उनकी चूत में समा चुका था और उनकी चूत से खून निकलने लगा था. भाभी की इस चीख से मैं डर गया. इस तरह से तो नेहा भी नहीं चीखी थी. तभी भाभी ने कहा तुम रूको मत, अब ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए मुझे चोदो. मैने बहुत ही ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुए तेज़ी के साथ भाभी को चोदना शुरू कर दिया. धक्के पर धक्का लगते ही भाभी और ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. 5 मिनट की चुदाई के बाद वो धीरे धीरे शांत हो गयी. मैं उन्हें बहुत ही बुरी तरह से चोद्ता रहा. 5 मिनट बाद वो झाड़ गयी तो उन्होने मुझसे कहा अब तुम इसी तरह एक ही धक्के में अपना पूरा लंड मेरी गांद में डाल दो. मैने कहा आप को दर्द बहुत हो रहा होगा और अभी तो आप की चूत से खून निकल रहा है. वो बोली की तुम इसकी चिंता मत करो. मैं बार बार दर्द नहीं सहना चाहती. एक ही बार तो दर्द होगा उसके बाद मैं केवल चुदाई का मज़ा लूँगी. मेरा लंड भाभी की चूत के जूस से और साबुन की वजह से एक दम गीला था. भाभी की गांद पर भी ढेर सारा साबुन लगा हुआ था.

मैने अपना लंड भाभी की गांद के छेद पर रख दिया. उसके बाद मैने उनकी कमर को पकड़ कर पूरी ताक़त के साथ एक बहुत ही ज़ोर दर धक्का मारा तो भाभी फिर से बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. एक धक्के में मेरा लंड केवल 5" तक ही घुस पाया. मैने बहुत ही जोरदार 4-5 जोरदार धक्के और लगा दिए तो मेरा पूरा का पूरा लंड उनकी गांद में घुस गया. पूरा लंड घुस जाने से उनकी गांद से भी खून आ गया. वो बहुत ही ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी. मैने बहुत ही तेज़ी के साथ भाभी की गांद मारनी शुरू कर दी. धीरे धीरे वो शांत हो गयी. 15 मिनट तक भाभी की गांद मारने के बाद जब मैं झड़ने वाला था तो मैने भाभी से कहा मेरे लंड का जूस चूत में लेंगी या गांद में ही निकाल दूं. वो बोली तुम अपना जूस मेरे चेहरे पर निकाल दो. मैने अपना लंड बाहर निकाला तो भाभी ने अपना मूह मेरे लंड की तरफ कर दिया. फिर वो अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी. थोड़ी ही देर में मेरे लंड ने उनके चेहरे पर अपनी पिचकारी चला दी.

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मैने धीरे धीरे ही उसको चोदना जारी रखी. थोड़ी देर बाद जब वो शांत हो गयी तो मैने एक धक्का और लगा दिया. मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया. पूरा लंड घुसा देने के बाद भी मैने अपनी स्पीड नहीं बढ़ाई और धीरे धीरे ही उसे चोद्ता रहा. 5 मीं और चुदवाने के बाद नेहा फिर से झाड़ गयी लेकिन मैं उसे धीरे धीरे ही चोद्ता रहा. थोड़ी देर बाद जब उसे मज़ा आने लगा तो उसने अपना चूतड़ आगे पिछे करते हुए मेरा साथ देना शुरू कर दिया. मैने फिर भी अपनी स्पीड नहीं बढ़ाई और उसे धीरे धीरे ही चोद्ता रहा. वो बहुत ज़्यादा जोश में आ चुकी थी और बोली राजू ज़ोर से चोदो, धीरे धीरे चुदवाने में मज़ा नहीं आ रहा है. मैने कहा तुमने ही तो धीरे धीरे चोदने को कहा था. वो बोली तब ज़्यादा दर्द हो रहा था. मैने कहा अब दर्द नहीं हो रहा है. वो बोली दर्द तो अभी भी हो रहा है लेकिन मज़ा बहुत आ रहा है. वो जोश से पागल सी हुई जा रही थी. मैने कहा मैं तो इसी तरह धीरे धीरे ही चोदुन्गा. वो बोली मुझे तड़पाओ मत, खूब ज़ोर ज़ोर से चोदो. मैने बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी. वो करते हुए खूब मज़ा से चुद्वति रही. 10 मिनट की चुदाई के बाद वो फिर से झाड़ गयी. मैने पूचछा अब कैसा लग रहा है. वो बोली अब तो इतना मज़ा आ रहा है कि मैं बता नहीं सकती. तुम ऐसे ही खूब ज़ोर ज़ोर से मुझे चोद्ते रहो. वो एक दम मस्त हो चुकी थी. मैं भी बहुत तेज़ी के साथ उसकी चुदाई करता रहा और वो अपना चूतड़ आगे पिछे करते हुए मुझसे चुद्वति रही. 