भक्ति ज्योतिष तंत्र मंत्र pdf जी हां आप सभी को अनेक प्रकार की भक्ति pdf मिलेगी
कालभैरव साधना असेल तर पाठवा 🙏🙏
Читать полностью…जय श्री राम जी, शुभ प्रभात मित्रों, जय बजरंगबली जी की, वंदेमातरम् 🙏🙏 अलविदा दिसंबर सुस्वागतम जनवरी माह
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श्रीरामचरित मानस में युगधर्म
देखिये औ फालो करिये
जन्मभूमि पंचांग 2081-82का हो तो भेजनेकी कृपा करे 🙏🏻
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Читать полностью…आनार्य समाजीओ की गाजीयाबाद शास्त्रार्थ स्पर्धा में हार!😁
Читать полностью…Kisi ko apne kul devi devta ko janana hai ya unki puja karni hai toh mere se contact kare
Читать полностью…वल्गा सौस्त्र आहे का तर पाठवा 🙏
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Читать полностью…विषविश्वस्य रौद्रस्य मोहमूर्च्छाप्रदस्य च । एकमेव विनाशाय ह्यमोघं सहजामृतम्॥
अर्थ:-
यह विश्व रूपी विष बड़ा भयानक और मोह एवं मूछों को देने वाला है। इसके विनाश का एक ही अमोघ सहज अमृत [आत्म-ज्ञान] है।
सभी को भगवान दत्तात्रेय जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएँ! 💐💐💐🙏🙏🙏
वह सन 712 था। जब मोहम्मद बिन कासिम ने सिंध के राजा दाहिर के ऊपर हमला किया।
हमला तो हमेशा देश पर पर पहले भी होते रहे।
मगर यह हमला मगर उन सबसे अलग था।
मोहम्मद बिन कासिम द्वारा राजा दाहिर को हरा दिया गया।
हराने के बाद
लूटमार हुआ। बलात्कार हुआ।
इन्सानो की मन्डी सजी। खरीद फरोख्त हुआ।
राजा दाहिर की पुत्रियों को अरब के खलीफा को तोहफे मे दिया गया।
तमाम मंदिरों और मूर्तियों को तोड़ा गया।
देश पर पहले भी हुण, शक, कुषाण, यवन, सिकन्दर का हमला हुआ।
उस हमले मे जमीन और सम्पत्ति का नुकसान हुआ।
मगर अब हमला सभ्यता सम्मान और धर्म के उपर होने लगा था।
यह हमला केवल जमीन के लिए नहीं था।
सभ्यता को खत्म करने के लिए भी था।
यह हिंदुस्तानी सभ्यता के ऊपर बर्बर अरबी सभ्यता की पहली जीत थी.
कोई देश अपना जमीन गवॉ देता है तो वह वापस भी प्राप्त कर सकता है मगर यदि सभ्यता गवा देता है।
तब वह उस देश का हिस्सा नहीं रह जाता है।
क्योंकि देश मात्र जमीन का टुकड़ा नहीं।
देश अपनी सभ्यता अपनी संस्कृति अपनी भाषाओं से बनता है।
इन सबके खात्मे के साथ देश के खत्म होने की बारी आ जाती है।
फिर अवसर मिलते ही उस अलगाव की औपचारिकता भी पूरी हो जाती है।
आज सिन्ध बलोचिस्तान मे और पुर्बी बगाल मे सनातन सभ्यता का फैलाव होता तो वहॉ कभी पाकिस्तान का जन्म न होता।
यही वजह है कि पाकिस्तान अपना जनक मोहम्मद बिन कासिम को मानता है।
जिसने सिन्ध मे सनातन को रौदकर इस्लामी परचम लहराया था।
*यदि आज की सेक्यूलर पार्टियाँ अपने मकसद मे कामयाब रही तो आगे बनने वाला पाकिस्तान के जनक यही नेता होगे*
फिर इसके बाद बप्पा रावल और राजा सुहेलदेव जैसे राजा भी हुए।
जिसने इस्लामी आक्रांताओ को 500 सालों तक रोके रखा।
इस बीच
मोहमूद गजनवी लूटमार कर चला गया।
मोहम्मद गौरी ने देश को लूटा मंदिर को लूटा सम्मान को लूटा सभ्यता को लूटा।
फिर तो क्रम ही चल पडा।
*लुटेरे आते रहे, हम लुटते रहे*।
*लगातार हमले होते रहे।*
