अब सुनो इस गधे को, ये १० साल मध्यप्रदेश का मुख्य मंत्री रह चुका है। इस ज़ाकिर नाईक के भाषण में इसे शांति का संदेश नजर आता है। ऐसे ऐसे देश द्रोही कमीने नेताओं की भरमार है कांग्रेस के पास,..और हम में से अधिकांश लालची हिंदू हैं भारत देश के पास..।😰😰😰 इस वीडियो में कोई बुद्धिजीवी मुझ अल्पज्ञ को छिपा शांति का सन्देश समझाये की कृपा करे
Читать полностью…गुजरात के सूरत मे देश की सबसे ईमानदार पार्टी *आम आदमी पार्टी* के ईमानदार नेता *शेखर अग्रवाल* के घर पर RAID पड़ी है। इतनी रकम देखकर आपको इनकी ईमानदारी और इनकी चुनाव की तैयारी का आंकलन हो जाएगा ।
Читать полностью…ये होटल गुजरात हाईवे पर RSS ने खोला हैं, जहा न्यूनतम क़ीमत पर, उत्तम गुणवत्तायुक्त चाय और खाना मिलता है,सभी अपने संपर्क एवम समुह सदस्यों को अवश्य भेजे, धन्यवाद सभी सनातनी बंधुओं का 🙏
Читать полностью…एक ऐसा मंदिर जिसे इंसानों ने नहीं बल्कि भूतों ने बनाया था?
भगवान शिव का प्राचीन मंदिर।
मुस्लिम शासकों ने इसे तोड़ने के लिए गोले तक दागे, लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल के बीहड़ों में बना सिहोनिया का ककनमठ मंदिर आज भी लटकते हुए पत्थरों से बना हुआ है।
चंबल के बीहड़ में बना ये मंदिर 10 किलोमीटर दूर से ही दिखाई देता है. जैसे-जैसे इस मंदिर के नजदीक जाते हैं इसका एक एक पत्थर लटकते हुए भी दिखाई देने लगता है. जितना नजदीक जाएंगे मन में उतनी ही दहशत लगने लगती है. लेकिन किसी की मजाल है, जो इसके लटकते हुए पत्थरों को भी हिला सके. आस-पास बने कई छोटे-छोटे मंदिर नष्ट हो गए हैं, लेकिन इस मंदिर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. मंदिर के बारे में कमाल की बात तो यह है कि जिन पत्थरों से यह मंदिर बना है, आस-पास के इलाके में ये पत्थर नहीं मिलता है.
इस मंदिर को लेकर कई तरह की किवदंतियां हैं. पूरे अंचल में एक किवदंती सबसे ज्यादा मशहूर है कि मंदिर का निर्माण भूतों ने किया था. लेकिन मंदिर में एक प्राचीन शिवलिंग विराजमान है, जिसके पीछे यह तर्क दिया जाता है कि भगवान शिव का एक नाम भूतनाथ भी है.
भोलेनाथ ना सिर्फ देवी-देवताओं और इंसानों के भगवान हैं बल्कि उनको भूत-प्रेत व दानव भी भगवान मानकर पूजते हैं. पुराणों में लिखा है कि भगवान शिव की शादी में देवी-देवताओं के अलावा भूत-प्रेत भी बाराती बनकर आए थे और इस मंदिर का निर्माण भी भूतों ने किया है.
कहा जाता है कि रात में यहां वो नजारा दिखता है, जिसे देखकर किसी भी इंसान की रूह कांप जाएगी. ककनमठ मंदिर का इतिहास करीब एक हज़ार साल हजार पुराना है. बेजोड़ स्थापत्य कला का उदाहरण ये मंदिर पत्थरों को एक दूसरे से सटा कर बनाया गया है. मंदिर का संतुलन पत्थरों पर इस तरह बना है कि बड़े-बड़े तूफान और आंधी भी इसे हिला नहीं पाई.
कुछ लोग यह मानते हैं कि कोई चमत्कारिक अदृश्य शक्ति है जो मंदिर की रक्षा करती है. इस मंदिर के बीचो बीच शिव लिंग स्थापित है. 120 फीट ऊंचे इस मंदिर का उपरी सिरा और गर्भ गृह सैकड़ों साल बाद भी सुरक्षित है.
