जिद्द करो की दुनिया बदल जाए,
जिद्द हो ऐसी जो गलत को सही कर जाए|
सहरा में नदिया बहने लगी,
बंजर भूमि भी हरी हो जाए|”
” जिद्द हो हर भूखे को खाना मिले,
जिद्द हो ऐसी जो रोते को हंसा जाए|
हौसला दो किसी की टूटती उम्मीदों को,
हाथ दो किसी के थकते कदमो को,
जिद्द हो जो आंधी में दिया जला दे,
जिद्द हो ऐसी जो रास्ते के लिए चट्टान हिला दे|
हर बात सिर झुका कर मान लेना बुजदिली है,
कई बार जिद्द करना भी जरुरी है|
जिद्द हो की सत्य ना छिपे कभी,
जिद्द हो सत्याग्रह ना रुके कभी|
जिद्द हो हर हार जीत में बदल जाए,
जिद्द करो कठिन सरल हो जाए|
जिद्द करो की अनेक एक हो जाए,
जिद्द करो बद्दी नेक हो जाए|
जिद्द हो जो वाली को वाल्मीकि कर दे,
जिद्द हो जी अंधरे में रौशनी भर दे|
जिद्द करो की तारे धरती पर उतरने लगे।
ठीक कह रहे हो जीवन से कुछ परेशान हैं
छोटे ही सही हमारे भी कुछ तो अरमान हैं
क्या हुआ सर पर छत नहीं हमारे
लेकिन अनंत तक फैला हुआ आसमान है
क्यों इतना मोल भाव करते हो हमसे
फुटपाथ पर ही सही हमारी भी दुकान है
जरूरत से ज्यादा मुनाफा नहीं लेंगे
गरीब सही पर हमारा भी ईमान है
आँखों में आंसू भी हैं सपने भी
दर्द होता है आखिर हम भी तो इनसान हैं
किताबें पुरानी सही बस्ता फटा हुआ
बच्चा हमारा पढ़ने में होशियार है
पढ़ लिख कर एक दिन बड़ा आदमी बनेगा
यही एक छोटा सा अरमान है
फिर बदल जायेंगे हमारे भी दिन
भगवान हमारा भी तो भगवान है
कितने सपने तूटे आज तक लेकिन कमबख्त ख्वाहिशें है की खत्म नहीं होती
तंग आ चुके हैं हम जिंदगी की कैद से लेकिन अफसोस की रिहाई नहीं मिलती
बरसों से सोना चाहते हैं मुक्कमल नींद लेकिन वक्त की बेरहमी की ख्वाहिश मुक्कमल नहीं होती🦋
प्रिय ग्रुप मेंबर्स ,
आशा है आप सभी स्वस्थ और खुश होंगे।
आज मैं आप सभी से एक अनुरोध करना चाहता हूं 🙏🙏
जैसा कि आप सभी जानते हैं, हमारा ग्रुप “वूमेंस एंड गर्ल सेफ्टी” महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए समर्पित है। हम सभी मिलकर इस समूह को एक मजबूत मंच बना चुके हैं।
हमारे ग्रुप प्रमुख दिनेश सर ने इस ग्रुप के माध्यम से न सिर्फ लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानूनी रूप से, आर्थिक रूप से, सामाजिक रूप से जागरूकता फैलाकर सहायता करी है बल्कि
गर्ल्स एंड बॉयज दोनों के लिए अध्ययन के साधन उपलब्ध कराए हैं यूपीएससी पीसीएस आदि परीक्षाओं के लिए मुफ्त में
क्लासेस नोट्स और गाइडेंस उपलब्ध कराया है ।
जब भी महिलाओं से संबंधित ग्रुप में कोई भी मुद्दा आया है सर ने हर संभव मदद करी है ।
यह ग्रुप सभी महिलाओं के लिए और जो भी किसी कारणवश यूपीएससी पीसीएस जैसे बड़े एग्जाम की तैयारी नहीं कर पा रहे हैं उनकी सहायता के लिए एक सामाजिक मंच रहा है जिसके जरिए सैकड़ो लोगों की मदद की गई है और यह मंच हमेशा लड़कियों , महिलाओं और जरूरतमंदों की सहायता के लिए तत्पर रहना चाहता है
लेकिन आज हमारे ग्रुप प्रमुख दिनेश सर की तबीयत ठीक नहीं है इसके लिए उन्हें आर्थिक रूप से थोड़ी सहयोग की आवश्यकता है। आपकी सहायता के लिए ये ग्रुप आपका हमेशा आभारी रहेगा और आपकी छोटी सी हेल्प से इंसानियत भी जिंदा रहेगी वरना कहीं ना कहीं आज हमें आभास हो रहा है कि इंसानियत खत्म हो गई है
मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप इस कठिन समय में हमारे ग्रुप प्रमुख की मदद के लिए आगे आएं। आपकी हर छोटी-बड़ी मदद उनके लिए बहुत मायने रखेगी।
* आपकी मदद से हमारे ग्रुप प्रमुख जल्द से जल्द स्वस्थ हो जायेंगे और फिर से हमारे साथ मिलकर महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए काम कर सकेंगे।
यह ग्रुप सामाजिक सहायता के लिए एक कड़ी है और इस कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए आज आप सभी की आवश्यकता है । कृपया आप सभी मदद के लिए आगे आएं और इस कड़ी को टूटने सेबचा लें अन्यथा हमें womens and girl safety and यूपीएससी स्टडी ग्रुप मजबूरन डिलीट करना पड़ेगा ।