*और हम हारते रहे*।
*मगर कभी भी हारने की वजह नही जानने का प्रयास नही किया*
*कोई सबक नहीं सीखा*
*सच्चाई बाहर आती तो सेक्यूलर राजनीति की हवा निकल जाती यही इसकी वजह थी।*
हम यही नहीं तय कर सके कि लड़ाई किससे हो रही है।
हम अभी यही देख नही सके कि हमला किस पर हो रहा हैं।
हम यही तय नहीं कर पाए कि दुश्मन कौन है
और दुश्मनी किससे है।
यही तो दुश्मन की जीत की सबसे बड़ी वजह रही है।
जब मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान के ऊपर हमला किया तो जयचंद और दूसरे राजाओं ने मात्र मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान की लड़ाई समझा।और उस लडाई से दूर रहे।
परिणाम अगला नम्बर उनका आया।
जबकि यह सभ्यता की लड़ाई सुरू हो चुकी थी।
इसे मौहम्मद गौरी का हमला समझा।
यह इस्लाम का हमला था।
इसे जमीन की और सम्पत्ति की हार समझा।
जब किया हिंदुत्व की हार थी।
सभ्यता की हार थी।
गौर करने वाली बात थी, अब लड़ाई का पैटर्न बदल चुका था लेकिन इस लड़ाई को पुराने पैटर्न से देखने की वजह से हमें बहुत नुकसान उठाना पड़ा।
अब लड़ाई हिंदुस्तान के ऊपर नहीं,
हिंदू सभ्यता के ऊपर हो रही थी, हिंदु के ऊपर ही नहीं हिंदुत्व के ऊपर हो भी रही थी,
और हमलावर अरबी कबीलाई सभ्यता और इस्लामी मजहब के संक्रमण के साथ प्रवेश कर रहे थे।
इस विनाशकारी संक्रमण के साथ में देश का हिस्सा किस्तों में खत्म हो रहा था।
लेकिन हमने इससे निपटने की कोई तैयारी नहीं कर रखी थी।
हिंदू समाज एक नागरिक समाज है
हमारा मुकाबला इस्लाम की सैनिक समाज से हो रहा था.
सैनिकों में क्या होता है चाहे डॉक्टर हो, चाहे कारपेंटर हो,
चाहे टेलर हो या तकनीशियन हो। वह पहले सैनिक होता है।
पहले उसका सैनिक प्रशिक्षण होता है।
उसके बाद उसका विभागीय काम शुरू होता।
उसी तरह मुस्लिम किसी भी पेशे से हो। इस्लाम मे हर मुस्लिम के लिए जिहाद करना फर्ज है।
यानि पहला कर्तब्य गैर मुस्लिमो से लडना।
इस्लामी शासन और इस्लाम के विस्तार लिये लडना।
दारूल हरब से दारूल इस्लाम के लिए लडना।
इसलिए लडाई के वक्त सम्पूर्ण हर मुस्लिम सैनिक हो जाते।
हिन्दुओ मे वैसा नही है।
हिन्दुओ मे लडने के लिए अलग जातियाँ थी।
बाकी जातियो ने सोचा होगा। हमें इस लडाई से क्या मतलब। हमें तो मतलब अपने धंधे से है।
जो जीतेंगे वही राज करेंगे।
राजपाट हमें तो मिलना नहीं है। लेकिन या भूल गए कि, जब धर्म ही नहीं बचेगा, सभ्यता ही नहीं बचेगी, तो धंधा कहां से बच जाएगा।
यही वजह थी कि हम मघ्य भारत तक सिमट कर रह गये।
हम करोड़ो में होने के बाद भी हारते रहे। क्योंकि हमारे लडाके लाखो मे भी नही थे।
और वे लाखों में थे।
जय श्री राम गुरू जी
गुरू जी मुझे कनक धारा यंत्र बनवाना है क्या आप उसकी सही विधि व उसका निर्माण कैसे होना है
वह बताने की कृपा करें 🙏
मेंने इन्टरनेट पर देखा मुझे उसमे हर जगह अलग अलग तरीके से बना मिला कहीं अलग बीज़ मंत्र अंकित है तो कहीं साधारण एसी बना हे
मेंने कुछ पुस्तकों में भी खोजने की कोशिश की (मंत्र महोदधि, शारदा तिलक तंत्र,मन्त्रमहार्णव देवी खंड)
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महाराष्ट्र नोकऱ्या चे अॅप आले आहे.