इस मंदिर को देखने में लगता है कि यह कभी भी गिर सकता है.. लेकिन ककनमठ मंदिर सैकडों सालों से इसी तरह टिका हुआ है यह एक अदभुत करिश्मा है. इसकी एक औऱ ये विशेषता है..कि इस मंदिर के आस पास के सभी मंदिर टूट गए हैं , लेकिन ककनमठ मंदिर आज भी सुरक्षित है. मुरैना में स्थित ककनमठ मंदिर पर्यटकों के लिए विशेष स्थल है. यहां की कला और मंदिर की बड़ी-बड़ी शिलाओं को देख कर पर्यटक भी इस मंदिर की तारीफ करने से खुद को नहीं रोक पाते. मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं की प्रतिमायें पर्यटकों को खजुराहो की याद दिलाती हैं. मगर प्रशासन की उपेक्षा के चलते पर्यटक यदा-कदा यहां आ तो जाते हैं।
ॐ नमः शिवाय 🙏 हर हर महादेव ❣️
आप सबको पता होना चाहिए कि *आर्ष विद्या समाजम* केरल में काम कर रही ऐसी सामाजिक संस्था है जो लव जिहाद का शिकार हुई हिंदू लड़कियों को विभिन्न प्रकार की प्रक्रिया, मनोवैज्ञानिक परीक्षणों आदि के द्वारा सही रास्ते पर लाने का प्रयास करती है। यहाँ हिंदुत्व पर विभिन्न कोर्स भी कराए जाते है, बिना किसी शुल्क के यहां सारी सुविधाएं दी जाती है। कितना पुण्य का काम है परंतु हमे इसके बारे में पता ही नहीं, हम ऐसे लोगों को आगे बढ़ाने के लिए कोशिश ही नहीं करते,
Читать полностью…क्या ये ख्वार सही है? अगर सही है तो नाम से नही लोगो के दिलो में जगह बनानी होगी 👍 ज्यादा से ज्यादा हिंदुओ के हित में काम करना होगा 👍
Читать полностью…मेघालय के हालात कितने चिंताजनक हैं वह शायद हम में से किसी की जानकारी में नहीं है। मेरी जानकारी में यह वीडियो आया है इसके माध्यम से शायद हम लोगों को पहली बार वहां के हालात मालूम पड़ेंगे जो कश्मीर से भी ज्यादा खतरनाक हो चुके हैं।
Читать полностью…आखिर क्या है प्लान"..? 🤔 बहुत बड़ी साजिश की जा रही है देश के हिंदुओं के साथ 👇👇👇
महाराष्ट्र कोल्हापुर : 63 मुस्लिम बच्चों को ले जा रहा एक ट्रक आज दोपहर 2 बजे रुइकर कॉलोनी (कोल्हापुर) के पास पकड़ा गया. बच्चों ने बिहार से होने का दावा किया, लेकिन उनके पास पश्चिम बंगाल का रेलवे टिकट पाया गया।
बांग्ला देश से रोहिज्ञा को पश्चिम बंगाल में प्रवेश कराया जाता हैं और वहां से देश भर में पहुंचाया जा रहा हैं । आखिर सरकार कर क्या रही हैं ?😡
https://youtu.be/H9KfOe59fMc ऋषि गुरुसत्ताओ को बार बार नमन इस युग में सनातन में आज भी ऐसी हस्तियां कायम हैं क्या हम अपनी धरोहर बचा पाएंगे या फिर कोई आकर मिटा जाएगा राजनीति छोड़ कर एक होने का समय आ गया हैं
Читать полностью…✳️ *गांधी मुस्लिम समर्थक क्यों थे?* (प्रो. के एस नारायणाचार्य ने अपने पुस्तक में कुछ संकेत दिए हैं।)
सभी जानते हैं कि नेहरू और इंदिरा मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते थे। लेकिन कम ही लोग गांधीजी की जातिगत जड़ों को जानते हैं।
*आइए यहां एक नजर डालते हैं कि वे क्या कारण देते हैं।*
1. मोहनदास गांधी करमचंद गांधी की चौथी पत्नी पुतलीबाई के पुत्र थे।
पुतलीबाई मूल रूप से प्रणामी संप्रदाय की थीं। यह प्रणामी संप्रदाय हिंदू भेष में एक इस्लामी संगठन है।
*2. घोष की पुस्तक "द कुरान एंड द काफिर" में भी गांधी की उत्पत्ति का उल्लेख है।*
*गांधीजी के पिता करमचंद एक मुस्लिम जमींदार के अधीन काम करते थे। एक बार उसने अपने जमींदार के घर से पैसे चुराए और भाग गया। फिर मुस्लिम जमींदार करमचंद की चौथी पत्नी पुतलीबाई को अपने घर ले गया और उसे अपनी पत्नी बना लिया। मोहनदास के जन्म के समय करमचंद तीन साल तक छिपे रहे।*
3. गांधीजी का जन्म और पालन- पोषण गुजराती मुसलमानों के बीच हुआ था।
4. कॉलेज (लंदन लॉ कॉलेज) तक की उनकी स्कूली शिक्षा का सारा खर्च उनके मुस्लिम पिता ने उठाया !!
5. दक्षिण अफ्रीका में गांधी की कानूनी प्रक्टिस ओर वकालत करवाने वाले भी मुसलमान थे !!
