Hello, شیخ عشرت
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18/08/2024 08:08:24
अब उस का वस्ल महँगा चल रहा है
तो बस यादों पे ख़र्चा चल रहा है
मोहब्बत दो-क़दम पर थक गई थी
मगर ये हिज्र कितना चल रहा है
ज़ुबैर अली ताबिशЧитать полностью…
इलाही कैसा मुसव्विर है तू बता हम को,
बना बना के ये करता है क्यों फ़ना हम को!
~सदा अम्बालवीЧитать полностью…
किरदार में मेरे भले अदाकारियां नहीं हैं,
खुद्दारी है, गुरुर है, पर मक्कारियां नहीं हैं...!!!
राहत इंदौरीЧитать полностью…
Sᴜɴᴏ
कैद कर सके मुझे ऐसी
कोई बंदिश नहीं
बस तेरी बाहों के सिवा
किसी मैं ऐसी बात नहीं
irfan...✍️
sᴜɴᴏ
ज़माने के मुताबिक अगर
मैं ढल जाता
आहिस्ता आहिस्ता ही सही
मैं बदल जाता
irfan...✍️
सुनो
जो अपनी गलतियों को सुधारने
की कोशिश करता था
वो इंसान ना जाने कहा खो गया
अब वो अपनी गलतियों को छुपाने
की कोशिश करता है
वो इंसान का जमीर सो गया
देता है हर बात में वो तर्क ना जाने
उसको क्या हो गया
ज़ख्म दे गया गहरे मुझे अहमियत
मेरी वो खो गया
इरफान
सुनो तो
ना हिम्मत ना हौसला
ना कोशिश करता है
वो अपनी गलतियों को
छुपने के लिए बहाने हजार
करता है
Irfan...✍️
सुनो
ये उम्मीद थी मुझे कुछ तो बात होगी
कुछ पल के लिए तू मेरे साथ तो होगी
लेकिन उम्मीदें तो हमेशा टूट जाती है
ख्विआशे आरज़ूए कैद हो कर रह जाती
है
शिकायत नहीं मुझे तुझ से पर ए सनम
इन खतरों मैं तेरी आवाज दब कर रह
जाती है
ना भेजा करना अब तू मुझे कोई पैगाम
ये बाते तो है सिर्फ बाते, बाते रह जाती
पी लिया है मेने जाम सब्र का अब तो
ज़ख्म गहरे और दर्द भी ये मजा दे जाती
है
इरफान
Suno
मेरे हर लफ्ज़ तुझे दर्द देगे
तू फिकर ना कर हम लिखना
छोड़ देगे
वजह नहीं बनना चाहता में तेरे
अश्कों की
तुमने बहाया अश्क तो हम खून
बहा देंगे
Irfan
सुनो तो
ऐसा ना हो तेरी खामोशियों
से तुझे पछताना पढ़े
मेरे बढ़ते कदम तेरी तरफ और
मुझे लौट जाना पढ़े
Irfan...✍️
सुनो
जोश ए जुनून ना हो
वो बादशा क्या करेगा
जीती हुई सल्तनत भी
वो अपनी खो बैठेगा
Irfan...✍️
सुनो
पिघल रहे थे सारे जज़्बात मेरे
रात बहते रहे आंखो से अश्क
बेकदर हो कर रह गए दहलीज पर
गवा बैठे सब करके उससे इश्क
Irfan...✍️ अलविदा
परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता
बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहां दरिया समन्दर से मिला, दरिया नहीं रहता
तुम्हारा शहर तो बिल्कुल नये अंदाज़ वाला है
हमारे शहर में भी अब कोई हमसा नहीं रहता
मोहब्बत एक ख़ुशबू है, हमेशा साथ चलती है
कोई इन्सान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता
डॉ बशीर बद्रЧитать полностью…
सुनो
जिम्मेदारी है तू मेरी
कम गुस्सा प्यार ज्यादा है
साथ तेरे रहूंगा हमेशा
किया तुझ से ये वादा है
खामोश क्यों हो दिलबर
तुम्हारा क्या इरादा है
हमने अहमियत खो दी
तू अपने घर का प्यादा है
ज़ख्म तो मिट गए सारे
लेकिन दर्द थोड़ा ज्यादा है
Irfan...✍️
आइना कब बनाओगे मुझ को
मुझ से किस दिन मिलाओगे मुझ को
अपना कंगन समझ रहे हो क्या
और कितना घुमाओगे मुझ को
ज़ुबैर अली ताबिशЧитать полностью…
बात ये है मैं जो था खुद से नहीं था बा-वफा
इसलिए अपने आप में मुझ से नहीं रहा गया
जौन एलियाЧитать полностью…
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं..
