Anurag bhai abi holiday pe Kashmir gae hein udar ek pdf movie ki shooting bi krwa rhe hein abi 1 month lgega
Читать полностью…Vo to main bata dunga ek group hai entertainment report 2.0 usme sb batate hai movies webseries kab aayegi
Читать полностью…😁😁😁एक no
नारी जब काली के रौद्र रूप में आये तो
महाकाल भी शव बन कर शैय्या पे लेट जाएं,
इसमे क्या शक है दुर्गा 64 कला युक्त है😁😁😁😁
मैंने किंडल का एक साल का सब्सक्रिप्शन लिया था इसलिए लिस्ट माँग रहा था सोचा लिस्ट देखकर क्रमवार पढ़ लूंगा
Читать полностью…टाइम लगेगा आदरणीय और मैं pdf बना रहा इसलिए अनुराग का कहा वो ज्यादा बेहतर तरीके से समझा सकता है मैं वृद्ध आदमी हु 😍🙏🙏🙏🙏
Читать полностью…सिर्फ नई जानकारी ही चाहिए तो@Entertainment_Reports2
इस ज्वाइन हो जाए with ट्रेलर मील जायेगी
पाजी जब फोन में पूरी फैक्ट्री ही लिए फिरते है तो उस ग्रुप में जा कर करेंगे क्या 🤔😁
Читать полностью…Bhai comics ke shoken logon ke lie khabar hei is group ne ghoshna kia hei aj swarngrath dene ki bankelal ki
Читать полностью…*हास्य कविता*
😀😀😀😀😀😀😀
अक्ल बाटने लगे विधाता,
लंबी लगी कतारी।
सभी आदमी खड़े हुए थे,
कहीं नहीं थी नारी।।
सभी नारियाँ कहाँ रह गई,
था ये अचरज भारी ।
पता चला ब्यूटी पार्लर में,
पहुँच गई थी सारी।।
मेकअप की थी गहन प्रक्रिया,
एक एक पर भारी ।
बैठी थीं कुछ इंतजार में,
कब आएगी बारी।।
उधर विधाता ने पुरूषों में,
अक्ल बाँट दी सारी ।
पार्लर से फुर्सत पाकर के,
जब पहुँची सब नारी।।
बोर्ड लगा था स्टॉक ख़त्म है,
नहीं अक्ल अब बाकी ।
रोने लगी सभी महिलाएं ,
नींद खुली ब्रह्मा की।।
पूछा कैसा शोर हो रहा,
ब्रह्मलोक के द्वारे ?
पता चला कि स्टॉक अक्ल का
पुरुष ले गए सारे।।
ब्रह्मा जी ने कहा देवियों ,
बहुत देर कर दी है ।
जितनी भी थी अक्ल सभी वो,
पुरुषों में भर दी है।।
लगी चीखने महिलाये ,
ये कैसा न्याय तुम्हारा?
कुछ भी करो, चाहिए हमको
आधा भाग हमारा।।
पुरुषो में शारीरिक बल है,
हम ठहरी अबलाएं ।
अक्ल हमारे लिए जरुरी ,
निज रक्षा कर पाएं।।
बहुत सोच दाढ़ी सहलाकर,
तब बोले ब्रह्मा जी ।
इक वरदान तुम्हे देता हूँ ,
हो जाओ अब राजी।।
थोड़ी सी भी हँसी तुम्हारी ,
रहे पुरुष पर भारी ।
कितना भी वह अक्लमंद हो,
अक्ल जायेगी मारी।।
एक बोली, क्या नहीं जानते!
स्त्री कैसी होती है?
हंसने से ज्यादा महिलाये,
बिना बात रोती है।।
ब्रह्मा बोले यही कार्य तब,
रोना भी कर देगा ।
औरत का रोना भी नर की,
बुद्धि को हर लेगा।।
इक बोली, हमको ना रोना,
ना हंसना आता है।
झगड़े में है सिद्धहस्त हम,
झगड़ा ही भाता है।।
ब्रह्मा बोले चलो मान ली,
यह भी बात तुम्हारी ।
घर में जब भी झगड़ा होगा,
होगी विजय तुम्हारी।।
जग में अपनी पत्नी से जब
कोई पति लड़ेगा।
पछताएगा, सिर ठोकेगा
आखिर वही झुकेगा।।
ब्रह्मा बोले सुनो ध्यान से,
अंतिम वचन हमारा ।
तीन शस्त्र अब तुम्हे दे दिए,
पूरा न्याय हमारा।।
इन अचूक शस्त्रों में भी,
जो मानव नहीं फंसेगा ।
बड़ा विलक्षण जगतजयी
ऐसा नर दुर्लभ होगा।।
कहे कवि सब बड़े ध्यान से,
सुन लो बात हमारी ।
बिना अक्ल के भी होती है,
नर पर भारी नारी।।
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