6. लंदन में गांधी अंजुमन-ए- इस्लामिया संस्थान के भागीदार थे
*इसलिए, यह नोट करना आश्चर्यजनक नहीं है कि गांधीजी का झुकाव मुस्लिम समर्थक था।*
*उनका आखिरी स्टैंड था*:✒️
*"भले ही हिंदुओं को मुसलमानों द्वारा मार दिया जाए, हिंदु चुप रहें उनसे नाराज न हों। हमें मौत से नहीं डरना चाहिए। आइए हम एक वीर मौत मरें।"* इसका क्या मतलब है?
*स्वतंत्रता संग्राम के किसी भी चरण में गांधीजी ने हिंदुत्ववादी रुख नहीं अपनाया। वह मुसलमानों के पक्ष में बोलते रहे।*
जब भगत सिंह और अन्य देशभक्तों को फाँसी दी गई तो गांधीजी ने उन्हें फांसी न देने की याचिका पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
हमें ध्यान देना चाहिए कि ऐनी बेसेंट ने खुद इसकी निंदा की थी..:
1. स्वामी श्रद्धानंद के हत्यारे अब्दुल रशीद का बचाव किया...
2. तुर्की में मुस्लिम खिलाफत आंदोलन का समर्थन किया था जिससे डा हेगड़ेवार ने गांधी से नाता तोड़ लिया और आर.एस.एस. की स्थापना की..!
3. सरदार वल्लभभाई पटेल के पास पूर्ण बहुमत होने पर भी गांधी ने मुस्लिम नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया..!!!
4. पाकिस्तान को 55 करोड़ देने के लिए अनशन किया..!
5. हमेशा मुसलमानों का तुष्टीकरण किया ओर हिंदुओं का अपमान किया और हिन्दुओं को छोटे दर्जे का नागरिक माना.. जो आज भी उसके गांधीवादी राजनीतिज्ञों द्वारा जारी रखा जा रहा है...!
मोहनदास करमचंद और जवाहर लाल और ऊनका परिवार,वंशावली देखे शुद्ध सनातनी हिन्दू नही है,मुस्लिम है,अलतकिया भी हो सकता है ईनके हिन्दू नाम व स्वयं को प्रचारित करने का कारण,जानकारी होती जाएगी तो और स्पष्ट होगा
महमूद मदनी बजरंग दल बैन करने की मांग कर रहा है, हम मांग कर रहे जमात बैन करने की वायरल कीजिए देखते है जीत किस की होती है!
Читать полностью…https://twitter.com/shripushpendra1/status/1660286354704723969?t=7KYBqRb3IqSJXtYZJ33Aqw&s=35
Читать полностью…मनोरंजन के नाम पर अपने बच्चों को संस्कार हीन न होने दे वरना आपका बुढ़ापा बहुत बुरा कटेगा
Читать полностью…ये इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा।
दुनिया के सबसे बड़े Island देशों में एक पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी के पैर छू लिए।
वे इससे पहले सारे प्रोटोकॉल तोड़कर उनके स्वागत में एयरपोर्ट पहुँचे।
उस देश में रात्रि के समय राजकीय सम्मान की परंपरा नहीं है।
पापुआ न्यू गिनी दुनिया का सबसे अधिक विविधता वाला देश है जहां क़रीब 700 भाषाएँ बोली जाती हैं।
ये मोदी का नहीं, इस देश के हर नागरिक का सम्मान है।
अपने सम्मान पर गर्व कीजिए।
कितना ही ज्वलंत मुद्दा हो, हिंदू कभी सड़क पर क्यों नहीं उतरते ?
1. क्योंकि हिंदू को पकड़े जाने/जान का खतरा होने पर कोई कानूनी, आर्थिक मदद नहीं मिलती, jail में सड़ना पड़ता हैI समाज का तिरस्कार अलगI
2. क्योंकि हिंदू का कोई ecosystem नहीं है और केस लड़ने के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विहिप वीएचपी (VHP) से वकील नहीं मिलते I हिंदू नेता, धर्माचार्य, समाज, राजनेतिक दल support नहीं करते!
3. व्यक्तिगत बातचीत में हिंदू हितों के लिए लोगों में बहुत छटपटाहट महसूस होती है लेकिन community level सामाजिक स्तर पर प्रयास शून्य हैं I आदमी अपने लिए नहीं अपने परिवार और नारी शक्ति के सम्मान के लिए डरता है I यदि हिंदू को भी ये भरोसा मिले कि मोमिन परिवार और स्त्रियों को जैसे कोई छू नहीं सकता या प्राण हानि की दशा में भी परिवार को सम्मानित जिंदगी मिलती रहेगी तो सड़कों पर हिंदुओं आ जाए I
जो ये मठाधीश अखाड़े महामंडलेश्वर धन पर कुंडली जमाए बैठे हैं क्या ये सोमनाथ की तरह लुटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं? क्या विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का काम बाढ मे कंबल बांटने तक ही सीमित है?