कृपया इसे कोई फ्रॉड या पैसा मांगने का तरीका मत समझिएगा
आज हमें आप सभी ग्रुप मेंबर्स की आवश्यकता है इसलिए ऐसा करना पड़ रहा है आप सभी से सहायता के लिए नैतिक अनुरोध है कृपया अपना नैतिक सहयोग प्रदान करें
वूमेंस एंड गर्ल सेफ्टी ग्रुप आपकी सहायता के लिए सदा आभारी रहेगा
डियर ग्रुप मेंबर्स आपसे जितना हो पाए 500,1000, 2000
कृपया मदद के लिए आगे आएं आपका पैसा 1 जनवरी से 10 जनवरी के बीच वापस कर दिया जाएगा 🙏🙏
धन्यवाद🙏🙏
अनुरोध से, 'womens and girl safety group '
कृपया सहायता देने के लिए हमें मैसेज करें 🙏🏻🙏🏻
@josh6767 @dhyan_25 @Choudhury9363
ये है सरकारी नौकरी का power Isliye बोलता हूं बालको पढ़ाई पर ध्यान दो तैयारी अच्छे से करो अगर सरकारी नौकरी नहीं हुआ ना तो कुछ नहीं होने जा रहा है शाही पनीर कोई और लेकर चला जाएगा😁😁
Читать полностью…ऐसे ही चलता रहता है इधर पेपर लीक का तो 😬
अब तो मन भी ना करता Exam देना का 😢
*‼️"होत वही जो राम रची राखा"‼️*
एक बार स्वर्ग से घोषणा हुई कि *भगवान सेब बॉटने आ रहे है* सभी लोग भगवान के प्रसाद के लिए तैयार हो कर लाइन लगा कर खड़े हो गए।
*एक छोटी बच्ची बहुत उत्सुक थी* क्योंकि वह पहली बार भगवान को देखने जा रही थी।
एक बड़े और सुंदर सेब के साथ साथ भगवान के दर्शन की कल्पना से ही खुश थी।
अंत में प्रतीक्षा समाप्त हुई। बहुत लंबी कतार में जब उसका नम्बर आया तो *भगवान ने उसे एक बड़ा और लाल सेब दिया।*
लेकिन जैसे ही उसने सेब पकड़ कर लाइन से बाहर निकली उसका *सेब हाथ से छूट कर कीचड़ में गिर गया*। बच्ची उदास हो गई।
अब उसे दुबारा से लाइन में लगना पड़ेगा। दूसरी लाइन पहली से भी लंबी थी। लेकिन कोई और रास्ता नहीं था।
सब लोग ईमानदारी से अपनी बारी बारी से सेब लेकर जा रहे थे।
अन्ततः वह *बच्ची फिर से लाइन में लगी* और अपनी बारी की प्रतीक्षा करने लगी।
आधी क़तार को सेब मिलने के बाद *सेब ख़त्म होने लगे*। अब तो बच्ची बहुत उदास हो गई।
उसने सोचा कि उसकी बारी आने तक तो सब सेब खत्म हो जाएंगे। लेकिन वह ये नहीं जानती थी कि भगवान के भंडार कभी ख़ाली नही होते।
जब तक उसकी बारी आई तो और भी नए सेब आ गए ।
भगवान तो अन्तर्यामी होते हैं। बच्ची के मन की बात जान गए।उन्होंने इस बार बच्ची को सेब देकर कहा कि *पिछली बार वाला सेब एक तरफ से सड़ चुका था*।
तुम्हारे लिए सही नहीं था इसलिए *मैने ही उसे तुम्हारे हाथों गिरवा दिया था*। दूसरी तरफ लंबी कतार में तुम्हें इसलिए लगाया क्योंकि नए सेब अभी पेडों पर थे। उनके आने में समय बाकी था। इसलिए तुम्हें अधिक प्रतीक्षा करनी पड़ी।
*ये सेब अधिक लाल, सुंदर और तुम्हारे लिए उपयुक्त है।*
भगवान की बात सुनकर बच्ची संतुष्ट हो कर गई ।
*इसी प्रकार यदि आपके किसी काम में विलंब हो रहा है तो उसे भगवान की इच्छा मान कर स्वीकार करें । जिस प्रकार हम अपने बच्चों को उत्तम से उत्तम देने का प्रयास करते हैं।*
*उसी प्रकार भगवान भी अपने बच्चों को वही देंगे जो उनके लिए उत्तम होगा। ईमानदारी से अपनी बारी की प्रतीक्षा करें
*"ईश्वर" से शिकायत क्यों है ? ईश्वर ने पेट भरने की जिम्मेदारी ली है..पेटियां भरने की नहीं...*
*ह्रदय कैसे चल रहा है,यह डाक्टर बता देंगे, परन्तु ह्रदय में क्या चल रहा है,यह तो स्वयं को ही देखना है।*
इस कठिन समय मे संयम रखियेगा,ईमानदारी तथा दयालुता से जरूरतमंद के लिए भगवान बनकर उनकी मदद *कीजियेगा,
💐💐
Don't sad guy's be positive ✌️
मेरा दोष यही कि में बेटी हूँ
Читать полностью…दिशा दीप्त हो उठी प्राप्तकर
पुण्य--प्रकाश तुम्हारा,
लिखा जा चुका अनल-अक्षरों
में इतिहास तुम्हारा।
जिस मिट्टी ने लहू पिया,
वह फूल खिलायेगी ही,
अम्बर पर घन बन छायेगा
ही उच्छवास तुम्हारा।
और अधिक ले जाँच, देवता इतना क्रूर नहीं है।
थककर बैठ गये क्या भाई! मंजिल दूर नहीं है।
My insta I'd.... spontaneous_ias