10-15 मिनट तक और चुदवाने के बाद वो फिर से झाड़ गयी और मैं भी उसके साथ ही साथ झाड़ गया. लंड का सारा पानी उसकी चूत में निकाल देने के बाद जब मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो 'पक' की आवाज़ हुई जैसे किसी ने सोडे की बोतल का ढक्कन खोल दिया हो. लगभग 1 घंटे तक हम दोनो आराम करते रहे. मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा था. मैने उसे अपनी तरफ खीच लिया तो वो मुझसे चिपक गयी. मैं उसके होठों को चूमने लगा और वो भी कुच्छ देर बाद मेरे होठों को चूमने लगी. मेरा लंड अब एक दम टाइट हो चुका था. मैं उठ कर उसकी टाँगों के बीच आ गया और अपना लंड उसकी चूत के बीच रख दिया. फिर मैने अपना लंड एक झटके से पूरा का पूरा उसकी चूत में डालने की कोशिश की लेकिन मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर नही गया. उसकी चूत अभी भी टाइट थी. मैने 2-3 जोरदार धक्के लगाए तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी


चूत में घुस गया. फिर मैने बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी. थोड़ी देर बाद वो शांत हो गयी और उसे मज़ा आने लगा. कुच्छ देर बाद वो अपना चूतड़ भी उठाने लगी. 10 मिनट की चुदाई के बाद वो झाड़ गयी. मैं एक दम आँधी की तरह उसे चोद्ता रहा. वो अपना चूतड़ उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी. लगभग 35 मिनट तक चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झाड़ गया. वो भी इस बार की चुदाई के दौरान 2 बार झाड़ चुकी थी. उसके बाद मैं उसके बगल में लेट गया. सुबह होने वाली थी और हम दोनो बुरी तरह थक चुके थे और सो गये. सुबह के 8 बजे नेहा ने मुझे जगाया. वो फ्रेश होने जाना चाहती थी लेकिन खड़ी नहीं हो पा रही थी. मैने उसे सहारा दे कर खड़ा कर दिया तो वो बहुत ही धीमी चाल से लहराती हुई फ्रेश होने चली गयी. उसके वापस आने के बाद मैं भी फ्रेश होने चला गया. वापस आने के बाद मैने नेहा से कहा चलो अब हम साथ साथ नहा लेते हैं. हम दोनो बाथरूम में नहाने चले गये. हम दोनो ने एक दूसरे के बदन पर खूब साबुन लगाया. नेहा ने मेरे लंड पर भी साबुन लगाया तो मेरा लंड खड़ा हो गया. लंड के खड़ा हो जाने के बाद मैने बाथरूम में ही उसे डॉगी स्टाइल में कर दिया. मैने उसके गांद के छेद पर अपने लंड का सूपड़ा रखा तो वो बोली ये क्या कर रहे हो. मैने कहा मुझे इसका मज़ा भी लेना है. जब तक वो कुच्छ बोल पाती मैने एक धक्का लगा दिया.

वो बहुत ज़ोर से चीखी. साबुन लगा होने की वजह से एक ही धक्के मारा लंड उसकी गांद में 4" तक घुस गया. मैने उसकी गांद मारनी शुरू कर दी. थोड़ी देर बाद जैसे ही शांत हुई तो मैने एक धक्का और लगा दिया. वो बहुत ज़ोर से चीखी और मेरा लंड उसकी गांद में 2" और घुस गया. मैने फिर बहुत तेज़ी के साथ उसकी गांद मारनी शुरू कर दी. थोड़ी देर बाद जब वो फिर से शांत हो गयी तो मैने बिना रुके बहुत ही जोरदार 4-5 धक्के लगा दिए और मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी गांद में घुस गया. वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी लेकिन मैं रुका नहीं. मैने बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी गांद मारनी शुरू कर दी. 20-25 मिनट तक उसकी गांद मारने के बाद मैं उसकी गांद में ही झाड़ गया. उसके बाद हम नहा कर बाहर आ गये. नाश्ता कर लेने के बाद मैने फिर से नेहा की चुदाई शुरू कर दी. इस बार मैं थोड़ी देर तक उसकी चूत की चुदाई करता फिर उसकी गांद मारने लगता. इस तरह बारी बारी से मैने उसकी गांद और चूत दोनो की चुदाई की. 20 मिनट बाद मैं उसकी गांद में झाड़ गया.

