राम ! राम !! राम !!! राम !!!!
प्रत्यक्ष प्रणाम करने में कठिनाई हो तो मन से प्रणाम करो । एक भी भाई - बहन बिना प्रणाम किए न जाए ।
*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ३९*
*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏
राम ! राम !! राम !!! राम !!!!
सिद्ध भक्तों के लक्षणों में श्रद्धा, विश्वास आदि शब्द नहीं आते । ये शब्द साधकों के लक्षणों में आते हैं, जैसे -' *अश्रद्धाना मत्परमा भक्ता:'* (गीता १२/२०) ।
*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ३८*
*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏
।॥राम॥
ऑनलाइन सत्संग सूचना
वि.सं. २०८१ कार्तिक कृ० ०९ शनि 26 अक्टूबर 24
प्रात: 4:30 गीता-पाठ
प्रातः 5 प्रार्थना प्रवचन व सत्संग- संवाद
(गीता १४/११-२०)
भगवत्प्राप्ति अपने घर जाना है
(श्रद्धेय स्वामीजी श्रीरामसुखदास जी महाराज 06.11.2004 प्रातः5 गीताभवन ऋषिकेश)
प्रार्थना प्रवचन व सत्संग-संवाद
गीता-दर्पण
गीता प्रबोधनी अर्थ सहित पाठ
गीता- साधक- संजीवनी
दोपहर 3 गीता-अभ्यास, रामायण
रात्रि 7 गीता-साधक-संजीवनी
हार्दिक निवेदन है कि हम सभी मिलकर लाभ लेवें
Join Zoom Meeting
https://us06web.zoom.us/j/84470962486?pwd=MjRnRHViT01Dd3UwaFBlQUgzdTM5QT09
Meeting ID: 844 7096 2486
Passcode: ramram
हमारी रोज वाली जूम मीटिंग में 100 लोगों की लिमिट है अगर आप जूम मीटिंग नहीं जुड़ पाते हैं तो इस नई आईडी में जुड़ सकते हैं ।
Join Zoom Meeting
https://us06web.zoom.us/j/77196604075?pwd=SGZGekJhWERZSGg0alBaeUdkVDVxQT09
Meeting ID: 771 9660 4075
Passcode: narayan
राम ! राम !! राम !!! राम !!!!
आप सच्चे हृदय से भगवान् के शरण हो जाएं । जिसमें मन लगे, उस मंत्र का जप करें । परंतु दूसरे मत का खंडन, निंदा, तिरस्कार मत करें ।
*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ३८*
*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏
राम ! राम !! राम !!! राम !!!!
*जो सच्चे हृदय से साधु हो जाता है, उसकी जाति नहीं रहती ।* वह ब्राह्मण, क्षत्रिय आदि नहीं रहता । वह तो अच्युत गोत्र हो जाता है ।
*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ३७*
*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏
राम ! राम !! राम !!! राम !!!!
जिससे ज्ञान मिले वह गुरु हो जाता है, चाहे हम उसे गुरु मानें या न मानें । न मानें तो कोई दोष नहीं ।
*परम श्रद्धेय स्वामी जी श्री रामसुखदास जी महाराज जी द्वारा विरचित ग्रंथ गीता प्रकाशन गोरखपुर से प्रकाशित स्वाति की बूंदें पृष्ठ संख्या ३७*
*राम ! राम !! राम !!! राम !!!!*
👏👏