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मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं
तुम मत मेरी मंज़िल आसान करो
हैं फ़ूल रोकते, काटें मुझे चलाते
मरुस्थल, पहाड चलने की चाह बढाते
सच कहता हूं जब मुश्किलें ना होती हैं
मेरे पग तब चलने मे भी शर्माते
मेरे संग चलने लगें हवायें जिससे
तुम पथ के कण-कण को तूफ़ान करो
मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं
तुम मत मेरी मंजिल आसान करो
अंगार अधर पे धर मैं मुस्काया हूं
मैं मर्घट से ज़िन्दगी बुला के लाया हूं
हूं आंख-मिचौनी खेल चला किस्मत से
सौ बार म्रत्यु के गले चूम आया हूं
है नहीं स्वीकार दया अपनी भी
तुम मत मुझपर कोई एह्सान करो
मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं
तुम मत मेरी मंजिल आसान करो
शर्म के जल से राह सदा सिंचती है
गती की मशाल आंधी मैं ही हंसती है
शोलो से ही श्रिंगार पथिक का होता है
मंजिल की मांग लहू से ही सजती है
पग में गती आती है, छाले छिलने से
तुम पग-पग पर जलती चट्टान धरो
मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं
तुम मत मेरी मंजिल आसान करो
फूलों से जग आसान नहीं होता है
रुकने से पग गतीवान नहीं होता है
अवरोध नहीं तो संभव नहीं प्रगती भी
है नाश जहां निर्मम वहीं होता है
मैं बसा सुकून नव-स्वर्ग “धरा” पर जिससे
तुम मेरी हर बस्ती वीरान करो
मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं
तुम मत मेरी मंजिल आसान करो
मैं पन्थी तूफ़ानों मे राह बनाता
मेरा दुनिया से केवल इतना नाता
वेह मुझे रोकती है अवरोध बिछाकर
मैं ठोकर उसे लगाकर बढ्ता जाता
मैं ठुकरा सकूं तुम्हें भी हंसकर जिससे
तुम मेरा मन-मानस पाशाण करो
मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं
तुम मत मेरी मंजिल आसान करो
"नारी तू नारायणी"
अपने बेटियों को #SelfDefence की शिक्षा देना शुरू कर दें।
कभी वक्त आने पर उन्हें किसी की जरूरत न पड़े, अपने लिए खुद खड़ी हो सके, स्वयं लड़ सकें।
अपनी आत्म रक्षा खुद कर सकें 🙏
टेलीग्राम की तरफ से अपडेट :—
◾सहित यूरोपीय संघ के कानूनों का पालन करता है - इसका मॉडरेशन उद्योग मानकों के भीतर है और इसमें लगातार सुधार हो रहा है।।
👉टेलीग्राम के
सीईओ पावेल दुरोव
के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और वह अक्सर यूरोप में यात्रा करते रहते हैं।
👉यह दावा करना बेतुका है कि कोई प्लेटफ़ॉर्म या उसका मालिक उस प्लेटफ़ॉर्म के दुरुपयोग के लिए ज़िम्मेदार है।
👉वैश्विक स्तर पर लगभग एक अरब उपयोगकर्ता संचार के साधन और महत्वपूर्ण जानकारी के स्रोत के रूप में टेलीग्राम का उपयोग करते हैं।
👉हम इस स्थिति के शीघ्र समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। टेलीग्राम आप सभी के साथ है।
नोट 👉 Ban होने की फ़र्जी न्यूज ना फैलाए।
क्या कहु कुछ समझ नहीं आ रहा है... एग्जाम टाइम पर ही ऐसे लोग आते है लाइफ मे कुछ पता नहीं... कौन है कौन नहीं कुछ समझ नहीं आ रहा है कितने घटिया लोग है 😡😡
Читать полностью…नाम सुरभी
पता उत्तर प्रदेश कासगंज
यह लड़की पहले लड़को को अपने प्यार के झांसे में फसाती है, फिर अपनी माँ के साथ मिलकर लड़को से सादी का झांसा देती है तथा लड़को से पैसे ठगती है कभी रिचार्ज के लिए तो कभी गिफ्ट के लिए, ऐसे ही इस लड़की ने.... न जाने कितने लड़को को अपना शिकार बनाया है.. इसकी माँ भी इस काम संलिप्त है..लड़को के साथ रिलेसन मे रहने के बाद यह लड़को को छोड़ देती है तथा सभी से कहती है कि हम एक नार्मल दोस्त थे बाकि मुझे बदनाम करने के उद्देश्य से लड़का आरोप लगा रहा है... इस लड़की के सभी साक्ष्य मेरे पास मौजूद है.... आप सभी लड़को से आग्रह है कि ऐसी लड़कियो से दूर रहें... ऐसी लड़कियो को न समाज की चिंता होती है न इज्जत बेज्जती का ख्याल
बैसे कहना तो नहीं चाहता था, लेकिन सरकारी नौकरी और पैसे ने कहने पर मजबूर कर दिया.