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Читать полностью…प्रणाम सादर नमस्ते हर हर महादेव हर। 🙏🏻
काशी मे स्थित संपूर्णानंद संस्कृत वैदिक प्रतिष्ठान से मैं एक अंक ज्योतिष शास्त्री हूँ ओर मेरा नाम मीत महाकाल महादेव हे अब तक मुझसे गूगल मीट ऑनलाइन के थ्रु कनेक्ट होकर के बहुत से लोगों ने आपनी नमस्ते प्रॉब्लम्स का सोल्यूशन लिया है और उसने अपनी लाइफ को हर हर बेटर बनाया हे तो क्या आप भी अपनी लाइफ को बेटर बनाना चाहते हैं तो आप नीचे दिये गये whatsapp पर मेसेज कर के अपने टाईम बुकिंग करवाई ये।
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संपूर्णानंद वैदिक प्रतिष्ठान से मीत महाकाल महादेव ✍🏻
*उम्मीद हमारी वह शक्ति है,*
*जो हमें उस समय भी प्रसन्न बनाये रखती है,*
*जब हमें मालूम होता है कि हालात बहुत खराब हैं ।*
ॐ नम: शिवाय हर हर महादेव य़ह वीडियो आप पोस्ट करिये ना धन्यवाद आपका जी 🙏🏻
देवी गीता 9.22
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भूधर ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदा वेषान्बिभर्म्यहम् ॥
जन्मभूमि पंचांग 2081-82का हो तो भेजनेकी कृपा करे 🙏🏻
Читать полностью…प्रापर्टी डीलिंग, स्वयं की भूमि अथवा मकान बनाने, अपनी सम्पत्ति से लाभ अर्जित करने के लिए चतुर्थ भाव का बली होना आवश्यक होता है, मंगल ग्रह को भूमि ,भवन का और चतुर्थ भाव का कारक माना जाता है, इसलिए प्रापर्टी डीलिंग सम्बन्धी कार्यों मे, अपना मकान बनाने के लिए, अपनी सम्पति को बेच कर लाभ कमाने में मंगल की स्थिति कुंडली में शुभ तथा बली होनी चाहिए, अगर ऐसा नहीं है मंगल को बलवान करने के उपाय करे ,जातक को भूमि-भवन सम्बन्धी कार्यों में उत्तम लाभ प्राप्त हो।
मंगल को भूमि तो शनि को निर्माण का कारक माना गया है। इसलिए जब भी दशा/अन्तर्दशा में मंगल व शनि का संबंध चतुर्थ/चतुर्थेश से बनता है, तब व्यक्ति अपना घर बनाता है, वह अगर अपनी कोई सम्पति बेचने चाहे तो उसे अच्छा मूल्य मिलता है, उसे भूमि , प्रापर्टी डीलिंग के कार्यों में श्रेष्ठ सफलता मिलती है,उसकी अपनी सम्पति भी अच्छे दामों में बिक जाती है ।
यदि आपकी जमीन-जायदाद, भवन, फ्लैट हो या दुकान अगर लाख कोशिशों के बावजूद अधिक या आपके मनचाहे दामों में नहीं बिक पा रही हो तो कभी-कभी चाय की पत्ती जमादार को दें दिया करें ।
जो जातक चाहते की उनकी सम्पति अच्छे मूल्य पर बिक जाय , या जो लोग प्रापर्टी का कार्य करते हैउन्हें सदैव एक चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखना चाहिए ।