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नेहा बहुत जोश में आ चुकी थी. उसने मेरा लंड तेज़ी के साथ चूसना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर बाद मेरे लंड का जूस नेहा के मूह में निकलने लगा तो वो सारा जूस निगल गयी और फिर उसने मेरा लंड चाट चाट कर सॉफ कर दिया. मैं उसकी चूत में अपनी उंगली डाल कर अंदर बाहर करता रहा. वो सिसकारियाँ भरते हुए मेरा लंड फिर से चूसने लगी. नेहा जोश से पागल सी हुई जा रही थी. मैने पूचछा कैसा अब लगा रहा है. वो बोली बहुत अच्च्छा लग रहा है. 10 मिनट बाद उसकी चूत फिर से गीली हो गयी. मेरा लंड भी फिर से खड़ा हो चुका था. उस फिल्म में लड़के ने लड़की को लिटा कर चोदना शुरू कर दिया था. मैने नेहा से कहा अब तुम भी लेट जाओ, मैं भी तुम्हें इसी तरह चोदुन्गा. वो बोली तुम्हारा इतना लंबा और मोटा लंड अंदर कैसे जाएगा. मैं तो अभी छ्होटी हूँ. मुझे दर्द बहुत होगा. मैने कहा तुम चिंता मत करो. मेरा लंड तुम्हारी चूत में पूरा का पूरा अंदर जाएगा. तुम्हें थोड़ा दर्द ज़रूर होगा लेकिन उसके बाद खूब मज़ा आएगा. वो ज़मीन पर लेट गयी. वो बहुत ज़्यादा जोश में आ चुकी थी और ये नहीं जानती थी कि उसे कितना दर्द होने वाला है. मैने उसकी टाँगों के बीच आ कर जैसे ही अपने लंड का सूपड़ा उसकी चूत के बीच रखा उसने एक जोरदार सिसकारी ली. फिर मैने उसकी टाँगों को मोड़ कर उसके कंधे पर सटा कर पकड़ लिया तो उसकी चूत एक दम उपर उठ गयी. उसके बाद मैने पूरे ताक़त के साथ एक जोरदार धक्का लगा दिया. नेहा अभी 16 साल की ही थी और उसने कभी चुडवाया भी नहीं था. मेरा लंड उसकी चूत को फड़ता हुआ 2" तक घुस गया और उसकी चूत से खून निकल आया. वो दर्द के मारे तड़पने लगी और बहुत ज़ोर ज़ोर से रोने और चिल्लाने लगी, राजू मुझे छ्चोड़ दो, बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाउन्गि, मुझे मज़ा नहीं लेना है. मैने उसके रोने और चिल्लाने की कोई परवाह नहीं की और फिर से एक जोरदार धक्का लगा दिया तो उसके मूह से जोरदार चीख निकली,... मररर.... गयी... फॅट.... गयी..... मेरी....... चूत.... और मेरा लंड उसकी चूत में 3" तक घुस गया. वो ज़ोर ज़ोर से चीख रही थी. उसका सारा बदन थर थर काँपने लगा. मैने फिर से एक ज़ोर दार धक्का मारा तो मेरा लंड 4" तक उसकी चूत में घुस गया. वो चिल्लाने लगी, राजू जाने दो मुझे, मेरी चूत में बहुत जलन हो रही है, मेरी चूत फॅट जाएगी. वो अभी कम उमर की थी इस लिए मेरा लंड अभी तक बड़ी मुश्किल से उसकी


चूत में 4" तक ही घुस पाया था. उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे और उसकी चूत से अभी भी खून निकल रहा था. उसका सारा बदन पसीने से भीग गया था. मेरे लंड पर भी ढेर सारा खून लगा हुआ था. मैने नेहा की बूब्स को सहलाते हुए उसके होठों को चूमते हुए धक्के लगाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद जब वो शांत हो गयी. मैने अपने सारे बदन का ज़ोर देते हुए एक धक्का और लगा दिया. इस धक्के से मेरा लंड उसकी चूत में 6" तक घुस गया और उसकी चूत से ढेर सारा खून आ गया. वो दर्द से तड़पति हुई ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. वो मुझे अपने उपर से हटाना चाहती थी लेकिन मैने उसे बहुत ही ताक़त के साथ जाकड़ रखा था. मैने और ज़्यादा लंड घुसने की कोशिश नहीं की और तेज़ी के साथ उसे चोदने लगा. वो चिल्लती रही और मैं उसे चोद्ता रहा. 10 मिनट बाद वो थोड़ा शांत हुई लेकिन अभी भी उसकी चीख बंद नहीं हुई थी. अब उसकी चूत कुच्छ ढीली हो गयी थी. मैने उसकी चुदाई जारी रखी. 5 मिनट और चोदने के बाद जब वो झाड़ गयी तो मैने बिना रुके पूरी ताक़त के साथ बहुत ही ज़ोर दर 8-10 धक्के लगा दिए. मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया. वो फिर से बहुत ज़ोर ज़ोर से चीखने लगी. पूरा लंड उसकी चूत में घुसा देने के बाद मैं रुक गया.मैने उस से कहा नेहा तुम तो बहुत ही बहादुर हो. मेरा पूरा का पूरा लंड अब तुम्हारी चूत में घुस चुका है. अब ज़्यादा दर्द नहीं होगा और थोड़ी ही देर में तुम्हें बहुत मज़ा आएगा.