दिए गए फोटो मे दोनों पति पत्नी है,दोनों अलग अलग कास्ट यानि लड़का वाल्मीक तथा लड़की की कास्ट धोबी... लडके के चेहरे पर फ़िल्टर है इसलिए इतना सुन्दर दिख रहा है जितना है नहीं बेहद काला है... तथा विकलांग भी है पैर से... लेकिन फिर भी इस लडके ने इस लड़की से कोर्ट मेर्रिज की है अब क्युकी लडके की गॉवर्मेँट जॉब है pwd में 😁
जबकि लड़की अभी पढ़ाई कर सरकारी नौकरी की तलाश मे है ग्रेजुएट है लड़की पढ़ी लिखी शिक्षित भी है
अब आप बताइये यह प्यार है या सरकारी नौकरी का जलबा 🤔
आदरणीय सर/ मैडम 🙏💐
हमारे ग्रुप का उद्देश्य है 🌺 मजबूरो को सुरक्षा प्रदान करने का 🌸कोसिस🌸 करना
यहाँ क्या मदद होती है👉👉🌷🌷🌷
🌕अगर आप telegram, WhatsApp, Twitter, instagram या अन्य🌕 किसी भी सोशल मिडिया पर परेशान है👉 [धम्मकियो, ब्लैकमेल, अभद्र व्यवहार, अस्लिलता या धोखाधरी] से तो आप अपने समस्याओं को यहाँ एक भरोसे के साथ बता सकते है!🎋🎋🎋🎋🎋🎋 हम सभी ग्रुप वासीयों का कोसिस होगा की हम सभी एकता के साथ समाधान करें अन्यथा अन्य तरीके से सहयोग करें! 🌼🌼
अगर आप हमारे साथ जुड़ते है तो इसमे आपको ही फायदा है इससे आप एक अच्छे नागरिक बन सकते है मदद करके✨✨
आपका अपना ग्रुप 🕸 women & girls safety 😊😊
आज आप सभी को कहना चाहूंगा कि इस समूह मे कोई भी सदस्य कभी भी जीवन मे किसी प्रकार की मदद के लिए कोई भी किसी प्रकार का मैसेज न करना....आज इस समूह को बने हुए करीब तीन से चार साल हो गए और हमेशा मैंने ( @josh6767 ) ने काफ़ी कठिन से कठिन केस सॉल्व किये जो कि आप लोगो द्वारा इस समूह मे मैसेज कर मदद हेतु शिकायत की जाती थी... चाहें फिर वह केस पुलिस से कोर्ट से बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड, गिरफ्तारी, गुमशुदा, अपहरण, धोखा,डाइवोर्स, स्टडी प्रॉब्लम, upsc, स्टेट pcs स्टडी मेटेरियल.... जो भी समस्या सभी का समाधान किया गया था.. वह भी बिल्कुल मुफ्त बिना किसी चार्ज के... लेकिन आज जब मुझे आप लोगो की जरूरत पड़ी तो आप सभी मुँह मोड़ने लगे...और तो और जिन लोगो की मदद की वही लोग मुझे आज पहचान भी नहीं रहे.. आजतक मैंने कभी किसी लड़की को सताया नहीं कभी किसी को परेशान नहीं किया हमेशा सभी की हेल्प की आप सभी के लिए मे अपने डिपार्टमेंट से भी लड़ा, क़ानून का और पुलिस से कैसे निपटना चाहिए सिखाया...सब कुछ किया आप लोगो के लिए.... लेकिन आज आप मुँह मोड़ने लगे सिर्फ इसलिए कि आज मेरी तबियत ठीक नहीं है... मुझे हर्ट की प्रॉब्लम है.. अचानक से मेरे सीने मे दर्द उठा और ब्लडप्रेशर हाई हुआ जिसके कारण बेहोश हो गया जिसके टिटमेंट मे करीब 6/7 लाख रूपये खर्च हो गए.. और आज मेरी जो दवाए आती है वह पांच हजार रूपये सप्ताह की आती है जिसके लिए मेरे पास सिर्फ जनवरी तक यानि की दो सप्ताह के पैसे नहीं थे जिसकी जरूरत थी यानि कि दस पंद्रह हजार रूपये की जरूरत थी जिसके लिए मैंने आप सभी से इस समूह मे मदद मांगी.. लेकिन सिर्फ ध्यानरूप, रोहित, शीला कुलदीप, शिवापाल, सुमन द्वारा जिससे जितना हो सका मदद की...मैंने मदद के लिए उन लोगो से भी कहा जिन लोगो के लिए पुलिस से लेकर हर क्षेत्र मे लड़ा... और आज वही लोग मुझे पहचान नहीं रहे.. खैर मुझे इस बात का दुख नहीं हुआ था कि आप लोगो द्वारा मदद नहीं की गई... बस दुख इस बात का हुआ कि... मे इस स्वार्थी दुनिया मे मदद करने के लिए खड़ा क्यों हुआ, क्यों मैंने यह ग्रुप बनाया, क्यों मदद की... क्युकी यहां तो दुनिया मतलबी है.. मतलब निकलने के बाद भूल जाती है... अरे यारों इस समूह मे 6555 मेंबर है अगर आप सभी न करते.. सिर्फ दो सौ लोग 10 / 10 रूपये करते तो भी 20 हजार हो जाता जबकि मुझे तो सिर्फ पंद्रह हजार की जरूरत थी... आज मे बड़े गर्व से कहता हूँ कि दुनिया आज तुम जैसे स्वार्थी लोगो से नहीं बल्कि शीला कुलदीप, ध्यानरूप, शिवा, रोहित सुमन जैसे अच्छे इंसानौ की बजह से टिकी है.. अब आप यही सोचोगे कि इन लोगो ने मेरी मदद की इसलिए मे इनके लिए बोल रहा हूँ.... लेकिन ऐसा कुछ नहीं है.. अच्छे लोगो की हमेशा अच्छाई की जाती है... तुम लोगो को क्या लगा था कि मे पैसे लेकर वापस नहीं कर्ता फ्रॉड कर्ता आप लोगो के साथ.. ऐसा कुछ नहीं है... आपकी सोच है कुछ भी सोचो... लेकिन मेरी अभी तक जिन लोगो ने मदद की है उन सभी के पैसे जल्द से जल्द वापस करूंगा लास्ट जनवरी तक ही वापस करूंगा... लेकिन आज आप सभी ने मुझे अपनी ओकात और रंग दिखा दिया इसलिए आजके बाद इस समूह मे कभी भी मदद के लिए कोई मैसेज न करना बस 🙏🏻.... धन्यवाद 🙏🏻
जिस किसी को विश्वास हो इस ग्रुप व @josh6767 पर तो ज्यादा नहीं पांच सात हजार रूपये की मदद कर देना 🙏🏻
जो भी मदद करेगा उसका पैसा जनवरी लास्ट तक वापस किया जायेगा...