भूमि का कारोबार करने वाले अथवा जिनकी कोई सम्पति जैसे भूमि, मकान, दुकान आदि फंस गई है , वह उसे बेचना चाहते है ऐसे लोग चांदी के गिलास में नियमित पानी पीने नियम बनायें ।
मान्यता है कि हमेशा सफेद टोपी पहनने से सम्पति के कार्यों में सफलता मिलती है , सम्पति अच्छे दामो जाती है ।
एक लाल रंग के लिफाफे में जिस मकान या दुकान को आपने बेचना है उसकी एक कील रख कर उसे बहते हुए पानी / नदी में प्रवाहित कर दें और यदि आपको कोई जमीन बेचनी है तो उसकी थोड़ी से मिटटी को लेकर उस लिफाफे में डालकर प्रवाहित कर दें । इस उपाय को करते समय वास्तु पुरुष से अपनी उस संपत्ति को अच्छे दामो में बेचने के लिए प्रार्थना करते रहे । यह उपाय बिना किसी को भी बताये हुए बिलकुल चुपचाप करना चाहिए ।
यदि आप कोई संपत्ति बेचना चाहते किन्तु वो बिक नहीं रही है तो आप 86 बादाम को घर मने ले आये ।फिर सोमवार को सूर्योदय के बाद नहा धो कर मंदिर जाकर शिवलिंग पर दो बादाम चढ़ा कर भगवान भोलेनाथ से अपनी प्रार्थना करें फिर उनमें एक उठा कर घर ले आयें और वो बादाम एक साफ़ डिब्बे में रख दें यह उपाय पूर्ण श्रद्धा से लगातार 43 दिन तक करे और 44 वें दिन उन सारे बादामों को जो 43 दिन तक इकट्ठे हो गए है उन्हें सूरज डूबने से पहले ही नदी / बहते हुए पानी मे प्रवाहित कर दे। लेकिन यह ध्यान रहे यदि आप का काम 43 दिनों से पहले ही पूर्ण हो जाये तो भी यह उपाय बीच में नहीं छोड़ना चाहिए इसको पूर्ण अवश्य ही करें ।
अगर आप अपनी किसी जमीन या भवन को बेचकर उसकी अच्छी कीमत चाहते है तो आप अपने घर के वायव्य कोण ( पश्चिम उत्तर दिशा ) में अपनी जमीन के जिसको बेचना है उसके कागज रखे , उस पर एक किनारे पर हल्दी का छींटा लगा दें , आपको अपनी सम्पति के शीघ्र और उत्तम दाम मिल जायेंगे।( आप अपनी संपत्ति बेचने के लिए क्या उपाय कर रहे है यह किसी को भी ना बताये / उपाय चुपचाप करें। )
किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए व्हाट्सएप पर संपर्क करें 7206283295
Ya phir tantra related koi dikkat AA rahi ho
Читать полностью…गलती से नंबर सेंड हो गया था, डिलीट किया बाद में
Читать полностью…सिध्दीविनायक havan .pdf
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Читать полностью…जब भी सन्धि मिले दयानंद समाजी अपनी मलीन बुद्धि का परिचय देने से नही चुकते!
