"दोस्ती चीज नहीं जताने की,
हमें आदत नहीं किसी को भुलाने की,
हम इसलिये आपसे कम बात करते हैं,
की नजर लग जाती है रिश्तों को जमाने की."
💝🌿💖अपनी वफ़ा का इतना दावा ना कर ऐ दोस्त...
मैंने रूह को जिस्म से बेवफाई करते देखा है..!!!🌹🅰
तुम लाख छुपा लो सीने मेँ
एहसास हमारी चाहत का...
दिल जब भी तुम्हारा धड़का है
आवाज़ यहाँ तक आई है.!!
❛जिंदगी मे कभी ,किसी बुरे दिन से
रूबरू हो जाओ तो,
इतना हौसला जरूर रखना की,
दिन बुरा था जिंदगी नहीं।❜
🙏🏻🙏🏻
मेरी आँखों के जादु से अभी तुम कहा वाकिफ
हो ,
हम उसे भी जीना सिखा देते हे जिसे मरने
का शौक हो ।🌹🌹🌻
" ✒✏मुझे बहुत प्यारी है तुम्हारी दी हुई
✒🌹हर एक निशानी🌱🌱
.
🌱🌱चाहे वो दिल का दर्द ्हो
या...आँखों का पानी..!
रात भर जलता रहा ये दिल उसकी याद में समझ नही आता दर्द प्यार करने से होता है या याद करने से ...🌹🌹😒
Читать полностью…कौन कहता है
सवारने से बढती है ख़ूबसूरती..
जब दिल में चाहत हो
तो चेहरे अपने आप निखर जाते है..
💔💔😒💔💔
मेरी आँखों में झाँकने से पहले
ज़रा सोच लीजिए..
जो हमने नजरे झुका ली
तो क़यामत होगी
और हमने नज़रें मिला ली
तो मोहब्बत होगी..
💔💔😉💔💔
कभी किसी से प्यार मत करना हो जाए तो इनकार मत करना निभा सको तो चलना उसकी राह पर वरना किसी की ज़िंदगी बरबाद मत करनाrs💔
Читать полностью…"भगत सिंह" जी ने क्या खूब कहा है
किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ के आया हूँ...
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ के आया हूँ.....
मुझे छाती से
अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ, में अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ के आया हूँ....
जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
न जख्म भरे,...........न शराब सहारा हुई...न वो वापस लौटी न मोहब्बत दोबारा हुई !---🌹🌹------
Читать полностью…जिस्म से होने वाली मुहब्बत का इज़हार
आसान होता
है,
रुह से हुई मुहब्बत को समझाने में ज़िन्दगी गुज़र
जाती
है।😔😔🐅
💝🌿💖उन्हें दर्द को सीने की आदत होती है ।
फटी कमीज में जो बच्चा भाई की खातिर,
रोटियाँ छुपा कर लाता है..✍🌹🅰
💝🌿💖वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह..फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना… ??🌹🅰
Читать полностью…💝🌿💖खूबसूरती से धोका, न खाइये जनाब, तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो. मांगती तो खून ही है….!!🌹🅰
Читать полностью…💝🌿💖ये दुनियाँ के तमाम चेहरे तुम्हें गुमराह कर देंगें... तुम बस मेरे दिल में रहो,,,यहाँ कोई आता जाता नहीं....🌹🅰
Читать полностью…वो कहती हैं
बहुत मजबूरियाँ हैं वक़्त की..
वो साफ़ लफ़्ज़ों में
ख़ुद को बेवफ़ा नहीं कहती..
💔💔😒💔💔
मिल ही जाएगा हम को भी
कोई ना कोई टूट के चाहने वाला..
अब शहर का शहर तो
बेवफा नही होता..
💔💔😒💔💔
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं;
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं;
मैं न जुगनू हूँ, दिया हूँ न कोई तारा हूँ;
रोशनी वाले मेरे नाम से जलते क्यों हैं;
नींद से मेरा त'अल्लुक़ ही नहीं बरसों से;
ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं;
मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए;
और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं।
ना मोहब्बतें सँभाली गई ना नफ़रतें पाली गई..💞💖🌹
है बड़ा अफ़सोस उस जिंदगी का जो तेरे पीछे ख़ाली गई.. 🍷