तुझसे भले ही इतनी दूरी है ,
पर तेरी यादों में उलझे
रहने की मजबूरी है ,
इन यादों में ही मेरी जिंदगी पूरी है ,
अल्फाजों में आज भी सजता है तू
अब कैसे कहूं की मेरी मोहब्ब्त अधुरी है ....
#GoodMorning❤️
रात जो तुम बिन मुकम्मल नहीं,
सुबह जो तुम बिन हुई ही नहीं,
ख़्वाब वो जिनमें सिर्फ़ तुम आते,
अहसास जिनमें हर लम्हा तुम साथ,
खवाहिशें जो अब कुछ बचीं ही नहीं,
"इश्क़" जो हमनें सिर्फ़ तुमसे किया..!!
#GoodMorning❤️ #HappySunday🤗
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ॥
अधर्म पर धर्म की विजय के महापर्व विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएँ,
मोहब्बत हो गई जिन को वो दीवाने कहाँ जाएँ...
लगे हैं शमा पर पहरे ज़माने की निगाहों के
जिन्हें जलने की हसरत है वो परवाने कहाँ जाएँ...
मैने प्रेम की कई व्याख्याएं पढ़ी
और जाना सिर्फ इतना कि,
तुम्हे बिन बताए बिन जताए भी
तुम्हे बेहद चाह सकता हूं।😊😊
दिल दीजिए तो वफ़ा कीजिए।
हक मोहब्बत का अता कीजिए।
बेकरारी सी लगी है मेरे दिल को
मेरे लिए भी कोई दुआ कीजिए।
इश्क में हालत अजीब होती है
हाल ए दिल हमसे सुना कीजिए।
दीवाने हुये फिरते हैं तेरी चाहत में,
इससे ज्यादा और क्या कीजिए।
#GoodMorning❤️
पहला इश्क़ पहला है मगर
दूसरा कहाँ बुरा लगता है,
जख्मी दिल को,
गर फिर से इश्क़ मिले तो दवा लगता है....
#GoodMorning❤️
#HappySunday☺️
तुम्हारे होंठ पे बनी हर लकीर याद है मुझे,
सोचो मैंने तुम्हे कितनी सिद्त से पढ़ा है ।
#GoodMorning❤️
जब भी हम उसका चेहरा देखते हैं
जगती आँखों से सपना देखते हैं
तसव्वुर में देखते हैं उसे देखते हुए
फिर खिड़की पर लगा पर्दा देखते हैं
कुछ लोग रखते हैं पाकीज़ा मोहब्बत
कुछ लोग मोहब्बत में कमरा देखते हैं।
#copied
हम दहलीज पर खड़े रहेंगे मगर इश्क़ नहीं आएगा,
आदत थीं देर से आने की लेकिन अब नहीं आएगा,
वो इरादा कर चुका हैं बीच राह में छोड़ जानें का,
अब दिल में कोई नहीं आएगा अगर वो नहीं आएगा ।।
नवरात्रि की आप सभी को मंगलकामनाऐ,मां सबके घर मे शातिं - उन्नति व खुशियों से झोली भरपूर करे।🙏🏻❤️
Читать полностью…बात चुप रह के भी करती हैं तुम्हारी आँखें...
जब भी चेहरे पे ठहरती हैं तुम्हारी आँखें...
दीवाने हम उनकी सीरत के उनकी सादगी कमाल हैं,
पलती है जो उनके साये में वो मोहब्बत भी कमाल है,
सीखता होगा कोई उससे ज़माने को अपने कदमों में करना,
खास खुदा के ऐसे ही नहीं बनते वाकई मेरा महबूब कमाल हैं ।।
#GoodMorning❤️
देख लेते हो मोहब्बत से यही काफ़ी है ,
दिल धड़कता है सुहूलत से यही काफ़ी है ,
मुद्दतों से नहीं देखा तिरा जल्वा लेकिन ,
याद आ जाते हो शिद्दत से यही काफ़ी है ।
कभी कभी तिरी आवाज़ पर रुकूं भी नहीं
कि तू पुकारे मुझे और मैं सुनूं भी नहीं
इस इन्तेज़ार में ज़िद का भी एक पहलू है
किवाड़ खोल दूं और रास्ता तकूं भी नहीं
वो दूर हो तो लगे उस से कोई रिश्ता है
क़रीब आए तो मैं उसका कुछ लगूं भी नहीं
- शकील आज़मी
इतने कमजोर नहीं की
वफ़ादार होने का ऐलान करें,
हमें यकीन है अपने किरदार पर
जो खोयेगा वो ढूढता फिरेगा.!