देख लो किसको कितनी इज्जत देनी है
जान लीजिए
#UPSC PRELIMS 2025
एक कवि नदी के किनारे खड़ा था !
तभी वहाँ से एक लड़की का शव
नदी में तैरता हुआ जा रहा था।
तो तभी कवि ने उस शव से पूछा ----
कौन हो तुम ओ सुकुमारी,
बह रही नदियां के जल में ?
कोई तो होगा तेरा अपना,
मानव निर्मित इस भू-तल मे !
किस घर की तुम बेटी हो,
किस क्यारी की कली हो तुम ?
किसने तुमको छला है बोलो,
क्यों दुनिया छोड़ चली हो तुम ?
किसके नाम की मेंहदी बोलो,
हांथो पर रची है तेरे ?
बोलो किसके नाम की बिंदिया,
मांथे पर लगी है तेरे ?
लगती हो तुम राजकुमारी,
या देव लोक से आई हो ?
उपमा रहित ये रूप तुम्हारा,
ये रूप कहाँ से लायी हो?
..........
दूसरा दृश्य----
कवि की बाते सुनकर
लड़की की आत्मा बोलती है...
कवी राज मुझ को क्षमा करो,
गरीब पिता की बेटी हुँ !
इसलिये मृत मीन की भांती,
जल धारा पर लेटी हुँ !
रूप रंग और सुन्दरता ही,
मेरी पहचान बताते है !
कंगन, चूड़ी, बिंदी, मेंहदी,
सुहागन मुझे बनाते है !
पित के सुख को सुख समझा,
पित के दुख में दुखी थी मैं !
जीवन के इस तन्हा पथ पर,
पति के संग चली थी मैं !
पति को मेने दीपक समझा,
उसकी लौ में जली थी मैं !
माता-पिता का साथ छोड
उसके रंग में ढली थी मैं !
पर वो निकला सौदागर,
लगा दिया मेरा भी मोल !
दौलत और दहेज़ की खातिर
पिला दिया जल में विष घोल !
दुनिया रुपी इस उपवन में,
छोटी सी एक कली थी मैं !
जिस को माली समझा,
उसी के द्वारा छली थी मैं !
इश्वर से अब न्याय मांगने,
शव शैय्या पर पड़ी हूँ मैं !
दहेज़ की लोभी इस संसार मैं,
दहेज़ की भेंट चढ़ी हूँ में !
दहेज़ की भेंट चढ़ी हूँ मैं !!
.....................
1. एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ?
जब आप लिफ़्ट में प्रवेश करें और आपको 13 वीं मंज़िल पर जाना हो, तो अपनी मंज़िल तक के सभी बटनों को दबा दें ! कोई भी व्यक्ति उस परिस्थिति में हमला नहीं कर सकता जब लिफ़्ट प्रत्येक मंजिल पर रुकती हो !
2. जब आप घर में अकेली हों और कोई अजनबी आप पर हमला करे तो क्या करें ? तुरन्त रसोईघर की ओर दौड़ जायें
आप स्वयं ही जानती हैं कि रसोई में पिसी मिर्च या हल्दी कहाँ पर उपलब्ध है ! और कहाँ पर चक्की व प्लेट रखे हैं !यह सभी आपकी सुरक्षा के औज़ार का कार्य कर सकते हैं ! और भी नहीं तो प्लेट व बर्तनों को ज़ोर- जोर से फैंके भले ही टूटे !और चिल्लाना शुरु कर दो !स्मरण रखें कि शोरगुल ऐसे व्यक्तियों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है ! वह अपने आप को पकड़ा जाना कभी भी पसंद नहीं करेगा !
3. रात में ऑटो या टैक्सी से सफ़र करते समय !