मुद्दे की बात यही है की कोई हरि निन्दा
नही हो रही है।
क्योकी सर्वम् खल्विदम् ब्रह्म कहते है। अर्थात सब कुछ ब्रह्म ही है।
निन्दा और पुजन व्यवहारीक क्रिया है, तो व्यवहार में पुज्य वही है; जो धर्मपरायन (मर्यादापुरूषोत्तम, हनुमान, दत्तात्रेय, कृष्ण) है। और निन्दनिय वह है जो अधर्मपरायन हैं।
इस में शिवऽवतार जालन्धर, आन्धकासुर कही सारे और भी है जो निन्दा के पात्र है। यहातक की द्रोण पुत्र अश्वथामा को भी शिवऽवतार कहते है लेकीन उस की पुजा नही होती जब की निन्दा तो होती है।
इससे कोई शिव नन्दा या हरि निन्दा नही होती।
अब समाजीओ से प्रश्न हम सनातनीयो का ईश्वर सर्व शक्ती मान है जो वेद निन्दा भी कर सकता है। पुजीत और निन्दीत भी हो सकता है।
तो क्या दयानंद समाजीओ का ईश्वर यह सब करने का सामर्थ्य रखता है?
वेद निन्दा कर सकता है?
आपने आपको निन्दा का पात्र बना सकता है?
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@Shastra_Manthan
मगर सब के सब सैनिक बनने को तैयार थे।
इसलिए उसने इस देश पर राज किया। देश के कई हिस्सों को हमेशा के लिए अलग करने की नीव रख दिया।
हिन्दुस्तान के हर गॉव, हर कस्बे से, केवल एक सैनिक हिन्दुस्तान की रक्षा के लिए खडा हो जाता तो अंक्रान्ताओ की हिम्मत न होती हिन्दुस्तान के ऊपर आंख उठाकर देखने की...
हमने जमीन ही नहीं सभ्यता भी गवॉई।
किसी प्रदेश से सभ्यता का खत्म हो जाना क्या होता है।
इसका सबसे अच्छा उदाहरण कश्मीर है जहां के हिंदू राजा हरिसिंह के होते हुए भी कश्मीर हिंदुस्तान के लिए आजतक सिरदर्द है। क्योंकि वे प्रदेश में सनातन सभ्यता को नही बचा सके थे।
वही हैदराबाद मुस्लिम निजाम के हाथ मे होने के बावजूद आज वह भारत का अटूट हिस्सा है सिर्फ इसलिए कि वहां सनातन सभ्यता को खत्म नही कर सके थे।
सेक्यूलरो का तकिया कल गंगा यमुनी तहजीब की बात मात्र छलावा है।
आखिर मुस्लिमो के नाम अरबी, पैगम्बर अरबी, गृन्थ अरबी, महिलाओं का पहनावा अरबी। भोजन, रहन सहन, सभ्यता सब अरबी है।
इन अरबियो का न तो गगां से न वास्ता है न यमुना से वास्ता है।
यदि सही में मुस्लिमों का गंगा-जमुना संस्कृति से वास्ता होता तो यह गंगा यमुनी संस्कृति मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में भी दिखाई देती।
पाकिस्तान बांग्लादेश कश्मीर मे भी दिखाई देती।
मगर वहॉ कही नही दिखता।
देखा जाय तो यह गगां यमुनी संस्कृति अल्पसंख्यक होने की मजबूरी मे किया जाने वाला अल तकिया( छल) ही है।
हम स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की खुशियां मनाते हैं हम कोई अफ्रीकी कबीले समुदाय से नही है..
जो पहली बार स्वतंत्रता देखी हो.. या गणतत्र देखा है..