आँसू को कभी ओस का क़तरा न समझना
ऐसा तुम्हें चाहत का समुंदर न मिलेगा,
इस ख़्वाब के माहौल में बे-ख़्वाब हैं आँखें
जब नींद बहुत आएगी बिस्तर न मिलेगा,
ये सोच लो अब आख़िरी साया है मोहब्बत
इस दर से उठोगे तो कोई दर न मिलेगा।
कभी फुरसत निकालो हमारी मोहब्बत के वास्ते,
हम साथ में घूमेंगे बनारस के हर एक रास्ते,
टपरी पर चाय पिएं और कुछ बात हो जायेगी,
यूं ही बनारस की खूबसूरत सी रात हो जायेगी.!
तुमसे मिलकर दिल को थोड़ा सुकून मिल जाएगा,
हमारी तन्हा सी ज़िंदगी का कुछ वक्त कट जाएगा.!!
अचानक से मिलना शुरू हुआ
अचानक से वो चाहत बन गये...
मोहब्बत हुई बेशुमार उनसे वो
मेरे दिल-ए-राहत बन गये....
#GoodMorning❤️
मेरी चाहत है वह एक नजर देखे मुझे..
वह जो देखे तो धड़कन रुक जाए कहीं,
वह जो देखे तो वो पल थम जाए वही,
वह जो देखे तो नजर मिल जाए कहीं,
वह जो देखे तो शायरी बन जाए कई,
मेरी चाहत है वह एक नजर देखे मुझे..
अपनी आदत में तुमको रक्खा है...
दिल की शिद्दत में तुमको रक्खा है...!
दिल में बेचैनियां नहीं होती...
दिल की राहत में तुमको रक्खा है...!!
कोई ख़्वाहिश नहीं तुम्हारे सिवा...
दिल की चाहत में तुमको रक्खा है...!
हर दुआ में तुम्हारा ज़िक्र रहा...
दिल की हसरत में तुमको रक्खा है...!!
हाँ अंजाम-ए-मोहब्बत से भी डर रहा हूँ मैं,
लेकिन प्यार फिर भी उससे कर रहा हूँ मैं,
उस लड़की को लोग फ़रेबी कहते हैं फ़रेबी,
दिल-ओ-जान से उसी पे मर रहा हूँ मैं,
पागल कहो बेवक़ूफ़ कहो जो भी कहो मुझे,
मेरा काम है "मोहब्बत" वही कर रहा हूँ मैं।
#GoodMorning❤️
ये जो मसअले सन्नाटों के हैं,
शोर करके हल किए नहीं जाते,
ख़ामोश अल्फाज हैं कुछ बिखरे
ये तिरी फ़ुरसतें मांगते हैं! साक़ी,
महज़ आंखों से ये कहे नहीं जाते।
उससे मिलना मेरा कभी कभी रब की मर्जी लगती है,
उलझी है बहुत मगर वो कभी कभी बच्ची लगती है,
क्या नाम दूं मैं इस रिश्ते को जो अभी बना ही नहीं,
प्यार तो नहीं मगर हां बस वो मुझे अच्छी लगती है।
हर शय में तुझको ही देखना
इश्क़ है…
हर बात में ज़िक्र तुम्हारा करना
इश्क़ है…
हर ख़याल में सिर्फ़ तुम्हारा होना
इश्क़ है…
हर साँस में तेरी ख़ुश्बू का होना
इश्क़ है…
हर पल तुम्हारे ही घेरे में रहना
इश्क़ है…
इश्क की किताब में हम दोनों का जिक्र है..
उसका पहले और मेरा आखरी पन्ने पर है,
ख्वाहिश बहुत है एक दूजे से मिलने की,
पर क्या करें बीच में कई पन्नों का सफर है..