वो कुच्छ नहीं बोली केवल सिसक सिसक कर रोती रही और मैं उसे धीरे धीरे चोदने लगा. जैसे ही मैने नेहा को चोदना शुरू किया तो वो फिर से चीखने लगी. 5 मीं की चुदाई के बाद वो थोड़ा शांत हो गयी लेकिन अभी भी वो सिसक रही थी. मैने अपनी स्पीड को थोड़ा सा तेज करते हुए उसे चोदना शुरू कर दिया. 2 मिनट बाद वो बिल्कुल शांत हो गयी. मैने अपनी स्पीड और तेज कर दी. थोड़ी देर बाद उसे मज़ा आने लगा और उसके मूह से सिसकारियाँ निकालने लगी. मैने उस से पूचछा अब कैसा लग रहा है. वो बोली, अभी भी बहुत दर्द हो रहा है. मैने पूचछा मज़ा आ रहा है तो उसने अपना सिर हाँ में हिला दिया. 5 मिनट की चुदाई के बाद वो फिर से झाड़ गयी. उसके झाड़ जाने के बाद मैं उसे बहुत तेज़ी के साथ चोदने लगा. अब वो आअहह.... ऑश..... करते हुए आराम से चुदवा रही थी. वो बहुत ज़्यादा जोश में आ चुकी थी और उस जोश के आगे अब उसे दर्द का एहसास बिल्कुल नहीं हो रहा था.

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वो टवल लाकर आई तो उसने नज़रें झुकाए हुए ही मुझे टवल दे दिया. मैने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया. वो बोली मेरा हाथ छ्चोड़ दो नहीं तो मैं तुम्हारे भैया से कह दूँगी. मैने कहा क्या कहोगी यही ना की मैं तुम्हारे सामने एक दम नंगा था और अपना लंड दिखा रहा था. मैं भी भैया से कह दूँगा कि तुम खुद ही मुझे अकेला पा कर मुझसे अपना लंड दिखाने को कह रही थी. वो मेरी ही बात पर विश्वास करेंगे तुम्हारी बात पर नहीं. वो कुच्छ नहीं बोली. मैने कहा मैं तो केवल तुम्हें अपना लंड दिखा कर तुमसे ये पूच्छना चाहता हूँ कि तुम्हें मेरा लंड कैसा लग रहा है. मैने उसके सिर के बॉल पकड़ कर उसका चेहरा अपने लंड की तरफ कर दिया और कहा थोड़ी देर तक मेरा लंड देखो और बताओ तुम्हें मेरा लंड कैसा लगा. वो डर के मारे मेरे लंड को देखने लगी. धीरे धीरे उसकी आँखें गुलाबी सी होने लगी. मैं समझ गया कि उसे भी जोश आने लगा है. मैं चुप चाप खड़ा रहा और वो मेरा लंड देखती रही. थोड़ी देर बाद वो बोली अब जाने दो, अभी मुझे नाश्ता बनाना है. मैने कहा पहले तुम ये बताओ मेरा लंड कैसा लगा. वो बोली बहुत अच्च्छा है. मैने उसके बाल छ्चोड़ दिए और वो किचन में चली गयी. ... .. थोड़ी देर बाद मैने उसे फिर से पुकारा तो वो मेरे पास आई और बोली अब क्या है. तुम मुझे अकेला पा कर बहुत परेशान कर रहे हो. उसकी निगाह मेरे लंड पर थी जो कि अभी तक खड़ा था. मैने कहा चड्धि ले

आओ. वो चड्धि लाने चली गयी. उसने मुझे चड्धि ला कर दी और इस बार खुद ही खड़ी हो कर बड़े ध्यान से मेरा लंड देखने लगी. मैने उसे टोका नहीं. थोड़ी देर बाद उसने अपना सिर उपर उठाया और जब हम दोनो की निगाहें एक दूसरे से मिली तो वो शरमाते हुए बोली अब मैं जाऊं. मैने कहा जाओ. मैने चड्धि नहीं पहनी और एक दम नंगा ही ड्रॉयिंग रूम में आ कर सोफे पर बैठ गया. मेरा लंड अभी तक खड़ा था. वो चाय ले कर आई और उसने