*बच्चों को यह बताने की बजाय कि हम स्वतंत्र कैसे हुए यह बताना अच्छा रहेगा कि हम गुलाम कैसे हो गए*
ताकि भविष्य की चुनौतियों सामना करने वाली एक पीढ़ी हम तैयार कर सके
हमारे पुरखो ने 15 - 20000 साल पहले हमने उपनिषद लिख डाली 5000 साल पहले गीता लिखी गई।
अध्यात्म की यह सर्वोच्च ग्रंथ है तात्कालिक समय मे लिखी गयी
जब शेष दुनिया खाने पहनने का सलीका भी सीख नही पायी थी।
जरूरत है इस दिन बच्चों को यह सिखाने की कि किन वजहों से हमारी यह हालात हुई थी।
जरुरत है यह सिखाये जाने की कि भारत आज भविष्य की किन चुनौतियों का सामना कर रहा है।
यह सभ्यता का संघर्ष क्या है?
सभ्यता का संघर्ष मोहम्मद बिन कासिम के बाद से आज तक जारी है अलग-अलग रूपों जारी है।
कभी हमलावर अक्रान्ता के रूप में। कभी आतंकवाद के रूप में।
कभी जिहाद के रूप में।
तो लोकतत्रं में यहॉ सेकुलरिज्म के नाम पर अल्पसंख्यक बाद के रूप में।
मगर इस लड़ाई के प्रारूप को समझे बिना लड़ाई में जीत हरगिज संभव नहीं है।
लडाई किससे मुसलमान से नही इस्लाम से है।
अरबी सभ्यता से है।
मुसलमान तो एक समाज है, हिन्दू समाज की ही तरह से है।
*देश के लिए इस्लाम एक रोग है*
रोग फैलने पर अंग काटने की नौबत आती है।
इस्लाम के फैलने पर देश टूटने की नौबत आती है
इस लडाई मे हिन्दू सिक्ख बौद्ध जैन सहित इसाई और मुस्लिम समुदाय से भी मदद लेनी होगी।
*रोगी को साथ लिए बिना रोग का इलाज सम्भव नही है।*
चाहे वह इसके लिए रोगी राजी हो चाहे ना हो
हमे तो रोगी से नही रोग से परहेज करना चाहिए।
जैसे टीबी के मरीज से नही टीबी के संक्रमण की रोकथाम करनी चाहिए।
मुस्लिम की नही, इस्लामी संक्रमण की रोकथाम करनी होगी।
योगी जी का नया नामकरण इस्लामी संक्रमण से मुक्ति का ही मार्ग है।
जबकि सेक्यूलर दलो का मार्ग स्पष्ट रूप से अरबी सभ्यता के प्रसार का मार्ग है।
और अरबी सभ्यता के प्रसार के मार्ग पर ही देश के बटवारे की नीव है।
इसलिए सनद रहे यह लड़ाई योगी या मोदी के अकेले की नहीं है।
लडाई मोदी बनाम राहुल भी नही है।
यह लड़ाई अरबी सभ्यता बनाम सनातन सभ्यता के बीच की है
राजा जयचंद ने पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी की लड़ाई को व्यक्तिगत लड़ाई समझने की गलती की थी..
यदि यही गलती हमने फिर दोबारा की , तब इतिहास हमें माफ नहीं करेगा..
कम से कम योगी जी को लड़ाई का प्रारूप पता है।
उन्हें राम मंदिर का महत्व और हिंदूस्तानी नामकरण का महत्व भी पता है।
उन्हे देश के अस्तित्व के लिए सनातन परंपरा और विरासत का महत्व पता है
सेक्यूलरो ने नीद की एसी घुट्टी पिलाई है कि।
नीद मे कहते हो। *बात कुछ ऐसी है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।*
नीद से उठकर देखो।
*दूर दूर तक बस्ती दिखती नही हमारी*
800 साल की नीद बहुत होती है।
अब भी न जागे तो कल कहोगे।
अब तो कोई हस्ती बचती नही हमारी।
🚩🚩जय जय श्री राम 🚩🚩
विद्वज्जन पुस्तक pdf है तो देने की कृपा करें
Читать полностью…Hello apko personal mein maine message Kiya hai
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