ऑटो या टैक्सी में बैठते समय उसका नं० नोट करके अपने पारिवारिक सदस्यों या मित्र को मोबाईल पर उस भाषा में विवरण से तुरन्त सूचित करें जिसको कि ड्राइवर जानता हो ! मोबाइल पर यदि कोई बात नहीं हो पा रही हो या उत्तर न भी मिल रहा हो तो भी ऐसा ही प्रदर्शित करें कि आपकी बात हो रही है व गाड़ी का विवरण आपके परिवार/ मित्र को मिल चुका है ! . इससे ड्राईवर को आभास होगा कि उसकी गाड़ी का विवरण कोई व्यक्ति जानता है और यदि कोई दुस्साहस किया गया तो वह अविलम्ब पकड़ में आ जायेगा ! इस परिस्थिति में वह आपको सुरक्षित स्थिति में आपके घर पहुँचायेगा ! जिस व्यक्ति से ख़तरा होने की आशंका थी अब वह आपकी सुरक्षा का ध्यान रखेगा !
4. यदि ड्राईवर गाड़ी को उस गली/रास्ते पर मोड़ दे जहाँ जाना न हो और आपको महसूस हो कि आगे ख़तरा हो सकता है - तो क्या करें ?
आप अपने पर्स के हैंडल या अपने दुपट्टा/ चुनरी का प्रयोग उसकी गर्दन पर लपेट कर अपनी तरफ़ पीछे खींचती हैं तो सैकिण्डो में वह व्यक्ति असहाय व निर्बल हो जायेगा ! यदि आपके पास पर्स या दुपट्टा न भी हो तो भी आप न घबरायें ! आप उसकी क़मीज़ के काल़र को पीछे से पकड़ कर खींचेंगी तो शर्ट का जो बटन लगाया हुआ है वह भी वही काम करेगा और आपको अपने बचाव का मौक़ा मिल जायेगा !
5. यदि रात में कोई आपका पीछा करता है !
किसी भी नज़दीकी खुली दुकान या घर में घुस कर उन्हें अपनी परेशानी बतायें ! यदि रात होने के कारण बन्द हों तो नज़दीक में एटीएम हो तो एटीएम बाक्स में घुस जायें क्योंकि वहाँ पर सीसीटीवी कैमरा लगे होते हैं ! पहचान उजागर होने के भय से किसी की भी आप पर वार करने की हिम्मत नहीं होगी !
आख़िरकार मानसिक रुप से जागरुक होना ही आपका आपके पास रहने वाला सबसे बड़ा हथियार सिद्ध होगा !
कृपया समस्त नारी शक्ति जिसका आपको ख़्याल है उन्हें न केवल बतायें बल्कि उन्हें जागरुक भी कीजिए ! अपनी नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये ऐसा करना ! न केवल हम सभी का नैतिक उत्तरदायित्व है बल्कि कर्त्तव्य भी है !
......... ...... ......... ...... ......... ...... ..... ..... .....
प्रिय मित्रों इससे समस्त नारी शक्ति -अपनी मां, बहन, पत्नी व महिला मित्रों को अवगत करावें !
आप सभी से विनम्र निवेदन की इस संदेश को महिला शक्ति की जानकारी में अवश्य लायें यह समस्त नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये सहायक सिद्ध होगा ! ऐसा मेरा विश्वास है !
जय हिंद 🇮🇳
️ #हर_बेटी_मेरी
पाँच स्त्रियाँ
—
पहली स्त्री है
जिसके दूध के दाँत नहीं टूटे
उसे चॉकलेट पसन्द है
उसका मुँह दबोचा गया एकांत में
और कहा गया "चुप रहना"
समय आने पर उसे दफ़ना दिया जाएगा
या जला दिया जाएगा
उसी एकांत में
दूसरी स्त्री क़ैद है
रिश्तों की चारदीवारी में
उसकी जाँघें खरोंचकर
टाँगों के बीच भरी गईं
सुहाग की निशानियाँ
उसके गालों को खींचकर
चिपका दिया गया
मर्यादा की दीवारों से
ताकि बनी रहे उसके होठों पर
चिरकाल तक एक स्थिर मुस्कान
तीसरी स्त्री वो है जो
उठा ली गयी राह चलते
उसे बांध दिया गया
जकड़कर
मजबूर किया गया उसे
साँस लेने को
जब तक उसके शरीर से
माँस का एक-एक क़तरा
न नोच लिया गया हो
चौथी स्त्री जकड़ी हुई है
सोने की ज़ंजीरों में
उसके कमरे में खुलती है एक खिड़की
ककहरा सीखते ही उसे ब्याह दिया गया
ताकि बचा सके उसे बलात्कार से
और रह सके ऊँची समाज़ की नाक
पाँचवी स्त्री लेटी है
एक अंधेरे कमरे में,
लगभग सत्तर लोग
एक के बाद एक
गुज़रते हैं उसके ऊपर से
रेलगाड़ी की तरह,
उसके कानों में पड़ती हैं रात भर
दरवाज़े के खुलने और बन्द होने की आवाज़ें
ये पाँचों स्त्रियाँ
जो हैं यातनाओं की शिकार
इनका दोष उभरा हुआ है
इनकी टाँगों के बीच
और उनके माथे पर
गुदी हुई हैं मानवीय सभ्यताएँ,
फटे हुए चिथड़े,
भोर में कुत्तों का आपस में लड़ना,
झाड़ियों या नालों में पड़ी हुई
अख़बार की अधनंगी ख़बरें,
ऑपरेशन थिएटर के फ़र्श पर बिखरा खून
और पेट्रोल से जले हुए शव
वो कौन है... जिसने कहा था
स्त्री के टाँगों के बीच
जीवन का द्वार खुलता है?