मुझे एक दम नंगा देखा. उसने शरमाते हुए चाय टेबल पर रख दी. मैं चाय बनाने लगा और वो खड़ी रही. उसकी निगाह मेरे लंड पर टिकी हुई थी. मैने उसे भी एक प्याली चाय दी और कहा पी लो. वो बोली मैं बाद में पी लूँगी. मैने उसे डांटा और कहा क्या इस चाय में ज़हर मिला हुआ है तो उसने चुप चाप मेरे हाथ से चाय की प्याली ले ली. वो मेरे सामने खड़े खड़े ही चाय पीने लगी. वो चाय पीते हुए भी मेरे लंड को देख रही थी. चाय ख़तम होने के बाद मैने उस से कहा मेरे पास आकर बैठो. वो चुप चाप मेरे बगल में आकर बैठ गयी. मैने उस से पूचछा तुमने कभी किसी का लंड अपने हाथ में लेकर देखा है तो उसने इनकार कर दिया. मैने उस से कहा इसे हाथ में पकड़ लो और ध्यान से देखो. उसने मना कर दिया तो मैने उसका हाथ पकड़ कर अपना लंड पर रख दिया. उसने शरमाते हुए मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और देखने लगी. थोड़ी देर बाद मैने उस से कहा आज मैं तुम्हें चोदने वाला हूँ. तुमने किसी औरत को चुदवाते हुए देखा है. वो चुप रही, कुच्छ नहीं बोली. मैने उसे डांटा और कहा मैने तुमसे कुच्छ पूचछा है, बोलती क्यों नहीं. वो बोली एक बार मैने तुम्हारी भाभी को चुदवाते हुए देखा था. मैने पूचछा कैसा लग रहा था. वो बोली मैं कैसे बता सकती हूँ.मैने पूचछा देखने में कैसा लग रहा था. वो बोली अच्च्छा लग रहा था. उसकी निगाह मेरे लंड पर टिकी हुई थी. धीरे धीरे उसकी आँखें गुलाबी सी होने लगी. उसके होठ थर थर काँपने लगे. वो अपने होठों को चबा रही थी.

मैं समझ गया था अब वो उसे भी मज़ा आ रहा है. थोड़ी देर तक उसने कुच्छ नहीं कहा और ना ही अपना हाथ मेरे लंड पर से हटाया तो मैने कहा अब सहलाओ इसे. वो शरमाते हुए मेरा लंड सहलाने लगी. मैने तो पहले से ही जोश में था. उसके सहलाने से थोड़ी ही देर में मेरे लंड ने पिचकारी चला दी तो उसने अपना हाथ हटा लिया और बोली ये क्या निकल रहा है. मैने कहा जब आदमी जोश में आ जाता है तब ये उसके लंड से निकलता है. वो कुच्छ नहीं बोली तो मैने कहा टवल उठा कर इसे सॉफ करो. वो चुप चाप टवल उठ कर मेरा लंड सॉफ करने लगी. मेरा लंड सॉफ करने के बाद वो बोली बहुत देर हो रही है, घर का सारा काम पड़ा है. मैने कहा काम तो बाद में भी हो जाएगा. तुम यहीं बैठी रहो मैं अभी आता हूँ. मैने अपने बेडरूम से एक बीएफ की सीडी ला कर लगा दिया और टीवी को चालू कर दिया. उसके बाद मैं नेहा के बगल में बैठ कर फिल्म देखने लगा. नेहा भी फिल्म देखने लगी. उस फिल्म में एक लड़की एक लड़के का लंड सहला रही थी. उसे भी थोडा जोश आने लगा तो मैने नेहा से कहा मेरा लंड नही सहलाओगी. वो चुप चाप मेरा लंड सहलाने लगी.थोड़ी देर तक मेरे लंड सहलाने के बाद वो बोली तुम्हारा लंड तो उस लड़के के लंड से बहुत लंबा और मोटा है. मैने उसे समझाते हुए कहा जैसे आदमी अलग अलग तरह के होते हैं वैसे उनका लंड भी अलग अलग साइज़ का होता है. नेहा इस बार बड़े प्यार से मेरा लंड सहला रही थी.