4. अधिकांश हिंदू नौकरी करता है और अब दिमागी रूप से नौकर बन चुका है, मुसलमानों को रोजी रोटी कमाने के लिए हाजिरी नहीं लगानी पड़तीI हिन्दू चाटने की आदत पड़ गई है, अटेंडेंस लगानी पड़ती है तब दिहाड़ी बनती है, माँ बाप के इलाज तक के लिए छुट्टी लेने में गिड़गिड़ाना पड़ता है, सड़क पर क्या खाक लड़ोगे? बाकी कसर जात पात का अंतर्द्वंद, सामाजिक बिखराव तो है ही l
सच है प्याज की कीमतों पर रोने वाली कौमें जंग नहीं लड़ा करती!!
कॉपी पेस्ट 🚩🚩🚩
*_अब्राहम लिंकन_ के पिता जूते बनाते थे, जब वह राष्ट्रपति चुने गये तो ..*
*सीनेट के समक्ष जब वह अपना पहला भाषण देने खड़े हुए तो एक सीनेटर ने ऊँची आवाज़ में कहा..*
*मिस्टर लिंकन याद रखो कि तुम्हारे पिता , मेरे और मेरे परिवार के जूते बनाया करते थे...!! इसी के साथ सीनेट भद्दे अट्टहास से गूँज उठी.. लेकिन लिंकन किसी और ही मिट्टी के बने हुए थे..!! उन्होंने कहा कि मुझे मालूम है कि मेरे पिता जूते बनाते थे ! सिर्फ आप के ही नहीं यहां बैठे कई माननीयों के जूते उन्होंने बनाये होंगे ! वह पूरे मनोयोग से जूते बनाते थे, उनके बनाये जूतों में उनकी आत्मा बसती है, अपने काम के प्रति पूर्ण समर्पण के कारण उनके बनाये जूतों में कभी कोई शिकायत नहीं आयी...!! क्या आपको उनके काम से कोई शिकायत है ? उनका पुत्र होने के नाते मैं स्वयं भी जूते बना लेता हूँ और यदि आपको कोई शिकायत है तो मैं उनके बनाये जूतों की मरम्मत कर देता हूं...!! मुझे अपने पिता और उनके काम पर गर्व है...!!*
*सीनेट में उनके ये तर्कवादी भाषण से सन्नाटा छा गया और इस भाषण को अमेरिकी सीनेट के इतिहास में बहुत बेहतरीन भाषण माना गया है...।*
*उसी भाषण से एक थ्योरी निकली Dignity of Labour (श्रम का महत्व) और इसका यह असर हुआ की जितने भी कामगार थे उन्होंने अपने पेशे को अपना सरनेम बना दिया।*
*जैसे :~~*
*कोब्लर,*
*शूमेकर,*
*बुचर,*
*टेलर,*
*स्मिथ,*
*कारपेंटर,*
*पॉटर आदि।*
*अमेरिका में आज भी श्रम को महत्व दिया जाता है इसीलिए वह दुनियाँ की सबसे बड़ी महाशक्ति है।*
*वहीं भारत में जो श्रम करता है उसका कोई सम्मान नहीं है वह नीच है तथा यहां जो श्रम नहीं करता वह ऊंचा है ।*
*जो यहां सफाई करता है उसे हेय (नीच) समझते हैं और जो गंदगी करता है उसे ऊँचा समझते हैं।*
*ऐसी गलत मानसिकता के साथ हम दुनियाँ के नंबर एक देश बनने का सपना सिर्फ देख सकते है.. लेकिन उसे पूरा नहीं कर सकते.. जब तक कि हम श्रम को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखेंगे।*
*_ऊँच-नीच का भेदभाव किसी भी राष्ट्र के निर्माण में बहुत बड़ी बाधा है ।_*
एक शब्द है फाड़ना *मगर ये तो उधेड़ रहा है ......*…
😄मोदी जी के अलावा विकल्प क्या है?? *सुनिए बहुत मजा आएगा*😄🤣🤣
*ज़ुल्म की हद पार होने पर गधे भी विरोध कर देते हैं लेकिन हमारा हिन्दू समाज पता नहीं कब सुधरेगा..!!?!!* 🫢🫣
Читать полностью…enjoy this privilege all alone, it shows how ungrateful i am because i got my breakthrough from a post been posted online as well and recommendation i saw too. All thanks to the good work Mr McPherson David.
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Sadar pranam, kya batuk ,durga deepdaan ki vidhi hai kya kisi ke paas ?ho to uplabdh karane ki kripa kare
Читать полностью…📹 नाली के कीडे न बनें आज welcome 2021 के चक्कर में । फेसबुक लाइव →
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