वो कौन है... जिसने देखा ही नहीं
दरिंदो के टाँगों के बीच
भी कुछ लटकता है?
https://www.instagram.com/spontaneous_ias/profilecard/?igsh=NmlzMGxvNTU5NG5k
Читать полностью…सभी ने लिखा
कि बेटी फूल है
चिड़िया है
क्यारी की तुलसी है
बेटी है तो महके आँगन
बेटी हो तो परिवार सम्पन्न
परन्तु
नहीं लिखा
बेटी भी है मानव
समानता का अधिकार रखती है
क्योंकि
बेटियों में महानता खोजा गया
समानता नहीं
समानता में सबकुछ बंटता है
प्रेम,सम्मान,घर-बाहर का हर काम भी
जवान होती लड़की पर सभी की नजर होती है। परिवार के जितने भी रिश्तेदार थे, वे अक्सर पापा से कहते थे, "बिटिया बड़ी हो रही है, शादी के लिए देखना शुरू करो।" कभी दादी कहती थीं, "बिटिया बड़ी हो रही है, अब अच्छा लड़का देखना चाहिए।" पिताजी हां तो कर देते, लेकिन ध्यान नहीं देते थे। 🤔
धीरे-धीरे मैंने इंटर पास कर लिया और ग्रेजुएशन शुरू हो गया। मैं बाहर शहर में रहने लगी। घर में रिश्तेदारों की वही बातचीत चलती रहती थी, "बिटिया बड़ी हो गई है, क्यों नहीं देख रहे हो लड़का?" 🏠
समय गुजरता गया और पापा व भैया बस सुनते रहे, लेकिन कोई कदम नहीं उठाते थे। धीरे-धीरे ग्रेजुएशन फाइनल ईयर आ गया और मैं 20 साल की हो चुकी थी। 🎓
आगे मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, लेकिन मैं अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहती थी, इसलिए मैंने ऑप्टोमेट्री में एडमिशन ले लिया और कंप्यूटर भी सीखने लगी। 💻📚
कुछ महीनों बाद, एक रोज मैंने पापा को किसी से मेरे लिए लड़का पूछते हुए सुना। तब मैंने खुद पापा से पूछा, "अब आप लड़का क्यों पूछ रहे हैं? जब पहले कई रिश्ते आए थे, तब आपने किसी को नहीं देखा। अब वे सब लड़के शादी कर चुके हैं और अब आप पूछ रहे हो, ये समझ में नहीं आया।" 😕
तब पापा ने मुझे जो जवाब दिया, वो मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा, "तब तुम इंटर कर रही थी, तुम मजबूत नहीं थी। इंटर के बाद तुम शायद अपने जीवन में मुश्किल भरे दिन आने के बाद सही फैसले नहीं ले पातीं। ग्रेजुएशन में भी मैंने तुम्हें मजबूती देने के लिए रोक रखा था कि मेरी बेटी ग्रेजुएट हो जाएगी, उसके बाद ही मैं लड़का देखूंगा। और अब तुम ऑप्टोमेट्री कर रही हो, अब मुझे पता है कि अगर मेरी बेटी को जीवन में कभी आर्थिक तौर पर मजबूत होना होगा, तो वह स्वेच्छा से खड़ी हो जाएगी। मेरी बेटी रिश्ते में बंधेगी जरूर, पर रिश्ते की घुटन बर्दाश्त करने के लिए नहीं, रिश्ते को प्रेम से सिंचित करने के लिए। या कभी जीवन में ऐसा कोई पल आ गया जिसमें वह अकेली पड़ गई, तो वह अपने जीवन को स्वाभिमान से जी सकेगी।" 🥺❤️
पापा की ये बातें उस वक्त तो मेरी समझ में नहीं आई थीं, पर अब समझ में आ रही हैं। सच में, बेटियों की महंगी शादी भले न करो, पर उन्हें काबिलियत जरूर दो। कभी उनकी पढ़ाई उनके ससुराल वालों के भरोसे मत छोड़ना, खुद पढ़ाना और फिर ही शादी करना। 💪
नौकरी करना जरूरी नहीं, पर इतना काबिल बना देना कि वे बुरे वक्त में अपने हुनर का उपयोग कर सकें और किसी के सामने हाथ फैलाने के लिए मजबूर न हों। 🙏
बहुत सी बेटियां आज भी ना चाहते हुए अपने भविष्य को लेकर बुराई भरे ससुराल से इसीलिए नहीं निकल पातीं कि वे आगे क्या करेंगी। या पति के ना होने पर लाचार हो जाती हैं और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना मुश्किल हो जाता है। 😔
बेटियों को विवाह के लिए नहीं, बल्कि उन्हें मजबूत बनाने के लिए उचित शिक्षा और हुनर जरूर सिखाएं। हालांकि, पढ़ाई के साथ-साथ सही समय पर विवाह करना भी जरूरी है, लेकिन अपनी बेटी को इस योग्य जरूर बनाएं कि वह विषम परिस्थितियों में अपने हुनर के दम पर किसी के सामने हाथ फैलाने के लिए लाचार न हो। 🌸💖