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उसने कहा तुम मेरा मूह दबा कर अपना पूरा लंड अंदर डाल दो तब मेरे मूह से कोई आवाज़ नहीं निकलेगी. मैने एक हाथ से उसका मूह दबा दिया और बहुत ही जोरदार 8-10 धक्के लगा दिए. उसके मूह से केवल गू गू की आवाज़ ही निकल पाई और मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. पूरा लंड घुसा देने के बाद मैने उसके मूह से अपना हाथ हटा लिया और उसकी चुदाई शुरू कर दी. थोड़ी देर तक वो दर्द से तड़पति रही लेकिन उसके बाद उसे मज़ा आने लगा. 10 मिनट की चुदाई के बाद ही मधु झाड़ गयी तो मैने और ज़्यादा तेज़ी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी.
वो भी पूरे जोश में आ चुकी थी और हर धक्के के साथ अपना चूतड़ उठाने लगी थी. उसके चूतड़ उठाने से मेरा पूरा का पूरा लंड जड़ तक उसकी चूत में घुस जाता था. 10 मिनट और चुदवाने के बाद मधु फिर से झाड़ गयी. अब वो और तेज और तेज कहने लगी तो मैने अपनी स्पीड तेज कर दी. उसकी चूत से पच पच की आवाज़ होने लगी. मैने मधु से पूचछा कभी तुमने गांद मरवयाई है तो उसने कहा उसने कहा 2-3 बार मरवाया है. मैने पूचछा गांद मरवावगी तो वो बोली मुझे तुम्हारे लंड से चुदवाने में बहुत मज़ा आ रहा है, तुम मेरी गांद भी मार देना. 15 मिनट और चोदने के बाद जब मैं झड़ने वाला था तो मैने बहुत ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने शुरू कर दिए. वो करते हुए खूब मज़े से चुदवा रही थी. 2 मिनट और चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झाड़ गया. मेरे साथ ही साथ वो भी फिर से झाड़ गयी. थोड़ी देर बाद मैं उसके उपर से हट गया तो वो मेरा लंड चूसने लगी. 15-20 मिनट तक वो मेरा लंड चूस्ति रही तो मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैने मधु को डॉगी स्टाइल में कर दिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल कर उसकी चुदाई शुरू कर दी. इस बार 5 मिनट तक ही चुदवाने के बाद वो झाड़ गयी तो मेरा लंड एक दम गीला हो गया. मैने अपने लंड उसकी चूत से निकाल कर उसकी गांद के छेद पर रख दिया. मैने एक जोरदार धक्का मारा तो उसके मूह से एक जोरदार चीख निकली और मेरा लंड उसकी गांद में 4" तक घुस गया. उसके बाद मैने उसकी कमर को पकड़ कर 4-5 बहुत ही जोरदार धक्के लगाए तो मेरा लंड उसकी गांद में 7" तक घुस गया. वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी. मुझे उसके चिल्लाने से बहुत मज़ा आ रहा था. मैने उसकी कमर को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. 5 मिनट में ही वो शांत हो गयी तो मैने एक जोरदार धक्का और मारा. उसके मूह से एक ज़ोर की चीख निकली और मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी गांद में घुस गया. फिर मैने तेज़ी से धक्के लगाने शुरू कर दिए. लगभग 20 मिनट तक मधु की गांद मारने के बाद मैं उसकी गांद में ही झाड़ गया. भैया और भाभी के आने तक मधु ने मुझसे खूब चुदवाया और गांद भी मरवाई. वो मुझसे चुदवा कर बहुत ही खुश थी. चुदवाने के बाद वो मेरे सारे बदन की मालिश भी करती थी. भैया और भाभी के आने के बाद भी जब भैया ऑफीस चले जाते और भाभी नहाने चली जाती तो वो मेरे रूम में आ कर चुदवा लेती थी. एक दिन जब मैं मधु को चोद रहा था तो भाभी ने देख लिया. भाभी ने मुझसे कहा आख़िर तुमने मधु को चोद ही दिया. मधु ने भाभी से कहा आप के देवर का लंड ही ऐसा है कि मैं अपने आप को नहीं रोक पाई. भाभी ने मुझसे कहा क्यों देवर जी मेरा नंबर कब आएगा. मैने मुस्कुराते हुए अभी आ जाओ. भाभी मुस्कुरा कर रह गयी. उसके बाद भैया जब ऑफीस चले जाते तो भाभी खुद ही मुझसे कह देती कि अब तुम मधु को चोद लो. कभी कभी मधु को चोद्ते समय भाभी चुप चाप खड़ी हो कर देखने लगती. 