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं..!
सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से..
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं..!
सुना है बोले तो बातों से फूल झड़ते हैं..
ये बात है तो चलो बात कर के देखते हैं..!!
अहमद फ़राजЧитать полностью…
sᴜɴᴏ
तकदीर को कुछ इस्तरह
अपनाया है मैने
नही था तकदीर मैं जो उसे
बेपनाह चाहा है मैने
irfan...✍️
मैं भी तुम जैसा हूँ !
●○●○●○●○●○●
बन्दा बनने को यहाँ कोई भी तैयार नहीं,
सब इसी धुन मे लगे है की 'ख़ुदा' हो जाए !
वसीम_बरेलवी_साहब
शकील_आज़मी_साहबЧитать полностью…
Sᴜɴᴏ
एक दिन हमने भी बदल
दिया किरदार अपना
वफा करके भी होता है
बेवफा यार अपना
उसकी बेवफाई को वफा
मैं तब्दील करके
हमने ही रख दिया बेवफाओं
मैं ऊंचा नाम अपना
irfan...✍️
सुनो ना
गलतियां जब वो अपनी छुपने लगे
हौसले पस्त उसके बहाने बनाने लगे
Irfan...✍️
सुनो
अपनों के लिए फैसले बदल जाते है
जो दिल मैं बसते है वो निकल जाते है
बातो बातो मै बात ही बदल जाती है
करके आंखे बंद हम सोचते रह जाते है
निभाते है साथ तेरा हम दिन से सनम
ख्वाबों में हम उन्हें देखते रह जाते है
Irfan
Suno तो
इतना इम्तेहान ना ले
इन्तज़ार मेरे सब्र को
मार देगा
अगर मर गया ये दीवाना
मेरी मय्यत को कब्र के हवाले
कर देगा
Irfan
सुनो
मिला मौका अगर तुमने नहीं चुराया
गुजर गया वक्त पहले पछताया फिर
रोया
Irfan...✍️
सुनो
शायद वो मुझ से ज्यादा
समझदार था इतना समझने
पर भी नहीं समझा
मेरी बाते उसे चुभती रही
उस समझदार की समझ में
मैं ना समझ था
इरफान
सुनो साहिबा
रिश्ते को निभाने की जिम्मेदारी मेरी है
रिश्ते को संवारने की जिम्मेदारी तेरी है
कर दिया मेने खुद को तेरे हवाले सनम
इस रिश्ते को संभालने की जिम्मेदारी
तेरी है
इरफान
मैं बोलता गया, वो सुनता रहा खामोश
ऐसे भी मेरी हार हुई है कभी कभी
~वसीम बरेलवीЧитать полностью…
बहुत कुछ कहना था
मगर उसे फुर्सत नहीं
वक्त तो था उसके पास
मगर मेरे लिए वक्त नहीं
उसने की कदर सब की
मगर उसे मेरी कदर नहीं
वो देती है अपनो को अहमियत
मगर मेरी कोई अहमियत नहीं
वो कहती है मोहब्बत तुमसे
मगर उसे मेरी फिकर नहीं
उसने कहा याद आती है तुम्हारी
मगर जुबान पर मेरा जिक्र नहीं
तुमने तो वो दिया मुझे जो
तेरे अपनी ने तुझे दिया
तूने दर्द दिए जख्म दिए मुझे
कभी मुझे संवारा ही नहीं
Irfan...✍️
आगे बढ़ना है तो आवाज़ें सुनी जातीं नहीं ,
रास्ता देने का मतलब है कि ख़ुद पीछे रहो !
वसीम_बरेलवी
राहत_इंदौरीЧитать полностью…