बेटियों को कोई हुनर ज़रूर सिखाएं ज़िंदगी में कोई प्रॉब्लम आये तो फेस कर सके, किसी का मोहताज ना हो,
सबके माँ बाप मालदार नही होते,
बेटिओं को संस्कार सिखाएं, बड़ों की इज़्ज़त, सम्मान कैसे करें,
घर को कैसे संभालना है, खाना पकाना, सिखाएं, सिलाई, या कोई और हुनर सिखाएं,
ये सब बिटिया की ज़िंदगी में बहुत काम आयेगा
नारी हूं मैं
ज्वाला हूं मैं
दुर्गा हूं मैं
काली हूं मैं
मुझे अबला समझने
की भूल मत करना
सोचि-सोचि, डरी-डरी
कदम बढ़ाती हूं मैं
पर इससे मेरी क्षमता
को कभी मत आंकना
धीरा हूं मैं
वीरा हूं मैं
मीरा हूं मैं
सीता हूं मैं
दुःखों से कभी मैं
हार नहीं मानती हूं
पुष्प सी कोमल हूं मैं
मीठे तीखे स्वरों वाली
बरछी और ढाल
कटारी भी तो मैं ही हूं
कंगन चूड़ी चमके हैं
हाथों की कलाइयां मेरे
तलवार न चलाऊंगी
ऐसा मत समझना
मैं पुरुष हूँ।
मैं भी घुटता हूँ, पिसता हूँ, टूटता हूँ , बिखरता हूँ,
भीतर ही भीतर, रो नही पाता, कह नही पाता
पत्थर हो चुका, तरस जाता हूँ पिघलने को,
क्योंकि मैं पुरुष हूँ।
मैं भी सताया जाता हूँ, जला दिया जाता हूँ,
उस दहेज की आग में, जो कभी मांगा ही नही था।
स्वाह कर दिया जाता हैं मेरे उस मान-सम्मान का,
तिनका-तिनका कमाया था जिसे मैंने,
मगर आह नही भर सकता,
क्योकि मैं पुरुष हूँ।
मैं भी देता हूँ आहुति विवाह की अग्नि में अपने रिश्तों की,
हमेशा धकेल दिया जाता हूँ रिश्तों का वजन बांध कर,
जिम्मेदारियों के उस कुँए में जिसे भरा नही जा सकता मेरे अंत तक कभी।
कभी अपना दर्द बता नही सकता,
किसी भी तरह जता नही सकता,
बहुत मजबूत होने का ठप्पा लगाए जीता हूँ।
क्योंकि मैं पुरुष हूँ।
हाँ, मेरा भी होता है बलात्कार,
उठा दिए जाते है मुझ पर कई हाथ,
बिना वजह जाने, बिना बात की तह नापे,
लगा दिया जाता है सलाखों के पीछे कई धाराओं में,
क्योंकि मैं पुरुष हूँ।
सुना है, जब मन भरता है, तब आँखों से बहता है,
मर्द होकर रोता है, मर्द को दर्द कब होता है,
टूट जाता है तब मन से, आंखों का वो रिश्ता,
तब हर कोई कहता है,
हर स्त्री स्वेत स्वर्ण नही होती,
न ही हर पुरुष स्याह कालिख,
मुझे सही गलत कहने वालों,
पहले मेरे हालात क्यों नही जांचते?
क्योंकि मैं पुरुष हूँ?
ज़ब मुझे इस लड़की के काले कारनामें का पता चला किसी लडके से चल रहें लिव इन रिलेसन का पता चला तो यह लड़की किस प्रकार अपने आशिक हिमांशु को समझा रही है तथा कैसी बातें हो रही है इसका अंदाजा आप लोग इस चैट के माध्यम से लगा सकते है
Читать полностью…योनि से बहते खून को
रोक पाना मुश्किल है
क्योंकि नहीं बताया जाता
मासिक धर्म का अध्याय
धुला पुछा समाज रख देता है
जवान होने का हथियार उसकी छाती पर
और कहता है
तुम्हारे जवान होने का
मुर्दा सबूत है खून का बह जाना ।
कोई नहीं जानता
कब क्यों कैसे बहाया गया
गंदा खून, मासिक धर्म कहलाया
और बन गया यौवन की पहली सीढ़ी
क्योंकि सबको पता था कि
अब प्रतिभा जवानी की दहलीज पर है
जहां वो ब्याही जायेगी
और फिर बहेगा गंदा खून और
बन जायेगी, मां !
औरत की टांगों के बीच के
हिस्से को पल्लू के पीछे
हँसी ठिठौली से पुकारा जायेगा
और प्रतिभा के जवान होने की
घोषणा पूरे गांव में होगी
फिर बहेगा खून और अभागे समाज को
सौंप दी, जायेगी बढ़ती जनसंख्या।
क्या था प्रतिभा का होना
एक और भ्रूण हत्या
जहां योनि से गर्भपात के दौरान नहीं
बहाया गया गंदा खून
बच्चे को जन्म देते हुए
प्रतिभा अब स्कूल नहीं जाएगी
नहीं पढ़ेगी क ख
वो समझेगी कैसे पिलाते हैं
नन्ही बच्ची को दूध और
कैसे पालना होता है खुद को।
औरत की योनि का
पहला और आखिरी सच था ये
जो प्रतिभा जान चुकी थी
और जानती थी लाखों घरों की औरतें
जो योनि से बहे खून को पहचानने लगीं
और सौंपती गई, जनसंख्या के बढ़ते आंकड़े।