1 महीने बाद मधु को अपने पति के साथ 10 दीनो के लिए गाओं जाना था. वो नेहा को साथ लेकर आई और उसने भाभी से कहा मैं गाओं जा रही हूँ, तब तक नेहा आप के पास ही रहेगी. भाभी ने धीरे से मधु से कहा अगर राजू ने नेहा को चोद दिया तो. मधु बोली ऐसे लंड से चुदवाना किस्मत वालो को नसीब में होता है. भाभी मुस्कुराने लगी. वो नेहा को भाभी के पास छ्चोड़ कर चली गयी. मधु के जाने के दूसरे ही दिन अचानक भैया और भाभी को 10 दीनो के लिए बाहर जाना पड़ गया. भाभी जानती थी कि उनके जाने के बाद नेहा मुझसे बच नहीं पाएगी. भाभी ने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा नेहा अभी छ्होटी है. संभाल कर चोदना. मैने पूचछा आप को कैसे मालूम की मैं नेहा को चोदने वाला हूँ. वो बोली मैं तुम्हारी निगाहों की भाषा खूब समझती हूँ. क्या तुम मुझे चोदने का ख्वाब नहीं देखते. मैने अपना सिर झुका लिया तो वो बोली वक़्त आने दो मैं भी तुम्हारे लंड का स्वाद ज़रूर चखूँगी. दूसरे दिन सुबह के 6 बजे ही भैया और भाभी बाहर चले गये. मैं उठा और बाथरूम में जा कर नहाने लगा. नेहा को चोदने का ख्याल मन में आते ही मेरा 8" का लंड खड़ा हो गया. मैने नेहा को पुकारा. वो आई तो मैने बाथरूम का दरवाज़ा खोल दिया. उसकी निगाह जेसे ही मेरे उपर पड़ी तो उसने अपना मूह फेर लिया और बोली क्या है. मैने कहा क्या मैं इतना बदसूरत हूँ की तुमने अपना मूह फेर लिया. वो बोली नहीं ऐसी बात नहीं है.

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@aapkaraj मधु अंड नेहा

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Khani Chudai Ki

मेरे मूह से फिर एक जोरदार चीख निकली. मैं किसी मछली की तरह तड़पने लगी और अपने सर के बाल नोचने लगी. मेरी चेहरे पर पसीना आ गया और आँखो मे आँसू भर गये. राजू का लंड मेरी चूत मे और ज़्यादा गहराई तक घुस चुका था. उसका लंड मेरी बच्चेदानि को पिछे धकेल रहा था. मैने समझा कि अब उसका पूरा लंड मेरी चूत मे घुस चुका है. मैने राजू से पुछा “क्या हुआ, पूरा घुस गया.” वो बोला “अभी नही, थोड़ा सा बाकी है.” मैने कहा “बाकी का लंड भी मेरी चूत मे जल्दी से डाल दो.” उसने पूरी ताक़त के साथ एक फाइनल धक्का मारा. मैं दर्द से तड़पने लगी और सर के बाल नोचने शुरू कर दिए. मेरे आँखो से आँसू निकल रहे थे. वो मेरे चेहरे को देख रहा था और बोला “डिंपल भाभी, अब मेरा लंड तुम्हारी चूत मे पूरा घुस चुका है.” मैं भी उसके दोनो बॉल्स को अपनी चूत पर महसूस कर रही थी. मैने कहा “राजू, रूको मत. अब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाओ. अभी मेरी चुत चौड़ी नही हुई है. जब तुम ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा कर मुझे चोदोगे तब मेरी चूत चौड़ी हो कर तुम्हारे लंड के साइज़ की हो जाएगी और मेरा दर्द ख़तम हो जाएगा. फिर मैं भी मज़ा ले सकूँगी.” उसने ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए. 20-25 धक्को के बाद मेरा दर्द धीरे धीरे कम होने लगा.
