।। ॐ श्री परमात्मने नमः ।।
*"सत्संग भूल मिटाने के लिये है, नयी बात सिखाने के लिये नहीं"*।
-परम श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदासजी महाराज, ज्ञानके दीप जले १३९।🙏
13 6 24 प्रात:5 गीता ज्ञान प्रवेशिका -गीता प्रबोधनी से अर्थ सहित गीता पाठ - अध्याय 7, श्री मनमोहनजी महाराज, VV
Читать полностью…राम ! राम !! राम !!! राम !!!!
*मनुष्य को भगवान् ने ऐसा बनाया है कि बह स्वयं अपना कल्याण कर ले । उसे किसी की सहायता की जरूरत नहीं ।* मनुष्य शरीर दिया है तो साथ में साधन सामग्री भी दी है ।
*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या १०*
*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏
Join Zoom Meeting
https://us06web.zoom.us/j/84470962486?pwd=MjRnRHViT01Dd3UwaFBlQUgzdTM5QT09
Meeting ID: 844 7096 2486
Passcode: ramram
राम ! राम !! राम !!! राम !!!!
सच्ची बात को मान लें - यह सत्संग है । सच्ची बात को केवल सुन लिया, पकड़ा नहीं - यह सच्चर्चा है । शरीर मैं नहीं हूं -यह मान लो तो सत्संग हो गया ।
*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या १२*
*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