और मेरी चूत ने इस बार ढेर सारा पानी छोड़ दिया. अब मेरी चूत और ज़्यादा गीली हो चुकी थी. चूत गीला हो जाने की वजह से राजू का लंड ज़्यादा आराम अंदर बाहर होने लगा. जब राजू ने 20-25 धक्के और लगा दिए तो मेरी चूत कुच्छ चौड़ी हो गयी और मेरा दर्द एक दम ख़तम हो गया. फिर मुझे भी मज़ा आने लगा. मैने चूतड़ उठा उठा कर राजू का साथ देना शुरू कर दिया. मैने राजू से कहा “अब तुम मेरे पैरो को छोड़ दो और मेरे बूब्स को मसल्ते हुए मेरी चुदाई करो.” उसने मेरा कहा मान लिया और मेरे पैरो को छोड़ दिया. फिर उसने मेरे दोनो बूब्स को अपने हाथो से मसल्ते हुए मेरी चुदाई शुरू कर दी. वो ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था. मैं भी चूतड़ उठा उठा कर उसका साथ दे रही थी. मैने उसका सिर पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया.राजू जब धक्का लगाता तो मैं अपना चूतड़ उपर उठा देती थी जिस से उसका लंड मेरी चूत मे और ज़्यादा गहराई तक घुस जाता था. मेरी चूत के पानी से उसका लंड एक दम गीला हो गया था. इस वजह से रूम मे फ़च फ़च की आवाज़ हो रही थी. वो मुझे बहुत तेज़ी के साथ चोद रहा था. 10 मीं बाद उसने मेरी कमर को बहुत ज़ोर से जाकड़ लिया और बोला.
डिंपल भाभी, मेरा जूस निकलने वाला है.” मैने कहा “तुम अपने लंड का जूस मेरी चूत मे ही निकाल दो.” तभी राजू की स्पीड और तेज हो गयी और 2 मीं मे ही उसके लंड ने मेरी चूत को भरना शुरू कर दिया. उसके साथ ही साथ मेरी चूत से भी पानी निकलने लगा. राजू मुझसे एक दम चिपक गया था. उसकी साँसे बहुत तेज़ चल रही थी. थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरी चूत को देखने लगा. मैं बाथरूम जाना चाहती थी लेकिन खड़ी नही हो पा रही थी. राजू मुझे गोद मेउठा कर बाथरूम ले गया. बाथरूम के मिरर मे मेने अपनी चूत को देखा तो मेरी चूत एक दम सुरंग की तरह दिख रही थी. मैं अपनी चूत की इस हालत पर हँसने लगी. उसके बाद हम दोनो बाथरूम से वापस आ गये. बाथरूम से वापस आने के बाद मैं कहा “मैं खाना बनाने जाती हू, तब तक आराम कर लो.” वो बोला “ठीक है.” मैं कपड़े.
पहन ने लगी तो राजू बोला “अब काहे की शरम. तुम इसी तरह एक दम नंगी ही खाना बना लो.” मैं ठीक से चल नही पा रही थी. धीरे धीरे मैं नंगी ही किचन मे खाना बनाने चली गयी. राजू ने कपड़े नही पहने थे. वो उसी तरह बैठ कर टीवी देखने लगा. जब मैं खाना बना कर बाहर आई तो मैने राजू से पुछा “क्या तुम फिर से तय्यार हो.” वो बोला “मैं तो कब से तय्यार हू और आपका इंतेज़ार कर रहा हू.” मैने उसका लंड मूह मे ले लिया और चूसने लगी. उसका लंड 2 मीं मे ही एक दम टाइट हो कर लोहे जैसा हो गया. मैं उस से लेट जाने को कहा. वो लेट गया और मैं उसके उपर चढ़ गयी. मैने उसके लंड का टोपा अपनी चूत के बीच रखा और थोड़ा सा दबाया तो उसका लंड मेरी चूत मे लगभग 2″ तक घुस गया. मुझे थोड़ा दर्द हुआ और मेरे मूह से एक हल्की सी चीख निकल पड़ी. राजू बोला “क्या हुआ, डिंपल भाभी. आप तो पूरा लंड अंदर ले चुकी हैं तो फिर क्यों चीख रही हैं.” मैने कहा “तू नही समझेगा. एक बार चुदवाने से चूत थोड़े ही चौड़ी हो जाती है. जब मैं तुझसे 8-10 बार चुदवा लूँगी तब जा कर तेरा लंड मेरी चूत मे बिना दर्द के जाएगा.” मैने थोड़ा और दबाया तो उसका लंड मेरी चूत मे 4″ तक घुस गया. मेरी चूत मे फिर से दर्द होने लगा और मैं कराह उठी. मैने बिना और ज़ोर लगाए धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर मे मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ तो मैने थोड़ा और ज़ोर लगाया. इस बार उसका लंड मेरी चूत मे 6″ तक घुस गया और मैं दर्द के मारे तड़पने लगी. मेरे चेहरे पर पसीना आ गया.

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